राजनीति
उप्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा : पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा में विकास दुबे पर गोलियां चलाईं

उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि यूपी पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा भागने का प्रयास करने के बाद आत्मरक्षा में उस पर गोलियां चलाई थीं और यह मामला हैदराबाद मुठभेड़ मामले से बिल्कुल अलग है।
एक हलफनामे में, यूपी सरकार ने कहा, “वर्तमान मामले के तथ्य हैदराबाद में घटी एक घटना में उभरे तथ्यों से पूरी तरह से अलग हैं।” राज्य सरकार ने चार-पॉइंट चार्ट के माध्यम से हैदराबाद मुठभेड़ मामले और दुबे एनकाउंटर मामले के बीच के अंतर को दर्शाया।
15 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि वह दुबे और उसके साथियों की हत्या की जांच के लिए एक समिति नियुक्त कर सकती है। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने तीन न्यायाधीशों की पीठ की अगुवाई करते हुए कहा था, “हम आपको बताएंगे कि हम क्या करने जा रहे हैं। यह कुछ ऐसा है जो हम हैदराबाद मामले में पहले ही कर चुके हैं।” शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था।
हलफनामे में कहा गया है कि तेलंगाना सरकार ने न्यायिक आयोग की नियुक्ति का जवाब नहीं दिया है, लेकिन कानपुर की घटना में यूपी सरकार ने घटना के कुछ दिनों के भीतर न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। हलफनामे में कहा गया, “कानपुर की घटना में यूपी राज्य ने घटना के पीछे के अपराधियों और अन्य व्यक्तियों के साथ उनके संबंध के बारे में तथ्यों का पता लगाने के लिए विशेष जांच दल का भी गठन किया है।”
यूपी सरकार के अनुसार, दुबे का मकसद न केवल भागना था, बल्कि पुलिसवालों को मारने के साथ-साथ लोगों व पुलिसवालों के मन में दहशत पैदा करना भी था। हलफनामे में कहा गया कि विकास दुबे और उसके गिरोह के सदस्यों ने गोली मारकर हत्या करने के बाद सर्कल ऑफिसर का पैर भी बेरहमी से काट दिया था। पुलिस पार्टी पर सभी गोलियां पॉइंट-ब्लैंक रेंज से चलाई गई थीं।
जेसीबी के इस्तेमाल को सही ठहराते हुए, यूपी सरकार ने कहा कि पुलिस टीम ने उसके (दुबे) घर पर छापा मारा और उसमें बड़ी संख्या में घातक हथियार, कारतूस, बम, विस्फोटक आदि पाए गए जो घर की दीवारों के अंदर, फर्श, सीलिंग की दरारों में थे। घर की खोखली दीवारों से हथियारों और विस्फोटकों को निकालने की प्रक्रिया में, दीवारों की भार वहन क्षमता कम हो गई। आगे की बरामदगी के लिए भवन असुरक्षित हो गया। इसलिए जेसीबी मशीन का उपयोग हथिारों की आगे की बरामदगी के लिए किया गया। बरामदगी के दौरान इमारत का कुछ हिस्सा ढह गया।
यूपी सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि दुबे ने अपने गिरोह के 90 अपराधियों का इस्तेमाल कर 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर दी और फिर उनके पार्थिव शरीरों को क्षत-विक्षत कर दिया।
राजनीति
‘आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है’, राजीव गांधी को याद कर राहुल गांधी ने शेयर किया भावुक पोस्ट

नई दिल्ली, 21 मई। देश के पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उन्हें याद किया है। राहुल गांधी ने अपने पिता के नाम एक भावुक पोस्ट भी शेयर किया। उन्होंने लिखा कि पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं।
राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर दो तस्वीरों को शेयर किया। एक तस्वीर में वह अपने पिता के साथ बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर राजीव गांधी की समाधि स्थल की है, जहां राहुल अपने पिता को हाथ जोड़कर श्रद्धांजलि देते हुए नजर आ रहे हैं।
राहुल गांधी ने इन तस्वीरों के साथ एक भावुक संदेश भी साझा किया। उन्होंने लिखा, “पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं। आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है और मैं इन्हें पूरा करके रहूंगा।”
इससे पहले कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा की थीं। उन्होंने लिखा, “स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वीर भूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राजीव गांधी के दूरदर्शी नेतृत्व ने हमारे राष्ट्र की नींव को बदल दिया, जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित है। उनकी स्थायी विरासत हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करती रहती है।”
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी राजीव गांधी को याद किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि। राजीव गांधी एक दूरदर्शी व्यक्ति थे और भारत के लिए शहीद हो गए।”
बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज पुण्यतिथि है। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी।
अपराध
मुंबई : बिना पहचान के सिम बेचने का खेल हुआ खत्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई , 21 मई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिना दस्तावेज के सिम कार्ड देने वाला युवक गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से 75 सिम कार्ड्स और 2 मोबाइल जब्त किए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम समीर मेहबूब खान है, जिसकी उम्र महज 23 साल है।
पहलगाम हमले के बाद, मुंबई शहर को हाई अलर्ट पर रखने के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को ऐसे गिरोह की जानकारी मिली जो मोटी रकम लेकर बिना दस्तावेज में सिम कार्ड मुहैया करवाता है। मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक शख्स वीआई, एयरटेल और जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकृत सिम कार्ड वितरक के रूप में काम करता है।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, इस दौरान आरोपी ग्राहकों की आंखों की स्कैनिंग और अंगूठे के निशान को बार-बार लेकर अवैध रूप से सिम कार्ड जारी कर रहा है। अधिकारी ने आगे बताया कि वह बिना वैध केवाईसी प्रक्रिया पूरी किए सिम कार्ड अधिक कीमत पर बेच रहा था।
इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए क्राइम ब्रांच ने एक जाल बुना। एक नकली ग्राहक को तैयार कर समीर के पास भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने उस ग्राहक से बिना किसी वैध दस्तावेज के अधिक पैसे लेकर सिम कार्ड बेच दिया। इसके बाद तुरंत ही आरोपी को हिरासत में लिया गया और उसके पास से सिम कार्ड्स और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से कई शहर हाई अलर्ट पर हैं। इस दौरान देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की तलाश की जा रही है और ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जा रहा है।
राजनीति
आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा, तिरंगा रैली देश की शान : सतपाल शर्मा

जम्मू, 21 मई। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हालिया बयानों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को जुबानी हमला किया। जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी नेताओं पर हमला बोला।
सतपाल शर्मा ने मंगलवार को मिडिया से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती के हालिया बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ उन 26 निर्दोष नागरिकों की शहादत का जवाब है, जिन्हें 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछकर मार डाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जो भी इस हमले के पीछे होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई व्यक्ति हो या कोई देश। थल सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर उसके लॉन्चिंग पैड तबाह कर दिए। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। यह कार्रवाई एक सशक्त संदेश है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का झुकाव उग्रवादियों के प्रति आज भी बना हुआ है। वे ऐसे बयान देते हैं जिससे आतंकवादियों का मनोबल बढ़ता है, लेकिन देश की सेना ने यह दिखा दिया है कि हमलावरों को छोड़ा नहीं जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पर जवाब देते हुए सतपाल शर्मा ने कहा कि ऐसे समय में जब देशभर में तिरंगा रैलियों के जरिए भारतीय सेना और वायुसेना का सम्मान हो रहा है, खड़गे का बयान निराशाजनक है। चूक हो सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री ने पुलवामा हमले के बाद भी यही कहा था कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। पाकिस्तान को उसी की जमीन पर जाकर करारा जवाब दिया गया।
शर्मा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान भारत में धार्मिक विभाजन फैलाने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म पूछकर की गई हत्याएं और उसके बाद की पाकिस्तान समर्थित गतिविधियां इसी दिशा में इशारा करती हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि विपक्ष ऐसे संवेदनशील समय में भी पाकिस्तान की साजिशों पर चुप रहता है।
तिरंगा रैली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सतपाल शर्मा ने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल की पहल नहीं, बल्कि आम नागरिकों का देश प्रेम है। यह हमारा प्रथम कर्तव्य है कि जब तिरंगा रैली निकाली जाए, तो उसमें हम सब शामिल हों। मेरा विपक्ष के नेताओं से भी निवेदन है कि वे इस राष्ट्रीय प्रतीक के सम्मान में हिस्सा लें। तिरंगा हमारे देश की आन, बान और शान है, इसके लिए न जाने कितने वीर सैनिकों ने अपनी जान कुर्बान की है।
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