राष्ट्रीय
आपूर्ति बाधा और भू-राजनीतिक बदलावों के दौर में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में जुटा भारत

पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के साथ भारत भू-राजनीतिक बदलावों और आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं के बीच विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में जुटा है।
सूत्रों ने कहा कि निवेश संबंधी मामलों से जुड़े मंत्रालयों, राज्य सरकारों और प्रशासन को सलाह दी गई है कि वे विदेशी निवेशकों को हैंडल करने यानी उन्हें आकर्षित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जापान में वहां निवेशकों के साथ व्यक्तिगत रूप से सिलसिलेवार बैठकें कीं। इन बैठकों के बाद आत्मनिर्भर भारत को मेक इन इंडिया फॉर द वल्र्ड के रूप में दुनिया के सामने पेश किया जाने लगा है।
एक सरकारी सूत्र ने इंडिया नैरेटिव को बताया, नई उभरती भू-राजनीतिक व्यवस्था में भारत ने खुद को एक विश्वसनीय, भरोसेमंद देश के रूप में स्थापित किया है। अब यहां अर्थव्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। सरकार निवेश को सुविधाजनक बनाने और उसमें तेजी लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक उथल-पुथल और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के बीच विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी रणनीतिक स्वायत्तता के अनुसार काम करना जारी रखेगा।
भारत में 2021-22 में रिकॉर्ड 83.57 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) दर्ज किया।
क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान की दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने 30 से अधिक जापानी सीईओ और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत निवेश के अवसरों पर भी प्रकाश डाला।
नरेंद्र मोदी ने जापान में कहा, ”कोविड -19 महामारी, वैश्विक तनाव और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता तथा सुरक्षा की चुनौतियों ने मजबूत आपूर्ति श्रृंखला, मानव-केंद्रित विकास मॉडल और स्थिर तथा मजबूत अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।”
बीते माह दक्षिण कोरिया के कारोबारियों के एक बड़े समूह ने निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए शिमला का दौरा किया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से यह खबर सुर्खियां नहीं बटोर सकी।
कई दक्षिण कोरियाई कंपनियों ने भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण सुविधाएं स्थापित करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। दक्षिण कोरियाई और तथा अन्य एशियाई देशों के निवेशकों ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ईवी के कलपुर्जो, दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपनी विनिर्माण इकाई स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाना शुरू कर दिया है।
भारत में दक्षिण कोरिया से हर साल एक अरब डॉलर का एफडीआई आता है। कोरियाई निवेश वहां की बड़ी कंपनियों और उनके आपूर्तिकर्ताओं के जरिये मुख्य रूप से ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और स्टील के क्षेत्र होता है। अब कई छोटी और मंझोली कंपनियां भी भारतीय बाजार में कदम रखने की उम्मीद कर रही हैं।
भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने पिछले सप्ताह कहा, अभी रसायनों और स्टील क्षेत्र में और निवेश करने पर विचार किया जा रहा है। छोटे और मंझोले उद्यम भी भारतीय बाजार में तेजी से दस्तक दे रहे हैं।
महाराष्ट्र, नई दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु, हरियाणा, आंध्र प्रदेश सबसे अधिक एफडीआई प्राप्त करने वाले शीर्ष राज्यों में शामिल हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 14 प्रमुख क्षेत्रों में पीएलआई योजनाओं के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की है, जिससे 60 लाख नये रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
कार्यक्रम के तहत 2.34 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धताएं की गई हैं।
सार: सरकार अब चाहती है कि विदेशी निवेशक भारत के आत्मनिर्भर भारत या आत्मनिर्भरता की पहल का लाभ उठायें। विदेशी निवेशक देश में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करें, जो समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए रोजगार पैदा करेंगी।
(यह सामग्री इंडिया नैरेटिव के साथ एक व्यवस्था के तहत जारी की जा रही है)
खेल
आईपीएल 2025 : एलएसजी और मुंबई इंडियंस के बीच होगा महामुकाबला, जानिए हेड टू हेड रिकॉर्ड

नई दिल्ली, 4 अप्रैल। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2025) में लखनऊ सुपरजायंट्स (एलएसजी) और मुंबई इंडियंस (एमआई) के बीच शुक्रवार को लखनऊ के भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई इकाना क्रिकेट स्टेडियम में सीजन का 16वां मैच खेला जाएगा। भारतीय समयानुसार, शाम 7.30 बजे से मैच का प्रसारण होगा।
मुंबई इंडियंस प्वाइंट टेबल की सूची में एलएसजी से ऊपर है। एमआई छठे स्थान पर है, तो वहीं लखनऊ फ्रेंचाइजी सातवें स्थान पर है। दोनों टीम के पास दो अंक हैं। हालांकि, अगर दोनों टीम के बीच पूर्व में खेले गए मैचों की बात करें तो पांच बार की आईपीएल विजेता टीम मुंबई इंडियंस का सुपरजायंट्स के सामने बुरा हाल हो जाता है।
आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक दोनों टीम के बीच कुल 6 मैच हुए हैं। पांच मैचों में एलएसजी ने जीत दर्ज की और मुंबई इंडियंस को सिर्फ एक मैच में जीत हासिल हुई है। बीते तीन मैचों में भी एलएसजी ने ही एमआई के खिलाफ जीत हासिल की है। इसी जीत की लय बरकरार रखने के इरादे से आज लखनऊ के मैदान में एलएसजी की टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ उतरेगी। वहीं, मुंबई इंडियंस भी दो लगातार हार के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ तीसरे मैच में जीत के साथ खाता खोल चुकी है। टीम इस जीत की लय लखनऊ सुपरजायंट्स के सामने भी बरकरार रखना चाहेगी।
लखनऊ सुपरजायंट्स के पास मिशेल मार्श, एडेन मार्कराम और निकोलस पूरन की शानदार तिकड़ी है। इन तीनों विदेशी बल्लेबाजों में निकोलस पूरन ने एलएसजी के लिए अब तक सबसे ज्यादा चौके-छक्के लगाए हैं। पूरन टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाकर ऑरेंज कैप की रेस में टॉप पर बने हुए हैं। मुंबई के खिलाफ भी एलएसजी को उनसे एक अच्छी पारी की उम्मीद है। वहीं, मुंबई इंडियंस के लिए हार्दिक पांड्या ने वापसी कर ली है। कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ टीम ने अपने घर पर जीत हासिल की।
टीम के पास रोहित शर्मा, रयान रिकेल्टन, सूर्यकुमार यादव जैसे बल्लेबाज हैं जो अपने दम पर मैच का रुख बदल सकते हैं। अगर दोनों टीम की गेंदबाजी की बात करें तो मुंबई के सामने लखनऊ के पास कम अनुभवी गेंदबाज हैं जो विपक्षी टीमों के बल्लेबाजों पर ज्यादा दबाव नहीं डाल पा रहे हैं। वहीं, मुंबई को अश्विनी कुमार के तौर पर एक उभरता हुआ सितारा मिला है, जिसकी गेंदबाजी ने कोलकाता के बल्लेबाजों को वानखेड़े में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।
अंतरराष्ट्रीय
भूकंप प्रभावित म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजेगा भारत

नई दिल्ली, 29 मार्च। म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस तबाही में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। इस बीच, भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद को हाथ बढ़ाया है। सूत्रों ने बताया कि भारत म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजेगा, क्योंकि वहां कई शक्तिशाली भूकंपों ने 144 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि भारत राहत सामग्री को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सी-130जे विमान से म्यांमार भेजेगा, जो वायुसेना स्टेशन हिंडन से रवाना होगा।
सूत्रों के अनुसार, राहत पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां जैसी आवश्यक दवाएं शामिल हैं।
इस बीच, भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और उसने कहा कि अभी तक किसी भी भारतीय के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य भागों में आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद भारतीय दूतावास थाई अधिकारियों के साथ स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। अब तक, किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। किसी भी आपात स्थिति में थाईलैंड में भारतीय नागरिकों को आपातकालीन नंबर +66 618819218 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। बैंकॉक में भारतीय दूतावास और चियांग माई में वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत शुक्रवार को आए बड़े भूकंप के बाद म्यांमार को मदद भेजने के लिए तैयार है।”
पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक्स पर कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।”
बता दें कि भारत और बांग्लादेश के अधिकारियों ने म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से कोई बड़ा प्रभाव नहीं होने की सूचना दी। भूकंप के बाद आए झटकों ने म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में दहशत पैदा कर दी है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, शुक्रवार को रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) म्यांमार में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया।
एनसीएस के अनुसार, नवीनतम भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील है। एनसीएस ने बताया कि भूकंप अक्षांश 22.15 एन और देशांतर 95.41 ई पर दर्ज किया गया था।
शुक्रवार को आया शक्तिशाली भूकंप बैंकॉक और थाईलैंड के कई हिस्सों में महसूस किया गया, प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट और स्थानीय मीडिया के अनुसार बैंकॉक में हिलती हुई इमारतों से सैकड़ों लोग बाहर निकल आए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार को म्यांमार में छह भूकंप आए।
अंतरराष्ट्रीय
पीएम मोदी करेंगे थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा, बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

नई दिल्ली, 28 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अप्रैल से 6 अप्रैल तक थाईलैंड और श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।
थाई प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर, पीएम मोदी 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 03-04 अप्रैल को बैंकॉक का दौरा करेंगे।
04 अप्रैल को होने वाले इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी बिम्सटेक के वर्तमान अध्यक्ष थाईलैंड कर रहा है। यह पीएम मोदी की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।
यह 2018 में नेपाल के काठमांडू में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद बिम्सटेक नेताओं की पहली आमने-सामने की बैठक भी होगी। 5वां बिम्सटेक शिखर सम्मेलन, मार्च 2022 में कोलंबो, श्रीलंका में वर्चुअली आयोजित किया गया था। छठे शिखर सम्मेलन का विषय है ‘बिम्सटेक – समृद्ध, लचीला और खुला।’
यात्रा की घोषणा करते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा, “नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक सहयोग को और अधिक गति देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है।”
बयान में कहा गया, “भारत क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने के लिए बिम्सटेक में कई पहल कर रहा है, जिसमें सुरक्षा बढ़ाना, व्यापार, निवेश को सुविधाजनक बनाना, भौतिक, समुद्री, डिजिटल संपर्क स्थापित करना, खाद्य, ऊर्जा, जलवायु और मानव सुरक्षा में सहयोग करना, क्षमता निर्माण और कौशल विकास और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाना शामिल है।”
द्विपक्षीय मोर्चे पर, प्रधानमंत्री मोदी 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री शिनावात्रा के साथ बैठक करेंगे। मीटिंग में मौजूदा सहयोग की समीक्षा की जाएगी और दोनों देशों के बीच भविष्य की साझेदारी के रोडमैप पर चर्चा की जाएगी।
भारत और थाईलैंड के बीच मजबूत सभ्यतागत संबंध हैं, जो दोनों देशों की समुद्री निकटता से और मजबूत होते हैं।
थाईलैंड की अपनी यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर 04-06 अप्रैल तक राजकीय यात्रा पर श्रीलंका जाएंगे। यात्रा के दौरान, वे राष्ट्रपति दिसानायके के साथ चर्चा करेंगे
उच्च स्तरीय चर्चाओं के अलावा, पीएम मोदी वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे। वह भारतीय वित्तीय सहायता वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए अनुराधापुरा का दौरा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था। इससे पहले, श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना था, जो दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है।
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