अंतरराष्ट्रीय
एयर इंडिया को आधिकारिक तौर पर टाटा को सौंपने से पहले टाटा संस के चेयरमैन ने पीएम मोदी से की मुलाकात

टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, जो पूरे टाटा समूह को नियंत्रित करते हैं, ने गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। टाटा समूह को आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया सौंपने के बीच टाटा संस के चेयरमैन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। टाटा संस के चेयरमैन ने 8 अक्टूबर, 2021 को टाटा समूह द्वारा बोली जीतने के बाद एयर इंडिया के आधिकारिक हैंडओवर (सौंपने) से पहले प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की है।
बता दें कि 69 सालों के बाद फिर से एयर इंडिया की कमान टाटा समूह को सौंप दी गई है।
टाटा ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली जीती और 69 साल बाद एयर इंडिया को वापस ले लिया। नीलामी की प्रक्रिया में पिछले साल अक्टूबर में हुई थी और एयर इंडिया के लिए सर्वाधिक बोली लगाकर टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने इसे अपने नाम किया। टैलेस प्राइवेट लिमिटेड टाटा ग्रुप की ही कंपनी है।
इसके साथ ही एयर इंडिया अब भारत सरकार का उद्यम नहीं रह गई है और एक निजी संस्था बन गई है।
एयर इंडिया की ओर से टाटा संस की विमानन सहायक कंपनी टैलेस को बैलेंस शीट सौंपने के बाद यह बैठक हुई है, जो एयर इंडिया, एयर एक्सप्रेस और एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग सेवा का प्रबंधन करेगी। टाटा समूह के अधिकारियों ने बैलेंस शीट की समीक्षा की और 24 जनवरी तक किसी भी सुधार के लिए भी विकल्प है। उसके बाद भारत सरकार एयर इंडिया, एयर एक्सप्रेस और इसकी ग्राउंड हैंडलिंग सेवा टाटा समूह को सौंप देगी और इसके साथ 100 प्रतिशत सरकारी पीएसयू का एयर इंडिया में विनिवेश पूरा हो जाएगा।
टाटा समूह ने पहले ही 27 जनवरी से एयर इंडिया की चार उड़ानों, अर्थात एआई864 मुंबई-दिल्ली, एआई687 मुंबई-दिल्ली, एआई945 मुंबई-अबू धाबी और एआई639 मुंबई-बेंगलुरु में उन्नत भोजन सेवा की घोषणा की है। अन्य उड़ानों और मार्गों में चरणबद्ध तरीके से इसका विस्तार किया जाएगा।
इसके साथ ही, टाटा समूह प्रबंधन द्वारा केबिन क्रू की अच्छे से तैयारी का सुझाव पहले ही दिया जा चुका है, क्योंकि उनका कहना है कि चालक दल के सदस्य एयरलाइंस के ब्रांड एंबेसडर हैं। इसके अलावा उड़ान घोषणाओं में यात्रियों को अतिथि के रूप में संबोधित किया जाएगा और रतन टाटा का एक रिकॉर्डेड संदेश प्रत्येक उड़ान में चलाया जाएगा। लेकिन एयर इंडिया को लेकर टाटा की पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता ऑन टाइम शेड्यूल पर काम करना है।
व्यापार
यूएस रेसिप्रोकल पर टैरिफ 90 दिनों की रोक से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को हरे निशान में हुई। सुबह 9:38 पर सेंसेक्स 1,349 अंक या 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75,196 और निफ्टी 444 अंक की तेजी के साथ 22,843 पर था।
बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाना है। वहीं, 10 अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी के कारण बाजार इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया था, जिसके कारण आज बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में हैं। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 899 अंक या 1.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,481 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 311 अंक या 2.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,568 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा के साथ करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में हैं।
सेंसेक्स में टाटा मोटर्स, सन फार्मा, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, इटरनल, एमएंडएम, पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। वहीं, टीसीएस और एशियन पेंट्स ही लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
एशिया के ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। टोक्यो, हांगकांग, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और शंघाई हरे निशान में थे। गुरुवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट हुई। डाओ 2.50 प्रतिशत और नैस्डैक 4.31 प्रतिशत फिसलकर बंद हुआ।
भारतीय रुपया बुधवार के 86.69 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले शुक्रवार को 51 पैसे बढ़कर 86.18 प्रति डॉलर पर खुला। वहीं, शुक्रवार को सोना पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका कारण कमजोर डॉलर और बढ़ते व्यापार युद्ध था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार की मदद के लिए चीन की आपात सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची

बीजिंग, 5 अप्रैल। म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय भूकंप राहत सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची। सामग्री की इस खेप में 1,048 जल शोधन उपकरण, 10,000 मच्छरदानियां, 15,000 प्राथमिक चिकित्सा किट और 400 टेंट आदि विभिन्न तत्काल आवश्यक सामग्री शामिल हैं।
म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय सामग्री की पहली खेप और दूसरी खेप 31 मार्च को और 3 अप्रैल को क्रमशः म्यांमार पहुंची थी और आपदा पीड़ितों में वितरित की गई थी।
स्थानीय समयानुसार 28 मार्च को म्यांमार में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया और चीन के युन्नान प्रांत के कई हिस्सों में इसके जोरदार झटके महसूस किए गए। यह भूकंप इस साल की शुरुआत से पूरी दुनिया में 6 या इससे अधिक तीव्रता वाला 17वां भूकंप है। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक यह सबसे बड़ा भूकंप है और पिछले दशक में महाद्वीप पर आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है।
स्थानीय समय पर 4 अप्रैल की रात 8 बजे तक, 28 मार्च को म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण पूरे देश में 3,354 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 220 लोग लापता हैं।
व्यापार
सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक फिसला, आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली

मुंबई, 1 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बिकवाली देखने को मिल रही है। आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में गिरावट के चलते सुबह 11:26 पर सेंसेक्स 1,122.60 अंक या 1.45 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 76,292.32 और निफ्टी 285.80 अंक या 1.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,233 पर था।
बाजार में गिरावट की वजह 2 अप्रैल से अमेरिकी द्वारा अपने ट्रेडिंग पार्टनर देशों पर लगाए जाने वाले जवाबी टैरिफ को माना जा रहा है।
सेंसेक्स में इंडसइंड बैंक, जोमैटो, नेस्ले, आईटीसी और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स थे। बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक, टीसीएस और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 359.10 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,313.35 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 99.35 अंक या 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,997.15 पर था।
कैपिटलमाइंड रिसर्च के कृष्ण अप्पाला के अनुसार, वैश्विक चुनौतियों के बीच निवेशक सतर्क बने हुए हैं। बाजार के लिए संभावित टैरिफ घोषणाएं और उनके आर्थिक नतीजों से सेंटीमेंट प्रभावित होना प्रमुख चिंताएं बनी हुई हैं।”
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई।
इसके अलावा निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, रियलिटी और ऑटो समेत करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में थे।
एशिया के करीब सभी बाजार हरे निशान में बने हुए हैं। शंघाई, टोक्यो, सोल, बैंकॉक और हांगकांग के बाजारों में तेजी है। अमेरिकी बाजार सोमवार को सात महीनों के निचले स्तर से रिकवर करके एक प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए थे।
लगातार छह सत्रों तक खरीदारी करने के बाद शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने इक्विटी में 4,352 करोड़ रुपये की बिकवाली की। दूसरी तरफ, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,646 करोड़ रुपये का इक्विटी में निवेश किया।
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