अंतरराष्ट्रीय
रिलायंस रिटेल में 7500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा सिल्वर लेक

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने बुधवार को घोषणा की है कि रिलायंस रिटेल वेन्चर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) में सिल्वर लेक 1.75 प्रतिशत की इक्विटी के लिए 7,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इस सौदे में रिलायंस रिटेल की प्री-मनी इक्विटी मूल्य 4.21 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश के बाद सिल्वर लेक अब रिलायंस रिटेल में भी निवेश कर रहा है। सिल्वर लेक को दुनिया में टेक्नॉलोजी सेक्टर के सबसे बड़े निवेशकों में माना जाता है। सिल्वर लेक का रिलायंस रिटेल में निवेश करना इस बात का साफ संकेत है कि रिलायंस रिटेल भारतीय रिटेल सेक्टर में बड़े खिलाड़ी के रूप में उभरा है। हाल ही में रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर ग्रुप का अधिग्रहण किया था।
सिल्वर लेक इससे पहले, 1.35 अरब डॉलर यानी करीब 10,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स में कर चुका है। रिलायंस रिटेल और जियो प्लेटफॉर्म्स का कुल वैल्यूएशन 9 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है।
देश के अनेकों शहरों में फैले रिलायंस रिटेल के 12 हजार से अधिक स्टोर्स में करीब 64 करोड़ का फुटफॉल प्रतिवर्ष है। रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी ने इस नेटवर्क से 3 करोड़ किराना स्टोर्स और 12 करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने हाल ही में जियोमार्ट को भी लॉन्च किया है जो ग्रोसरी सेक्टर का ऑनलाइन स्टोर है। जियोमार्ट पर हर दिन करीब 4 लाख ऑर्डर बुक हो रहे हैं।
सिल्वर लेक डील पर खुशी जाहिर करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “हमें खुशी है कि लाखों छोटे व्यापारियों के साथ साझेदारी करने के हमारे परिवर्तनकारी विचार से सिल्वर लेक अपने निवेश के माध्यम से जुड़ा है। भारतीय रिटेल सेक्टर में भारतीय उपभोक्ताओं को सही सर्विस मिले यही हमारा प्रयास है। हमारा मानना है कि प्रौद्योगिकी रिटेल क्षेत्र में जरूरी बदलाव लाने में महत्वपूर्ण साबित होगी और रिटेल इको सिस्टम से जुड़े सभी घटक एक बेहतर विकास प्लेटफार्मो का निर्माण कर सकेंगे। भारतीय रिटेल सेक्टर में हमारे विजन को आगे बढ़ाने में सिल्वर लेक महत्वपूर्ण भागीदार होगा।”
निवेश पर टिप्पणी करते हुए, सिल्वर लेक के सह-सीईओ और प्रबंध साझेदार, श्री एगॉन डरबन ने कहा, “मुकेश अंबानी और रिलायंस की टीम ने अपने प्रयासों से रिटेल और टेक्नॉलोजी सेक्टर में लीडरशिप हासिल की है। इतने कम समय में जियोमार्ट की सफलता, विशेषकर तब जबकि भारत बाकी दुनिया के साथ कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है, वास्तव में अभूतपूर्व है।”
अंतरराष्ट्रीय
हार्वर्ड ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर प्रतिबंध को लेकर ट्रंप प्रशासन पर दायर किया मुकदमा

वाशिंगटन, 24 मई। हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन पर दूसरी बार मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा ऐसे समय में किया गया है जब एक दिन पहले ही गृह सुरक्षा विभाग ने कहा था कि वह प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के नामांकन से रोक देगा।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एलन गार्बर ने शुक्रवार को हार्वर्ड समुदाय के सदस्यों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘यह निरस्तीकरण हार्वर्ड के खिलाफ हमारे द्वारा अपनी अकादमिक स्वतंत्रता को त्यागने से इनकार करने तथा हमारे पाठ्यक्रम, हमारे संकाय और हमारे छात्र निकाय पर संघीय सरकार के अवैध नियंत्रण के आगे झुकने के लिए सरकार की जवाबी कार्रवाई की श्रृंखला को आगे बढ़ाता है।”
गार्बर ने कहा, “हम इस गैरकानूनी और अनुचित कार्रवाई की निंदा करते हैं। यह हार्वर्ड के हजारों छात्रों और विद्वानों के भविष्य को खतरे में डालता है और देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले उन अनगिनत लोगों के लिए चेतावनी है जो अपनी शिक्षा प्राप्त करने और अपने सपने पूरे करने के लिए अमेरिका आए हैं।”
हार्वर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अभी शिकायत दर्ज की है और एक अस्थायी निरोधक आदेश के लिए प्रस्ताव भी दायर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जब हम कानूनी उपायों की तलाश करेंगे, तो हम अपने छात्रों और विद्वानों का समर्थन करने के लिए अपनी पूरी शक्ति से काम करेंगे।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने गुरुवार को इस निर्णय की घोषणा की।
नोएम ने एक बयान में कहा, “इसे देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को नामांकित करना एक विशेषाधिकार है अधिकार नहीं और हार्वर्ड द्वारा संघीय कानून का पालन करने में बार-बार विफल रहने के कारण यह विशेषाधिकार रद्द कर दिया गया है।”
सचिव ने कहा कि भावी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के नामांकन पर रोक लगाने के अलावा, “मौजूदा विदेशी छात्रों को स्थानांतरित होना होगा, अन्यथा उन्हें अपना कानूनी दर्जा खोना होगा।”
11 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने हार्वर्ड को एक पत्र भेजा, जिसमें मांग की गई कि विश्वविद्यालय सार्थक प्रशासनिक सुधार और पुनर्गठन करे।
प्रशासन की मुख्य मांगों में परिसर में यहूदी विरोधी भावना को समाप्त करना तथा कुछ अल्पसंख्यक समूहों को लाभ पहुंचाने वाली विविधता पहलों को समाप्त करना शामिल है।
14 अप्रैल को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अपने प्रशासन, नियुक्ति और प्रवेश प्रक्रियाओं में व्यापक परिवर्तन करने की ट्रंप प्रशासन की मांग को अस्वीकार कर दिया।
इसके कुछ ही घंटों बाद, ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बहु-वर्षीय अनुदान और 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बहु-वर्षीय अनुबंध मूल्य पर रोक लगाने की घोषणा की।
16 अप्रैल को नोएम ने मांग की कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय 30 अप्रैल तक विदेशी छात्र वीजा धारकों की अवैध और हिंसक गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा करे, अन्यथा उसे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने का अधिकार खोने का जोखिम उठाना पड़ेगा।
21 अप्रैल को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने कहा कि उसने ट्रंप प्रशासन के वित्त पोषण पर रोक के खिलाफ संघीय मुकदमा दायर किया है, तथा इस कार्रवाई को गैरकानूनी और सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है।
व्यापार
वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स के चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में 64 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

मुंबई, 23 मई। वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स लिमिटेड ने शुक्रवार को जानकारी दी कि कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 130.42 करोड़ रुपए की तुलना में सालाना आधार पर 64.63 प्रतिशत घटकर 46.14 करोड़ रुपए रह गया।
कंपनी की स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया गया है कि शुद्ध लाभ तिमाही आधार पर 31.55 प्रतिशत कम हुआ, जो कि पिछली तिमाही में 67.41 करोड़ रुपए था।
तिमाही के लिए राजस्व में 3 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई, जो एक साल पहले की अवधि में 1,070 करोड़ रुपए से घटकर 1,041 करोड़ रुपए रह गया।
इसी तरह, इसी अवधि के दौरान कंपनी की कुल आय लगभग 3.76 प्रतिशत घटकर 1,086.12 करोड़ रुपए रह गई, जबकि एक साल पहले यह 1,128.61 करोड़ रुपए था।
इसके अलावा, कुल व्यय लगभग 7.85 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 1,030 करोड़ रुपए हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 955.03 करोड़ रुपए था।
इस व्यय वृद्धि में एक प्रमुख योगदान उपभोग की गई सामग्री की लागत का था, जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के 521.9 करोड़ रुपए से 26 प्रतिशत बढ़कर 657.99 करोड़ रुपए हो गई।
हालांकि, एम्प्लॉई बेनेफिट्स एक्सपेंस में लगभग 8.23 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो पिछले वर्ष की तिमाही में 102.28 करोड़ रुपए से घटकर 93.87 करोड़ रुपए हो गया।
इस बीच, वित्त लागत दोगुनी से भी अधिक हो गई, जो कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 5.57 करोड़ रुपए की तुलना में 131.42 प्रतिशत बढ़कर 12.89 करोड़ रुपए हो गई।
कंपनी के ईबीआईटीडीए में भी गिरावट दर्ज की गई, जो कि पिछले वित्त वर्ष के 169.6 करोड़ रुपए से 52.4 प्रतिशत गिरकर 80.8 करोड़ रुपए हो गई।
मार्जिन पर भारी असर पड़ा, जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 15.9 प्रतिशत की तुलना में 810 आधार अंकों की गिरावट के साथ 7.8 प्रतिशत पर आ गया।
इन चुनौतियों के बावजूद, कंपनी के बोर्ड ने 2 रुपए अंकित मूल्य वाले प्रति इक्विटी शेयर पर 5 रुपए का लाभांश देने की सिफारिश की।
250 प्रतिशत की यह लाभांश दर 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए है और आगामी वार्षिक आम बैठक (एनुअल जनरल मीटिंग) में शेयरधारकों के अप्रूवल के अधीन है।
आय की घोषणा के बाद वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स लिमिटेड के शेयर 2 प्रतिशत गिरकर 467.80 रुपए प्रति शेयर पर आ गए।
इस साल अब तक शेयर में 15 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
व्यापार
केंद्र सरकार ने सीसीटीवी सॉल्यूशन पर राष्ट्रीय हैकाथॉन की घोषणा की

नई दिल्ली, 23 मई। गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) ने एनसीआरबी और साइबरपीस फाउंडेशन के सहयोग से कानून प्रवर्तन के लिए सीसीटीवी सॉल्यूशन पर राष्ट्रीय हैकाथॉन आयोजित करने की घोषणा की।
इस हैकाथॉन को इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स और रिसर्च इंस्टीट्यूट को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि वे भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी, सिक्योर, स्केलेबल और लागत-प्रभावी सीसीटीवी सॉल्यूशन विकसित करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीपीआरएंडडी अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ साइबर-सुरक्षित भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बीपीआरएंडडी का उद्देश्य घरेलू तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देना है जो न केवल परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
हैकाथॉन के हिस्से के रूप में सीसीटीवी इनोवेशन के प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए चार प्रॉब्लम स्टेटमेंट रिलीज किए गए हैं। पहला; सुरक्षित और स्वदेशी सीसीटीवी हार्डवेयर और सिस्टम का विकास, दूसरा; आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट वीडियो एनालिटिक्स का इंटीग्रेशन, तीसरा; सीसीटीवी नेटवर्क में साइबर सिक्योरिटी को मजबूत बनाना, चौथा; किफायती और कुशल निगरानी सॉल्यूशन को डिजाइन करना।
हैकाथॉन का ग्रैंड फिनाले जून 2025 के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा, जहां टॉप तीन एंट्री को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
इसके अलावा, असाधारण और रचनात्मकता का प्रदर्शन करने वाली चुनिंदा एंट्रीज को पांच सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे। टॉप एंट्री को 5 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि दूसरी और तीसरी एंट्री को क्रमशः 3 लाख रुपए और 1 लाख रुपए मिलेंगे।
हैकाथॉन एनसीआरबी की सहायता से आयोजित किया जा रहा है और साइबरपीस फाउंडेशन द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
हैकाथॉन से प्राप्त विजयी समाधानों से पुलिसिंग में पारदर्शिता, जवाबदेही और परिचालन दक्षता बढ़ाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाने की उम्मीद है।
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