अपराध
भिवंडी में राशन दुकान के मालिक धोखाधड़ी के कारण खाद्यान्न उपभोक्ता अनाज प्राप्त करने से वंचित

अनाज के भंडार के बावजूद नौ स्टाक कहे कर काला बाजारी। जनता में गुस्से की लहर। दुकान मालिक ने कहा। महेश चोगले के साथ बैठकें हो चुकी हैं। मेरा कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता।
एक तरफ पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है। दूसरी ओर, लॉकडाउन से पीड़ित लोग भ्रष्टाचार को लेकर चिंतित हैं। कोरोना संकट में जहां केंद्र सरकार ने राशन की दुकानों से राशन कार्ड धारकों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण की घोषणा की थी। यह घोषणा भी गलत साबित हो रही हैहो रही है क्योंकि भ्रष्ट राशन दुकान के मालिक धोखाधड़ी करके कालाबाजारी कर रहे हैं। जब के दुकान में अनाज के भंडार में लगे हुए हैं। शहर के गयबी नगर परिसर में भारत ग्रीन स्टोर नंबर 37F, MUM 114 हाउस नंबर 603 के मालिक आसिफ़ के खिलाफ जनता का गुस्सा उस वक्त फुट पड़ा जब राशन की दुकान में अनाज की मौजूदगी के बावजूद उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 3 सितंबर को, शांतिनगर की कुछ महिलाएं अनाज लेने के लिए दुकान पर पहुंचीं। दुकान के मालिक आसिफ ने उन्हें बताया कि दो महीने से अनाज का कोटा नहीं आ रहा है। दुकान में अनाज के स्टॉक के बारे में, उसका कहना है कि यह सितंबर का कोटा है। अगस्त का नहीं आया है। अब सवाल उठता है कि जब अगस्त का कोटा नहीं आया, तो सितंबर का कैसे आ गया? शांति नगर से आई महिलाएं दुकानदार की चापलूसी भरे शब्दों को सून कर और धांधली देखकर हैरान रह गईं। क्योंकि स्टोर और गोदाम अनाज के भंडार से भरा था। तुरंत ही, इन महिलाओं ने अपने मोबाइल फोन से तस्वीर ली और वीडियो बना कर ” मुंबई प्रेस” के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की।
महिलाओं ने मुंबई प्रेस को बताया कि दुकान के मालिक दाल ब्लैक में बेच देेेेता है। इसके अलावा, कभी उस मशीन रहती है, तो कभी यह खुद गायब रहता है, और अक्सर अनाजकका भंडार होने के बावजूद खाली हाथ लौटा दिया जाता है के कोटा नहीं आया। सस्ते अनाज के चक्कर में यह अनाज महंगा पड रहा है क्योंकि महीने में 2, 3 राउंड लगाने पर उस से डबल ऑटो रिक्शा में खर्च हो जाता है। दुकानदार कहता है कि अब कार्ड ऑनलाइन हो गयाा हैं। बिलाल नगर की राशन की दुकान में लड़ो । ये महिलाएं वीडियो बना रही थीं। उस समय, दुकान के मालिक आसिफ ने उन्हें वीडियो बनााता कहा मुझे कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मेरी महेश चोगल के साथ बैठक हुई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या पश्चिमी क्षेत्र के भाजपा विधायक महेश चोगले इस काला बाजारी में राशन दुकान मालिक की मदद तो नही कर रहे हैं। क्योंकि भिवंडी पूर्व विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी विधायक रईस शेख हैं।
अपराध
मुंबई अपराध: फर्जी नौकरी रैकेट चलाने और सरकारी पदों का वादा कर 18 उम्मीदवारों को ठगने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 6 ने एक नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग पुलिस कांस्टेबल और एक राजनेता के बॉडीगार्ड बनकर रेलवे, आयकर विभाग और मंत्रालय में सरकारी नौकरी दिलाने का वादा करके कई लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान विशाल कांबले (38) और साहिल गायकवाड़ (20) के रूप में हुई है, जो दोनों चेंबूर के माहुल गाँव के निवासी हैं।
पुलिस के मुताबिक, दोनों ने सरकारी नौकरी दिलाने का झूठा वादा करके लगभग 18 लोगों से मोटी रकम ठगी की। उन्होंने पदों के लिए तय दरें तय कर रखी थीं—आयकर विभाग की नौकरी के लिए 17 लाख रुपये, रेलवे की नौकरी के लिए 10 लाख रुपये, और राज्य मंत्रालय में पोस्टिंग के लिए अलग से दरें।
मामला तब सामने आया जब माहुल निवासी राजश्री लाजरस (42) ने शिकायत दर्ज कराई कि कांबले ने आयकर विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे ₹8 लाख लिए। इसमें से उसने ₹3.25 लाख लौटा दिए, लेकिन वादा की गई नौकरी नहीं दिलाई और ₹4.75 लाख की ठगी की।
कांबले ने बड़ी सावधानी से अपनी फर्जी पहचान बनाई थी। वह अक्सर पुलिस कांस्टेबल बनकर किसी वरिष्ठ नेता का अंगरक्षक होने का दावा करता था। उसके पास उस नेता के साथ तस्वीरें, एक फर्जी पहचान पत्र और उस नेता के नाम वाले लेटरहेड भी थे, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया।
छापे के दौरान, पुलिस ने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जिनमें राजनेता आदित्य ठाकरे के साथ कांबले की एक तस्वीर की फोटोकॉपी, मुंबई आयकर आयुक्त के नाम की मुहर लगे दस्तावेज, रोशन लाजरस के नाम वाली एक फर्जी रीज्वाइनिंग सूची और मुंबई के आयकर उपायुक्त की मुहर वाले अन्य जाली कागजात शामिल थे।
दोनों आरोपियों को एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 8 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने नागरिकों से ऐसे नौकरी रैकेट से सावधान रहने और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से सरकारी नौकरी के सभी प्रस्तावों की जांच करने का आग्रह किया है।
अपराध
ठाणे अपराध: आबकारी विभाग ने 1.56 करोड़ रुपये की शराब जब्त की, चालक गिरफ्तार

ठाणे: ठाणे में राज्य आबकारी विभाग ने बुधवार को गोवा में निर्मित 1,400 पेटी भारतीय विदेशी शराब और ₹1.56 करोड़ मूल्य की एक गाड़ी जब्त की और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान पेशे से ड्राइवर मोहम्मद समशाद सलमानी के रूप में हुई है।
एक गुप्त सूचना के आधार पर, आबकारी दस्ते ने एक संदिग्ध टेंपो को रोका और जाँच के दौरान शराब के कार्टन बरामद किए। वाहन सहित ज़ब्त की गई खेप की कुल कीमत ₹1,56,63,800 आंकी गई है।
सलमानी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ मद्य निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कमिश्नर डॉ. राजेश देशमुख की देखरेख में इंस्पेक्टर महेश प्रकाश धनशेट्टी और उनकी टीम ने यह कार्रवाई की। टेम्पो और शराब की पेटियाँ दोनों जब्त कर ली गई हैं और अधीक्षक प्रवीण तांबे के मार्गदर्शन में आगे की जाँच जारी है।
अपराध
झारखंड हाईकोर्ट से जमानत के बाद भारत से फरार हुआ नाइजीरिया का साइबर क्रिमिनल, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

suprim court
रांची/नई दिल्ली, 3 सितंबर। झारखंड में साइबर फ्रॉड की बड़ी वारदात का आरोपी एक नाइजीरियाई नागरिक हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भारत छोड़कर भाग गया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मामले में झारखंड सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि भारत में आपराधिक वारदात अंजाम देने वाले विदेशी नागरिक अक्सर अदालत से बेल मिलने के बाद देश छोड़कर भाग जाते हैं।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने झारखंड सरकार की याचिका पर नाइजीरियाई नागरिक की जमानत रद्द कर दी। हालांकि नाइजीरिया के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने की वजह से भारत सरकार ने उसे फिलहाल वापस लाने में असमर्थता जताई है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निष्पादित करते हुए केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह ऐसे कदम उठाए कि भारत में अपराध के आरोपी विदेशी नागरिक बेल मिलने के बाद भागकर मुकदमे से बच न सकें।
न्यायालय ने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली की अखंडता बनाए रखने के लिए जरूरी है। नाइजीरियाई नागरिक को झारखंड पुलिस ने 2019 में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 120बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत गिरफ्तार किया था। उसपर गिरिडीह निवासी कारोबारी निर्मल झुनझुनवाला से साइबर फ्रॉड के जरिए 80 लाख रुपए की ठगी का आरोप था।
गिरफ्तारी के बाद दो साल से अधिक समय तक वह झारखंड की जेल में रहा। झारखंड हाईकोर्ट ने 13 मई, 2022 को उसे जमानत दी थी, लेकिन वह जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर नाइजीरिया भाग गया। इसके बाद राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से उसकी बेल रद्द करने का आवेदन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बढ़ती प्रवृत्ति पर पहले भी नवंबर 2024 में चिंता जताई थी कि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में विदेशी नागरिक जमानत मिलने के बाद देश छोड़ देते हैं। न्यायालय ने कहा कि स्पष्ट कानूनी प्रक्रिया या नीति के अभाव में भारतीय प्राधिकरण असहाय रहते हैं, खासकर उन देशों में जहां भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
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