अंतरराष्ट्रीय
स्मिथ भारत के लिए सिरदर्द साबित होंगे : मैक्सवेल

आस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी ग्लैन मैक्सवेल ने कहा है कि भारत के खिलाफ आगामी सीरीज में स्टीव स्मिथ मेहमान टीम के लिए सिरदर्द साबित होंगे। मैक्सवेल ने साथ ही आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले मार्कस स्टोइनिस की भी तारीफ की है। इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई पिछली सीमित ओवरों की सीरीज में आस्ट्रेलियाई का मध्य क्रम और निचला क्रम ज्यादा मजबूत नहीं दिखा था। मैक्सवेल ने कहा कि स्मिथ के आने से और स्टोइनिस जिस तरह की फॉर्म में हैं, उससे टीम की बल्लेबाजी मजबूत है।
मैक्सवेल ने शुक्रवार को वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में भारत के चुनिंदा मीडिया संस्थानों से बात की, जिसमें आईएएनएस भी शामिल रहा।
भारत के खिलाफ खेली जाने वाली सीमित ओवरों की सीरीज में टीम की बल्लेबाजी के बारे में आईएएनएस द्वारा पूछे गए सवाल पर मैक्सवेल ने कहा, “स्टोइनिस की फॉर्म इस समय शानदार है। अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह अच्छा करेंगे। उन्होंने दिल्ली के लिए खेलते हुए आईपीएल में अच्छा किया है। वह गेंद को अच्छे से मार रहे थे। साथ ही स्मिथ भी पिछली वनडे सीरीज में कन्कशन के कारण बाहर थे। उनका वापसी करना भी हमारी टीम के लिए अच्छा है। वह भारतीय टीम के सिरदर्द हो सकते हैं। उन्होंने भारत के खिलाफ काफी सारे रन किए हैं इसलिए उनका टीम में आना अच्छा होगा।”
आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेलने वाला यह बल्लेबाज हालांकि अच्छा नहीं कर सका था। वह टीम के लिए न कोई बड़ी पारी खेल पाए थे न ही मैच जिताऊ पारी।
क्या आईपीएल के फॉर्म का भारत के खिलाफ सीरीज में असर पड़ेगा? इस सवाल पर मैक्सवेल ने हंसते हुए कहा, “आईपीएल के प्रदर्शन का आने वाली सीरीज में मेरे प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ेगा।”
मैक्सवेल भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर आत्मविश्वास से भरे हुए दिखे।
उन्होंने कहा, “मैं अपने आप को इस टीम में एक हरफनमौला खिलाड़ी की तरह देखता हूं। मेरे अलावा स्टोइनिस एक और हरफनमौला खिलाड़ी होंगे जो फ्रंटलाइन गेंदबाजों के साथ मिलकर काम करेंगे। उम्मीद है कि मुझे अगर गेंदबाजी का मौका मिलता है तो मैं अपना योगदान दे सकूंगा और कोशिश करूंगा कि बल्ले से निचले क्रम में मैंच खत्म कर सकूं।”
आस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज ग्लैन मैक्ग्राथ ने हाल ही में कहा था कि आस्ट्रेलियाई पिचों में अब पहले जैसी बात नहीं रही।
इस पर मैक्सवेल ने कहा, “मैं काफी लंबे समय से आस्ट्रेलियाई पिचों पर नहीं खेला हूं। इसलिए मैं शायद इसका जवाब देने के लिए सही इंसान नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि यहां की पिचों में आज भी अच्छी खासी उछाल और तेजी है। मुझे अभी भी लगता है कि यहां की पिचों में अभी भी बल्लेबाजों को डराने वाली बात तो है।”
मैक्सवेल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आईपीएल खेल कर लौटे हैं। यूएई की पिचें धीमी थी वहीं आस्ट्रेलिया की पिचें तेज और उछाल वाली हैं। मैक्सवेल के मुताबिक बल्लेबाजों को यूएई से आने के बाद आस्ट्रेलिया की पिचों के साथ सामंजस्य बिठाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने कहा, “मुझे लगता है कि यहां कि पिचें ईवन हैं। आप एक-दो गेंद खेलेंगे तो समझ जाएंगे। दुबई की पिचें टू-पेस थीं। हमें विकेट को समझने के लिए ज्यादा समय बिताना पड़ता था। भारत में पिचें धीमी होती हैं और आप जानते हैं कि यह और धीमी होंगी। मुझे नहीं लगता कि बल्लेबाजों को यहां की पिचों से सामंजस्य बिठाने में परेशानी होगी।”
भारत को आस्ट्रेलिया दौरे पर तीन मैचों की वनडे सीरीज और तीन मैचों की टी-20 सीरीज के अलावा चार मैचों की टेस्ट सीरीज भी खेलनी है। वनडे सीरीज की शुरुआत 27 नवंबर से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) से होगी। दूसरा मैच भी 29 तारीख को इसी मैदान पर खेला जाएगा। तीसरा वनडे 2 दिसंबर को कैनबरा के मनुका ओवल पर खेला जाएगा। सीरीज का प्रसारण सोनी टेन-1, सोनी टेन-3 और सोनी सिक्स चैनल्स पर किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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