अपराध
उत्तर प्रदेश सचिवालय में धोखाधड़ी के लिए 7 हिरासत में लिए गए

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को फर्जी टेंडर के माध्यम से धोखाधड़ी कर लोगों से पैसे एंठने के आरोप में राज्य मंत्री के निजी सचिव सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि विधानसभा सचिवालय के कुछ पत्रकारों और कर्मचारियों सहित 14 लोग इंदौर के पशुपालन विभाग के आवेदक मंजीत सिंह भाटिया के साथ टेंडर के माध्यम से धोखाधड़ी कर उनसे भारी रकम ऐंठने के प्रयास किए।
भाटिया को कथित तौर पर 9.72 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया।
सिंह ने कहा कि इस मामले के संबंध में और भी खुलासे किए जाएंगे व कई और लोग गिरफ्तार होंगे।
ये आरोपी सचिवालय का लाभ उठा रहे थे। इनके द्वारा कार्यालय के एक कमरे का भी उपयोग किया जाता था, जिससे लोगों को यह विश्वास करने में आसानी हो कि ये सरकारी ठेके देने में सक्षम हैं।
एएसपी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान रजनीश दीक्षित के रूप में हुई है, जो राज्य मंत्री के निजी सचिव हैं, एक संविदा वर्ग चार के कर्मचारी धीरज कुमार देव, आशीष राय और ए.के. राजीव उर्फ अखिलेश कुमार (जो एक पत्रकार होने का दावा करते हैं)।
इसके बाद रविवार की रात को अनिल राय, रूपक राय और उमा शंकर तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि आशीष राय सहित इन लोगों के घरों से कुल 28.32 लाख रुपये भी बरामद किए गए।
उन्होंने सात और लोगों के भी नाम बताए, जो पशुपालन विभाग के इन अधिकारियों के साथ मिलकर इस काम से जुड़े हुए थे। इनमें अरुण राय, मोंटी गुर्जर, संतोष मिश्रा, अमित मिश्रा, दिल बहार सिंह यादव और होमगार्ड रघुबीर यादव और ड्राइवर विजय कुमार शामिल हैं।
एएसपी ने मामले के बारे में अधिक जानकारी देते हुए आगे बताया कि एसटीएफ मंजीत सिंह भाटिया की शिकायत पर एसटीएफ पिछले कुछ हफ्तों से मामले की जांच कर रही थी और इस दौरान यह पता चला कि विधान सभा सचिवालय के एक कमरे में आशीष राय ने पशुपालन विभाग के उप निदेशक के रूप में भाटिया से मुलाकात की थी।
एसटीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि होमगार्ड और ड्राइवर और अन्य स्टाफ ने शिकायत कर्ता को गुमराह करने में आशीष राय की मदद की और टेंडर दिलाने के वादे के साथ मंजीत से 9.72 करोड़ रुपये लिए।
अधिकारी ने आगे कहा कि जब उसने अपने पैसे वापस मांगे, तो इन्होंने उसे धमकाने की भी कोशिश की। भाटिका को इस मामले में धमकाने के लिए इन्होंने आजमगढ़ के एक क्रिमिनल की मदद ली।
शनिवार रात को आरोपियों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात, प्रतिरूपण और आपराधिक साजिश के आरोपों के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अपराध
नोएडा : एक ही दिन में एक ही गांव के दो युवकों ने की आत्महत्या

नोएडा, 14 जून। नोएडा के थाना सेक्टर-20 क्षेत्र के निठारी इलाके में शुक्रवार को आत्महत्या की दो अलग-अलग घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।
दोनों ही मामलों में युवकों ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस ने दोनों घटनाओं में जांच शुरू कर दी है। पहली घटना में अजय नामक 23 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली।
अजय मूल रूप से बुलंदशहर जिले के तोल बिजरू गांव का रहने वाला था। वह वर्तमान में निठारी गांव की गली नंबर 4 में किराए पर रह रहा था। वह पेशे से डिलीवरी बॉय के रूप में कार्यरत था। अजय ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, थाना सेक्टर-20 की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है।
पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर किसी तरह की कोई अप्राकृतिक गतिविधि नहीं पाई गई और स्थिति सामान्य बनी हुई है।
दूसरी घटना में राहुल शर्मा नामक 30 वर्षीय युवक ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। राहुल निठारी की गली नंबर 7 का निवासी था। उसने कथित रूप से पारिवारिक कलह के चलते यह कदम उठाया।
पुलिस को जैसे ही सूचना प्राप्त हुई, वह तत्काल मौके पर पहुंची और जांच की। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की वजह पारिवारिक तनाव मानी जा रही है। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने दोनों ही मामलों में किसी भी प्रकार की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका से इनकार किया है। घटनास्थलों पर किसी प्रकार की हिंसा या झगड़े के कोई संकेत नहीं मिले हैं। फिलहाल दोनों ही मामलों में विस्तृत जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
अपराध
बिहार : तेज रफ्तार वाहन ने पुलिसकर्मियों को मारी टक्कर, ड्राइवर फरार

पटना, 12 जून। बिहार की राजधानी पटना में बुधवार देर रात को श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस हादसे के बारे में एसएसपी अवकाश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक तेज रफ्तार वाहन ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए पुलिस पर ही गाड़ी चढ़ा दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि ड्राइवर फरार है।
पुलिस की मानें तो इस घटना को अंजाम देने के बाद ड्राइवर तुरंत मौके से फरार हो गया था। हालांकि, पुलिस ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, कार की पहचान कर ली गई है और जल्द ही रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर गाड़ी के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं हो पा रहा है कि यह महज एक हादसा था या इसे जानबूझकर अंजाम दिया गया था। हालांकि, इस मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। ड्राइवर को पकड़ने के लिए जगह-जगह लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। अब तक कई कैमरे खंगाले भी जा चुके हैं। लेकिन, अभी तक कोई ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके।
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गाड़ी की रफ्तार बहुत ज्यादा थी, इसलिए यह हादसा हो गया। अगर गाड़ी की स्पीड ज्यादा नहीं होती, तो इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं होती।
अस्पताल का कहना है कि इस हादसे में घायल हुए दो लोगों की हालत अब स्थिर है। वे खतरे से पूरी तरह से बाहर आ चुके हैं। घायल पुलिसकर्मियों में एक एएसआई और दो पुलिस कांस्टेबल हैं।
अपराध
राजा रघुवंशी मर्डर: मेघालय पुलिस की जांच में हत्या के दिन की पूरी कहानी आई सामने

शिलांग, 11 जून। इन दिनों देश में राजा रघुवंशी हत्याकांड चर्चा का विषय बनी हुई है। राजा की हत्या उसकी पत्नी सोनम ने रची थी। इस हत्याकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई सनसनीखेज खुलासे होते जा रहे हैं। हत्याकांड की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी कड़ी सुरक्षा में यूपी के गाजीपुर से शिलांग लौट चुकी है। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस बीच हत्याकांड की जांच कर रही मेघालय पुलिस ने वारदात के दिन की पूरी टाइमलाइन साझा की है।
पुलिस के अनुसार, सुबह 5:30 बजे शिप्रा होटल से राजा, सोनम और तीनों किलर (अज्ञात व्यक्ति) ने चेक आउट किया। सुबह 6:00 बजे सोनम और राजा ने चढ़ाई शुरू की। सोनम रास्ते में रुकी और किलर्स से बातचीत की, जिसमें राजा को भी शामिल किया। सुबह 7:00 बजे सोनम और राजा एक दुकान पर चाय पीने रुके, किलर भी आसपास थे। सुबह 10 बजे सोनम और राजा ने 2000 सीढ़ियां चढ़ीं। एक टूरिस्ट गाइड ने उन्हें तीन लड़कों ( किलर) के साथ देखा, जिसका बयान पुलिस ने दर्ज किया।
दोपहर 12 बजे राजा की किलर्स से दोस्ती हुई। सोनम पीछे चलने लगी, जबकि राजा और किलर आगे थे। दोपहर 12:30 बजे सोनम ने अपनी सास को फोन किया, चढ़ाई और थकान का जिक्र किया। दोपहर 1 से डेढ के बीच सोनम ने इशारा किया, और विशाल ( किलर) ने पहला वार किया। दोपहर 02:15 बजे सोनम ने राजा के फोन से एक पोस्ट किया, जिसमें दुख का जिक्र था, और फोन को खाई में फेंक दिया। दोपहर 2:30 बजे राजा की हत्या के बाद उसे खाई में फेंक दिया गया।
इस पूरे हत्याकांड के घटनाक्रम पर नजर डाले तो पता चलता है कि 23 मई को राजा रघुवंशी की हत्या हुई। 24 मई को राजा की पत्नी सोनम फरार हुई। 25 मई को इंदौर में राज कुशवाहा से मुलाकात की, फिर 9 जून उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सोनम ने सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने से पहले उसने अपने भाई से बात की। इस दौरान वह फूट-फूटकर रोने लगी। पुलिस को सूचना मिलने पर उसे गाजीपुर के एक ढाबे से हिरासत में लिया गया। 10 जून कोर्ट में पेशी हुई। जहां तीन दिन का ट्रांजिट रिमांड मंजूर किया गया। 11 जून को पटना होते हुए सोनम को शिलांग लाया गया।
इस बीच सोनम का परिवार मेघालय पुलिस पर कहानी रचने का आरोप लगा रहा है। परिवार का मानना है कि सोनम ऐसा नहीं कर सकती है।
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