राजनीति
जल जीवन मिशन विकेंद्रीकरण का आंदोलन : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जल जीवन मिशन न केवल घरों में नल का पानी कनेक्शन प्रदान करने का मिशन है, बल्कि विकेंद्रीकरण का एक आंदोलन भी है, जो गांवों से संचालित और महिला केंद्रित है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में इस मिशन के तहत पानी समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत की आजादी से लेकर 2019 तक, हमारे देश में सिर्फ 3 करोड़ घरों तक ही नल से जल पहुंचता था। 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद से, 5 करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है। आज देश के लगभग 80 जिलों के करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है। यानि पिछले 7 दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ 2 साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है। वो दिन दूर नहीं जब देश की किसी भी बहन-बेटी को पानी लाने के लिए रोजाना दूर-दूर तक पैदल चलकर नहीं जाना होगा। वो अपने समय का सदुपयोग अपनी बेहतरी, अपनी पढ़ाई-लिखाई, या अपना रोजगार पर उसको शुरू करने में कर पाएंगी।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी को पानी के संरक्षण का प्रयास करना चाहिए, ताकि हमें टैंकरों या ट्रेनों इत्यादि से पानी लाने की आवश्यकता न हो, जो कि अतीत में एक आम बात थी।
पीएम मोदी ने कहा, हम सभी को पानी के महत्व को समझने की जरूरत है और एक व्यक्ति जिसने जल संकट का सामना किया है, वह पानी को बेहतर तरीके से महत्व देता है। दुनिया भर में भूजल की स्थिति खतरनाक स्तर पर है, इसलिए सभी ग्राम पंचायतों को चाहिए कि जल संरक्षण के लिए प्रयास और घरों में उपयोग किए जाने वाले पानी का उपयोग भूमि की सिंचाई के लिए और सिंचाई में पानी के उपयोग को कम करने के लिए नई कृषि तकनीकों का उपयोग किया जाए।
गुजरात के अपने अनुभव का जिक्र करते हुए, जो एक बड़े जल संकट का सामना करता था, उन्होंने आगे कहा कि 2014 से, वह वहां प्राप्त अनुभवों का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार न केवल पीने के पानी के लिए बल्कि देश में सिंचाई व्यवस्था के लिए भी बेहतर प्रबंधन के प्रयास कर रही है। उन्होंने लोगों से पानी का संरक्षण करने की भी अपील की, जहां यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जल शक्ति मंत्रालय गंगा नदी सहित महत्वपूर्ण नदियों के सफाई मिशन पर काम कर रहा है जबकि अटल भूजल योजना के तहत जल संरक्षण प्रथाओं को अपनाकर जल स्तर उठाने का काम जारी रखा गया है।
यह देखते हुए कि घर में नल के पानी के कनेक्शन ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को मुक्त कर दिया है, पीएम मोदी ने कहा कि ये महिलाएं और बेटियां जो पानी लाती थीं, उनके पास अब बेहतर तरीके से योगदान करने के लिए पर्याप्त समय होगा और लड़कियां अपनी शिक्षा जारी रख सकती हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार देश में विभिन्न बांधों के रखरखाव पर भी काम कर रही है और अब तक 200 से अधिक बांधों के रखरखाव का काम पूरा किया जा चुका है।
नई मध्याह्न् भोजन योजना पीएम पोषण योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि 12 करोड़ से अधिक स्कूली छात्रों को पौष्टिक भोजन मिलेगा और केंद्र इस पर 54,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
इन समितियों में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने 1.5 करोड़ से अधिक गांवों में पीएम आवास, उज्जवला योजना, ब्रॉडबैंड कनेक्शन जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं, जिन्होंने ग्रामीण भारत में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाया है।
राजनीति
बंगाल की संस्कृति की अनदेखी भाजपा को पड़ेगी भारी : सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 9 अप्रैल। दिल्ली के चित्तरंजन पार्क इलाके में मांस और मछली की दुकानों को लेकर विवाद छिड़ गया है। इस विवाद के केंद्र में एक वीडियो है, जिसमें कुछ लोग डीडीए मार्केट स्थित एक मंदिर के बगल में चल रही मांस-मछली की दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं।
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला बोला है।
‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “भाजपा को देश की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं मालूम। वे व्हाट्सएप पर जो देखते हैं, उसे ही सच मान लेते हैं। चित्तरंजन पार्क में बंगाली समुदाय के लोग रहते हैं, जो सबसे ज्यादा शिक्षित और समझदार हैं। बंगाल की संस्कृति की अनदेखी भाजपा को भारी पड़ेगी।”
उन्होंने कहा कि जिस प्रांगण में मां दुर्गा की पूजा होती है, वहां मांस और मछली भी प्रसाद स्वरूप चढ़ाई जाती है। बंगाली समाज नवरात्र में भी मांसाहार करता है, यह उनकी सांस्कृतिक पहचान है।
उन्होंने सवाल उठाया, “डीडीए ने इन दुकानों को कानूनी रूप से आवंटित किया है। ऐसे में भाजपा समर्थकों द्वारा गरीब दुकानदारों को धमकाना और धौंस जमाना बिल्कुल गलत है। भाजपा अपनी ताकत सिर्फ गरीबों पर ही क्यों दिखाती है?”
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “अगर भाजपा को मांस-मछली की दुकानों से इतनी परेशानी है, तो उन्हें पहले डीडीए से सवाल करना चाहिए, जिसने ये दुकानें आवंटित की हैं। गरीब दुकानदारों को परेशान करना और उन पर अत्याचार करना कहीं न कहीं भाजपा की उगाही की मंशा को दर्शाता है।”
इस पूरे विवाद पर स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यह मार्केट पिछले 70 वर्षों से यहां स्थित है और मंदिर भी मार्केट के लोगों ने ही बनवाया है। दुकानदारों का आरोप है कि कुछ लोग जबरन संस्कृति के नाम पर दुकानों को बंद करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दुकानें डीडीए से पूरी तरह से अनुमोदित हैं।
महाराष्ट्र
वानखेड़े ने काशिफ खान और राखी सावंत के खिलाफ मानहानि का मामला वापस लिया

मुंबई: एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर एडिशनल कमिश्नर आईआरएस ने फिल्म अभिनेत्री राखी सावंत और उनके वकील काशिफ अली खान के खिलाफ दायर मानहानि का केस वापस ले लिया है। समीर वानखेड़े ने राखी सावंत और उनके वकील काशिफ अली खान देशमुख के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर 11.55 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था। वानखेड़े ने व्यक्तिगत आधार पर मामला वापस ले लिया। शिकायत वापस लेने पर काशिफ अली खान ने कहा कि हमारी मध्यस्थता पूरी हो गई है। आपसी मतभेद के बजाय हमने अपने छिपे हुए दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इसका एक उदाहरण यह है कि मैंने समीर वानखेड़े की बहन यास्मीन वानखेड़े के मामले की पैरवी की है और पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है।
समीर वानखेड़े ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कॉर्डेलिया क्रूज मामले में गिरफ्तार किया था और इस मामले में गिरफ्तार किए गए मनमोहन धमीचा के वकील काशिफ अली खान ने अपने इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया चैनलों पर समीर वानखेड़े के खिलाफ आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके बाद वानखेड़े ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया और राखी सावंत ने भी उसी पोस्ट को अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया। चूंकि काशिफ अली खान ही राखी सावंत के कई मामलों की पैरवी कर रहे हैं, इसलिए वानखेड़े ने उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, लेकिन अब वानखेड़े ने निजी कारणों के आधार पर मामला वापस ले लिया है। अदालत ने मामले की वापसी के लिए पक्षकारों को उपस्थित रहने का आदेश दिया था, जबकि वानखेड़े ने कहा कि उनका काशिफ अली के साथ समझौता हो गया है और इस समझ के बाद वानखेड़े ने मामला वापस ले लिया है।
राष्ट्रीय समाचार
सड़क चौड़ीकरण के लिए जयपुर में चला जेडीए का बुलडोजर, हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

जयपुर, 9 अप्रैल। राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने जयपुर के 200 फीट बायपास से खातीपुरा झारखंड मोड़ तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जेडीए के जोन 7 के तहत आने वाली इस सड़क को 160 फीट चौड़ा करने का लक्ष्य है, ताकि यातायात को सुगम बनाया जा सके। हाईकोर्ट ने पिछले साल 21 नवंबर को जेडीए को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
जेडीए ने इस कार्रवाई को व्यवस्थित तरीके से अंजाम देने के लिए पांच टीमें गठित की हैं। इन टीमों ने सबसे पहले सड़क की सीमा का डिमार्केशन किया और अतिक्रमण के दायरे में आने वाली संरचनाओं को चिह्नित किया। इसके बाद अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी कर उन्हें स्वयं अतिक्रमण हटाने का मौका दिया गया। जेडीए के इस कदम का असर भी दिखाई दिया, क्योंकि नोटिस मिलने के बाद कई लोगों ने अपने स्तर पर ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। जो बाकी थे, उन्हें हटाने के लिए जेडीए का दस्ता सक्रिय रूप से जुट गया।
यह जयपुर शहर के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जो 200 फीट बाईपास से खातीपुरा और झारखंड मोड़ को जोड़ता है। पिछले कुछ सालों में इस इलाके में बढ़ते ट्रैफिक और अतिक्रमण के कारण सड़क संकरी हो गई थी, जिससे आए दिन जाम की समस्या बनी रहती थी। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने भी इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत की थी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब इस दिशा में ठोस कदम उठाया जा रहा है।
जेडीए अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हो रही है और इसे जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है। अतिक्रमण हटाने के बाद सड़क को 160 फीट चौड़ा करने का काम शुरू होगा, जिससे न केवल यातायात की समस्या कम होगी, बल्कि क्षेत्र का विकास भी होगा। स्थानीय निवासियों ने इस कदम का स्वागत किया है।
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