राष्ट्रीय
त्योहारी सीजन के दौरान साइबर जोखिम के कारण 77 प्रतिशत भारतीय संगठनों को डाउनटाइम का सामना करना पड़ा

पिछले 18 महीनों में चरम उत्सव के मौसम के दौरान भारत में 77 प्रतिशत संगठनों ने साइबर सुरक्षा जोखिम के कारण डाउनटाइम का अनुभव किया, जबकि 81 प्रतिशत वैश्विक संगठनों ने कोविड-19 के दौरान साइबर खतरों में वृद्धि का अनुभव किया। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
मैकएफी एंटरप्राइसेज और फायआई की रिपोर्ट ‘साइबरक्राइम इन ए पांडेमिक वल्र्ड : द इम्पैक्ट ऑफ कोविड-19’ शीर्षक के अनुसार, शीर्ष तीन सबसे खतरनाक साइबर जोखिमों का पता चला है जो मैलवेयर हमले (47 प्रतिशत), डेटा उल्लंघनों (43 प्रतिशत) हैं। रैंसमवेयर और क्लाउड जैकिंग (33 प्रतिशत प्रत्येक), 30 प्रतिशत से अधिक आईटी पेशेवरों ने भी अपने ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ उपकरणों में कमजोरियों का अनुभव किया।
मैकएफी एंटरप्राइसेज इंडिया के इंजीनियरिंग और प्रबंध निदेशक के उपाध्यक्ष वेंकट कृष्णपुर ने एक बयान में कहा, “छुट्टियों के मौसम में भारत में साइबर हमले बढ़ते हैं क्योंकि हम ऑनलाइन अधिक समय बिताते हैं और अक्सर अपने गार्ड की अनदेखी करते हैं। इसका लाभ उठाते हुए, शतिर लोग व्यवसायों को लक्षित करने के लिए नई तकनीकों और परिष्कृत साधनों को अपनाते हैं, जब वे सबसे कमजोर होते हैं।”
भारत में आईटी पेशेवरों के अनुसार, साइबर अपराधों के लिए छुट्टियां सबसे चुनौतीपूर्ण पीक अवधि रही हैं जबकि उनमें से 52 प्रतिशत ने दिवाली, रमजान, क्रिसमस जैसे उत्सव की छुट्टियों को चरम अवधि के रूप में दर्शाया है; उनमें से 32 प्रतिशत ने बैंक की छुट्टियों पर और 12 प्रतिशत ने स्कूलों और कॉलेजों में गर्मी की छुट्टियों पर ध्यान दिया।
इन चरम अवधियों के दौरान, उनमें से 91 प्रतिशत पूरी तरह से कर्मचारियों की सुरक्षा टीम/एसओसी को बनाए रखना और भी चुनौतीपूर्ण पाते हैं क्योंकि हाइब्रिड वर्क मॉडल को अपनाने के साथ, उनमें से 59 प्रतिशत उम्मीद करते हैं कि उनके संगठनों के कर्मचारियों का आधा या अधिक कार्यबल दूर हो जाएगा।
जैसा कि भारत में छुट्टियों और त्योहारों का मौसम पहले ही शुरू हो चुका है, 91 प्रतिशत आईटी पेशेवर अपने उत्पादों और सेवाओं की बढ़ती मांग से मध्यम या यहां तक कि पर्याप्त प्रभाव की उम्मीद करते हैं। अधिकांश संगठनों ने क्लाउड सुरक्षा (82 प्रतिशत), उन्नत खतरे से सुरक्षा (66 प्रतिशत), सुरक्षा संचालन केंद्र (54 प्रतिशत), मोबाइल सुरक्षा (48 प्रतिशत) और समापन बिंदु सुरक्षा (48 प्रतिशत) में निवेश किया है।
इसके अलावा, अतिरिक्त सुरक्षा सावधानी बरतने के लिए, 69 प्रतिशत संगठन नए सॉफ्टवेयर समाधान लागू कर रहे हैं, 68 प्रतिशत आंतरिक आईटी से संबंधित संचार को मजबूत कर रहे हैं, 62 प्रतिशत अपने सॉफ्टवेयर अपडेट बढ़ा रहे हैं और उनमें से 61 प्रतिशत अपने कर्मचारी प्रशिक्षण की शूटिंग कर रहे हैं।
अपराध
पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई: बटाला में आईएसआई समर्थित आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़

चंडीगढ़, 20 मई। पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बटाला पुलिस ने छह आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जो आईएसआई के निर्देश पर काम कर रहे थे। ये आतंकी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े हुए थे और इनका मास्टरमाइंड मनिंदर बिल्ला और मन्नू अगवान था।
बटाला पुलिस ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर दी है।
पुलिस के एक्स हैंडल के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकियों की पहचान जतिन कुमार उर्फ रोहन, बरिंदर सिंह उर्फ साजन, राहुल मसीह, अब्राहम उर्फ रोहित, सोहित और सुनील कुमार के रूप में हुई है। इनके पास से एक 30 बोर पिस्तौल बरामद हुई है।
पुलिस ने बताया कि ये आतंकी बटाला में एक शराब की दुकान पर ग्रेनेड हमला करने की कोशिश कर चुके थे। गिरफ्तार आतंकियों को पुर्तगाल स्थित मनिंदर बिल्ला और बीकेआई मास्टरमाइंड मन्नू अगवान से सीधे निर्देश मिल रहे थे। मन्नू अगवान ने हाल ही में अमेरिका में हैप्पी पासियन की गिरफ्तारी के बाद ऑपरेशनल चार्ज संभाला था।
गिरफ्तार आतंकियों में से एक जतिन कुमार पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया। उसने पुलिस पर गोलियां चलाईं और जवाबी कार्रवाई में घायल हो गया। उसे सिविल अस्पताल बटाला में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने इस मामले में बीएनएस और यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे राज्य में आतंकी नेटवर्क को बेअसर करने और शांति और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस कार्रवाई के बाद पुलिस आतंकी नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर आतंकवाद को पनपने नहीं देंगे और राज्य की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
राष्ट्रीय
राष्ट्रपति मुर्मू आज सबरीमाला मंदिर में करेंगी पूजा-अर्चना, भक्तों के लिए रहेगा बंद

नई दिल्ली, 19 मई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को केरल के सबरीमाला श्री अय्यप्पा मंदिर में दर्शन करेंगी। वे इस पवित्र मंदिर में पूजा करने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी।
राष्ट्रपति की यह ऐतिहासिक यात्रा देश के सबसे प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक मंदिर के इतिहास में एक बड़ा माइलस्टोन है।
मंदिर का प्रबंधन करने वाली त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) ने राष्ट्रपति की यात्रा की पुष्टि की है और इसे एक महत्वपूर्ण अवसर बताया है। राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा केरल के दो दिवसीय दौरे का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति पंपा बेस कैंप पहुंचेंगी, जहां से वे पारंपरिक भक्तों की तरह 4.25 किमी की चढ़ाई पैदल तय कर सकती हैं या आपातकालीन सड़क के माध्यम से वाहन में मंदिर पहुंच सकती हैं। हालांकि, उनकी यात्रा को लेकर अंतिम फैसला स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) लेगा, जो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है।
14 मई को मलयालम महीने एडवम से जुड़े मासिक अनुष्ठानों के लिए खोला गया मंदिर, उनकी यात्रा के समय के आसपास इन अनुष्ठानों का समापन करेगा।
मंदिर में बढ़ी हुई सुरक्षा के मद्देनजर अधिकारियों ने 18 और 19 मई को प्रतिबंध लागू किए हैं। भक्तों का प्रवेश अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा और उन दिनों के लिए वर्चुअल क्यू टिकट प्रणाली को निलंबित कर दिया गया है।
केरल के पथानामथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट में स्थित सबरीमाला भारत के सबसे पवित्र और सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों भक्त आते हैं।
3,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबरीमाला में पारंपरिक रूप से तीर्थयात्रियों को 41 दिनों के व्रत से गुजरना पड़ता है, जिसके बाद पंपा नदी के तट से नंगे पैर चढ़ाई करनी होती है।
इससे पहले राष्ट्रपित द्रोपदी मुर्मू ने सोलापुर आग हादसे में हताहत हुए लोगों और उनके परिजनों के लिए संवेदनाएं व्यक्त की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, “सोलापुर, महाराष्ट्र में एक फैक्ट्री में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु होने का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
राष्ट्रीय
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में हथियार और गोला-बारूद के साथ आतंकी गतिविधियों से जुड़े दो लोग को गिरफ्तार किया गया

श्रीनगर, 19 मई। जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकी गतिविधियों से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। उनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।
शोपियां जिले की पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बताया, “आतंकवाद के खिलाफ एक उल्लेखनीय अभियान में एसओजी शोपियां, सीआरपीएफ 178 बीएन और 34 आरआर के संयुक्त टीम ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। उनकी तलाशी लेने पर 4 हथगोले, 2 पिस्तौल, 43 जिंदा कारतूस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। दोनों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई।”
संयुक्त बलों ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) और उनके समर्थकों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है।
ये ऑपरेशन सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जाते हैं। पिछले सप्ताह शोपियां और पुलवामा जिलों में दो लगातार अभियानों में छह आतंकवादी मारे गए थे। मारे गए आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का ऑपरेशनल कमांडर भी शामिल था।
22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने पहलगाम में एक स्थानीय नागरिक सहित 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
इस आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान-पीओके में घुसकर एयर स्ट्राइक की थी और आतंकियों के 9 ठिकानों का ध्वस्त किया था। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया। पाक की ओर से जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर अंधाधुंध मोर्टार गोलाबारी की गई।
पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी से कई घरों और दुकानों को नुकसान हुआ। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से हो रहे हमलों का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। आखिरकार, भारत के सामने पाकिस्तान को झुकना पड़ा और सीजफायर की पहल की।
12 मई को भारत-पाक के बीच सीजफायर हुआ। हालांकि, पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया। लेकिन, सीमा पर कुछ दिनों से शांति है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सीजफायर तभी तक कायम रहेगा जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगा लेता।
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