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Friday,12-December-2025
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दूसरा टी20 : भारत ने न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराया, सीरीज में बनाई 2-0 की अजेय बढ़त

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केएल राहुल (65) की ताबड़तोड़ पारी की बदौलत यहां जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को खेले जा रहे टी20 दूसरे मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को 7 विकेट से करारी शिकस्त दी। इसी जीत के साथ भारत ने सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली। पहले बल्लेबाजी करते हुए कीवी टीम ने 20 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 153 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम रनों का पीछा करने उतरी 17.2 ओवरों में ही 155 बनाकर लक्ष्य को पूरा कर लिया। टीम की ओर से सलामी बल्लेबाज कप्तान रोहित शर्मा और राहुल के बीच 80 गेंदों में 117 रनों की साझेदारी हुई।

न्यूजीलैंड की ओर से कप्तान टिम साउदी ने तीन विकेट झटके।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत की और पावरप्ले में बिना किसी नुकसान के 45 रन बनाए। इस दौरान, कप्तान शर्मा और राहुल ने शानदार बल्लेबाजी की और तेज गति से रन जोड़े। इस बीच, सातवें ओवर में भारत का स्कोर 50 के पार हो गया। वहीं, सेंटनर के 10वें ओवर में कप्तान रोहित ने दो जबरदस्त छक्के लगाए, जिससे टीम का स्कोर 79 रन पर पहुंच गया।

इस दौरान, राहुल ने 40 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया, जिससे 11.2 ओवर में भारत का रन 100 के पार हो गया। इसी के साथ ही कप्तान शर्मा और राहुल के बीच 70 गेंदों में 100 रनों की साझेदारी संपन्न हुई। फिर भी दोनों ने धुआंधार बल्लेबाजी जारी रखी और कीवी गेंदबाजों पर हावी होते रहे।

लेकिन, 14वें ओवर में राहुल छह चौके और दो छक्कों की मदद से 49 गेंदों में 65 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए वेंकटेश अय्यर ने कप्तान शर्मा के साथ पारी को आगे बढ़ाया। इस बीच, भारत को जीतने के लिए 36 गेंदों में 32 रन चाहिए थे।

इस बीच, कप्तान शर्मा ने भी छक्का जड़कर 35 गेंदों में अर्धशतक ठोका। लेकिन, कप्तान साउदी की गेंद पर गलत शॉट खेलकर कप्तान शर्मा एक चौका और पांच छक्कों की मदद से 36 गेंदों में 55 रन बनाकर आउट हो गए। चौथे नंबर आए पिछले मैच के हीरो सूर्यकुमार यादव भी बिना खाता खोले की कप्तान साउदी के शिकार बन गए।

पांचवें नंबर पर आए ऋषभ पंत और अय्यर ने मिलकर भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया। इसके बाद, पंत ने लगातार दो छक्के लगाकर 16 गेंदें शेष रहते 155 रन बना दिए। पंत और अय्यर 12-12 नाबाद रन बनाकर भारत को जीत दिलाई।

इससे पहले, बल्लेबाजी के लिए उतरी कीवी टीम की शुरुआत बेहतर रही। उनके सलामी बल्लेबाजों ने धुआंधार बल्लेबाजी की और टीम का स्कोर पांच ओवरों में 50 के पार पहुंचा दिया। इस तरह से पावरप्ले में उन्होंने एक विकेट गंवाकर 64 जोड़ दिए। इस दौरान, मार्टिन गुप्टिल तीन चौके दो छक्कों की मदद से 15 गेंदों में 31 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

तीसरे नंबर पर आए मार्क चैपमैन ने डेरिल मिशेल के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन चैपमैन (21) ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए और अक्षर की गेंद पर आउट हो गए, जिससे न्यूजीलैंड ने 10 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर 80 से ऊपर रन बनाए। चौथे स्थान पर आए ग्लेन फिलिप्स ने मिशेल के साथ मिलकर बीच के ओवरों में संभलकर खेला। इस दौरान, भारतीय गेंदबाजों ने कीवियों को तेज गति से रन नहीं बनाने दिया।

टी20 में डेब्यू करने वाले हर्षल पटेल ने मिशेल (31) को अपना पहला शिकार बनाया। पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए टिम सीफर्ट ने फिलिप्स के साथ टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया, जिससे टीम का स्कोर 15 ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर 125 रन पहुंच गया। लेकिन, 16वें ओवर में सीफर्ट ने एक चौके की मदद से 15 गेंदों में 13 रन बनाकर अश्विन को अपनी विकेट झोली में दे दी।

छठे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए जेम्स नीशम ने फिलिप्स का साथ दिया, जिसके बाद फिलिप्स ने कुछ अच्छे शॉट लगाए। लेकिन, 17वें ओवर में फिलिप्स एक चौके और तीन छक्कों की मदद से 21 गेंदों में 34 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद, आठवें नंबर पर आए बल्लेबाज मिशेल सेंटनर और नीशम ने बेहद धीमी बल्लेबाजी की। वहीं, 18वें ओवर में नीशम (3) को भुवनेश्वर ने चलता किया।

इसके साथ ही सेंटनर (8) और एडम मिल्ने (5) के नाबाद रनों की बदौलत न्यूजीलैंड का स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 153 रन पहुंच सका। वहीं, भारत की ओर से हर्षल पटेल ने सबसे ज्यादा दो विकेट चटकाए। भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, अक्षर पटेल और आर अश्विन ने एक-एक विकेट लिया।

अंतरराष्ट्रीय

भारत ने अफगानिस्तान को फिर से भेजी मदद, जीवनरक्षक चिकित्सीय सहायता काबुल पहुंची

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काबुल, 28 नवंबर : भारत हमेशा से अफगानिस्तान के लिए मजबूती से खड़ा रहा है। समय-समय पर मदद की खेप भेजता है। भारत ने निरंतर समर्थन को दोहराते हुए, शुक्रवार को अफगानिस्तान को 73 टन जीवनरक्षक दवाइयों, टीकों और आवश्यक पोषक सप्लीमेंट्स की खेप भेजी। यह सहायता अफगान स्वास्थ्य प्रणाली की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से काबुल पहुंचाई गई।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, “अफगानिस्तान के स्वास्थ्य प्रयासों को मजबूती देते हुए भारत ने 73 टन जीवनरक्षक दवाइयां, टीके और आवश्यक सप्लीमेंट्स तत्काल चिकित्सा जरूरतों के लिए काबुल पहुंचाए हैं। अफगान लोगों के प्रति भारत का अटूट समर्थन जारी है।”

पिछले सप्ताह नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अल्हाज नूरुद्दीन अजीजी के बीच मुलाकात हुई थी। बैठक में व्यापार, संपर्क और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा हुई।

जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “अफगानिस्तान के उद्योग और वाणिज्य मंत्री अल्हाज नूरुद्दीन अज़ीज़ी से मुलाकात कर खुशी हुई। व्यापार, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। अफगान जनता के विकास और कल्याण के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।”

इससे पहले भी भारत ने अफगानिस्तान के भूकंप प्रभावित परिवारों की मदद के लिए खाद्य सामग्री भेजी थी। बाल्ख, समनगन और बगलान प्रांतों में आए विनाशकारी भूकंप में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।

10 अक्टूबर को भारत ने अतिरिक्त खाद्य सहायता भी भेजी थी। उसी दिन विदेश मंत्री जयशंकर की अफगान समकक्ष मौलवी आमिर खान मुत्ताकी से नई दिल्ली में मुलाकात हुई। बैठक में विकास सहयोग, व्यापार, अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता व स्वतंत्रता, आपसी संपर्क और क्षमता निर्माण जैसे मुद्दों पर वार्ता हुई।

जयशंकर ने मुत्ताकी की भारत यात्रा को “द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया और अफगानिस्तान को पांच एम्बुलेंस सौंपने की घोषणा भी की।

भारत की यह मानवीय सहायता अफगानिस्तान के लिए हाल के महीनों में की गई कई निरंतर मददों की नवीनतम कड़ी है, जो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और जन-संपर्क आधारित रिश्तों को मजबूत करती है।

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अंतरराष्ट्रीय

ईरान ने तीसरे देश के जरिए नहीं भेजा अमेरिका को कोई मैसेज, खामेनेई बोले-झगड़े बढ़ा रहा अमेरिका

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तेहरान, 28 नवंबर : हाल ही में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद अमेरिका दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की। ट्रंप से मुलाकात के पहले क्राउन प्रिंस को ईरान की एक चिट्ठी मिली थी। इस चिट्ठी को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस चिट्ठी में अमेरिका के लिए एक मैसेज था। हालांकि, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इन सभी दावों को मनगढ़ंत बताया है।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार खामेनेई ने गुरुवार रात को टीवी पर दिए गए संदेश में मीडिया के इन सभी दावों को खारिज कर दिया। अफवाह थी कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने सऊदी क्राउन प्रिंस को उनके यूएस दौरे से पहले जो मैसेज भेजा था, वह वॉशिंगटन के लिए था।

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा, “वे अफवाहें फैला रहे हैं कि ईरानी सरकार ने किसी तीसरे देश के जरिए अमेरिका को मैसेज भेजा है, जो सरासर झूठ है।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेजेशकियन की चिट्ठी में कहा गया कि ईरान टकराव नहीं चाहता है। उसका मकसद क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करना है और वह कूटनीति के जरिए न्यूक्लियर विवाद को सुलझाने के लिए तैयार है, बशर्ते उसके अधिकारों की गारंटी हो।

खामेनेई ने अपने भाषण के दौरान इजरायल के हमलों और अपराधों में अमेरिका के समर्थन की कड़ी आलोचना की। ईरानी सुप्रीम ने अमेरिका पर अपनी रणनीति और रिसोर्स के फायदे के लिए झगड़ों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

दूसरी ओर, ईरानी अधिकारियों ने पहले ही इस बात को साफ कर दिया था कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को जो चिट्ठी दी गई, वह सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर थी।

तेहरान और वॉशिंगटन ने इसी साल अप्रैल और जून के बीच ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम और अमेरिकी बैन पर बातचीत की थी। दोनों पक्षों के बीच ओमान की मध्यस्थता में पांच राउंड की बातचीत हुई। इसके बाद छठे राउंड की बातचीत की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही इजरायल ने ईरान में कई जगहों पर अचानक हमले कर दिए।

इस हमले में ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिक और सीनियर कमांडर मारे गए। इसके बाद ईरान ने मिसाइल और ड्रोन से जवाबी कार्रवाई की।

22 जून को अमेरिकी सेना ने नतांज, फोर्डो और इस्फहान में ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया। ईरान ने अगले दिन कतर में अमेरिकी अल उदीद एयर बेस को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद ईरान और इजरायल के बीच 24 जून से सीजफायर लागू हुआ।

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अंतरराष्ट्रीय

ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है आखिरी फैसला!

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नई दिल्ली, 6 नवंबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के साथ वैश्विक व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई। ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसपर आखिरी फैसला भी आज आ जाए। वहीं, दूसरी ओर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।

5 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अधिकांश जजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए।

निचली फेडरल कोर्ट ने इससे पहले टैरिफ के मामले में फैसला सुनाया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन और मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। निचले कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

बता दें, टैरिफ को लेकर करीब ढाई घंटे से ज्यादा कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, “आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। वे अमेरिकी नागरिकों से पैसा, राजस्व कमा रहे हैं।”

इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, “मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व बढ़ता है और यह केवल आकस्मिक है।”

इसके अलावा जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, “अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।”

जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को इमरजेंसी की स्थिति के दौरान ‘आयात को विनियमित करने’ की इजाजत देता है।

अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के तर्क से जस्टिस एमी कोनी बैरेट सहमत नहीं थीं। उन्होंने सॉयर से कहा, “क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां ‘आयात को विनियमित करना’ वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?”

इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि अगर कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

जस्टिस बैरेट ने पूछा, “अगर कांग्रेस कहती है, ‘अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,’ तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?”

हालांकि, कोर्ट की तरफ से मामले में अब तक आखिरी फैसला सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वाले फैसले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।

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