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महिला दिवस: दिल्ली महिला आयोग ने 48 लोगों को किया सम्मानित, चंद्रयान-2 की महिला साइंटिस्ट को भी सम्मान
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली महिला आयोग ने आज कुल 48 व्यक्तियों को सम्मानित किया, जिन्होंने देश की महिलाओं के हितों के लिए और देश का नाम रौशन करने का काम किया है। आयोग ने सोमवार को अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहे। कार्यक्रम में डिफेंस, खेल, सामाजिक संस्थाओं और आम नागरिकों को उनके शानदार कार्यों के लिए सम्मानित किया। इनमें से कुछ मुख्य चेहरे थे कैप्टन तानिया शेरगिल, देश की पहली महिला जिन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में पुरुष दस्तों का नेतृत्व किया, सीआरपीएफ की डेयरडेविल बाइकर दस्ता जिसका नेतृत्व किया इंस्पेक्टर सीमा नाग ने, भारतीय क्रिकेट टीम की सदस्य और एयर फोर्स की जवान शिखा पांडेय। इसके अतिरिक्त और भी कई डिफेंस क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया गया।
दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा ढाका के साथ साथ आयोग ने पुलिस विभाग के भी कई अफसरों को सम्मानित किया, जिन्होंने अपने कार्य से महिलाओं और बच्चों की जान बचाई। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली पुलिस के जवानों को अवॉर्ड दिलवाकर सम्मानित किया गया।
वहीं 11 वर्षीय पर्यावरण एक्टिविस्ट लिसिप्रिया कंगुजम को भी आयोग से अवॉर्ड मिला, साथ ही 85 वर्षीय महाराष्ट्र की शांता बालू पवार को भी सम्मानित किया गया। कुछ महीनों पहले शांता ताई की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जिसमें शांता ताई लाठी से अपनी कला का प्रदर्शन करती देखी गई थीं। उन्हें सोशल मीडिया पर ‘वॉरियर आजी’ के नाम से भी जाना जाता है।
कार्यक्रम में इंस्टाग्राम की बड़ी सेलिब्रिटी कुशा कपिला और डॉली सिंह को भी आयोग द्वारा सम्मानित किया गया। कुशा और डॉली महिलाओं से जुड़े विषयों पर कॉमेडी वीडियो बनाती हैं जिसे करोड़ों लोग देखते हैं।
आयोग द्वारा चंद्रयान 2 की महिला साइंटिस्ट्स को भी सम्मानित किया, विज्ञान के क्षेत्र में चंद्रयान 2 भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि की तरह देखा जाता है।
बॉलीवुड अभनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक, लक्ष्मी अग्रवाल पर बनाई गई है, जिनपर बहुत छोटी उम्र में एसिड से हमला किया गया था और उसके बाद भी लक्ष्मी आज हर इंसान के लिए एक मिसाल बनकर उभरी है। लक्ष्मी को भी सम्मानित किया गया।
पिछले वर्ष उन्नाव दुष्कर्म केस बहुत चर्चा में रहा था, जब विधायक कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगा था। उस व़क्त बाहुबली सेंगर के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ने को तैयार हुए वकील महेंद्र सिंह को भी सम्मानित किया गया।
पिछले साल हुए दंगों में सरदार मोहिंदर सिंह जी ने लगभग तीस लोगों जी जान बचाई, उसी दौरान एक परिवार को दंगों से बचाते हुए प्रेमकांत भी आग में 70 फीसदी झुलस गए थे, आयोग द्वारा इन दोनों को भी सम्मानित किया गया।
पिछले वर्ष गलवान घाटी में शहीद हुए 21 वर्षीय जवान सरदार गुरतेज सिंह को भी आयोग द्वारा सम्मानित किया गया। शहीद गुरतेज की माता जी को सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा अवॉर्ड दिया गया।
आयोग द्वारा कई ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट को भी सम्मानित किया गया, जिनमें से मुख्य चेहरा रहीं महाराष्ट्र की रहने वाली लक्ष्मी हैं।
खेल जगत में देश का नाम रौशन करने वालीं गोल्फ खिलाड़ी दीक्षा डागर को भी महिला आयोग द्वारा सम्मानित किया गया। संघर्ष पूर्ण जीवन के बाद भी कुश्ती में नाम करने वाली नीतू सरकार को भी अवॉर्ड दिया गया है।
आयोग का कहना है कि, ” अवॉर्डस का मकसद देश के हर नागरिक को प्रोत्साहित करना है और साथ ही उन महान लोगों को सामने लाना है, जिन्होंने महिलाओं कि रक्षा और उत्थान के लिए समाज में बेहतरीन काम किया है।”
अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, “दिल्ली महिला आयोग ने पिछले 5 साल के अभूतपूर्व और अविश्वसनीय कार्य करके दिखाया है। आयोग ने पिछले 5 साल में 1 लाख से भी ऊपर मामलों की सुनवाई की, 4.35 लाख से भी ज्यादा कॉल अपनी 181 हेल्पलाइन पर अटेंड की और अनगिनत बच्चियों, महिलाओं को अलग अलग जगहों से रेस्क्यू करवाया है।”
“दिल्ली महिला आयोग अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश की हर महिला को सलाम करता है, हर व्यक्ति को सलाम करता है जो महिलाओं के हितों के लिए काम कर रहे हैं। हमारी जंग जारी है और हमारा लक्ष्य है दिल्ली और देश की हर महिला को एक सुरक्षित वातावरण देना।”
दिल्ली के उपमुख्मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार द्वारा बच्चियों और महिलाओं की शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए अपनी सरकार द्वारा किए कामों के बारे में बताया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली महिला आयोग देश का इकलौता आयोग है जिसे लोग उसके काम से पहचानते हैं। स्वाति मालीवाल ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए तस्करी, अवैध शराब इत्यादि के तस्करी पर रोक लगाने का काम किया है। दिल्ली महिला आयोग हर वर्ष इन अवॉर्डस के जरिए देश की उन कहानियों की सामने लेके आता है जो हम तक शायद आमतौर पर नहीं पहुंच पाती।”
“मैं आज सभी महिलाओं को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सलाम करता हूं और आज के दिन की ढेरों शुभकामनाएं देता हूं।”
आयोग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली सरकार के महिला बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल, सांसद संजय सिंह, वायु सेना के एयर मार्शल और कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे।
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क्या यात्रियों को पटरियों पर चलने के लिए मजबूर किया गया? जीआरपी ने शुरू की जांच, क्या सीएसएमटी पर सैंडहर्स्ट रोड के पास दो यात्रियों की मौत की वजह हड़ताल है?

मुंबई: राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की है कि क्या छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर रेलवे कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के कारण सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन के पास लोकल ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हुई।
6 नवंबर को एक तेज़ रफ़्तार लोकल ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। बताया जा रहा है कि सभी पाँचों पीड़ित एक अन्य लोकल ट्रेन से उतरकर पटरी पार कर रहे थे, जो रेलकर्मियों की अचानक हड़ताल के कारण बीच सेक्शन में रुकी हुई थी।
मिडिया से बात करते हुए , जांच से परिचित वरिष्ठ जीआरपी अधिकारी ने कहा कि जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या यात्रियों को खड़ी ट्रेन से कूदकर पटरियों पर चलने के लिए मजबूर किया गया था।
मृतक की पहचान हेली मोहमाया (19) के रूप में हुई है; हालाँकि, दूसरे मृतक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। कैफ चोगले (22), खुश्बू मोहमाया (45) और याफ़िज़ा चोगले (62) घायल हुए हैं। जीआरपी दूसरे मृतक की पहचान का पता लगाने और पीड़ितों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।
चल रही जाँच का हवाला देते हुए, डीसीपी (मध्य रेलवे) प्रज्ञा जेज ने कहा कि सभी पहलुओं की जाँच की जा रही है। सीएसएमटी जीआरपी के वरिष्ठ निरीक्षक संभाजी कटारे ने कहा, “हम सभी संभावित सबूत इकट्ठा कर रहे हैं।”
सीएसएमटी रेलवे स्टेशन पर अचानक विरोध प्रदर्शन 9 जून को हुई मुंब्रा ट्रेन दुर्घटना के संबंध में दो रेलवे इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के विरोध में किया गया। इस दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
मुंब्रा दुर्घटना में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए दो इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जाँच में पाया गया कि दुर्घटना से चार दिन पहले बदले गए ट्रैक के एक हिस्से को बिना वेल्ड किए छोड़ दिया गया था, जिसके कारण ट्रेन पटरी से उतर गई और पाँच यात्रियों की मौत हो गई।
राष्ट्रीय रेलवे मजदूर संघ (एनआरएमयू) और सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (सीआरएमयू) ने संयुक्त रूप से गुरुवार को विरोध प्रदर्शन शुरू किया और एफआईआर वापस लेने की मांग की।
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महागठबंधन का घोषणापत्र बिहार की जनता की ‘उम्मीद’ : मुकेश सहनी

पटना, 29 अक्टूबर: विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने महागठबंधन की तरफ से जारी किए गए घोषणापत्र जनता की उम्मीद बताया। सहनी महागठबंधन की ओर से उप-मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में दावा किया कि जो काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 20 सालों में सत्ता में रहते नहीं कर पाएं, हम लोग सत्ता में आने के बाद उस काम को हर कीमत पर पूरा करके रहेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति विकास से अछूता नहीं रहे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास प्रदेश के विकास के लिए कोई भी विजन नहीं है। अगर होता, तो आज प्रदेश की स्थिति ऐसी नहीं होती। आज की तारीख में हमारे लोगों को दूसरे राज्यों में मजदूरी करने के लिए जाना पड़ता है। उनकी भी ख्वाहिश है कि वो भी अपने ही प्रदेश में रहे। अपने परिवार के बीच में अपने लोगों के बीच में रहे।
साथ ही, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास बिहार के विकास के लिए कोई योजना भी नहीं है। यही कारण है कि वो हमारे मेनिफेस्टो की नकल कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास बिहार के विकास को लेकर कोई विजन नहीं है। आप देख लीजिए, जितनी भी योजनाएं वो वर्तमान में बिहार में चला रहे हैं, उसकी जड़े कहीं न कहीं महागठबंधन से मिलती जुलती है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि इनके पास बिहार के विकास को लेकर कोई लेना-देना नहीं है। ये लोग कभी-भी बिहार के विकास के बारे में नहीं सोचते हैं। इन लोगों का एकमात्र मकसद सिर्फ सत्ता में बने रहना होता है।
उन्होंने कहा कि हमने कहा था कि ‘माय बहन मान योजना’ के तहत सभी को 2,500 रुपये दिया जाएगा, तो नीतीश कुमार ने भी इस योजना की नकल शुरू कर दी। उन्होंने बिहार के लोगों को 10 हजार रुपये देने का ऐलान कर दिया। इसके बाद हमने विधवा पेंशन के तहत 1100 रुपये देने का बात की, तो इन लोगों ने 15,00 रुपये देने का ऐलान कर दिया। जब हमने कहा था कि हम 200 यूनिट बिजली फ्री करेंगे, तो उन्होंने फ्री बिजली देने का ऐलान कर दिया। ये काम तो वो पहले भी कर सकते थे। लेकिन, हमारी घोषणा के बाद ही क्यों किया? इससे यह साफ जाहिर होता कि इन लोगों के पास बिहार के विकास के लिए कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने ऐलान किया है कि बिहार में सभी लोगों को नौकरी दी जाएगी और वो हम देकर रहेंगे। जिस तरह से हमने अब तक सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया है, ठीक उसी प्रकार से हम लोगों को बिहार में नौकरी देकर रहेंगे। लेकिन, दुख की बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी नहीं चाहते हैं कि बिहार के लोगों को नौकरी मिले। ये लोग सिर्फ चाहते हैं कि बिहार के लोग दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए जाए। लेकिन, अब इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने ‘जननायक’ को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोई भी जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से जननयाक होता है। हमें उस रास्ते पर चलना होगा। इस बारे में किसी भी प्रकार की गलत बात का प्रचार करने से बचना होगा, ताकि हमारे लोग गुमराह नहीं हों। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव सहित कई नेता जननायक बन सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आपको उस रास्ते पर चलना होगा।
उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि हम लोग खुलकर विकास करें। लेकिन, यह दुख की बात है कि हमारे नेता 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज देकर कह रहे हैं कि यही विकास है। ऐसा करके ये लोग देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर कोई सत्ता में रहते हुए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके किसी को परेशान करेगा, तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम भी जब सत्ता में आएंगे, तो इस तरह की स्थिति को हर कीमत पर रोकने की कोशिश करेंगे। हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो।
उन्होंने एसआईआर पर कहा कि हम इस पर क्या ही कहेंगे। अब अगर किसी ने मन बना ही लिया है कि वो वोट चोरी करके रहेगा, तो करें। अब क्या ही कर सकते हैं।
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रेलवे ने स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ से निपटने के लिए किए विशेष इंतजाम, तीन स्तरीय वार रूम बनाया : अश्विनी वैष्णव

मुंबई, 23 अक्टूबर : भारतीय रेलवे ने स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं और इसके लिए डिवीजन, जोनल और बोर्ड लेवल पर तीन वार रूम बनाए गए हैं और स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ के हिसाब से निर्णय लिए जा रहे हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए वैष्णव ने वार रूम के काम करने के तरीके पर कहा कि हमने 10,700 ट्रेनों को चलाया है यानी आईआरटीसीटी के जरिए उनकी समय सारणी जारी कर दी गई है, जबकि करीब 3,000 ट्रेनों को रिजर्व में रखा है, जिससे अचानक भीड़ भड़ने पर ट्रेनों की आपूर्ति को बढ़ाया जा सके।
उदाहरण देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सूरत के उधना रेलवे स्टेशन पर 18 अक्टूबर को काफी भीड़ देखी गई थी। उस समय वार रूम से आसपास के स्टेशनों पर रखी गई रिजर्व ट्रेनों को बुलाया गया और तुरंत समस्या को सुलझाया गया।
वहीं, इसी तरह की स्थिति एक दिन अंबाला देखी गई, तो जलंधर और उसके आसपास रिजर्व रखी गई ट्रेनों की आपूर्ति बढ़ाकर भीड़ को स्टेशन पर कम कर दिया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि इस साल बिहार में गंतव्य की संख्या को बढ़ाकर 18 कर दिया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 7 था।
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की भारी भीड़ पर नजर रखने और उनका प्रबंधन करने के लिए रेल भवन में भी एक वॉर रूम स्थापित किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह कमांड सेंटर वास्तविक समय पर निगरानी रखने में सक्षम है और अधिकारियों को भीड़भाड़, यात्रियों की शिकायतों और संभावित घटनाओं का तुरंत समाधान करने में सक्षम बनाता है।
वॉर रूम सम्पूर्ण भारतीय रेलवे नेटवर्क की देखरेख करने वाली एक प्रभावी प्रणाली के रूप में विकसित हो चुका है, जिसमें रेलवे बोर्ड, जोनल और डिवीजन स्तर पर 80 से अधिक वॉर रूम सक्रिय हैं।
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