महाराष्ट्र
उद्धव ठाकरे की आंखों के तारे, मुंबई दंगों के बाद ईमानदार छवि, गजब है इस IPS की कहानी

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय को गिरफ्तार किया है। वह 30 जून को रिटायर हुए थे। अगले दिन ही यह बात सामने आई कि सीबीआई ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के कर्मचारियों के अवैध रूप से फोन टैप करने के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर को आधार बनाकर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से मामले की जांच शुरू की। उसने पांडेय को 5 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया। फिर 19 जुलाई को भी नई दिल्ली में पेश होने को कहा। वहां रिमांड में चल रहीं एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण के सामने बैठाकर मंगलवार को उनसे पूछताछ की गई। देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
संजय पांडेय 1986 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से कॉम्प साइंस गार्ड से ग्रैजुएशन किया और उसके बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन गए। यहां से उन्होंने 1998 में पब्लिक ऐडमिन में मास्टर्स किया। वह 2001 से वह सर्टिफाइड इंफोटेक सिक्यॉरिटी प्रफेशनल भी हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी संजय पांडेय मूल रूप से महाराष्ट्र के ही रहने वाले हैं। उनका जन्म 30 सितंबर 1962 को हुआ। वह 1992 में मुंबई के डीसीपी थे। वह इकनॉमिक ऑफेंस विंग के भी डीएसपी थे। उस समय मुंबई में तनाव का माहौल था। दंगों को नियंत्रित करने के लिए संजय पांडेय को तैनात किया गया था। 1992-93 के मुंबई दंगों के समय वह चर्चा में आए।
कहा जाता है कि मुंबई दंगों को नियंत्रित करने के दौरान उनकी कई राजनीति लोगों के साथ झड़प भी हुई। कई उनसे नाराज हुए। उनका विवाद हुआ। हालांकि संजय पांडेय की ईमानदारी को लेकर हमेशा चर्चा रही। लोग उनकी ईमानदार छवि की प्रशंसा करते थे। उन्हें उद्धव ठाकरे की आंख का तारा माना जाता था। संजय पांडेय 2001 में एक बार फिर चर्चा में आए जब उन्होंने आईपीएस के पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि 2002 में उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया उसके बाद 2003 में उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजय पांडे कोर्ट गए। कोर्ट के आदेश के बाद वह सर्विस में लौट आए।
संजय पांडेय अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक महाराष्ट्र के डीजीपी भी रहे। उन्हें मुंबई पुलिस का चीफ बनाया गया और वह फरवरी 28 से इसी पद पर रहे। 30 जून को मुंबई पुलिस चीफ के पद से वह इसी साल रिटायर हुए। संजय पांडे 8 साल तक आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में निदेश के पद पर रहे। यह कंपनी उनकी ही बताई जाती है। विवाद के बाद मई 2006 में संजय पांडेय ने निदेशक का पद छोड़ दिया और उनकी मां इसकी निदेशक बनीं। आरोप है कि 2009-17 के बीच एनएसई कर्मचारियों की अवैध फोन टैपिंग की गई, जिसमें इस कंपनी की कथित तौर पर संलिप्तता है।
महाराष्ट्र
भारत-पाक तनाव: मुंबई दादर चौपाटी बंद नहीं हुई

मुंबई: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात और तनाव के चलते सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म है। मुंबई पुलिस ने मुंबई में दादर चौपाटी बंद होने की अफवाह का खंडन किया है और कहा है कि दादर चौपाटी बंद नहीं हुई है। युद्ध के संदर्भ में दादर चौपाटी को बंद किए जाने का संदेश सोशल मीडिया पर साझा किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसका खंडन किया है और कहा है कि दादर चौपाटी हमेशा की तरह आम जनता के लिए खुली है। इसे बंद नहीं किया गया है। जनता को घबराने या अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। इसी तरह, बीती रात मुंबई के साकीनाका में ड्रोन देखे जाने की खबर आई, जिसकी पुष्टि पुलिस ने भी की, लेकिन पुलिस ने इसका खंडन भी किया है। साकीनाका में भी कोई ड्रोन नहीं मिला है। यह भी महज एक अफवाह है। इसलिए पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी तरह की अफवाह को शेयर व वायरल करने से बचें।
महाराष्ट्र
मुंबई में पाकिस्तानी गोलीबारी में भारतीय जवान मुरली शहीद

मुंबई: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान पर बड़ा हमला किया। इस ऑपरेशन में जहां दुश्मन को करारी शिकस्त मिली, वहीं सीमा पर गोलीबारी में मुंबई के कामराज नगर निवासी 27 वर्षीय मुरली नाइक शहीद हो गए।
शहीद मुरली नाइक की शहादत की खबर जैसे ही इलाके में पहुंची, पूरे कामराज नगर में शोक की लहर दौड़ गई। हर आंख नम थी और हर दिल गर्व से भर गया। इलाके के पूर्व नगरसेवक परमेश्वर कदम ने बताया कि मुरली बचपन से ही ईमानदार और मिलनसार थे और एक काबिल सिपाही भी थे। उन्होंने छोटी उम्र में ही देश की सेवा करने का सपना देखा था। तमाम मुश्किलों का सामना करने के बाद भी मुरली सेना में भर्ती हो गए।
कुछ रिश्तेदारों ने उन्हें सेना में भर्ती होने से मना भी किया, लेकिन मुरली का जुनून अटल था। कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने सेना में भर्ती होकर अपना सपना पूरा किया। मुरली नाइक 2022 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। नासिक में ट्रेनिंग के बाद उनकी पोस्टिंग असम और फिर पंजाब में हुई। एक महीने पहले ही उन्हें जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भेजा गया था, जहां शुक्रवार सुबह पाकिस्तान की फायरिंग में वे शहीद हो गए। शहीद मुरली नाइक का पार्थिव शरीर आज आंध्र प्रदेश में उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। धनगर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मुरली बचपन से ही मिलनसार और जिंदादिल थे। आज मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे देश को मुरली नाइक पर गर्व है। उन्होंने भारत माता की रक्षा करते हुए अपना महान बलिदान दिया।
महाराष्ट्र
विले पार्ले स्टेशन पर पाकिस्तानी झंडा उतारना पड़ा महंगा, एक महिला समेत पांच लोगों पर केस दर्ज, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने की कार्रवाई

मुंबई: जुहू पुलिस ने विले पार्ले रेलवे स्टेशन के पश्चिमी हिस्से के पास पाकिस्तानी झंडे हटाने का विरोध करने वाले लोगों को कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा करने, गाली देने और शारीरिक रूप से हमला करने के आरोप में एक बुर्का पहने महिला सहित छह अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
प्राथमिकी के अनुसार, यह घटना 4 मई को हुई, जब आरोपियों को विले पार्ले रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों पर चिपकाए गए पाकिस्तानी झंडों को हटाते हुए देखा गया, जो 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों के नरसंहार के विरोध में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2) (अवैध सभा), 190 (अवैध सभा का प्रत्येक सदस्य एक सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किए गए अपराध का दोषी) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता पुलिसकर्मी संतोष साळुंखे (49) ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो देखा, जिसमें एक बुर्का पहनी महिला और चार-पांच अज्ञात युवक विले पार्ले रेलवे स्टेशन (पश्चिम) की सीढ़ियों से पाकिस्तानी झंडे हटाते नजर आ रहे हैं।
साळुंखे तुरंत उस स्थान पर पहुंचे और उन्हें पता चला कि उसी दिन शाम 4 बजे के आसपास, कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में पर्यटकों पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के विरोध में प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर स्टेशन पर टिकट काउंटर के सामने और सीढ़ियों पर पाकिस्तानी झंडे चिपका दिए थे। झंडों पर संदेश लिखा था “इस पर कदम रखो।” झंडे चिपकाने वाले लोग तुरंत चले गए।
बाद में, घूंघट वाली महिला और उसका समूह विले पार्ले रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और झंडे हटाने लगे, जिससे यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई। जब कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो महिला और उसके साथियों ने कथित तौर पर उन पर शारीरिक हमला किया और मौखिक रूप से गाली-गलौज की, जिसके परिणामस्वरूप स्टेशन पर कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति पैदा हो गई। अंकुश फाउंडेशन के गुरप्रीत आनंद ने पाकिस्तानी झंडे के स्टिकर मुफ्त में बांटे थे, जिसके नीचे “इस पर कदम रखें” संदेश छपा था।
बुधवार को वे विधायक पराग अलवानी और अन्य लोगों के साथ जुहू पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने गए थे। उन्होंने मिडिया से कहा, “हालांकि, पुलिस ने हमारी एफआईआर दर्ज नहीं की।” लेकिन शुक्रवार को एक कांस्टेबल ने एफआईआर दर्ज की। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। जुहू पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया है क्योंकि वे आरोपियों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं।
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