राष्ट्रीय
उत्तर प्रदेश में युवाओं को रोजगार की सौगात लेकर आ रही स्वीडन की कंपनी
रोजगार का इंतजार कर रहे उत्तर प्रदेश के युवाओं के अच्छे दिन आने वाले हैं। स्वीडन की कंपनी यूपी के युवाओं के लिए रोजगार की बड़ी सौगात लेकर आई है। फर्नीचर और होम अप्लायेंस बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक आइकिया महज कुछ सप्ताह में नोएडा में अपना आउटलेट शुरू करने जा रही है।
52 देशों में अपने आउटलेट खोल कर बड़ी संख्या में रोजगार और व्यापार उपलब्ध कराने वाली स्वीडन की कंपनी यूपी में 5,000 करोड़ का निवेश कर करीब दर्जन भर आउटलेट खोलने की तैयारी में है। योगी सरकार ने आइकिया को आउटलेट बनाने के लिए नोएडा में 47,833 वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराई है। नोएडा में आइकिया भारत का अपना सबसे बड़ा आउटलेट शुरू करने जा रही है।
नोएडा में आइकिया को जमीन एलाट करने के साथ ही राज्य सरकार ने कंपनी के करीब 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना को जमीन में उतार दिया है। दुनिया के 52 देशों में 433 से ज्यादा सेंटर खोलने वाली आइकिया यूपी में बड़ा निवेश करने की तैयारी में है। नोएडा से शुरूआत कर रही आइकिया की योजना पूर्वांचल और मध्य यूपी में कम से कम तीन बड़े आउटलेट खोलने की है।
नोएडा का सेंटर शुरू करने के साथ ही अन्य आउटलेट की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। कंपनी 2025 तक योगी सरकार के साथ तय योजना के मुताबिक अपने सभी आउटलेट शुरू कर देगी। अमेरिका, यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पूर्वी एशिया के देशों में अपने सेंटर खोल कर बड़ी संख्या में रोजगार और व्यापार उपलब्ध करा चुकी आइकिया के निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार मिलना तय माना जा रहा है।
फर्नीचर के साथ होम अप्लाएंस और फूड के क्षेत्र में भी उतर चुकी आइकिया के जरिये योगी सरकार यूपी के लोगों को नौकरी के साथ ही बड़ी तादाद में खुद के व्यापार का रास्ता भी तैयार करने जा रही है। कंपनी अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचने के साथ ही अलग अलग शहरों में फ्रेंचाइजी और शोरूम भी खोलेगी।
कंपनी ने दिसंबर 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ नोएडा और राज्य के अन्य शहरों में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश का समझौता किया था। उद्योग मंत्री सतीश महाना के अनुसार आइकिया को नोएडा में 47,833 वर्ग मीटर जमीन अलॉट की गई है। आइकिया ने 2016 में हैदराबाद में अपना पहला सेंटर 700 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया था। आइकिया कंपनी की योजना भारत में 10,500 करोड़ रुपये का निवेश कर 2025 तक कुल 25 सेंटर खोलने की है। इनमें करीब आधा हिस्सा अकेले यूपी का है।
यूपी चेंबर आफ कामर्स के को-चेयरमैन सतीश श्रीवास्तव कहते हैं कि अब तक दक्षिण भारत में महज दो आउटलेट खोलने वाली आइकिया को यूपी में लाकर योगी सरकार ने आर्थिक विकास की बड़ी नींव रखी है। ऐसी कंपनियों के यूपी के बाजार में उतरने से व्यापार और रोजगार तो बढ़ेगा ही लोगों को गुणवत्तापरक और विश्व स्तरीय मानक के फर्नीचर व अन्य उत्पाद कम कीमत में मिल सकेंगे। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना है कि रोजगार और व्यापार के लिहाज से अगले कुछ महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं। देश और दुनिया की बड़ी कंपनियां यूपी में निवेश करने के लिए लगातार आगे आ रही हैं। राज्य सरकार इसके लिए हर स्तर पर प्रयास कर मूर्त रूप देने में जुटी है। प्रदेश के हर युवा को रोजगार और व्यापार से जोड़ने की योगी सरकार की प्रक्रिया पूरी गति के साथ आगे बढ़ रही है। एक के बाद एक कंपनियां आ रही हैं। हम आत्मनिर्भर यूपी अभियान को साकार कर रहे हैं।
महोत्सव
स्वतंत्रता दिवस 2024: थीम, इतिहास, महत्व और समारोह के बारे में अधिक जानें।
भारत 15 अगस्त, 2024 को अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्ति के सत्तर से अधिक वर्षों का प्रतीक है। राष्ट्रीय गौरव और गहरी देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जाने वाला यह वार्षिक कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के बहादुर कार्यों और स्वायत्तता और विकास की दिशा में राष्ट्र की प्रगति को श्रद्धांजलि देता है। यह लेख 2024 में भारत के स्वतंत्रता दिवस से जुड़े महत्व, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और समारोहों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
क्या यह स्वतंत्रता दिवस की 77वीं या 78वीं वर्षगांठ है?
2024 में 78वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक होगा। भले ही यह स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से 77वाँ वर्ष है, लेकिन स्वतंत्रता के बाद से यह दिन 78 बार मनाया जा चुका है। जानकारी का यह दोहरा स्रोत भ्रम पैदा कर सकता है, फिर भी प्रत्येक आंकड़ा अपने संदर्भ में सही है।
4 जुलाई 2024 की थीम
इस वर्ष की थीम, “विकसित भारत” या “विकसित भारत”, 2047 तक भारत को एक विकसित और प्रगतिशील राष्ट्र में बदलने के लक्ष्य को दर्शाती है, जो इसकी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ है।
इतिहास में स्वतंत्रता दिवस का महत्व
इस विशेष दिन पर, भारत ने लगभग दो सौ वर्षों के औपनिवेशिक शासन के बाद ब्रिटिश नियंत्रण से स्वतंत्रता प्राप्त की। ब्रिटिश संसद ने 18 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया, जिसने ब्रिटिश वर्चस्व को समाप्त करने में मदद की और परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ।
स्वतंत्रता दिवस पर महत्वपूर्ण कार्यक्रम
प्रधानमंत्री का भाषण: 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से राष्ट्र के नाम भाषण देंगे।
स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: स्वतंत्रता दिवस पर, हम उन कई लोगों को याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
नागरिक और सांस्कृतिक जुड़ाव: परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन और देशभक्तिपूर्ण शैक्षिक पहल देशभक्ति गतिविधियों के उदाहरण हैं।
ध्वजारोहण: सरकारी भवनों और स्कूलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
राष्ट्रीय
शेयर बाजारों में सुबह के कारोबार में उतार-चढ़ाव
भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को सुबह के कारोबार में उतार-चढ़ाव रहा।
हरे निशान में खुलने के बाद सेंसेक्स एक समय 337.63 अंक यानि 0.47 प्रतिशत टूटकर 71.674.42 अंक तक तक लुढ़क गया था। हालाँकि बाद में वापसी करते हुए 124.73 अंक की तेजी के साथ 72,136.78 अंक पर पहुँच गया।
निफ्टी भी 107.25 अंक टूटकर एक समय 21,710.20 अंक तक उतर गया था। लेकिन दोपहर होते-होते यह 39.50 अंक की बढ़त से साथ 21,852.80 अंक तक चढ़ गया।
निफ्टी50 में एशर मोटर के शेयर चार प्रतिशत और मारुति सुजुकी के तीन प्रतिशत की बढ़त में थे। वहीं, टाटा कंज्यूमर और टाटा मोटर्स में करीब ढाई-ढाई फीसदी की गिरावट रही।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों पर निर्णय बुधवार को जारी करेगी। इससे अमेरिकी बाजार में रुझान तय होगा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि फेडरल रिजर्व इस साल दर में कटौती के धीमे रुख का संकेत दे सकता है। इस चिंता के कारण बुधवार को एशियाई शेयरों में नरमी रही।
राष्ट्रीय
सेंसेक्स 600 अंक टूटा, एफएमसीजी शेयर हुए धड़ाम
फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) स्टॉक मंगलवार को सेक्टोरल इंडेक्स में 1.9 फीसदी की गिरावट के साथ कमजोर कारोबार कर रहे हैं। एफएमसीजी इंडेक्स टॉप सेक्टर लूजर्स में से एक है। नेस्ले में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है।
कोलगेट पामोलिव करीब 4 फीसदी नीचे है। होनासा कंज्यूमर 3.7 फीसदी, टाटा कंज्यूमर 3.4 फीसदी, पतंजलि फूड्स 3.2 फीसदी, यूनाइटेड ब्रुअरीज 3 फीसदी, गोदरेज कंज्यूमर 2 फीसदी से ज्यादा और ब्रिटानिया 2 फीसदी से ज्यादा नीचे है।
बिकवाली के कारण बीएसई सेंसेक्स 600 अंक से अधिक नीचे है। ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर में मांग सुस्त है।
रिटेल डेटा पर नज़र रखने वाली नील्सन ने इस सेक्टर के लिए 4.5-6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, अल-नीनो का प्रभाव मई तक रहने के कारण कृषि क्षेत्र में वृद्धि कम रहेगी जिससे खपत में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है।
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