राजनीति
एक समय था जब पड़ोसी देश भारतीय सीमा लांघने से डरते थे : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने इस युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि एक समय था, जब पड़ोसी देश भारत के प्रधानमंत्री का लोहा मानते थे और सीमा का उल्लंघन करने से डरते थे। एक ट्वीट में, राहुल गांधी ने कहा, “1971 में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत की सालगिरह पर देश के लोगों और सशस्त्र बलों की वीरता को श्रद्धांजलि। यह एक समय था जब पड़ोसी देश भारत का लोहा मानते थे और देश की सीमाओं का उल्लंघन करने से डरते थे।”
दिसंबर, 1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी सेना पर एक निर्णायक और ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश नाम के एक नए देश का जन्म हुआ। इस दौरान द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण भी हुआ था।
16 दिसंबर से भारत 50 वर्षो के भारत-पाक युद्ध का जश्न मना रहा है जिसे ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ भी कहा जाता है। 1971 के युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्विटर पर लिखा, “भारत ने 1971 में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था और भारत की सत्ता और संप्रभुता का झंडा गाड़ दिया था। देशभक्ति से प्रेरित इंदिरा गांधी और बहादुर भारतीय सशस्त्र बल के अधिकारियों को श्रद्धांजलि।”
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा दूसरे कांग्रेस नेताओं ने भी इंदिरा गांधी और सशस्त्र बलों को सलामी दी।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, “1971 का युद्ध अकेले भारत के हितों की रक्षा करने के लिए नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में शांति की रक्षा के लिए था। जिस तरह से यह आयोजित किया गया उससे सही राष्ट्रवाद झलकता है। कोई अहंकार नहीं था, कोई बड़बोलापन नहीं था, फिर भी भारत ने एक जिम्मेदार क्षेत्रीय शक्ति की भूमिका निभाई।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी एक वीडियो संदेश में कहा, “16 दिसंबर 1971 को भारत दक्षिण एशिया क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरा। बहुत कम नेताओं के पास इतनी शक्ति थी और मौका था जो नक्शे को ही बदल दे। लेकिन ये काम प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनकी बहादुर सेना ने बांग्लादेश को आजाद करा कर दिखा दिया।”
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी विजय दिवस पर देश के लोगों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा, “देश अपने बहादुर सैनिकों और ‘आयरन लेडी’ इंदिरा गांधी का ऋणी है।”
कांग्रेस पार्टी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में कहा, “हम भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों और इंदिराजी के नेतृत्व को सलाम करते हैं, जिन्होंने न केवल 1971 के भारत-पाक युद्ध में विजय हासिल की, बल्कि बांग्लादेश में लाखों लोगों के आंसू पोछे।”
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1971 के भारत-पाकिस्तानयुद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ जलाई।
नेशनल वार मेमोरियल पर प्रज्जवलित चार ‘विक्ट्री मसाल’ अब देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाए जाएंगे, जिनमें परमवीर चक्र और महावीर चक्र पाने वाले गांव भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई लोकल ट्रेन के विकलांग डिब्बे में अंधी महिला की पिटाई करने वाला आरोपी गिरफ्तार

मुंबई: रेलवे पीआरपी ने मुंबई लोकल ट्रेन के विकलांग डिब्बे में एक नेत्रहीन महिला की पिटाई करने के आरोप में मुहम्मद इस्माइल हसन अली को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मोहम्मद इस्माइल हसन अली अपनी गर्भवती पत्नी और 10 वर्षीय बेटी के साथ मुंबई के सीएसटी रेलवे स्टेशन से टाटवाला जाने वाली ट्रेन में विकलांग डिब्बे में यात्रा कर रहे थे। इस दौरान एक 33 वर्षीय नेत्रहीन महिला डिब्बे में दाखिल हुई। अन्य यात्रियों ने हसन अली से अनुरोध किया कि वह विकलांग महिला के लिए अपनी सीट छोड़ दें। उसने इनकार कर दिया। इस दौरान पीड़िता ने उसके साथ गाली-गलौज की तो 40 वर्षीय हसन अली भड़क गया और उसने महिला की पिटाई शुरू कर दी। किसी तरह डिब्बे में मौजूद यात्रियों ने अंधी महिला को बचाया और पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस पर टिप्पणियां भी शुरू हो गईं। इस पर संज्ञान लेते हुए कल्याण जीआरपी ने कार्रवाई करते हुए मुंब्रा निवासी मोहम्मद इस्माइल हसन को गिरफ्तार कर लिया और आगे की जांच के लिए मामला पुलिस को सौंप दिया गया है। हसन अली के खिलाफ बिना किसी बहाने के विकलांग डिब्बे में यात्रा करने, मारपीट करने और अंधे यात्री के अधिकारों का उल्लंघन करने का मामला भी दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र
यातायात पुलिस ने 10 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला। 556 करोड़

मुंबई: ‘मुंबई वन स्टेट वन चालान’ डिजिटल पोर्टल के जरिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस विभाग ने 1 जनवरी 2024 से 28 फरवरी 2025 के बीच 556 करोड़ 64 लाख 21 हजार 950 रुपये (₹5,564,219,050) के चालान वसूले हैं। यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ है। उक्त अवधि के दौरान पोर्टल पर कुल 1,81,613 ऑनलाइन शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,07,850 शिकायतें खारिज कर दी गईं। यानि लगभग 59% शिकायतें खारिज कर दी गईं।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने ई-चालान शिकायतों के बारे में मुंबई यातायात पुलिस से जानकारी मांगी थी। मुंबई यातायात पुलिस के अनुसार, वाहन के प्रकार (जैसे दोपहिया, चार पहिया, माल वाहन, यात्री वाहन, आदि) के आधार पर प्राप्त शिकायतों का वर्गीकरण ‘एक राज्य एक चालान’ पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण वर्तमान में विशिष्ट वाहन श्रेणियों पर की गई कार्रवाई का विश्लेषण करना असंभव है।
शिकायत जांच प्रक्रिया:
सभी शिकायतों की जांच मल्टीमीडिया सेल, यातायात मुख्यालय, वर्ली, मुंबई में की जाती है। इसमें वाहन की तस्वीरों और आसपास के दृश्य साक्ष्यों की समीक्षा शामिल है। यदि चित्र या साक्ष्य स्पष्ट नहीं हैं, तो उसे जांच के लिए संबंधित यातायात विभाग या पुलिस स्टेशन को भेजा जाता है। चालान को बरकरार रखने या रद्द करने का अंतिम निर्णय स्थानीय जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही किया जाएगा।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि ई-चालान प्रणाली को पारदर्शी बनाना समय की मांग है। नागरिकों को अपने विचार प्रस्तुत करने का पूर्ण एवं निष्पक्ष अवसर दिया जाना चाहिए तथा प्रत्येक शिकायत की निष्पक्ष एवं गहन जांच की जानी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
छत्तीसगढ़ : सुरक्षाबलों ने 26 नक्सलियों को किया ढेर, एक जवान शहीद

नारायणपुर, 21 मई। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां कोंडागांव के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में 26 नक्सलियों को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद भी हुआ है।
नक्सलियों के पास से सुरक्षाबलों ने बड़ी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद किए है। इसकी जानकारी खुद राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने दी।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है, 26 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली भी मारे गए हैं। विजय शर्मा ने बताया कि इस मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद हुआ है, जबकि एक जवान घायल हुआ है। सर्च ऑपरेशन इलाके में जारी है।
इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली नम्बाला केशवराव उर्फ वसवा राजू को भी ढेर कर दिया गया है। वह छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर इलाके का कुख्यात नक्सली रहा है। उसके ऊपर 1 करोड़ का इनाम है। हालांकि अभी उसकी मौत की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है।
वहीं छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में हमारी डबल इंजन की सरकार बनने के बाद नक्सलियों के उन्मूलन पर लगातार काम कर रही है। सुरक्षाबल के जवान दुर्गम इलाके में जाकर नक्सलियों का सफाया कर रहे हैं और नारायणपुर में 24 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। निश्चित तौर बस्तर मार्च 2026 तक पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाएगा।
इससे पहले सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए थे।
सीआरपीएफ के डीजी ने जानकारी दी थी कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इस अभियान ने अधिक गति पकड़ी है। जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी रणनीतिक और सामरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया था कि जहां 2014 में 35 जिले नक्सली गतिविधियों के केंद्र हुआ करते थे, वहीं 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 6 जिलों तक सीमित रह गई है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के चलते नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है की गई है।
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