अपराध
डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपी की रिहाई पर पाक सुप्रीम कोर्ट की रोक

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने सिंध सरकार को 2002 के अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मुख्य आरोपी उमर शेख को रिहा करने से रोक दिया है, क्योंकि इसने दलीलों को सुनना शुरू किया, जिसमें प्रांतीय हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। डॉन न्यूज के मुताबिक, सिंध सरकार और साथ ही पर्ल के माता-पिता ने सिंध हाईकर्ट (एसएचसी) के 2 अप्रैल के आदेश के खिलाफ अलग-अलग अपील दायर की थी जिसमें शेख की मौत की सजा को 2 लाख पाकिस्तानी रुपया जुर्माने के साथ सात साल के कठोर कारावास की सजा में तब्दील कर दी गई थी।
पर्ल की हत्या के लिए आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद पहले ही 18 साल जेल में रह चुके शेख को हाईकोर्ट के फैसले के बाद रिहा किए जाने की उम्मीद थी क्योंकि उसकी सात साल की सजा को जेल में पहले ही बिता चुके समय से काउंट किया जाना था।
हालांकि, सिंध सरकार ने शेख और चार अन्य को हिरासत में लेने का आदेश जारी किया।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सोमवार की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति मुशीर आलम की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय न्यायाधीश बेंच ने बरी करने की दलीलों में सभी उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया।
कार्यवाही के दौरान, पर्ल के माता-पिता के वकील फैसल सिद्दीकी ने तर्क दिया कि शेख ने एसएचसी रजिस्ट्रार को एक पत्र लिखा था, लेकिन इसने पत्र में अपने ही इकबालिया बयान को नजरअंदाज कर दिया।
वकील ने कहा, “हम चाहते हैं कि ट्रायल कोर्ट के फैसले को फिर से बहाल किया जाए। सबूतों से पता चलता है कि अपहरण फिरौती के लिए था। साजिश के तत्व के बारे में अदालत का सवाल सही है।” उन्होंने कहा कि दो आरोपियों के इकबालिया बयानों ने हत्या की साजिश को साबित कर दिया।
न्यायमूर्ति अमीन ने शेख का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) के साथ-साथ शेड्यूल-बी पर रखने का सुझाव दिया, जो उन्हें अदालत में पेश होने के लिए बाध्य करेगा।
प्रारंभिक सुनवाई के लिए एसएचसी के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों को स्वीकार करते हुए अदालत ने सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख के तौर पर काम करने वाले पर्ल (38) का जनवरी 2002 में कराची में अपहरण किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई थी।
शेख को फरवरी 2002 में गिरफ्तार किया गया था।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
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