अपराध
भोपाल में फेथ बिल्डर के छापों के पीछे की बड़ी कहानी

मध्य प्रदेश की राजधानी में आयकर विभाग की टीमों के फेथ बिल्डर के दफतर और उससे जुड़े लोगों के कई स्थानों पर दी गई दबिश के बाद पर्दे के पीछे की बड़ी कहानी सामने आने लगी है। जो बातें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक बड़े रसूखदार नौकरशाहों पर भी आंच आने के आसार बनने लगे हैं। ज्ञात हो कि पिछले दिनों आयकर विभाग की टीमों ने फेथ बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर के ऑफि स सहित उसके और उससे जुड़े पियूष गुप्ता के कई ठिकानों पर एक साथ दबिश दी थी। कहा तो यह जा रहा है कि आयकर विभाग को जो दस्तावेज मिले हैं, उसके मुताबिक सौ से ज्यादा संपत्तियों का ब्यौरा उसके हाथ लगा है।
आयकर के छापों के बाद जो बातें सामने आई है वह चौंकाने वाली है। बताया जा रहा है कि राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ पहले लोकायुक्त में शिकायत की गई थी। इसमें संपत्ति और निवेश का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दिया गया था। इतना ही नहीं यह मामला भारत सरकार के प्रवर्तन निदेषालय तक गया। उसके बाद छानबीन हुई और यह पाया गया कि भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में सौ से अधिक संपत्तियों में निवेश किया गया है।
सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग को भोपाल में रातीबढ़ में लगभग दो सौ एकड़ क्षेत्र में क्रिकेट स्टेडियम है, इसके अलावा 20 से ज्यादा आवासीय भूखंड, सात फ्लैट, छह मकान, होटल, रिसोर्ट एवं आवासीय परियोजनाएं, शापिंग मॉल, दुकानें आदि में निवेश की पुष्टि हुई है। उसके बाद ही छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
आयकर विभाग के सूत्रों का दावा है कि जिस बेनामी संपत्ति का पता चला है उसमें से कई संपत्तियों को राजसात भी किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बेनामी प्रॉपर्टी टांजेक्शन एक्ट में वर्ष 2016 में कें द्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन से बेनामी संपत्ति को राजसात करने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी की तैनाती भी की गई है। संपत्ति राजसात की प्रक्रिया को ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर का अधिकारी आयकर के प्रतिवेदन के पंद्रह दिन बाद अंजाम दे सकता है।
सूत्रों की मानें तो प्रवर्तन निदेशालय को जो शिकायत की गई है उसमें भोपाल के अलावा इंदौर, लखनऊ, मुम्बई, मंसूरी, गोवा, दिल्ली में भी बेनामी संपत्तियां और बेनामी कंपनियों का ब्यौरा भी दिया गया है। इस पर भी कार्रवाई आगामी समय में संभावित है। इस शिकायत में एक गठजोड़ की तरफ भी इशारा किया गया है।
आयकर के छापों में जिन संपत्तियों का खुलासा हुआ है उनमें भोपाल में एक होटल की खरीदी का मामला भी विवादों में है। बताया जा रहा है कि यह होटल बैंक से कर्ज लेकर एक व्यक्ति ने बनाया, वह कर्ज नहीं चुका पाया तो उसको बैंक ने जब्त कर नीलामी की प्रक्रिया अपनाई। जब उसका मूल्यांकन कराया गया तो होटल की स्थिति को ही बदल दिया गया, ताकि संपत्ति की कीमत को कम आंका जा सके, जिससे होटल की कीमत मे बड़ा बदलाव आ गया, परिणामस्वरुप होटल कम कीमत पर बिका, साथ ही राज्य सरकार को राजस्व की हानि भी हुई। इस मामले की जांच लंबित है।
अपराध
मुंबई : बिना पहचान के सिम बेचने का खेल हुआ खत्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई , 21 मई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिना दस्तावेज के सिम कार्ड देने वाला युवक गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से 75 सिम कार्ड्स और 2 मोबाइल जब्त किए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम समीर मेहबूब खान है, जिसकी उम्र महज 23 साल है।
पहलगाम हमले के बाद, मुंबई शहर को हाई अलर्ट पर रखने के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को ऐसे गिरोह की जानकारी मिली जो मोटी रकम लेकर बिना दस्तावेज में सिम कार्ड मुहैया करवाता है। मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक शख्स वीआई, एयरटेल और जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकृत सिम कार्ड वितरक के रूप में काम करता है।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, इस दौरान आरोपी ग्राहकों की आंखों की स्कैनिंग और अंगूठे के निशान को बार-बार लेकर अवैध रूप से सिम कार्ड जारी कर रहा है। अधिकारी ने आगे बताया कि वह बिना वैध केवाईसी प्रक्रिया पूरी किए सिम कार्ड अधिक कीमत पर बेच रहा था।
इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए क्राइम ब्रांच ने एक जाल बुना। एक नकली ग्राहक को तैयार कर समीर के पास भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने उस ग्राहक से बिना किसी वैध दस्तावेज के अधिक पैसे लेकर सिम कार्ड बेच दिया। इसके बाद तुरंत ही आरोपी को हिरासत में लिया गया और उसके पास से सिम कार्ड्स और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से कई शहर हाई अलर्ट पर हैं। इस दौरान देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की तलाश की जा रही है और ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जा रहा है।
अपराध
झारखंड के शराब घोटाले में आईएएस विनय चौबे से एंटी करप्शन ब्यूरो ने शुरू की पूछताछ

रांची, 20 मई। झारखंड में शराब घोटाले में पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज करने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईएएस और तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे से पूछताछ शुरू की है।
मंगलवार को एसीबी की टीम उनके आवास पर पहुंची और इसके बाद उन्हें अपने साथ कार्यालय लेकर पहुंची है।
सूत्रों के अनुसार, उनसे उनके कार्यकाल में झारखंड में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू हुई एक्साइज पॉलिसी की कथित गड़बड़ियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
दरअसल, इस मामले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आई है।
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच वहां की आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की थी। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में जांच शुरू की।
ईडी को इस दौरान यह भी जानकारी मिली कि जिस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया, उसी ने झारखंड में भी नई उत्पाद नीति लागू करवाई और यहां भी उसी तर्ज पर घोटाला दोहराया गया।
इसी आधार पर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था।
पूछताछ के दौरान चौबे ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उत्पाद नीति सरकार की सहमति से लागू की गई थी। बाद में झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड में सुनियोजित घोटाला किया।
इसके बाद ईडी ने इसमें ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और अक्टूबर 2024 में आईएएस विनय चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य सरकार की अनुमति के बाद पीई दर्ज कर जांच शुरू की है।
अपराध
पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई: बटाला में आईएसआई समर्थित आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़

चंडीगढ़, 20 मई। पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बटाला पुलिस ने छह आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जो आईएसआई के निर्देश पर काम कर रहे थे। ये आतंकी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े हुए थे और इनका मास्टरमाइंड मनिंदर बिल्ला और मन्नू अगवान था।
बटाला पुलिस ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर दी है।
पुलिस के एक्स हैंडल के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकियों की पहचान जतिन कुमार उर्फ रोहन, बरिंदर सिंह उर्फ साजन, राहुल मसीह, अब्राहम उर्फ रोहित, सोहित और सुनील कुमार के रूप में हुई है। इनके पास से एक 30 बोर पिस्तौल बरामद हुई है।
पुलिस ने बताया कि ये आतंकी बटाला में एक शराब की दुकान पर ग्रेनेड हमला करने की कोशिश कर चुके थे। गिरफ्तार आतंकियों को पुर्तगाल स्थित मनिंदर बिल्ला और बीकेआई मास्टरमाइंड मन्नू अगवान से सीधे निर्देश मिल रहे थे। मन्नू अगवान ने हाल ही में अमेरिका में हैप्पी पासियन की गिरफ्तारी के बाद ऑपरेशनल चार्ज संभाला था।
गिरफ्तार आतंकियों में से एक जतिन कुमार पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया। उसने पुलिस पर गोलियां चलाईं और जवाबी कार्रवाई में घायल हो गया। उसे सिविल अस्पताल बटाला में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने इस मामले में बीएनएस और यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे राज्य में आतंकी नेटवर्क को बेअसर करने और शांति और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस कार्रवाई के बाद पुलिस आतंकी नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर आतंकवाद को पनपने नहीं देंगे और राज्य की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
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