राजनीति
बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के ‘चेहरे’ पर चखचख !

बिहार में 2014 के बाद से होने वाले कोई भी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम चर्चा में रहा है, लेकिन इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में मोदी का ‘चेहरा’ मुद्दा बना हुआ है। मोदी के चेहरे को लेकर दो दलों में ‘चखचख’ हो रही है।
केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को नकारते हुए अकेले चुनावी मैदान में उतरकर चुनाव को रोचक बना दिया है। पहले चरण में 71 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में लोजपा ने भाजपा के खिलाफ तो उम्मीदवार नहीं उतारे, लेकिन उन सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, जहां से जदयू चुनाव मैदान में उतरी है।
इस बीच, लोजपा स्पष्ट कह रही है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगेगी। इधर, भाजपा का कहना है कि बिहार राजग में शामिल दल ही प्रधानमंत्री के चेहरे का इस्तेमाल चुनाव में कर सकते हैं।
कहा जा रहा है कि लोजपा ने एक रणनीति के तहत बिहार में राजग में नहीं रहकर भी नरेंद्र मोदी के नाम का लाभ उठाने और प्रधनमंत्री के ‘चेहरे’ को मुद्दा बना दिया है। लोजपा के एक नेता ने नारा देते हुए कहा, ‘ मोदी से बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं।’
दीगर बात है कि इसे लेकर जदयू अब तक खुलकर सामने नहीं आई है। हालांकि, भाजपा इसे लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुकी है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तो स्पष्ट कर चुके हैं कि बिहार चुनाव में राजग में शामिल भाजपा, जदयू, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को छोड़कर कोई और पार्टी प्रधानमंत्री के चेहरे का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अगर ऐसा कोई दल करेगा, तो इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी।
इधर, लोजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के मीडिया पैनल में शामिल संजय सर्राफ ने आईएएनएस से कहा कि प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, कोई उनके चेहरे का इस्तेमाल से कैसे रोक सकता है। उन्होंने कहा कि लोजपा प्रधानमंत्री द्वारा किए गए विकास कार्यो और उनके उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित है। ऐसे में उन्हें उनके तस्वीर के उपयोग करने से कोई कैसे रोक सकता है।
इधर, जदयू इस मामले को लेकर कभी खुलकर सामने नहीं आ रही है। जदयू के एक नेता नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहते हैं कि नीतीश कुमार के कार्यो की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई सार्वजनिक मंचों से कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जल-जीवन-हरियाली योजना की भी तारीफ कर चुके हैं, यहीं कारण जदयू का मानना है कि मोदी, नीतीश की जोड़ी ही बिहार को विकास के पथ पर आगे ले जाएगा।
इस बीच, हालांकि कार्यकर्ताओं में उलझन जरूर है। जदयू और भाजपा के कार्यकर्ता तो एकजुट हैं, लेकिन लोजपा को लेकर उलझन है। कार्यकर्ता लोजपा को राजग का हिस्सा मानते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि लोजपा और जदयू की तनातनी में महागठबंधन को लाभ ना हो जाए। कार्यकर्ता तो यहां तक कहते हैं कि इस तनातनी को शीर्ष नेतृत्व को मिल बैठकर निपटाना चाहिए।
बहरहाल, केंद्र की सत्ता में भाजपा की सहयोगी पार्टी लोजपा के बिहार चुनाव में भाजपा की सहयोगी जदयू प्रत्याशियों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे जाने के बाद चुनाव रोचक हो गया है, लेकिन देखने वाली बात होगी कि प्रधानमंत्री के चेहरे को लेकर मतदाता किस पार्टी को पसंद करते हैं।
राजनीति
हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं : राहुल गांधी

पटना, 7 अप्रैल। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि हिंदुस्तान की सच्चाई की रक्षक संविधान है। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर ऐसे कई महापुरुष हैं, जिन्हें हिंदुस्तान मानता है। भीमराव अंबेडकर ने दलितों की लड़ाई लड़ी, लेकिन यह उन्हें दलितों ने ही सिखाया। उन्होंने उनके दर्द को समझा और उसके बाद उनकी लड़ाई लड़ी।
राहुल गांधी ने पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि जो गरीब लोग हैं, जो कमजोर लोग हैं, ईबीसी, ओबीसी, गरीब, दलित इन सबको जोड़कर, इज्जत देकर आगे बढ़े। कांग्रेस पार्टी को जिस गति और जिस मजबूती से बिहार में काम करना चाहिए था, वो नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हम अपनी गलती से समझे हैं और अब हम बिना रुके पूरी शक्ति के साथ बिहार के गरीब, कमजोर, ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित को लेकर हम एक साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने तेलंगाना के जातीय गणना को पारदर्शी बताते हुए कहा कि वहां जाति का पूरा का पूरा डेटा हमारे हाथ में है। बहुत सारे लोग बहुत तरह की बात करते हैं कि जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम लोग चाहते हैं कि देशभर में जातीय जनगणना हो।
उन्होंने आरक्षण को लेकर कहा कि आज तेलंगाना में देखेंगे तो वहां बड़ी कंपनियों के मालिक, उसके सीईओ, प्रबंधन में ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित के लोग नहीं मिलेंगे, लेकिन मजदूर वर्ग की सूची में यही लोग मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं 50 फीसदी आरक्षण की इस दीवार को तोड़कर फेंक दूंगा। इस देश को दस-पंद्रह लोग चला रहे हैं। जातीय जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है, इससे देश की सच्चाई पता चलेगी।
उन्होंने एक आईआईटी प्रोफेसर का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही आप डॉक्टर, प्रोफेसर या कोई बड़े आदमी बन जाएं, मगर सिस्टम आपको आपका काम सही से नहीं करने देगा। अगर आप डॉक्टर हैं, दलित वर्ग से आते हैं और कोई अस्पताल खोलना चाहते हैं, तो आपको लोन नहीं मिलेगा। बैंक से लोन मिल भी जाएगा तो ब्यूरोक्रेट अड़ंगा लगा देंगे। उन्होंने इस सिस्टम में सुधार की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। जो बिहार में हुआ है और जो आज बिहार में हो रहा है, जो एनडीए की सरकार बिहार में कर रही है, उससे हम लड़ रहे हैं और उसे हम हराने जा रहे हैं।
राजनीति
पीएम मुद्रा योजना में 10 वर्षों में बांटे गए 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन

नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई।
पीएम मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी और मंगलवार को इस योजना को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार को बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है।
एसकेओसीएच की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार, ”2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर है, इसे मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।”
वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है।”
पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिला दिए जाने वाले लोन की राशि 13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहीं, प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सराहना की है और कहा कि यह योजना, जो महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है, ने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की है, जो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं।
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है, जो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है।
पीएम मुद्रा योजना के तहत, किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए), जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैं, वित्त वर्ष 2016 में 5.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 प्रतिशत हो गए हैं, जो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है।
तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो साबित करती है कि मुद्रा केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस आधुनिक प्रयोगशालाओं और प्रौद्योगिकी से लैस है: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: साइबर अपराध और साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने खुद को आधुनिक तकनीक से लैस कर लिया है। तदनुसार, मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों एक फोरेंसिक लैब, एक विशेष वैन, एक इंटरसेप्ट वैन और अन्य आधुनिक उपकरणों सहित तीन साइबर लैब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को आधुनिक बनाया गया है और पुलिस साइबर धोखाधड़ी से लेकर अन्य अपराधों को सुलझाने के लिए इन आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेगी।
फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से आज लोगों को ऑनलाइन बेवकूफ बनाकर डिजिटल गिरफ्तारी जैसी घटनाएं हो रही हैं, उसी तरह पुलिस ने इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जांच के तरीकों से लेकर अन्य चीजों में महत्वपूर्ण क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए पुलिस थानों में विशेष सहायता कक्ष भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें महिलाओं को तत्काल सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए एक विशेष वैन भी तैयार की गई है ताकि उन्हें तुरंत मदद मिल सके। इस कार्यक्रम में मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर, विशेष पुलिस आयुक्त देविन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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