राष्ट्रीय समाचार
बिहार ट्रेन दुर्घटना: बक्सर में नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने से कम से कम 4 लोगों की मौत और 100 से अधिक घायल; विजुअल्स से पता चलता है कि मरम्मत का काम चल रहा है

गुवाहाटी: बुधवार रात (11 अक्टूबर) को बक्सर के रघुनाथपुर स्टेशन पर नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन के 21 डिब्बे पटरी से उतरने के बाद मरम्मत का काम चल रहा है। बुधवार को बिहार के बक्सर जिले में रघुनाथपुर स्टेशन के पास 12506 नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस (दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से असम के कामाख्या तक) के कई डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे चार यात्रियों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बिहार ट्रेन हादसे पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने पोस्ट में साझा किया, “मुझे आनंद विहार से कामाख्या तक नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस 12506 के पटरी से उतरने की खबर मिली है। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।” और स्थानीय अधिकारियों और अन्य एजेंसियों के साथ संपर्क स्थापित कर रहे हैं।”
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह भी कहा कि वह रघुनाथपुर में ट्रेन संख्या 12506 के दुर्भाग्यपूर्ण पटरी से उतरने की घटना पर बारीकी से नजर रख रहा है और बक्सर में जिला अधिकारियों और अन्य एजेंसियों के संपर्क में है। गुरुवार (12 अक्टूबर) को दुर्घटनास्थल के दृश्य सामने आए। सुबह के दृश्य बक्सर के रघुनाथपुर स्टेशन से हैं, जहां बुधवार रात नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने पर केंद्रीय मंत्री और बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, “यह एक दुखद घटना है। चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मैंने रेल मंत्री, डीएम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, मुख्य सचिव और डीजीपी को सूचित किया।” कल रात की घटना के बारे में और लोगों से वहां पहुंचने और लोगों की मदद करने की अपील भी की। इसके लिए मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं। घटना के पीछे के कारण की जांच की जा रही है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत-सिंगापुर संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम, तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक आयोजित

नई दिल्ली, 13 अगस्त। दिल्ली में बुधवार को भारत और सिंगापुर के बीच तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक (भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय राउंड टेबल सम्मेलन – आईएसएमआर) का आयोजन हुआ। यह बैठक दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।
भारत की तरफ से इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हिस्सा लिया।
वहीं, सिंगापुर की तरफ से उपप्रधानमंत्री गन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जो टियो, श्रम मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और परिवहन मामलों के कार्यवाहक मंत्री जेफरी सिओ ने भाग लिया।
बैठक में दोनों देशों के बीच सहयोग को 6 मुख्य क्षेत्रों में मजबूत करने पर चर्चा हुई, जिसमें डिजिटलाइजेशन, स्किल डेवलपमेंट, सस्टेनेबिलिटी, स्वास्थ्य सेवा, कनेक्टिविटी और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग शामिल थे।
इस बात की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी।
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नई दिल्ली में तीसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन आईएसएमआर में भाग लेकर प्रसन्नता हुई। उपप्रधानमंत्री गन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जो टियो, श्रम मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और कार्यवाहक परिवहन मंत्री जेफरी सिओ को हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद।”
उन्होंने लिखा, “आईएसएमआर की भारत-सिंगापुर व्यापार गोलमेज सम्मेलन में आईएसबीआर प्रतिनिधिमंडल के साथ एक सार्थक बातचीत हुई। सरकार और उद्योग के बीच तालमेल भारत-सिंगापुर संबंधों के अगले चरण को गति देने की कुंजी है।”
राजनीति
अमित मालवीय का दावा, भारतीय नागरिक बनने से पहले ही सोनिया गांधी बन गईं थीं वोटर

Sonia Gandhi
नई दिल्ली, 13 अगस्त। एक तरफ जहां विपक्षी दल के नेता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘वोट चोरी’ को लेकर चुनाव आयोग और भाजपा पर हमलावर हैं, वहीं अब भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए बुधवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भारतीय नागरिक बनने से पहले ही यहां की मतदाता बन गई थीं।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया, “भारत की मतदाता सूची के साथ सोनिया गांधी का रिश्ता चुनावी कानूनों के घोर उल्लंघनों से भरा हुआ है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्ष में हैं और एसआईआर का विरोध करते हैं।”
मालवीय के अनुसार, ”सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में जोड़ा गया, जबकि उस वक्त उनके पास इटली की नागरिकता थी और वह भारत की नागरिक नहीं थीं। उस समय, गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक निवास पर रहता था। उस समय तक, उस पते पर पंजीकृत मतदाता इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी थे।”
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में 1 जनवरी, 1980 को अर्हता तिथि मानकर संशोधन किया गया था। इस संशोधन के दौरान, सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 145 के क्रमांक 388 पर जोड़ दिया गया।
मालवीय ने आरोप लगाया, “यह प्रविष्टि उस कानून का स्पष्ट उल्लंघन है जो मतदाता पंजीकरण के लिए भारतीय नागरिकता अनिवार्य करता है। 1982 में भारी विरोध के बाद, उनका नाम हटा दिया गया, लेकिन 1983 में यह फिर से जोड़ा गया।”
मालवीय ने बताया कि उस वर्ष हुए नए संशोधन में, सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 140 में क्रम संख्या 236 पर दर्ज हुआ, जिसकी 1 जनवरी, 1983 योग्यता तिथि मानी गई थी, जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल, 1983 को ही मिली थी।
उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी का नाम मूल नागरिकता की आवश्यकता पूरी किए बिना दो बार मतदाता सूची में दर्ज हुआ, पहली बार 1980 में एक इटली नागरिक के रूप में और फिर 1983 में कानूनी रूप से भारत की नागरिक बनने से कुछ महीने पहले।”
मालवीय ने यह भी सवाल उठाया कि राजीव गांधी से शादी करने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता स्वीकार करने में 15 साल क्यों लग गए। उन्होंने अपने पोस्ट के साथ 1980 की मतदाता सूची का एक अंश शेयर करते हुए पूछा, “अगर यह घोर चुनावी कदाचार नहीं है, तो और क्या है?”
राष्ट्रीय समाचार
‘प्रेम, विश्वास और आस्था का प्रतीक’: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने रक्षा बंधन पर शुभकामनाएं दीं

नई दिल्ली: देश भर में रक्षाबंधन के त्यौहार के अवसर पर, वरिष्ठ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस नेताओं ने हार्दिक शुभकामनाएं दीं और भाई-बहन के बीच के बंधन का सम्मान करने वाले इस त्यौहार के सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व पर प्रकाश डाला।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रक्षा बंधन पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं साझा करते हुए कहा: “भाई-बहन के बीच प्रेम, विश्वास और आस्था के प्रतीक रक्षा बंधन के त्योहार पर आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। यह पावन त्योहार सभी के जीवन में अपार खुशियां लाए।”
उनके संदेश में रक्षाबंधन का सार समाहित था, जो एक ऐसा त्योहार है जो रीति-रिवाजों से परे है और पारिवारिक स्नेह, पारस्परिक देखभाल और भावनात्मक बंधन के मूल्यों में गहराई से निहित है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ मिलकर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर पोस्ट किया।
उन्होंने लिखा, “रक्षाबंधन पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। मैं आशा करता हूं कि भाई-बहनों के बीच प्रेम और स्नेह का बंधन और भी गहरा होता रहेगा।”
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस दिन के महत्व पर व्यापक विचार प्रस्तुत किया तथा इसकी सांस्कृतिक और सामाजिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
“बहन-भाई के अटूट प्रेम, विश्वास और स्नेह के प्रतीक रक्षाबंधन के पर्व की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। रक्षाबंधन का यह अनूठा पर्व जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर आपसी भाईचारे और एकता को बढ़ावा देता है। यह भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति समानता और सम्मान को भी रेखांकित करता है। राखी का यह पर्व हम सभी के जीवन में आपसी प्रेम, सद्भाव और सौहार्द की भावना को सुदृढ़ करे।”
श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन पूरे भारत में एक प्रिय त्यौहार बना हुआ है।
परंपरागत रूप से, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा या ‘राखी’ बाँधती हैं, जो प्रेम और आजीवन सुरक्षा के वचन का प्रतीक है। बदले में, भाई उपहार देते हैं और देखभाल का वचन देते हैं।
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