अंतरराष्ट्रीय
पैरालंपिक (भाला फेंक) : सुमित ने विश्व रिकॉर्ड के साथ जीता स्वर्ण

भारत के सुमित अंतिल ने यहां चल रहे टोक्यो पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए भाला फेंक क्लास एफ64 वर्ग में नया विश्व रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। सुमित ने फाइनल में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए 68.55 मीटर का थ्रो किया और स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने नवंबर 2019 में सेट किए अपने 62.88 मीटर के थ्रो में सुधार किया।
भारत का यह दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले महिला निशानेबाज अवनि लेखरा ने आज सुबह 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 में स्वर्ण जीता था। भारत का इस पैरालंपिक में यह दूसरा स्वर्ण पदक है जबकि उसने कुल सात पदक अपने नाम किए हैं।
सुमित के अलावा ऑस्ट्रेलिया के माइकल बुरिआन ने 66.29 मीटर के थ्रो के साथ रजत जबकि श्रीलंका के दुलान कोदिथुवाकु ने 65.61 मीटर के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। सुमित और बुरिआन ने पिछला विश्व रिकॉर्ड तोड़ा जबकि श्रीलंका के एथलीट ने अपना निजी बेस्ट प्रदर्शन किया।
सुमित ने पहले प्रयास में 66.95 मीटर के साथ फाइनल की शुरूआत की लेकिन उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया और पहले स्थान पर रहे। सुमित ने दूसरे प्रयास में 68.08, तीसरे में 65.27, चौथे में 66.71 मीटर का थ्रो किया जबकि उनका छठा और अंतिम थ्रो फाउल रहा।
भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में आज पांचवां पदक अपने नाम किया है। उनसे पहले अवनि, देवेंद्र झाझरिया, सुंदर सिंह गुर्जर और योगेश काथुनिया ने भी आज देश के लिए पदक जीते थे। देवेंद्र और सुंदर ने भाला फेंक एफ46 में पदक जीते जबकि योगेश ने डिस्कस थ्रो टी56 में पदक अपने नाम किया।
इस बीच, भारत के संदीप चौधरी एफ44 वर्ग में 62.20 मीटर के थ्रो के साथ चौथे स्थान पर रहे और पदक लाने से चूक गए। संदीप का बेस्ट थ्रो 66.18 मीटर का है और अगर वह यह प्रदर्शन दोहराने में सफल होते तो पदक ला सकते थे।
भारत अबतक इस पैरालंपिक में दो स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम कर चुका है।
अंतरराष्ट्रीय
चीनी उपप्रधान मंत्री ह लीफंग ने ब्रिटिश वित्त मंत्री से भेंट की

बीजिंग, 9 जून। स्थानीय समयानुसार 8 जून को लंदन में चीनी उपप्रधान मंत्री ह लीफंग ने ब्रिटिश वित्त मंत्री रेचल रीव्स से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने चीन-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय सहयोग और समान चिंता वाले मुद्दों पर रायों का गहन आदान-प्रदान किया।
ह लीफंग ने कहा कि चीन और ब्रिटेन को समान कोशिश कर दोनों देशों के नेताओं के बीच संपन्न अहम समानताएं लागू कर चीन-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता की उपलब्धियों के कार्यांवयन को बढ़ाना, पारस्परिक लाभ और समान जीत बढ़ाना और चीन-ब्रिटेन संबंधों के स्वस्थ तथा स्थिर विकास को बनाए रखना चाहिए।
रीव्स ने कहा कि ब्रिटेन चीन के साथ सहयोग को बड़ा महत्व देता है और चीन के साथ संपर्क मजबूत कर इस वार्ता की उपलब्धियों को अमल में लाने को तैयार है ताकि ब्रिटेन-चीन आर्थिक सहयोग को नई ऊर्जा मिले।
अंतरराष्ट्रीय
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून मुकदमे की छठी सुनवाई में रहे मौजूद

सोल, 9 जून। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक येओल सोमवार को अपने खिलाफ चल रहे विद्रोह के मुकदमे की छठी सुनवाई में शामिल हुए। 3 जून को राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम के बाद यून पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए।
समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक येओल सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में प्रवेश करते समय पत्रकारों के बीच से होकर गुजरे। इस दौरान उनसे चुनाव या नेशनल असेंबली के उन्हें और उनकी पत्नी किम किऑन ही को निशाना बनाकर विशेष वकील विधेयक पारित करने के बारे में सवाल पूछे गए। लेकिन, बिना किसी सवाल का जवाब दिए वे आगे बढ़ गए।
पूर्व राष्ट्रपति यून पर उनके शासनकाल के दौरान विद्रोह का नेतृत्व करने और दिसंबर में मार्शल लॉ लगाकर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप है। इसके बाद महाभियोग चलाकर उन्हें पद से हटा दिया गया था।
6 महीने पहले यानी 3 दिसंबर 2024 को जब दक्षिण कोरिया में छह घंटे के लिए मार्शल लॉ लगाया गया था।
यून को हटाए जाने के बाद दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव हुए। इसमें ली जे-म्यांग ने जीत हासिल की और पद की शपथ ली।
प्रथम एयरबोर्न स्पेशल फोर्स ब्रिगेड के पूर्व प्रमुख ली सांग-ह्यून को लगातार दूसरी सुनवाई के लिए गवाह के रूप में बुलाया गया है।
पिछले सत्र के दौरान ली सांग-ह्यून ने मार्शल लॉ लागू होने के दिन हुई सुनवाई के दौरान गवाही दी थी।
उन्होंने कहा कि यून ने सेना के विशेष युद्ध कमान के प्रमुख को सांसदों को नेशनल असेंबली भवन से बाहर निकाल देने का आदेश दिया था।
ह्यून ने कहा था कि यून ने अपने आदेश का पालन कराने के लिए असेंबली का दरवाजा तोड़ने तक का आदेश दिया था।
अगर यून सूक येओल को विद्रोह भड़काने का दोषी पाया जाता है तो उन्हें अधिकतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशियाई नेताओं से आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट किया

कुआलालंपुर, 3 जून। जनता दल यूनाइटेड के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को पेश करते हुए कुआलालंपुर में प्रमुख मलेशियाई राजनीतिक नेताओं से बातचीत की।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक प्रेस बयान में कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया के प्रमुख राजनीतिक दलों और थिंक टैंक के प्रतिनिधियों से उच्च स्तरीय बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के हर रूप और उसके किसी भी तरीके के खिलाफ भारत की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट रूप से सामने रखा।
प्रेस बयान में कहा गया कि इस यात्रा से यह स्पष्ट हुआ कि आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्त और उचित कदम उठाने को लेकर भारत में एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति है।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने अपने प्रेस बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए मलेशिया जैसे रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर काम करने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृज लाल, हेमांग जोशी और प्रदान बरुआ, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य जॉन बरिटास, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं।
जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया की यात्रा पूरी करने के बाद प्रतिनिधिमंडल अपने दौरे के अंतिम चरण में मलेशिया पहुंचा है। वहां वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के महत्व और पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लगातार चल रही लड़ाई पर प्रकाश डालेगा।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने अपने बयान में कहा कि पीपुल्स जस्टिस पार्टी (केदिलन राक्यत) के नेता सिम त्से त्सिन के साथ हुई बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के मजबूत रुख को उजागर किया और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता को दोहराया।
पीकेआर प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा साझा की गई विस्तृत जानकारी की सराहना की।
प्रतिनिधिमंडल के नेता संजय कुमार झा ने इस दौरान मलेशिया की राष्ट्रीय एकता मामलों की उप मंत्री सरस्वती कंडासामी से भी मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय (कानून और संस्थागत सुधार) में उप मंत्री एम. कुला सेगरन के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी (डीएपी) के साथ सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत की।
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