अपराध
आखिरकार 15 साल बाद भारत लाया गया फरार गैंगस्टर सुरेश पुजारी

फिलीपींस पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के दो महीने बाद, खूंखार फरार गैंगस्टर सुरेश पुजारी को भारत भेज दिया गया है। अब उसे मुंबई में करीब दो दर्जन गंभीर अपराधों के आरोपों का सामना करना पड़ेगा। अधिकारियों ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी। अक्टूबर के मध्य में, उसे दक्षिणी मनीला महानगरीय क्षेत्र में परानाक पुलिस की फ्यूजिटिव सर्च यूनिट द्वारा पकड़ा गया था और प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसका समापन मंगलवार की देर रात नई दिल्ली में हुआ।
15 साल तक फरार रहने के बाद देश लौटने के बाद नई दिल्ली हवाई अड्डे पर पर पुजारी को इंटेलिजेंस ब्यूरो और केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक टीम को सौंप दिया गया।
सीबीआई की पूछताछ के बाद उसे मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की वेटिंग टीम को सौंप दिया गया।
मुंबई और ठाणे पुलिस ने 2017-2018 में उसके खिलाफ पहले ही रेड-कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था, क्योंकि वह कई बड़े अपराधों में वांछित था।
सुरेश पुजारी एक अन्य कुख्यात गैंगस्टर, रवि पुजारी का रिश्तेदार है, जिसे फरवरी 2020 में अफ्रीका के सेनेगल से भारत भेज दिया गया था। वर्तमान में कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र की केंद्रीय एजेंसियों और पुलिस द्वारा जांच कर रही है।
अधिकारियों ने कहा कि 2007 में उसके देश छोड़ने के तुरंत बाद, मुंबई पुलिस ने एक दशक पहले केंद्र को सुरेश पुजारी के एक आपराधिक रिकॉर्ड की फाइल भेजी।
विवादों के कारण दोनों पुजारी अलग हो गए थे। सुरेश पुजारी ने कुछ अन्य बदमाशों के साथ, 2000 के दशक की शुरूआत में मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में स्वतंत्र माफिया अभियान शुरू किया।
उत्तर-पूर्वी मुंबई में घाटकोपर उपनगर के असलफा इलाके में रहते हुए, वह कानून-प्रवर्तकों को चकमा देने में कामयाब रहा और 15 साल पहले भारत से फरार हो गया।
बाद में, इंटरपोल ने उसके लिए एक नोटिस जारी किया और महाराष्ट्र पुलिस विभिन्न देशों में उसकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने लगी।
सुरेश पुजारी पर मुंबई में जबरन वसूली, हत्या की धमकी, हत्या आदि के कम से कम 10 प्रमुख मामले हैं। एमएमआर क्षेत्र, अन्य शहरों और मुंबई पुलिस सीआईडी, सीबीआई और एफबीआई में कई अपराध में पिछले लगभग 15 साल से उसकी तलाश की जा रही थी।
पुजारी अपना नाम बदल कर रह रहा था। उसने और उसके सहयोगियों ने 2000 के दशक की शुरूआत में कई टॉप बिल्डरों, ठेकेदारों और ग्लैमर वल्र्ड सेलेब्स को कथित तौर पर जबरन वसूली के लिए धमकी भरे कॉल किए।
खुफिया एजेंसियों के साथ काम करने वाले सूत्रों ने कहा, “मुंबई और दक्षिण भारत के व्यवसायी, शराब की दुकान के मालिक उसके रडार पर थे। वह जबरन वसूली करता था। उसने कुछ राजनेताओं को भी धमकी दी थी।”
“ज्यादातर समय सुरेश अपने निशाना बनाये गये लोगों के घर पर गोलियां चलाता था। हालांकि, वह किसी को चोट नहीं पहुंचाता था। बाद में, वह पैसे की मांग करते हुए धमकी पत्र छोड़ देता था। उसने मुंबई के उल्हासनगर, कल्याण, डोंबिवली और ठाणे इलाकों में ऐसा किया। पीड़ित पुलिस से संपर्क करने से बहुत डरे हुए थे, लेकिन कुछ ने पुलिस को मामले की सूचना दी थी।”
उल्हासनगर से ओमी कलानी और ठाणे से जितेंद्र आव्हाड नाम के दो नेताओं ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
अपराध
कोलकाता: लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में एक और गिरफ्तारी, पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड को पकड़ा

कोलकाता, 28 जून। कोलकाता के लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में एक और गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने कॉलेज के सिक्योरिटी गार्ड (55 वर्षीय पिनाकी बनर्जी) को गिरफ्तार किया है। घटना के समय वो कॉलेज में ड्यूटी पर मौजूद था। इस गिरफ्तारी के साथ ही अब तक गैंगरेप केस में कुल चार लोगों को पकड़ा जा चुका है।
गैंगरेप केस में सिक्योरिटी गार्ड की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे थे। पीड़ित छात्रा ने शिकायत में सिक्योरिटी गार्ड का जिक्र किया था। छात्रा ने कसबा थाने में दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाए कि गार्ड घटनास्थल पर मौजूद था लेकिन उसने कोई मदद नहीं की।
शिकायत में छात्रा ने कहा, “मुख्य आरोपी ने अन्य दो आरोपियों के साथ गार्ड रूम में मौजूद सिक्योरिटी गार्ड को बाहर जाने के लिए कहा था, ताकि उसके साथ छेड़छाड़ की जा सके। गार्ड ने वैसा ही किया। मैंने गार्ड से मदद की भीख मांगी, लेकिन उसने मना कर दिया।”
फिलहाल कोलकाता पुलिस ने आरोपी सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ्तार कर लिया है। इसके पहले गिरफ्तार मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा के अलावा जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को एक जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। कोलकाता पुलिस ने कहा कि लॉ छात्रा से जुड़े यौन उत्पीड़न की शिकायत पर तेजी से और निर्णायक रूप से कार्रवाई की गई है। कोलकाता पुलिस लोगों से भ्रामक जानकारियों से बचने की अपील भी कर रही है।
मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा टीएमसी की छात्र इकाई का सदस्य बताया जाता है। इससे मामले ने काफी तूल पकड़ लिया। बीजेपी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी को लगातार घेर रही है।
इधर, आरजी कर मेडिकल कॉलेज हत्याकांड में शिकार बनी जूनियर डॉक्टर के माता-पिता ने गैंगरेप की इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। जूनियर डॉक्टर की मां ने आशंका जताई कि उनकी बेटी के मामले की तरह ही लॉ कॉलेज बलात्कार मामले में भी आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा सकती है।
उन्होंने कहा, “मामले (लॉ कॉलेज गैंगरेप) में तीन आरोपियों को प्रभावशाली समर्थन हासिल होने के कारण लॉ छात्रा के माता-पिता को लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।”
अपराध
दिल्ली: बवाना में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे की हत्या, पुलिस ने जताई गैंगवार की आशंका

नई दिल्ली, 27 जून। दिल्ली में सरेआम कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे की हत्या कर दी गई है। दिल्ली के बवाना थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। मृतक की पहचान मंजीत महाल के भांजे दीपक के रूप में हुई, जो सुबह टहलने के लिए निकला था। इस घटना में हत्याकांड में गैंगवार का संदेह जताया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घटना सुबह करीब 7 से 8 बजे के बीच की है। दो हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और दीपक पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। उन्होंने कई राउंड फायर किए थे। मौके पर ही दीपक की मौत हो गई। दीपक को निशाना बनाकर हमला किया गया, जिसमें उसकी बेटी भी घायल हो गई। हमले के समय दीपक के साथ मॉर्निंग वॉक पर उसकी बेटी भी थी। गोलीबारी में उसकी बेटी के हाथ में चोट आई है। हालांकि वो खतरे से बाहर है।
पुलिस ने बताया कि दीपक को 7-8 घाव लगे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक गोलियों की सही संख्या का पता नहीं चलेगा।
जांच में सामने आया है कि दीपक की हत्या करने के बाद हमलावर आगे की ओर बढ़े थे, लेकिन वो फिर वापस लौटकर आए और दोबारा भी दीपक को गोली मारी। उसके बाद दोनों हमलावर मौके से फरार हो गए। पुलिस के मुताबिक, मृतक दीपक कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल का भांजा था, हालांकि उसकी खुद की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी।
घटना में पुलिस को संदेह है कि ये हत्या इलाके में चल रही गैंगवार का हिस्सा हो सकती है। पुलिस ने बताया कि दो हमलावरों में से एक की पहचान कर ली गई है और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही ये स्पष्ट हो सकेगा कि हत्या के पीछे असल वजह क्या थी।
अपराध
हरदोई : जिला महिला अस्पताल से चोरी हुए नवजात को पुलिस ने कुछ ही घंटे में किया बरामद

हरदोई, 26 जून। हरदोई के जिला महिला चिकित्सालय से चोरी हुए एक नवजात शिशु को बरामद कर लिया गया है। इस मामले में एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जो एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है।
यह घटना गुरुवार देर रात करीब तीन बजे की है। जानकारी के अनुसार, हरदोई के बिल्हारी हरियावां निवासी शिवाकांत दीक्षित की पत्नी निधि दीक्षित ने बीते 19 जून को एक बेटे को जन्म दिया था। बच्चे की डिलीवरी होने के बाद जच्चा-बच्चा को अस्पताल की पहली मंजिल के 36 नंबर वार्ड के बेड संख्या 9 पर शिफ्ट कर दिया गया था।
गुरुवार देर रात को शिशु को उसकी नानी के पास सुलाया गया था। इसी दौरान एक मास्क पहने अज्ञात महिला वहां पहुंची और मौका पाकर बच्चे को लेकर फरार हो गई। जब नानी ने कुछ देर बाद देखा तो बच्चा वहां नहीं था, जिसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। परिजनों की सूचना पर अस्पताल पहुंची कोतवाली पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू की और कुछ घंटों के अंदर ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।
हरदोई के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नीरज कुमार जादौन ने बताया कि गुरुवार सुबह सूचना मिली थी कि करीब 6 दिन का एक बच्चा गायब हो गया है। हमारे सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने तत्काल इसका संज्ञान लिया और पुलिस टीम ने बच्चे को बरामद कर लिया। बच्चे को चोरी करने वाली महिला को गिरफ्तार किया गया है। महिला एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है और उससे पुलिस पूछताछ कर रही है कि आखिर उसने बच्चे को क्यों चुराया है। साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि वह बच्चे के साथ क्या करना चाहती थी। हर एंगल से पुलिस जांच कर रही है।
बच्चे के पिता, शिवाकांत दीक्षित, ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मैंने 18 जून को अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था और 19 जून को मेरी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। गुरुवार देर रात करीब 2 से 3 बजे के बीच में मेरे बच्चे को चुरा लिया गया था। हालांकि, पुलिस की मदद से बच्चे को बरामद किया गया है। मैं पुलिस अधीक्षक और पुलिस का आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी वजह से मेरा बच्चा मिल पाया।
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