Monsoon
बिहार में मानसून के कहर से जल्द मिलेगी राहत, उत्तर-मध्य भारत में होगी ज्यादा बारिश : आईएमडी
भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहे बिहार समेत पूर्वोत्तर के प्रांतों को जल्द ही मानसून के कहर से राहत मिल सकती है जबकि मौसम की बेरुखी झेल रहे उत्तर और मध्य-भारत में मानसून की सक्रियता से बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रमुख डॉ. मृत्यजय महापात्र का कहना है कि बिहार और पूर्वोत्तर के जिन इलाकों में बीते दिनों भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं वहां अब भारी बारिश का सिलसिला थमेगा, जबकि ओडिशा से लेकर गुजरात तक मध्यभारत में अगले चार-पांच दिनों में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में भी बारिश में आगे सुधार होने की उम्मीद है, खासतौर से पूर्वी राजस्थान मंे इसी सप्ताह से बारिश हो सकती है।
देश की राजधानी दिल्ली में मानसून की बेरुखी पर पूछे गए सवाल पर डॉ. महापात्र ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि दिल्ली, चंडीगढ़ और हरियाणा में मानसून के दौरान अब तक सामान्य बारिश हुई है।
दिल्ली में इस बार वक्त से दो दिन पहले 25 जून को मानसून ने दस्तक दिया, लेकिन उसके बाद से हल्की-फुल्की बारिश जरूर हुई है, लेकिन मूसलधार बारिश अब तक नहीं हुई है।
देशभर में बारिश के वितरण को लेकर पूछे गए सवाल पर आईएमडी महानिदेशक ने कहा कि 13 जुलाई तक देश में मौसम विज्ञान के कुल 36 सब-डिवीजन में से 30 सब-डिवीजन में औसत से अधिक बारिश हुई।
उन्होंने कहा कि सिर्फ छह सब-डिवीजन में डिफिशिएंट रेन हुआ है यानी बारिश का टोटा रहा है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जब औसत से 20 फीसदी या उससे भी कम बारिश होती है तो उसे डिफिशिएंट रेन कहा जाता है। ऐसे इलाकों में अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख व केरल शामिल हैं।
डॉ. महापात्र ने कहा कि मानसून की प्रगति अब तक औसत से बेहतर रही है और अच्छी बारिश हुई है इस बात की तस्दीक परिचायक खरीफ बुवाई में आई तेजी से होती है।
चालू खरीफ सीजन में बीते सप्ताह तक 580.21 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है जो कि पिछले साल की समान अविध के 402.57 लाख हेक्टेयर से 44.13 फीसदी अधिक है।
चालू महीने जुलाई और अगस्त महीने के मानूसन के पूवार्नुमान के बारे में पूछे गए सवाल पर देश के शीर्ष मौसम विज्ञानी और आईएमडी प्रमुख ने कहा, “हमने पहले जो पूवार्नुमान जारी किया था कि जुलाई महीने में सामान्य बारिश होगी उसमें अब तक कोई बदलाव नहीं किया है। जुलाई में 102 फीसदी जबकि अगस्त मे 97 फीसदी बारिश का अनुमान है।”
उन्होंने कहा कि जुलाई महीने में जिन इलाकों में बारिश कम हुई है वहां आगे सुधार होगा।
आईएमडी की 14 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार, चालू मानसून सीजन के दौरान पूरे भारत में एक जून से लेकर 14 जुलाई तक औसत से 11 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। चालू मानसून सीजन में 14 जुलाई तक देशभर में 320.1 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस दौरान औसत बारिश 288.9 मिलीमीटर होती है। हालांकिए उत्तर-पश्चिम भारत में एक जून से लेकर 14 जुलाई औसत से 11 फीसदी कम बारिश हुई। वहीं पूरब और पूर्वोत्तर भारत में औसत से 15 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है जबकि मध्य भारत में औसत से 16 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है और दक्षिण प्रायद्वीपीय हिस्से में औसत से 14 फीसदी अधिक बारिश हुई है।
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महाराष्ट्र में भारी बारिश के बीच मराठवाड़ा के लिए राहत, जयकवाड़ी बांध 100% भर गया, मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली झीलें 98% के स्तर को पार कर गईं।
मुंबई: सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए, जयकवाड़ी बांध में शनिवार, 7 सितंबर को 100 प्रतिशत जल स्तर पहुँच गया। छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) के पैठण में स्थित यह बांध मराठवाड़ा के लिए पानी का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। महाराष्ट्र जल संसाधन (डब्ल्यूआरएस) विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल इसी दिन जयकवाड़ी बांध में मात्र 32.60 प्रतिशत जल स्तर था।
राज्य जल संसाधन डेटा क्या कहता है
इस मानसून में भारी बारिश के बीच, महाराष्ट्र के सभी 2,997 बांध (बड़े और छोटे सहित) कुल 83.15 प्रतिशत जल स्तर तक पहुँच गए हैं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक है, डब्ल्यूआरएस डेटा कहता है।
अगर केवल 138 प्रमुख बांधों पर विचार किया जाए, जो सभी क्षेत्रों को कवर करते हैं – कोंकण (मुंबई सहित), पुणे, नासिक, नागपुर, अमरावती और छत्रपति संभाजीनगर (मराठवाड़ा), तो शनिवार तक कुल जल संग्रहण 92.63 प्रतिशत तक पहुंच गया है। पिछले साल इसी दिन जल स्तर मात्र 70.92 प्रतिशत था, ऐसा डब्ल्यूआरएस की लाइव संग्रहण तुलना रिपोर्ट में कहा गया है।
2018 के बाद यह पहली बार है कि महाराष्ट्र के लगभग सभी प्रमुख बांध 100 प्रतिशत जल भंडारण तक पहुँच गए हैं, जो दर्शाता है कि राज्य को अगले मानसून तक पानी की गंभीर कमी का सामना नहीं करना पड़ सकता है।
मुंबई की झीलों में जलस्तर
पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले सात जलाशयों में जलस्तर 98 प्रतिशत से अधिक हो गया है। 6 सितंबर तक ऊपरी वैतरणा, मध्य वैतरणा, भाटसा, तानसा, तुलसी, विहार और मोदक सागर समेत सात झीलों में जलस्तर 98.06 प्रतिशत था। पिछले साल इसी दिन इन सात झीलों में जलस्तर 90.39 प्रतिशत था।
महाराष्ट्र में बारिश
पिछले हफ़्ते महाराष्ट्र के कई इलाकों, ख़ास तौर पर विदर्भ और मराठवाड़ा में भारी बारिश हुई। मराठवाड़ा के कई ज़िले पानी में डूब गए और लाखों हेक्टेयर फ़सलें बर्बाद हो गईं। बाढ़ जैसी स्थिति में 12 लोगों की जान चली गई और हज़ारों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
इस मॉनसून में महाराष्ट्र में सामान्य से ज़्यादा बारिश हुई है, 1 जून से पिछले हफ़्ते तक राज्य में औसत से 126% ज़्यादा बारिश हुई है।
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महाराष्ट्र में बारिश: मराठवाड़ा में कम से कम 12 लोगों की मौत की खबर; हिंगोली, परभणी, जलगांव, नांदेड़, लातूर सबसे ज्यादा प्रभावित।
महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। हिंगोली, परभणी, जलगांव, नांदेड़, बीड, लातूर और छत्रपति संभाजी नगर शहर सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।
ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश ने 12 लोगों की जान ले ली है और लाखों किसान प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश की वजह से फसलों को भारी नुकसान हुआ है और गोदावरी समेत कई नदियाँ उफान पर हैं।
मराठवाड़ा के हजारों गांव प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार, 48 घंटों से लगातार हो रही बारिश के कारण मराठवाड़ा क्षेत्र के करीब 1,454 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और करीब 169 जानवर मारे गए हैं। बारिश के कारण लाखों हेक्टेयर फसलें भी बर्बाद हो गई हैं।
सबसे ज़्यादा प्रभावित हिंगोली जिले में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना को बुलाया गया है। स्थानीय विधायक संतोष बांगर फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच गए हैं। अब तक करीब 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है और राज्य के अधिकारी मराठवाड़ा में बारिश से प्रभावित इलाकों से ग्रामीणों और जानवरों को बचा रहे हैं।
परभणी जिले में भारी बारिश के कारण गोदावरी नदी और उसकी सहायक नदियों, पूर्णा और दुधना में बाढ़ आ गई है, जिसके परिणामस्वरूप कृषि भूमि, संपत्ति और वाहनों को काफी नुकसान हुआ है।
रेड अलर्ट जारी
राज्य आपदा प्रबंधन ने मंगलवार दोपहर 3 बजे तक धुले और नंदुरबार में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में मंगलवार को भी भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद है।
इस मानसून में महाराष्ट्र में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है, तथा 1 जून से अब तक राज्य में औसत से 126% अधिक वर्षा हुई है। क्षेत्रवार, कोंकण में औसत से 30% अधिक वर्षा हुई है, मध्य महाराष्ट्र में 51%, मराठवाड़ा में 15% तथा विदर्भ में 16% अधिक वर्षा हुई है।
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मुंबई मौसम अपडेट: आईएमडी ने शहर में हल्की बारिश, महाराष्ट्र के आंतरिक क्षेत्रों में भारी बारिश का अनुमान लगाया।
मुंबई: पिछले कुछ दिनों से मुंबई में मानसून की गति धीमी रही है, जिससे हल्की और छिटपुट बारिश ही हुई है, लेकिन भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाकों में बारिश की गतिविधि में वृद्धि का अनुमान लगाया है। हालांकि, IMD ने आने वाले पांच दिनों में मुंबई और उसके आसपास के जिलों के लिए कोई बारिश की चेतावनी जारी नहीं की है।
IMD के अनुसार, मुंबई में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और शहर और उपनगरों में कभी-कभी हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। मुंबई में तापमान स्थिर रहने की उम्मीद है, अगले 24 से 48 घंटों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। इसके बाद, शहर में हल्की बारिश के साथ आंशिक रूप से बादल छाए रहने की उम्मीद है।
IMD के मुख्य वैज्ञानिक सुनील कांबले ने मौसम की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में तापमान में वृद्धि बारिश में कमी के कारण हुई है। “हमें अगले 3 से 4 दिनों तक मुंबई में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। हालांकि, महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों, खासकर उत्तरी भागों में, मध्य भारत में बने एक दबाव के कारण भारी से बहुत भारी बारिश की उम्मीद है,” कांबले ने कहा। “अगले पांच दिनों के लिए मुंबई के लिए कोई अलर्ट नहीं है।”
दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़ के आस-पास के इलाकों में बना दबाव 8 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा है और वर्तमान में पूर्वी विदर्भ और उससे सटे तेलंगाना पर केंद्रित है। इस सिस्टम से अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाकों में बारिश की गतिविधि बढ़ने की उम्मीद है।
सोमवार के लिए आईएमडी ने धुले, नंदुरबार, परभणी, हिंगोली और नांदेड़ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, जबकि महाराष्ट्र के सात जिले ऑरेंज अलर्ट पर थे। आईएमडी ने महाराष्ट्र में मंगलवार के लिए कोई ऑरेंज या रेड अलर्ट जारी नहीं किया है।
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