राष्ट्रीय समाचार
1993 धमाकों का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में कहां रहता है?
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को गंभीर स्वास्थ्य जटिलता के कारण कथित तौर पर पाकिस्तान के कराची में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दाऊद इब्राहिम को जहर दिया गया था, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई। जबकि पाकिस्तान सरकार यह मानने से इनकार करती है कि वह पाकिस्तान में रहता है, लेकिन उसके अस्पताल में भर्ती होने के बारे में पाकिस्तान की ओर से की गई पुष्टि वास्तविकता से बहुत दूर है।
यहां दाऊद इब्राहिम के बारे में 10 प्रमुख तथ्य दिए गए हैं
1) दाऊद कहां रहता है?
भारतीय अधिकारी अक्सर कहते रहे हैं कि उनका मानना है कि दाऊद इब्राहिम कराची के पॉश इलाके क्लिफ्टन में रहता है। लेकिन, पाकिस्तान दशकों से वांछित अंडरवर्ल्ड डॉन को पनाह देने और अपने देश में उसकी मौजूदगी से इनकार करता रहा है। इब्राहिम दशकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं. इस बात की पुष्टि उनके भतीजे ने की, उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन दूसरी बार शादी करने के बाद कराची में रहता है। क्लिफ्टन पाकिस्तान के कराची में एक संपन्न और ऐतिहासिक समुद्र तटीय इलाका है। यह शहर के सबसे समृद्ध हिस्सों में से एक है, जहां कराची की कुछ सबसे महंगी अचल संपत्तियां हैं। यह कई विदेशी वाणिज्य दूतावासों का घर है, जबकि इसके वाणिज्यिक केंद्र अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की मजबूत उपस्थिति के साथ पाकिस्तान में सबसे उच्च श्रेणी में से एक हैं।
2) दाऊद मूल रूप से मुंबई के डोंगरी इलाके में रहता था
दिसंबर 1955 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में जन्मे दाऊद इब्राहिम का परिवार बाद में मुंबई के डोंगरी इलाके में चला गया। 1970 के दशक में, वह मुंबई के अंडरवर्ल्ड में प्रमुखता से उभरे, शुरुआत में वह हाजी मस्तान गिरोह से जुड़े थे। समय के साथ, उसने प्रभाव प्राप्त कर लिया, जिससे उसके गिरोह की पहचान कुख्यात “डी-कंपनी” के रूप में होने लगी।
3) दाऊद और डी-कंपनी
माना जाता है कि वह मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, जबरन वसूली और हथियारों की तस्करी जैसी कई अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल था। वह इस संगठित अपराध सिंडिकेट को तथाकथित ‘डी-कंपनी’ के तहत चलाता है। कहा जाता है कि उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा से करीबी संबंध हैं।
4) 1993 बॉम्बे बम धमाकों का मास्टरमाइंड
1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम भगोड़ा है और कई सालों से पाकिस्तान में रह रहा है। विनाशकारी बम विस्फोटों में 250 से अधिक लोग हताहत हुए और हजारों घायल हो गए। बढ़ती चिंताओं और उड़ती अफवाहों के बीच अधिकारी उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
5) 2008 के मुंबई हमलों में संलिप्तता
2008 के मुंबई हमलों में दाऊद इब्राहिम की भी भूमिका होने का संदेह है, जिसमें 166 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हो गए। हमले को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने अंजाम दिया, जो समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे और कई लोगों को निशाना बनाया। स्थान, जैसे ताज महल होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, दाऊद इब्राहिम ने हमलावरों को साजो-सामान और वित्तीय सहायता प्रदान की, और उन्हें मुंबई से भागने में भी मदद की। उसने कथित तौर पर हमलों के वित्तपोषण के लिए हवाला ऑपरेटरों और नकली मुद्रा डीलरों के अपने नेटवर्क का भी इस्तेमाल किया।
6) 2010 पुणे जर्मन बेकरी ब्लास्ट में संलिप्तता
दाऊद इब्राहिम 2010 पुणे जर्मन बेकरी विस्फोट के सिलसिले में भी वांछित है, जिसमें 17 लोग मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए। विस्फोट पुणे के कोरेगांव पार्क क्षेत्र में लोकप्रिय जर्मन बेकरी में हुआ, जहां अक्सर विदेशी और पर्यटक आते थे।
7) 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल में संलिप्तता
दाऊद इब्राहिम पर 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग कांड में शामिल होने का भी आरोप है, जिसने भारतीय क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था। इस घोटाले में राजस्थान रॉयल्स, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस टीमों के कुछ खिलाड़ियों द्वारा मैचों के कुछ पहलुओं, जैसे एक ओवर में बनाए गए रनों की संख्या, को फिक्स करना शामिल था। इन प्रमुख मामलों के अलावा, दाऊद इब्राहिम हत्या, जबरन वसूली, अपहरण और तस्करी के कई अन्य मामलों में भी वांछित है। कुछ प्रमुख मामले हैं:
8) भारत सरकार द्वारा वांछित अपराधी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भारत के सबसे वांछित भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘वैश्विक आतंकवादी’ नामित किया गया है, पर 25 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है। विकास 2022 में हुआ
9) दाऊद- एक वैश्विक आतंकवादी
उसे संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी राजकोष विभाग द्वारा वैश्विक आतंकवादी नामित किया गया था। वह अल कायदा, ओसामा बिन लादेन और तालिबान से जुड़ा था। वह नशीली दवाओं की तस्करी के अपने विशाल साम्राज्य को सुविधाजनक बनाने के लिए आतंकवादी नेटवर्क का उपयोग कर रहा है। बदले में, दवाओं की बिक्री से उत्पन्न मुनाफे का एक हिस्सा आईएसआई के करीबी मार्गदर्शन में आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
10) कराची हवाई अड्डे को नियंत्रित करता है?
इसके अतिरिक्त, एनआईए ने दाऊद इब्राहिम के खिलाफ अपने आरोप पत्र में कहा था कि वह और उसके शीर्ष सहयोगी पाकिस्तान के कराची हवाई अड्डे को नियंत्रित करते हैं।
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इंडिगो फ्लाइट्स में हो सकती है देरी, यात्री लेटेस्ट स्टेटस चेक कर घर से निकलें

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: पिछले कुछ दिनों से इंडिगो एयरलाइन की फ्लाइट कैंसिल होने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट ने सोमवार सुबह एडवाइजरी जारी की, जिसमें यात्रियों से फ्लाइट से जुड़ी ताजा स्टेटस चेक करने की अपील की गई है।
आईजीआई एयरपोर्ट ने सुबह 6.30 बजे एडवाइजरी जारी की। इसमें लिखा है कि इंडिगो की फ्लाइट्स में देरी हो सकती है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि किसी भी असुविधा से बचने के लिए एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी एयरलाइन से फ्लाइट का लेटेस्ट स्टेटस चेक कर लें।
एडवाइजरी में लिखा है, “हमारी टीमें रुकावटों को कम करने और यात्रा को आसान बनाने के लिए सभी संबंधित लोगों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। मेडिकल सहायता सहित किसी भी मदद के लिए कृपया इन्फॉर्मेशन डेस्क पर जाएं, जहां हमारा ग्राउंड स्टाफ आपकी मदद के लिए तैयार है।”
इसके अलावा एयरपोर्ट आने-जाने के लिए मेट्रो, बस और कैब जैसे कई पब्लिक ट्रांसपोर्ट के ऑप्शन उपलब्ध हैं। रियल-टाइम अपडेट और जरूरी जानकारी के लिए कृपया दिल्ली एयरपोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
इससे पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने रविवार को कहा था कि एविएशन नेटवर्क तेजी से सामान्य हो रहा है और परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक सुधारात्मक उपाय जारी रहेंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर की एक पोस्ट में बताया था, “पिछले चार दिनों में एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की परेशानियों को कम करने के लिए लगातार कई पक्षों से बातचीत की गई है और इसके साथ रियल-टाइम में स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है। सभी ऑपरेटरों, हवाईअड्डा निदेशकों, ग्राउंड-हैंडलिंग एजेंसियों और अन्य सभी पक्षकारों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की गई हैं।”
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संविधान से पहले कैसी थी देश की शासन प्रक्रिया, संघ प्रमुख ने बताया क्यों पड़ी थी इसकी जरूरत

पानीपत, 6 दिसंबर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को ‘भारतीय इतिहास, संस्कृति और संविधान’ कार्यक्रम में बताया कि संविधान से पहले देश में शासन की प्रक्रिया कैसी थी? इस कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा के पानीपत में किया गया।
संघ प्रमुख ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे पास संविधान है। देश का शासन संविधान के माध्यम से होता है, लेकिन, क्या आप लोगों के जेहन में यह सवाल कभी आया है कि जब संविधान नहीं था, तो देश का शासन कैसा होता था? उन दिनों देश का शासन धर्म के जरिए होता था, क्योंकि मनुष्य पथभ्रष्ट नहीं हुआ था। जब मनुष्य पथभ्रष्ट हुआ, तो लोगों को संविधान की आवश्यकता महसूस हुई। आज उसी संविधान के आधार पर देश में शासन प्रक्रियाओं को संपन्न किया जा रहा है। प्राचीनकाल में देश का शासन संविधान से नहीं होता था, बल्कि धर्म से होता था। यहां पर मेरा धर्म से मतलब रिलिजन बिल्कुल भी नहीं है। रिलिजन और धर्म के बीच में अंतर होता है।
उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में धर्म के आधार पर देश में शासन में होता था। धर्म के तहत सभी लोग एक-दूसरे को समृद्ध करने की विचारधारा में विश्वास रखते थे। लोगों को इस बात को मानते थे कि अगर हम समाज का संपूर्ण विकास चाहते हैं, तो इसके लिए हमें एक-दूसरे की समद्धि पर जोर देना होगा। इसी सिद्धांत के तहत धर्म के आधार पर देश या प्रदेश का शासन किया जाता था, लेकिन इसके बाद स्थिति इस कदर बदली कि लोगों को लोगों को राजा की आवश्यकता महसूस हुई। राजा देश को चलाने लगा। इस तरह से यहां से शासन की नई प्रक्रिया का जन्म हुआ।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इसके बाद राजा के सामने भी यह प्रश्न आया कि आखिर वो देश को चलाए कैसे? यहीं से विधि व्यवस्था की शुरुआत हुई? जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि किसी देश में शासन की प्रक्रिया कैसी होगी? लोगों की जरूरतों की पूर्ति कैसे होगी? और यह बात कैसे सुनिश्चित की जाएगी कि कैसे लोगों के हितों पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात नहीं हो। इन्हीं सब स्थिति से निपटने के लिए नियमों के संग्रहण की सूची को संविधान कहा गया है। जिसके जरिए देश में किसी शासन की प्रक्रिया को संपन्न किया जाता है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी व्यक्ति के हितों पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात नहीं हो।
वहीं, कार्यक्रम में मौजूद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज की तारीख में भारतीय इतिहास को फिर से लिखना जरूरी हो जाता है। आखिर आज से 50 साल पहले किसने इस बात की कल्पना की थी कि भारत पुर्नजागरण के दौर से गुजरेगा। जवाब स्पष्ट है कि किसी ने भी नहीं की थी। ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि भारतीय इतिहास का लेखन फिर से शुरू किया जाए।
प्रो. राघुवेंद्र तंवर ने कहा कि संविधान को समझने के लिए भारत एवं उसकी संस्कृति को समझना आवश्यक है। विभाजन ने भारतीय समाज को तोड़ दिया।
गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि हजारों वर्षों के आक्रमण से इतिहास तितर-बितर हो गया है, किंतु इतिहास संकलन के प्रयास से इसे पुर्नलेखन के माध्यम से इकट्ठा करने का प्रयास किया जा रहा है, यह प्रयास सराहनीय है।
देवी प्रसाद सिंह जी ने ‘यदि संविधान की वाणी होती’ विषय पर लिखित अपनी कविता से भाव को स्पष्ट करते हुए बताया कि संविधान को भारतीय संस्कृति से अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
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केंद्र ने इंडिगो को जारी किए निर्देश, रविवार रात 8 बजे तक रिफंड प्रॉसेस पूरा करना किया अनिवार्य

INDGO
नई दिल्ली, 6 दिसंबर: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को इंडिगो को सभी पेंडिंग पैसेंजर रिफंड बिना किसी देरी के जारी करने का निर्देश दिया है।
मंत्रालय की ओर से सभी रद्द और बाधित उड़ानों के लिए रिफंड प्रॉसेस को रविवार रात 8 बजे तक पूरा किए जाना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके साथ ही, एयरलाइन्स को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे उन यात्रियों से किसी तरह के रिशेड्यूलिंग चार्जेस न लें, जिनका ट्रैवल प्लान कैसेंलेशन से प्रभावित हुआ है।
मंत्रालय ने साफ किया है कि रिफंड प्रॉसेसिंग में किसी भी प्रकार की देरी या अनुपालन न होने पर तत्काल नियामक कार्रवाई की जाएगी।
मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में यात्रियों को उनके सामान लौटाए जाने के निर्देश दिए हैं।
बयान में कहा गया है कि इंडिगो की ओर से रद्द और डिले की गई उड़ानों के यात्रियों के सामान को ट्रेस किया जाए और इसके बाद उनके सामान को 48 घंटों के भीतर उनके पतों पर भेजा जाए।
एयरलाइन्स को ट्रैकिंग और डिलीवरी टाइमलाइन को लेकर यात्रियों से क्लिर कम्युनिकेशन मेंटेन करने को कहा गया है। साथ ही, मौजूदा यात्री अधिकार नियमों के तहत जरूरत पड़ने पर मुआवजा देने को भी कहा गया है।
मंत्रालय ने कहा कि निर्बाध शिकायत निवारण सुनिश्चित करने के लिए इंडिगो को डेडिकेटेड पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड फैसिलिटेशन सेल्स स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
इन सेल्स को प्रभावित यात्रियों से कॉन्टैक्ट करने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे यात्रियों के रिफंड और दूसरे ट्रैवल अरेंजमेंट की प्रक्रियाओं को लेकर बिना मल्टीपल फॉलो-अप्स के सक्रियता से काम करें। परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक ऑटोमेटिक रिफंड का सिस्टम एक्टिव रहेगा।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस व्यवधान के दौरान यात्रियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एयरलाइन, हवाई अड्डों, सिक्योरिटी एजेंसियों और सभी परिचालन हितधारकों के साथ निरंतर कॉर्डिनेशन बनाए हुए है।
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