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गूगल ने भारत में 30 समाचार प्रकाशकों के साथ लॉन्च किया न्यूज शोकेस
गूगल ने मंगलवार को भारत में 30 राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं स्थानीय समाचार संगठनों के साथ न्यूज शोकेस के लॉन्च की घोषणा की, जिसमें इंडो एशियन न्यूज सर्विस (आईएएनएस), एबीपी लाईव, इंडिया टीवी, जी न्यूज, अमर उजाला, डेक्कन हेरल्ड, पंजाब केसरी, द ट्रिब्यून, कलिंगा टीवी आदि शामिल हैं। ये समाचार संगठन लोगों को गुणवत्तापूर्ण पत्रकारिता का अनुभव प्रदान करने, समाचार संगठनों के स्थायित्व में योगदान तथा गूगल न्यूज इनीशिएटिव प्रोग्रामों के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे न्यूजरूम के पाठकों को कोविड-19 महामारी एवं इसके दायरे से बाहर की खबरें नए एवं रोचक तरीकों से जानने का मौका मिलेगा।
अंग्रेजी और हिंदी में भारतीय प्रकाशक साझेदारों का कंटेंट, शुरूआत में गूगल न्यूज एवं डिस्कवर पर समर्पित न्यूज शोकेस पैनलों पर पेश किया जाएगा। आने वाले समय में कई अन्य भाषाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा। प्रकाशकों के साथ लाइसेंसिंग समझौते के तहत गूगल, प्रतिभागी समाचार संगठनों को भुगतान भी करेगा, ताकि वे पाठकों को पेवाल्ॅड कंटेंट की सीमित मात्रा के लिए एक्सेस दे सकें।
इस फीचर के जरिए पाठकों को प्रकाशक के ज्यादा से ज्यादा लेख पढ़ने का मौका मिलेगा, अन्यथा वे इन लेखों को नहीं पढ़ पाते। इससे जहां एक ओर प्रकाशक एवं पाठक के बीच के संबंध मजबूत होंगे, वहीं दूसरी ओर वे सब्सक्राइब करने के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।
समाचार जगत को समर्थन प्रदान करने की इस पहल तथा गूगल न्यूज के विस्तार पर बात करते हुए संजय गुप्ता, वाईस प्रेजीडेन्ट, गूगल इंडिया ने कहा, “भारतीय समाचार उद्योग एवं पत्रकार ज्यादा से ज्यादा पाठकों को लुभाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, ताकि वे अपने कारोबार एवं रिपोर्टिंग को बेहतर बनाने के लिए डेटा-आधारित फैसले ले सकें। हमारी राय में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए बेहद जरूरी है कि वे पत्रकारों, न्यूज आउटलेट्स एवं समाचार संगठनों के साथ मिलकर काम करते हुए स्थायी, स्वतन्त्र एवं विविध समाचार प्रणाली के निर्माण में योगदान दें। हमें गर्व है कि इस मुश्किल समय में हम यह अनूठी पहल लेकर आए हैं। समाचार, हमारी समग्र प्रतिबद्धता एवं विशाल भारतीय समाचार प्रणाली का एक छोटा सा हिस्सा है। आज हम पत्रकारों के प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए गूगल न्यूज इनीशिएटिव का विस्तार भी कर रहे हैं। साथ ही 800 छोटे एवं मध्यम आकार के प्रकाशनों को समर्थन देने के लिए नए प्रोग्राम भी पेश करने जा रहे हैं, जिससे समाचार संगठनों के प्रशिक्षण, आर्थिक स्थायित्व तथा प्रोडक्ट इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।”
भारत में गूगल न्यूज शोकेस के लॉन्च पर बात करते हुए ब्राड बेंडर, वाईस प्रेजीडेन्ट, प्रोडक्ट, न्यूज, गूगल ने कहा, “आज का यह ऐलान चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच किया गया है, जबकि भारतीय दर्शक गहराते कोविड संकट के बीच सही खबरों एवं जानकारी की उम्मीद कर रहे हैं। समाचार संगठनों एवं पाठकों को समर्थन देने के लिए हम गूगल न्यूज शोकेस की यह पहल लेकर आए हैं। यह प्रोग्राम समाचार प्रकाशकों को गूगल न्यूज एवं डिस्कवर प्लेटफॉर्म्स पर उच्च गुणवत्ता का कंटेंट बनाने के लिए प्रेरित करेगा तथा पाठकों को उनकी आवश्यकतानुसार खबरें पढ़ने का मौका देगा।”
गूगल न्यूज इनीशिएटिव प्रोग्राम के तहत गूगल, देश भर में न्यूजरूम और पत्रकारिता स्कूलों में डिजिटल कौशल को सशक्त बनाने के लिए अपने कार्यों का विस्तार करेगा, जिसके लिए 50 हजार पत्रकारों एवं पत्रकारिता के छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए न्यूज लैब से सहयोग मिलेगा। ऐसे में यह प्रोग्राम ऑनलाईन गलत खबरों एवं रिपोटिर्ंग से निपटने में बेहद कारगर साबित होगा।
जीएनआई डिजिटल ग्रोथ प्रोग्राम के साथ गूगल, दर्शकों के विकास एवं प्रोडक्ट इनोवेशन में नई प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी पेश करेगा, ताकि समाचार संगठन दर्शकों की जरूरतों को पूरा कर सकें, उनके साथ अपने संबंधों को मजबूत बना सकें और पाठकों की सक्रियता को बढ़ा सकें। ये कार्यशालाएं भारतीय प्रकाशकों के लिए नि:शुल्क होंगी तथा समाचार संगठनों की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
गूगल,उत्पाद प्रशिक्षण सत्रों में भी निवेश करेगा तथा जीएनआई एडवरटाइजिंग लैब के साथ मिलकर 800 से अधिक छोटे एवं मध्यम आकार के भारतीय समाचार संगठनों के डिजिटल विज्ञापन राजस्व को बढ़ाने में योगदान देगा। साथ ही यह 20 स्थानीय छोटे एवं मध्यम आकार के भारतीय समाचार संगठनों के लिए व्यापक प्रोग्राम जीएनआई ट्रांसफोर्मेशन लैब का लॉन्च भी करेगा, ताकि वे अपने कारोबार के हर पहलु को बदल कर ऑनलाईन सफलता हासिल कर सकें।
भारतीय समाचार प्रकाशक अब 700 विश्वस्तरीय प्रकाशनों के साथ जुड़े हैं, जिन्होंने जर्मनी, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जापान, यूके, ऑस्ट्रेलिया, इटली और अर्जेन्टीना सहित एक दर्जन से अधिक देशों में गूगल न्यूज शोकेस के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके लिए कई अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है। इनमें से तकरीबन 90 फीसदी प्रकाशक दुनिया भर में स्थानीय, क्षेत्रीय और सामुदायिक खबरों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
गूगल न्यूज शोकेस प्रोग्राम के तहत गूगल के साथ साझेदारी करने वाले कई समाचार प्रकाशकों ने गूगल के प्रयासों और निवेश का स्वागत किया है, जिससे इस मुश्किल दौर में भारतीय समाचार उद्योग को प्रोत्साहन मिला है।
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Jio Airtel, Vi और BSNL यूजर्स के लिए जरूरी खबर, 1 नवंबर से बदल रहे नियम
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) स्पैम और फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए लगातार काम कर रहा है। कुछ दिन पहले ही नए टेलीकॉम नियम लागू हुए थे, जिन्हें फर्जी और स्पैम कॉल्स पर लगाम लगाने के मकसद से सरकारी संस्था लेकर आई थी। 1 नवंबर से दोबारा नए नियम लागू हो रहे हैं। जिसके बाद ऐसे कॉल्स पर और भी सख्ती हो जाएगी।
ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वह मैसेज ट्रेसबिलिटी (Massage Traceability) को लागू करें। हालांकि इसपर टेलीकॉम कंपनियों ने आपत्ति दर्ज कराई है और कहा कि ऐसा करने से उनका कामकाज प्रभावित होगा।
लागू होंगे नए नियम
एक नवंबर से नए टेलीकॉम लागू हो रहे हैं। जिनके मुताबिक सभी टेलीकॉम कंपनियों को मैसेज ट्रेसबिलिटी को लागू करना अनिवार्य होगा। ऐसा करने से फर्जी और स्पैम कॉल करने वालों को ट्रेस करने में आसानी होगी। TRAI ने साफतौर पर कहा कि बैंकों, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों और अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स की ओर से भेजे जाने वाले ट्रांजैक्शनल और सर्विस मैसेज की ट्रेसबिलिटी को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। ताकि कस्टमर्स के पास आने वाले स्पैम कॉल्स पर लगाम लग सके।
मैसेज ट्रेसबिलिटी क्या है?
मैसेज ट्रेसबिलिटी वह तरीका है, जिसकी मदद से फर्जी और फेक कॉल करने वालों को ट्रेस करने में आसानी होती है और कॉल आने से पहले ही उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता है। इसके आ जाने के बाद कॉल पहले से ज्यादा सिक्योर हो जाएगी और उनकी बेहतर तरीके से निगरानी की जा सकेगी। मैसेज ट्रेसबिलिटी नियम लागू हो जाने के बाद कई और भी चीजें हैं जो सही हो जाएंगी।
Jio-Airtel और Vi की बढ़ी टेंशन
ट्राई ने तो साफ कर दिया है कि एक नवंबर से नए टेलीकॉम नियम लागू हो रहे हैं, लेकिन इस पर सभी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मैसेज ट्रेसबिलिटी लागू होने से उनका काम मुश्किल हो जाएगा और इससे कई चीजें प्रभावित होंगी।एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने नए नियम लागू करने को लेकर ट्राई से कुछ वक्त मांगा है। टेलीकॉम कंपनियों ने कहा ”जल्दबाजी से इन नियमों को लागू करने के बजाय हम चाहते हैं कि इन्हें स्टेप बाय स्टेप लागू किया जाए।”ऐसा करने के पीछे टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि नए नियम का पालन करने के लिए कई टेलीमार्केटर्स और कई प्रमुख संस्थान तैयार नहीं हैं।
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MyBMC अलर्ट आवेदन के माध्यम से फील्ड कार्य की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा
वार्ड स्तर पर संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भवनों और कारखानों के संबंधित कार्यों के समन्वय और सुविधा में सहायता दी जाएगी।
आवेदन वर्तमान में पायलट आधार पर है, 1 अक्टूबर 2024 से पूर्णकालिक उपलब्ध है।
मोबाइल एप्लिकेशन बृहन्मुंबई नगर निगम के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित किया गया था।
बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा विभिन्न प्रशासनिक विभाग (वार्ड) स्तर पर रखरखाव, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भवन और कारखाना विभाग के संबंधित कार्यों को सुविधाजनक बनाने और नियंत्रित करने के उद्देश्य से फील्ड कार्य की वास्तविक स्थिति जानने के लिए MyBMC अलर्ट ऐप तैयार किया गया है। फिलहाल इस मोबाइल एप्लीकेशन को प्रायोगिक तौर पर लॉन्च किया गया है। 1 अक्टूबर 2024 से यह संबंधित कर्मचारियों के लिए पूर्णकालिक उपलब्ध होगा।
बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त एवं प्रशासक श्री. भूषण गगरानी के मार्गदर्शन के अनुसार, साथ ही अतिरिक्त नगर आयुक्त (शहर) डॉ. (श्रीमती) अश्विनी जोशी की अवधारणा, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने भौगोलिक सूचना प्रौद्योगिकी (जीआईएस) पर आधारित MyBMC अलर्ट एप्लिकेशन विकसित किया है।
बृहन्मुंबई नगर निगम के विभिन्न विभागों के कर्मचारी और अधिकारी नियमित रूप से फील्ड वर्क कर रहे हैं। MyBMC अलर्ट ऐप उनके द्वारा किए गए कार्यों में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और फील्ड संचालन के प्रबंधन में सुधार के उद्देश्य से बनाया गया है। इस एप्लिकेशन को नगर निगम के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित किया गया है।
इसके तहत विभिन्न प्रशासनिक विभाग (वार्ड) स्तर पर रखरखाव, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भवन और कारखाना विभागों के संचालन से संबंधित कर्मचारी और अधिकारी अपनी दैनिक गतिविधियों का विवरण फोटो के साथ रिकॉर्ड कर सकते हैं। उक्त कार्य पूरा होने के बाद संबंधित जानकारी एवं फोटो अपलोड कर कार्य पूरा होने को रिकार्ड भी कर सकते हैं। अत: चल रहे कार्य, उनके द्वारा पूर्ण किये गये कार्य तथा कार्य की वर्तमान स्थिति आदि की जानकारी पल भर में उपलब्ध हो जायेगी।
संबंधित विभागों के सहायक आयुक्त, मंडलों के उपायुक्त, अतिरिक्त नगर आयुक्त के साथ-साथ नगर आयुक्त भी वेब एप्लिकेशन और डैशबोर्ड के माध्यम से इस पूरी जानकारी और संचालन की समीक्षा कर सकेंगे।
फिलहाल यह मोबाइल एप्लिकेशन एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर और प्रायोगिक आधार पर लॉन्च किया गया है। जल्द ही इस एप्लीकेशन को iOS प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। नगर निगम प्रशासन की ओर से बताया जा रहा है कि यह 1 अक्टूबर 2024 से संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पूर्णकालिक रूप से उपलब्ध होगा।
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मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने एक्सक्लूसिव इलेक्ट्रिक कॉन्सेप्ट कार ‘प्रोजेक्ट मेबैक वर्जिल अबलोह’ का अनावरण किया।
मर्सिडीज-बेंज ने मुंबई में नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र में अपनी अभूतपूर्व इलेक्ट्रिक कॉन्सेप्ट कार, प्रोजेक्ट मेबैक वर्जिल अबलोह का अनावरण किया है। यह अनूठी शो कार, दिवंगत वर्जिल अबलोह और गॉर्डन वैगनर के बीच सहयोग से बनाई गई है, जो इलेक्ट्रिक यात्रा के भविष्य के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है।
प्रोजेक्ट मेबैक वर्जिल अबलोह को अक्टूबर 2024 तक नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र में प्रदर्शित किया जाएगा। यह कॉन्सेप्ट कार वर्जिल अबलोह के साहसिक दृष्टिकोण और अभिनव डिजाइन को प्रदर्शित करती है। यह विज़न मेबैक 6, कॉन्सेप्ट EQG और मर्सिडीज-बेंज AMG विज़न ग्रैन टूरिज्मो के बाद भारत में प्रदर्शित की जाने वाली चौथी कॉन्सेप्ट कार है।
प्रोजेक्ट मेबैक कॉन्सेप्ट कार, एक विशिष्ट रेतीले मोनोटोन बाहरी भाग में प्रदर्शित की गई है और एक रोल बार से सुसज्जित है, जो लक्जरी के साथ उच्च-दांव वाले रोमांच का मिश्रण है। अंदर, केबिन को एक मॉड्यूलर स्थान के रूप में डिज़ाइन किया गया है जो एक उच्च-स्तरीय होटल के कमरे जैसा दिखता है, जिसमें ऐसी सीटें हैं जो प्रथम श्रेणी के फ्लैटबेड में परिवर्तित हो जाती हैं। जैक्वार्ड हाउंडस्टूथ-फिनिश हेडरेस्ट को कंबल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, और स्मार्ट तरीके से डिज़ाइन किए गए डिब्बों में रीडिंग लाइट शामिल हैं। सीटें हटाने योग्य, सूटकेस शैली की हैं, और इन्हें प्रीमियम टेंट में इस्तेमाल किया जा सकता है।
2-सीट कॉन्फ़िगरेशन के साथ 6 मीटर की लंबाई वाली, प्रोजेक्ट मेबैक में ग्रैंड टूरर के अनुपात को मजबूत ऑफ-रोड टायरों के साथ जोड़ा गया है, जिससे यह मेबैक की परिष्कृत सुंदरता को बनाए रखते हुए विभिन्न इलाकों से निपटने में सक्षम है। कार का भविष्यवादी स्पर्श इसकी हेडलाइट्स, उभरी हुई टेललाइट्स और एक नए रूप में बनाई गई मर्सिडीज-मेबैक ग्रिल तक फैला हुआ है, जो सभी एक बड़े ग्लास पैनल के पीछे प्रदर्शित हैं।
प्रोजेक्ट मेबैक का अनावरण मूल रूप से 1 दिसंबर, 2021 को मियामी आर्ट वीक के दौरान किया गया था, जो गॉर्डन वैगनर और वर्जिल अबलोह के बीच दूसरे सहयोग को चिह्नित करता है। यह असाधारण वाहन अत्याधुनिक डिजाइन को विलासिता के लिए एक नए दृष्टिकोण के साथ जोड़ता है, जो असाधारण शिल्प कौशल और विवरण पर ध्यान केंद्रित करता है। महान आउटडोर की खोज की अवधारणा से प्रेरित, कार में डैशबोर्ड कंपास जैसी अभिनव विशेषताएं शामिल हैं, जो उच्च-स्तरीय कार्यक्षमता के साथ साहसिक कार्य को सहजता से मिश्रित करती हैं।
प्रोजेक्ट मेबैक उन्नत ऑफ-रोड क्षमताओं और विशिष्ट मेबैक लग्जरी पहचान का एक सहज मिश्रण प्रस्तुत करता है, जो हाई-एंड वाहनों के लिए एक नया मानक स्थापित करता है। यह कॉन्सेप्ट कार न केवल लग्जरी के भविष्य को प्रदर्शित करती है, बल्कि एक सदी पहले के नवाचारों को प्रतिध्वनित करते हुए ब्रांड की समृद्ध विरासत को भी दर्शाती है। प्रोजेक्ट मेबैक के डिजाइन ने सीमित-संस्करण वाली मर्सिडीज-मेबैक एस-क्लास को भी प्रेरित किया है, जिसे 2022 में लॉन्च किया गया था, जो लग्जरी ऑटोमोटिव दुनिया में इसके प्रभाव को और बढ़ाता है।
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