अंतरराष्ट्रीय
भारत, वियतनाम के मैप पर दिखने के बावजूद चीन की आपूर्ति श्रृंखला ‘स्थिर’

प्रमुख चीनी स्मार्टफोन के एक अनुबंध निर्माता ने कहा है कि यह स्मार्टफोन और अन्य तकनीकी खिलाड़ियों के लिए चीन के बाहर विनिर्माण आधार स्थापित करने के लिए एक ‘अपरिहार्य प्रवृत्ति’ बन जाता है, प्रक्रिया ‘हस्तांतरण नहीं है, बल्कि चीन की आपूर्ति श्रृंखला की एक प्रति है।’
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, डीबीजी टेक्नॉलोजी कंपनी शाओमी, हॉनर और हुआवे टेक्न ॉलोजी कंपनी सहित प्रमुख चीनी स्मार्टफोन ब्रांडों के लिए एक अनुबंध निर्माता है।
डीबीजी के बोर्ड सचिव जू युशेंग ने कहा कि भारत और वियतनाम जैसे देशों में विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए प्रमुख प्रोत्साहन टैरिफ में कमी है।
रिपोर्ट में जू के हवाले से कहा गया, “‘मेड इन वियतनाम’ कभी भी ‘मेड इन चाइना’ की जगह नहीं ले सकता, बल्कि इसका विस्तार है।”
उन्होंने कहा कि कोविड-19 संबंधित व्यवधान के बावजूद, चीन की आपूर्ति श्रृंखला ‘अपूरणीय’ बनी हुई है।
जू ने कहा, “चीन की (स्मार्टफोन) आपूर्ति श्रृंखला की व्यापकता, जो इसके महत्व के मूल में है, दो दशकों के विकास के बाद संभव हुई है।”
उन्होंने जोर देकर कहा, “हम अपने हुइझोउ फैक्ट्री से एक घंटे की ड्राइव के भीतर सभी पुर्जो, परीक्षण उपकरण और स्क्रैच से कुछ बनाने के लिए आवश्यक सभी चीजों पर आसानी से अपना हाथ पा सकते हैं। चीन के बाहर इस तरह की कोई अन्य जगह नहीं है।”
शाओमी ने हाल ही में वियतनाम को अपने लेटेस्ट प्रोडक्शन आधार के रूप में टैप करने का निर्णय लिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कदम ने “सार्वजनिक ध्यान आकर्षित किया क्योंकि इसने प्रमुख वैश्विक स्मार्टफोन निर्माताओं द्वारा कम लागत और अधिक स्थिर उत्पादन की तलाश में चीन से दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी आपूर्ति श्रृंखला के कुछ हिस्सों को स्थानांतरित करने के लिए इसी तरह के कदमों का पालन किया।”
एप्पल ने अपने कुछ आईपैड प्रोडक्शन को पिछले महीने कोविड लॉकडाउन के कारण चीन से वियतनाम में स्थानांतरित कर दिया।
एप्पल ने 2022 की पहली तिमाही में देश के भीतर से आईफोन शिपमेंट में 50 प्रतिशत (साल-दर-साल) की भारी छलांग के साथ भारत में लगभग 1 मिलियन ‘मेक-इन-इंडिया’ आईफोन्स भेजे। टेक दिग्गज देश में अन्य मॉडलों के साथ आईफोन 13 का भी निर्माण कर रही है।
भारत, जिसका लक्ष्य आने वाले वर्षों में एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनना है, चिप्स पर स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 30 बिलियन डॉलर का निवेश करने के लिए भी तैयार है ताकि यह वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के लिए ‘बंधक’ न हो।
जैसा कि भारत ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स के स्थानीय विनिर्माण पर अपना जोर दिया, अकेले एप्पल और सैमसंग से वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 5 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन का निर्माण/संयोजन करने की उम्मीद थी।
अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस में भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक 69 लोगों की मौत

मनीला, 1 अक्टूबर : फिलीपींस में 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद का भयावह मंजर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। वहीं नागरिक सुरक्षा कार्यालय (ओसीडी) ने बताया कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप के केंद्र बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हो गई, मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मौत घरों और इमारतों की ढही हुई दीवारों के नीचे दबने से हुई। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शुरुआत में बताया कि कम से कम 147 लोग घायल हुए हैं।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, सहायक सचिव ने घायलों और लापता लोगों के बारे में नए आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने शुरुआत में बताया था कि मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार 9:59 बजे सेबू प्रांत में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, बाद में फिर तीव्रता को संशोधित कर 6.9 कर दिया गया। भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बता दें कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों के साथ-साथ दक्षिणी फिलीपींस के कुछ क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए।
बता दें कि फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है।
व्यापार
आरबीआई ने आईपीओ लोन की लिमिट को दोगुना कर 25 लाख रुपए प्रति निवेशक किया

मुंबई, 1 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कई फैसलों का ऐलान किया, जिसने क्रेडिट को कंपनियों और आम निवेशकों के लिए आसान बना दिया है।
केंद्रीय बैंक ने बैंकों को भारतीय कंपनियों द्वारा अधिग्रहण के लिए फंडिंग की अनुमति देने का निर्णय लिया है, साथ ही शेयरों और ऋण प्रतिभूतियों के बदले ऋण देने पर प्रतिबंधों में भी ढील दी है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा, जिसकी मदद से बैंक अधिग्रहणों के लिए कंपनियों को ऋण उपलब्ध करा पाएंगे।
यह कदम भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नियामक से इस तरह की फंडिंग की अनुमति देने का अनुरोध करने के बाद उठाया गया है।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक ने सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों पर ऋण देने की नियामक सीमा हटा दी है।
साथ ही, शेयरों पर ऋण देने की सीमा प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी गई है।
आईपीओ फंडिंग के लिए, सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति कर दी गई है।
यह बदलाव विशेष रूप से उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (एचएनआई) को सार्वजनिक निर्गमों में बड़ी राशि के लिए आवेदन करने में मदद करेगा।
आरबीआई ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ऋण देना सस्ता करने का भी फैसला किया है। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा उच्च-गुणवत्ता वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को दिए गए ऋणों पर जोखिम भार कम हो जाएगा।
इसके साथ ही, नियामक ने 2016 के उस नियम को वापस ले लिया है जो 10,000 करोड़ रुपए से अधिक बैंक ऋण वाले बड़े उधारकर्ताओं को ऋण देने से हतोत्साहित करता था। इससे प्रणाली में समग्र ऋण उपलब्धता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों ने बताया कि आरबीआई के निर्णयों का उद्देश्य बैंकों द्वारा अधिक ऋण देने को प्रोत्साहित करना, कॉर्पोरेट अधिग्रहणों को समर्थन देना, आईपीओ भागीदारी को बढ़ावा देना और इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यावसायिक विकास के लिए धन की उपलब्धता को और अधिक सुगम बनाना है।
अंतरराष्ट्रीय
डोनाल्ड ट्रंप ने तैयार किया गाजा का नया नक्शा, इजरायल से अलग करेगा बफर जोन

नई दिल्ली, 30 सितंबर : गाजा में दो साल से जारी संघर्ष रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है साथ ही अपने प्रस्ताव में गाजा का एक नया नक्शा भी तैयार किया है। ट्रंप ने अपने प्रस्ताव में जो नक्शा पेश किया है, उसके अनुसार अब गाजा और इजरायल के बीच एक बफर जोन बना रहेगा।
इसका मतलब ये हुआ कि अब इस रेखा के पार न तो इजरायली सैनिक जाएंगे और न ही फिलिस्तीनी नागरिक आएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से जारी गाजा के नक्शे में नीले, पीले और लाल रंग की तीन लाइन हैं। इसके बाद बफर जोन है।
नीली रेखा दक्षिणी गाजा पट्टी में शहर खान युनिस के पास है, जहां तक इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) का कंट्रोल है। इसके बाद पीले रंग की एक फर्स्ट विड्रॉल लाइन है, जो राफा से होकर गुजर रही है और इसका मतलब है कि बंधकों की रिहाई के बाद आईडीएफ पीली रेखा तक आ जाएगी।
इसके बाद लाल रंग की सेकेंड विड्रॉल लाइन खींची गई है, जहां इजरायली डिफेंस फोर्स आकर रुक जाएगी। इसके बाद से फिर बफर जोन की शुरुआत होगी।
बता दें, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा में संघर्ष खत्म करने को लेकर जो 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है, उसे अरब और मुस्लिम देशों के अलावा भारत ने भी अपना समर्थन दिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में सीजफायर को लेकर ट्रंप के प्लान का स्वागत किया है।
वहीं इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप के इस प्रस्ताव पर कोई ऐतराज नहीं जताया। गाजा संघर्ष पर चर्चा करने के बाद कतर और मिस्र के मध्यस्थों ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का ये प्रस्ताव हमास को दिया है।
हमास की ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। हमास का कहना है कि वह किसी भी तरह का आधिकारिक बयान देने से पहले इस प्रस्ताव पर गहन विचार करेगा। गाजा में सीजफायर के प्लान पर चर्चा करने के लिए इजरायली पीएम नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की थी।
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