राजनीति
जब तक ईवीएम छेड़छाड़ का ठोस सबूत नहीं, तब तक आरोप लगाना सही नहीं: सुप्रिया सुले
मुंबई, 26 दिसंबर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद महाविकास अघाड़ी के नेता ईवीएम पर लगातार सवाल उठा रहे है। इसी बीच एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने ‘ठोस सबूतों’ की बात की है।
सुप्रिया सुले ने ईवीएम पर लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि जब तक इसके खिलाफ छेड़छाड़ के ठोस सबूत नहीं मिलते, तब तक ईवीएम को दोष देना गलत है। ईवीएम के खिलाफ कोई भी आरोप तभी उचित हो सकते हैं जब उसके बारे में ठोस और विश्वसनीय प्रमाण उपलब्ध हों। मैं खुद ईवीएम से चार बार चुनाव जीत चुकी हूं।
सुप्रिया सुले ने आगे कहा कि ओडिशा के बीजू जनता दल (बीजेडी) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे कुछ राजनीतिक दलों ने ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोपों को साबित करने के लिए डेटा होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि बीजेडी के नेता अमर पटनायक ने मंगलवार को उन्हें एक पत्र लिखा था, जिसमें ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ कुछ डेटा साझा किया गया था। हालांकि इस डेटा के बारे में पत्र में विस्तार से जानकारी नहीं दी गई थी।
सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाने और जोड़ने पर आपत्ति जताई है। केजरीवाल का यह आरोप था कि वोटर लिस्ट में नामों को बिना उचित कारण के हटाया और जोड़ा जा रहा है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। मैं यहीं कह सकती हूं कि कुल मिलाकर माहौल परेशान करने वाला है। चाहे कोई तकनीकी समस्या हो या मतदाता सूची से जुड़ी कोई बात हो, इन बातों का जवाब बिना चर्चा के नहीं दिया जा सकता है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ईसीआई को खुद साबित करना चाहिए कि वो चोर नहीं हैं। हमें यह साबित करने की जरूरत नहीं है कि आप चोर हैं। यह आपकी जिम्मेदारी है। महाराष्ट्र की जनता बीजेपी के खिलाफ है और उनकी चोरी हर गांव और शहर में उजागर हो चुकी है। जनता की अदालत में बीजेपी का पर्दाफाश हो चुका है।
दुर्घटना
रेल भवन के सामने खुद को आग लगाने वाले युवक की मौत
नई दिल्ली, 27 दिंसबर। पारिवारिक विवाद के चलते 25 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित संसद भवन के पास रेलवे भवन के सामने खुद को आग लगाने वाले बागपत के जितेंद्र की बीती रात मौत हो गई।
घटना के बाद 95 फीसदी तक झुलस चुके जितेंद्र का इलाज नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था। यहां बीते दो दिन से उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। हालत बिगड़ने के बाद बीती रात में जितेंद्र की मौत हो गई।
बता दें कि जीतेंद्र ने 25 दिसंबर को संसद भवन के सामने रेल भवन के पास खुद को आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। डॉक्टरों ने बताया कि वह 95 फीसदी तक झुलस गया था।
दिल्ली फायर सर्विस ने बताया था कि उसी दिन दोपहर में बताया गया कि संसद भवन के सामने एक युवक ने आग लगा ली है। इस पर एक गाड़ी युवक को बचाने के लिए मौके पर भेजी गई थी। रेलवे भवन सुरक्षाकर्मियों के साथ अन्य लोगों ने मिलकर कंबल डालकर युवक की आग बुझाई थी, इसके बाद जितेंद्र को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पुलिस के अनुसार, युवक उत्तर प्रदेश के बागपत का निवासी था। घटनास्थल पर दो पन्नों का अधजला सुसाइड नोट, पेट्रोल, एक जला हुआ बैग और जूता बरामद हुआ था। शुरुआती जांच में पता चला कि पारिवारिक विवादों के कारण जितेंद्र ने आत्महत्या करने की कोशिश की।
जांच में यह भी सामने आया कि जितेंद्र के परिवार का बागपत में एक अन्य परिवार के साथ विवाद चल रहा था, जिसकी वजह से उसके परिवार के कुछ सदस्य जेल में हैं। इन परिस्थितियों से वह बेहद परेशान था।
जितेंद्र शुक्रवार सुबह बागपत से दिल्ली आया और रेलवे भवन के पास एक गार्डन में खुद को आग लगा ली। इसके बाद वो संसद भवन की ओर दौड़ गया था।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अरब लीग ने इजरायली मंत्री के अल अक्सा मस्जिद में जा प्रार्थना करने पर जताया ऐतराज
काहिरा, 27 दिसंबर। अरब लीग (एएल) के महासचिव अहमद अबुल-घीत ने इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर द्वारा पूर्वी यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद परिसर पर कट्टरपंथी लोगों के एक समूह संग धावा बोलने की कड़ी निंदा करते हुए इसे “स्पष्ट उकसावा” करार दिया।
अबुल-घीत ने कहा, “यह घुसपैठ भावनाओं को भड़काने और स्थिति को बढ़ाने के उद्देश्य से एक स्पष्ट उकसावे की कार्रवाई है।” उनका ये बयान काहिरा स्थित पैन-अरब संगठन ने साझा किया।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने एएल प्रमुख के हवाले से कहा, इजरायली “कब्जे वाली पुलिस” के संरक्षण में पवित्र स्थल में बेन-ग्वीर का प्रवेश इजरायली सरकार की शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रति शत्रुता की प्रकृति को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि यह घटना इजरायल सरकार के अल-अक्सा मस्जिद में ऐतिहासिक यथास्थिति के निरंतर उल्लंघन का हिस्सा है।
अल-अक्सा मस्जिद, इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है, जिसका प्रशासन जॉर्डन से संबद्ध इस्लामी धार्मिक ट्रस्ट जेरूसलम अवकाफ विभाग द्वारा किया जाता है। यहूदी इस स्थल को मंदिर के रूप में पूजते हैं। यह पवित्र स्थल लंबे समय से यहूदियों और मुसलमानों के बीच घातक हिंसा का केंद्र रहा है।
अबुल-घीत ने कहा, “इजरायल इन अस्वीकृत और निंदनीय नीतियों के माध्यम से जानबूझकर इस क्षेत्र में धर्मों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की सभी संभावनाओं को नष्ट कर रहा है।”
इससे पहले दिन में, बेन-ग्वीर ने कहा कि उन्होंने अल-अक्सा मस्जिद परिसर का दौरा किया और “प्रार्थना की”। उन्होंने स्थल पर लंबे समय से चली आ रही यथास्थिति का उल्लंघन किया, जिसके तहत गैर-मुसलमानों को केवल पहाड़ी परिसर में जाने की अनुमति है, लेकिन वहां प्रार्थना करने की अनुमति नहीं है।
यरुशलम के पुराने शहर में अल-अक्सा परिसर मक्का और मदीना की मस्जिदों के बाद इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल है और यह फिलिस्तीनी राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है।
सऊदी मंत्रालय ने गुरुवार को दिसंबर की शुरुआत में बशर अल-असद के शासन के पतन के बाद दक्षिणी सीरिया में इजरायली कब्जे वाले बलों की बढ़त की भी निंदा की।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सीरिया में (इजरायली) सैन्य अभियानों का जारी रहना सीरिया की सुरक्षा और स्थिरता को बहाल करने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने का एक प्रयास है।”
राजनीति
सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. सिंह का भारत के प्रति योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा : आरएसएस
नई दिल्ली, 27 दिसंबर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। उन्होंने 92 साल की उम्र में गुरुवार रात 9:51 बजे अंतिम सांस ली। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) दुख जाहिर किया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आधिकारिक एक्स हैंडल पर सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की ओर से उनके निधन पर शोक व्यक्त किया गया है।
पोस्ट में कहा गया, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री तथा देश के वरिष्ठ नेता डा. सरदार मनमोहन सिंह के निधन से समूचा देश अतीव दुःख का अनुभव कर रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनके परिवार तथा असंख्य प्रियजनों को गहरी संवेदना व्यक्त करता है। डॉ. मनमोहन सिंह ने सामान्य पृष्ठभूमि से आकर भी देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित किया। सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. सिंह का भारत के प्रति योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करे।”
बता दें कि मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे थे। उनकी गिनती देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की निधन की खबर मिलने के बाद एम्स के बाहर भारी संख्या में दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती की गई है।
मनमोहन सिंह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे। हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था।
उन्होंने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी।
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह और मां का नाम अमृत कौर था।
उन्होंने साल 1958 में गुरशरण कौर से शादी की थी। उनकी तीन बेटियां भी हैं, जिनका नाम उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह हैं।
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