राजनीति
ममता ने मोदी से विद्युत संशोधन विधेयक पेश नहीं करने की अपील की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि संसद में विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2020 को पेश करने से पहले राज्यों से ठीक से सलाह नहीं ली गई। ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वे इस विधेयक को आगे बढ़ाने से परहेज करें और इसे कानून न बनाया जाए, क्योंकि यह समाज के बड़े वर्ग के हितों में बाधा उत्पन्न करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में, बनर्जी ने कहा, इस तरह के एकतरफा हस्तक्षेप के लिए बिजली बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है, खासकर जब एक विषय के रूप में विद्युत भारत के संविधान की समवर्ती सूची में है और ऐसी सूची में किसी विषय पर किसी भी कानून को राज्यों के साथ गंभीर पूर्व परामर्श की आवश्यकता होती है। वर्तमान मामले में, परामर्श के कुछ प्रतीकवाद हैं, लेकिन विचारों का कोई वास्तविक आदान-प्रदान नहीं हुआ है, जो हमारी राजनीति के संघीय ढांचे के विपरीत है।
संसद में बहुप्रतीक्षित विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2020 को रखने के लिए हाल ही में केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, इस तरह के अहस्तक्षेप के ²ष्टिकोण से आकर्षक शहरी-औद्योगिक क्षेत्रों में निजी लाभ-केंद्रित उपयोगिता खिलाड़ियों की एकाग्रता का परिणाम होगा, जबकि गरीब और ग्रामीण उपभोक्ताओं को सार्वजनिक क्षेत्र के डिस्कॉम्स द्वारा छोड़ दिया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, बाजार सुधारों के नाम पर, राज्य अपनी कमांडिंग ऊंचाई को छोड़ देगा, राज्य के सार्वजनिक उपक्रम निष्क्रिय हो जाएंगे और फिर भी उन क्षेत्रों की सेवा करने के लिए मजबूर होंगे, जहां कोई कॉपोर्रेट निकाय ध्यान केंद्रित नहीं करेगा। निजी संस्थाओं का चयन करने के लिए चेरी-पिकिंग की अनुमति देना सार्वजनिक नीतियों का लक्ष्य नहीं हो सकता है, खासकर बिजली जैसे रणनीतिक क्षेत्र में।
विद्युत (संशोधन) विधेयक 2020 विद्युत अधिनियम 2003 में संशोधन का प्रस्ताव करता है। 2003 अधिनियम बिजली क्षेत्र की संरचना और नीति को नियंत्रित करता है। यह बिजली के उत्पादन, वितरण, पारेषण, व्यापार और उपयोग की सिफारिश करता है। इसके अलावा, यह बिजली क्षेत्र के राज्य और केंद्रीय विभागों में नियामक प्राधिकरणों के लिए नियम और कानून भी निर्धारित करता है। अधिनियम में पेश किए गए पहले कुछ संशोधन 2014 में किए गए थे।
2020 के संशोधन विधेयक ने राज्य बिजली नियामक आयोगों (एसईआरसी) की नियुक्ति के लिए एक अलग चयन पैनल के बजाय एक राष्ट्रीय चयन समिति की स्थापना का प्रस्ताव दिया है।
बिजली क्षेत्र में राज्य की पूर्व-प्रतिष्ठित भूमिका को गैर-विनियमित और लाइसेंस रहित निजी खिलाड़ियों के पक्ष में व्यापक रूप से त्यागने का आरोप लगाते हुए, मुख्यमंत्री ने लिखा, विधेयक का घोषित उद्देश्य उपभोक्ताओं को बहुवचन विकल्प प्रदान करना है, भले ही वास्तव में बिल अंतत: नए सेवा प्रदाताओं द्वारा टैरिफ में वृद्धि के माध्यम से मुनाफाखोरी में समाप्त हो जाएगा और समाज के हर क्षेत्र को टैरिफ में वृद्धि के कारण नुकसान होगा।
ममता बनर्जी ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन संघीय ढांचे की जड़ पर प्रहार करता है। उन्होंने कहा, राज्य सार्वजनिक उपयोगिता निकायों की भूमिका में कमी, निजी कॉपोर्रेट निकायों की भूमिका की अनियंत्रित वृद्धि और बिजली क्षेत्र में राज्यों के अधिकार में कटौती एक साथ एक भयावह डिजाइन का संकेत देती है, जिससे क्रोनी कैपिटलिज्म को राज्यों, सार्वजनिक क्षेत्र और आम लोगों की कीमत पर पोषण मिलेगा।
ममता ने आगे कहा, राज्य विद्युत नियामक आयोग और राज्य वितरण कंपनियों की भूमिका को कम करने का तात्पर्य राज्य निकायों और घरेलू उद्योगों को ध्वस्त करने के लिए एक राजनीतिक डिजाइन है। वितरण से संबंधित गतिविधियों में केंद्र सरकार का सीधा हस्तक्षेप आम लोगों और राज्यों के हितों की देखभाल करने में बिल्कुल भी मददगार नहीं होगा।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, मैं आपसे अनुरोध करना चाहती हूं कि कृपया कानून बनाने से परहेज करें और यह सुनिश्चित करें कि इस विषय पर व्यापक और पारदर्शी संवाद जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
राजनीति
गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल, पीएम मोदी बोले, ‘हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण’

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ और भरत मुनि के ‘नाट्यशास्त्र’ को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने इसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया।
दरअसल, शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए जानकारी दी कि ‘गीता’ और ‘नाट्यशास्त्र’ को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत के इसी पोस्ट का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ”समूचे विश्व में प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण। गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया जाना हमारे शाश्वत ज्ञान और समृद्ध संस्कृति को वैश्विक मान्यता प्रदान किया जाना है। गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है। उनकी अंतर्दृष्टि दुनिया को प्रेरित करना जारी रखे हुए है।”
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण। श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि का नाट्यशास्त्र अब यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया हैं। यह वैश्विक सम्मान भारत की शाश्वत बुद्धिमत्ता और कलात्मक प्रतिभा का जश्न मनाता है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”ये कालातीत रचनाएं साहित्यिक खजाने से कहीं अधिक हैं, ये दार्शनिक और सौंदर्यपरक आधार हैं, जिन्होंने भारत के विश्व-दृष्टिकोण और हमारे सोचने, महसूस करने, जीने और अभिव्यक्ति के तरीके को आकार दिया है। इसके साथ ही, अब इस अंतर्राष्ट्रीय रजिस्टर में हमारे देश के 14 अभिलेख शामिल हो गए हैं।”
‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ यूनेस्को की तरफ से शुरू किया गया एक प्रोग्राम है, जिसका मकसद विश्वभर के महत्वपूर्ण दस्तावेजी विरासत को संरक्षित करना है। इसके साथ ही इसे आसानी से लोगों तक पहुंचाना होता है। इस कार्यक्रम की शुरुआत 1992 में हुई थी।
सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के सम्मान और संरक्षण के लिए हर साल 18 अप्रैल को ‘विश्व धरोहर दिवस’ मनाया जाता है। विश्व धरोहर सम्मेलन 1972 में यूनेस्को द्वारा किया गया एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है। विश्व धरोहर सम्मेलन को दुनिया भर के देशों ने महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों की सुरक्षा के लिए अपनाया था।
राजनीति
‘जाट’ पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप, सनी-रणदीप के खिलाफ केस दर्ज

जालंधर, 18 अप्रैल। सनी देओल, रणदीप हुड्डा स्टारर हालिया रिलीज फिल्म ‘जाट’ मुश्किलों में घिरती दिख रही है। फिल्म पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है। जालंधर के थाना सदर में सनी देओल, रणदीप हुड्डा समेत टीम के अन्य सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
जालंधर के थाना सदर में ‘जाट’ फिल्म के अभिनेता सनी देओल, रणदीप हुड्डा, वीनित कुमार, निर्देशक गोपीचंद मलिनेनी, प्रोड्यूसर नवीन मलिनेनी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। फिल्म के सदस्यों पर मामला जालंधर के गांव फोलरीवाल निवासी विकल्फ गोल्ड के बयानों पर दर्ज हुआ है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 299 बीएनएस के तहत दर्ज किया गया है।
ईसाई समुदाय ने हाल ही में ‘जाट’ फिल्म में एक सीन को लेकर पुलिस कमिश्नरेट दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। समुदाय का आरोप है कि फिल्म के एक सीन में प्रभु यीशु और धर्म से जुड़ी पवित्र चीजों की बेअदबी की गई है, जिसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को मामला दर्ज करवाने की मांग के साथ पत्र सौंपा था। पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया कि ‘जाट’ मूवी में प्रभु यीशु मसीह के सलीब (लकड़ी का बना क्रॉस) वाले दृश्य की नकल करके ईसाईयों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है।
‘जाट’ का निर्देशन गोपीचंद मलिनेनी ने किया है। सनी देओल के साथ फिल्म में रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह, सैयामी खेर और रेजिना कैसंड्रा भी अहम भूमिकाओं में हैं। फिल्म में अभिनेता रणदीप हुड्डा खतरनाक खलनायक ‘रणतुंगा’ के किरदार में हैं। फिल्म में उर्वशी रौतेला का एक आइटम सॉन्ग ‘टच किया’ भी है।
हिंदी के साथ ही तमिल और तेलुगू में रिलीज हुई फिल्म ‘जाट’ का निर्माण मैत्री मूवी मेकर्स ने पीपल मीडिया फैक्ट्री के साथ मिलकर किया है।
10 अप्रैल को रिलीज हुई ‘जाट’ का बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन जारी है। फिल्म 60 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।
सफलता से उत्साहित निर्माताओं ने जाट 2 की घोषणा भी कर दी है। निर्माताओं ने बताया कि जाट 2 नए मिशन के साथ दर्शकों के सामने आएगी।
राजनीति
अखिलेश यादव ने जैन समाज को लेकर साधा भाजपा पर निशाना

लखनऊ, 18 अप्रैल। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जैन समाज को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों से उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि वर्तमान समय में देश में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप बनता जा रहा है। आज अल्पसंख्यक जैन समुदाय में भय, असुरक्षा और अनिश्चितता की जो भावना व्याप्त है, वह अत्यधिक चिंता का विषय है। जिसकी चर्चा, निंदा और आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रिया संपूर्ण विश्व में हो रही है।
उन्होंने लिखा कि शांतिप्रिय जैन समाज पर अचानक बढ़ते जा रहे हमलों की कड़ी में मध्य प्रदेश के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक मंदिर के प्रांगण में जैन मुनियों पर हुआ हिंसक हमला शारीरिक हमले की श्रेणी में आता है। जबलपुर में भाजपाई और उनके संगी-साथी के बीच लीक हुए टेलीफोनिक ऑडियो में जैनियों के बारे में की गई बेहद दुर्भावनापूर्ण-आपत्तिजनक टिप्पणियां एक वाचिक हमला रही और मुंबई में जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों, जिनवाणी व अन्य पूजनीय ग्रंथों और शास्त्रों का निर्वासन और निरादर बेहद गंभीर और घोर निंदनीय कुकृत्य की श्रेणी में आएगा।
अखिलेश यादव ने लिखा कि आखिर ये क्यों होता है कि जहां-जहां भी भाजपा सरकार हैं, वहां-वहां जैनियों के तीर्थस्थलों, मंदिरों, जिनालयों, चैत्यालयों, समाजसेवी संस्थानों और समाज के साथ ऐसी विद्वेषपूर्ण घटनाएं हो रही हैं। भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों की धार्मिक, सार्वजनिक, व्यापारिक-व्यावसायिक ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत संपत्तियों पर भी आंख गड़ाए बैठा है और जैनियों को अल्पसंख्यक ही मानकर उनसे उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा शासित गुजरात में ‘श्री गिरनार जी’ के मंदिर पर कब्जे का प्रकरण हो या फिर ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ पर केंद्र की भाजपा सरकार का आपत्तिजनक हस्तक्षेप। कुछ साल पहले भाजपा राज में ही उत्तर प्रदेश के बागपत-बड़ौत के एक जैन कॉलेज की वह घटना जिसमें जैनियों की पूज्य ‘श्रुतिदेवी’ की प्रतिमा स्थापित करने का उग्र विरोध भाजपाई संगी-साथियों ने किया था। मध्य प्रदेश के नीमच में एक बुजुर्ग जैन 65 वर्षीय ‘भंवरलाल जैन’ को भाजपा सत्ता समर्थित एक प्रभुत्वशाली व्यक्ति द्वारा थप्पड़ मार-मारकर मार डालने की वीभत्स घटना। ये सब कुछ जैन समुदाय के उत्पीड़न के ही मामले हैं।
सपा मुखिया ने कहा कि जैन समाज आज भाजपा से पूछ रहा है कि भाजपा की निगाह में हमारा महत्व क्या सिर्फ़ चंदा देने तक सीमित है, हमारे धर्म की और हमारी रक्षा कौन करेगा? जब हम दबाव डालते हैं तो हर बार बाद में माफ़ी मांगने का नाटक किया जाता है। मंदिर को दोबारा बनाने से मूर्तियों, पूजनीय पुस्तकों और जैन समाज-समुदाय का जो अपमान हुआ है, क्या वह वापस आएगा?
अखिलेश यादव ने जैन दर्शन की शिक्षा को अतुलनीय बताते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा की गई ऐसी हतोत्साहित करने वाली घटनाएं जैन समुदाय को चाहकर भी कमजोर नहीं कर पाएंगी, क्योंकि वह अल्पसंख्यक के रूप में उस 90 फीसदी जनसंख्या का हिस्सा हैं, जिनकी ‘पीडीए’ के समेकित रूप में रक्षा-सुरक्षा और एकजुटता का संकल्प हम सबने लिया है। इस कठिन समय में हम सब जैन समाज के साथ हैं। जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं।
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