राजनीति
शर्मिला तेलंगाना में 28 जनवरी को पदयात्रा फिर से शुरू करेंगी

हैदराबाद, 24 जनवरी : दो महीने के ब्रेक के बाद वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला 28 जनवरी से अपनी प्रजा प्रस्थानम पदयात्रा फिर से शुरू करेंगी। यह घोषणा करते हुए कि वह उस स्थान से पदयात्रा फिर से शुरू करेंगी, जहां पिछले महीने राज्य सरकार ने इसे रोक दिया था, उन्होंने केसीआर शासन के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। वह मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर जमकर बरसीं, उन्होंने राज्य को हर पैरामीटर और हर मोर्चे पर विफल बताया।
शर्मिला ने कहा कि तेलंगाना की आकांक्षाओं को विफल करते हुए और पिछले 9 वर्षो से लोगों को संकट में रखते हुए केसीआर आश्चर्यजनक रूप से राष्ट्रीय राजनीति की स्थापना कर रहे हैं।
आंध्र प्रदेश (अविभाजित) के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने कहा, “यह केवल वाईएसआरटीपी ही है, जिसने लगातार और बिना शर्त केसीआर और उनकी भ्रष्ट और अत्याचारी सरकार को संभाला है। जब उन्होंने सत्ता और अधिकार का दुरुपयोग करते हुए हमें घेरने की बहुत कोशिश की, तब भी हम कभी नहीं झुके। तेलंगाना के लिए हमारे इरादों और स्नेह में ईमानदारी के साथ, और सबसे बढ़कर, वाईएसआर के लोगों के अनुकूल शासन को याद करते हुए हमने पूरे तेलंगाना में यात्रा की और 3,500 किलोमीटर की दूरी तय की, केवल केसीआर द्वारा परेशानी और धमकी दी गई, जो हमारी बढ़ती प्रमुखता से डर गए और हमने उनके स्थानीय विधायकों और सांसदों को बेनकाब किया।”
उन्होंने कहा, “हम विफल वादों से चिह्न्ति उनके शासन से लड़ना जारी रखेंगे, जैसा कि हमने कालेश्वरम या पलामुरु या बेरोजगारी या अन्य मुद्दों के साथ किया। इस भ्रष्ट शासन के अंत की उलटी गिनती शुरू हो गई है।”
उन्होंने इस अवसर पर ‘विफल’ खम्मम शो के लिए बीआरएस का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, “पलेरू में मेरे प्रवेश ने उनके मनोबल को हिला दिया है और अब उन्होंने महसूस किया है कि वाईएसआरटीपी की लोकप्रियता और नलगोंडा के निकटवर्ती हिस्सों के साथ-साथ पूरे जिले में उपस्थिति बढ़ रही है।”
उन्होंने राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी और राज्य भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय को केसीआर और उनके भ्रष्टाचार को बेनकाब करने में विफल बताया।
बीआरएस कार्यकर्ताओं ने 28 नवंबर को वारंगल जिले में कथित तौर पर उनकी बस में आग लगा दी थी और अन्य वाहनों पर पथराव किया था। बाद में शर्मिला को हैदराबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। अगले दिन, मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास की ओर एक विरोध मार्च का नेतृत्व करते हुए उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। वह हमले में क्षतिग्रस्त हुई कार चला रही थीं और मुख्यमंत्री आवास के सामने विरोध प्रदर्शन करना चाहती थीं। हालांकि पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। जब शर्मिला ने कार से बाहर आने से इनकार कर दिया तो पुलिस कार समेत उन्हें थाने ले गई।
हालांकि, पदयात्रा फिर से शुरू नहीं हो सकी, क्योंकि पुलिस ने अनुमति नहीं दी। वाईएसआरटीपी ने तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने शर्मिला को यात्रा को फिर से शुरू करने की अनुमति देते हुए पहले लगाई गई शर्तो का पालन करने को कहा।
महाराष्ट्र
2012 पुणे बम विस्फोट मामला : 12 साल बाद आरोपी फारूक शौकत भगवान को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिली

मुंबई, 10 सितंबर 2025 (कमर अंसारी) : बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2012 पुणे सीरियल ब्लास्ट मामले के आरोपी फ़ारूक़ शौकत बगवान को ज़मानत दे दी है। बगवान पिछले 12 साल से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में थे और इस दौरान मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।
न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी और राजेश एस. पाटिल की खंडपीठ ने कहा कि इतने लंबे समय तक मुकदमा लंबित रहना आरोपी के त्वरित सुनवाई के संवैधानिक अधिकार (अनुच्छेद 21) का उल्लंघन है। अदालत ने यह भी नोट किया कि इसी मामले के एक अन्य आरोपी मुनीब इक़बाल मेमन को पिछले वर्ष ज़मानत मिल चुकी है, इसलिए समानता के आधार पर बगवान को भी राहत मिलनी चाहिए।
39 वर्षीय बगवान को दिसंबर 2012 में गिरफ़्तार किया गया था। उन पर भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक अधिनियम, आर्म्स एक्ट, गैर-क़ानूनी गतिविधियाँ (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) और मकोका जैसे कड़े क़ानूनों के तहत आरोप लगाए गए थे।
यह धमाके 1 अगस्त 2012 को पुणे के अलग-अलग इलाकों—डेक्कन जिमखाना और बाल गंधर्व रंगमंदिर सहित—में हुए थे। शाम 7:25 बजे से रात 11:30 बजे के बीच पाँच कम तीव्रता वाले धमाके हुए, जिनमें एक व्यक्ति घायल हुआ। एक छठा बम साइकिल में लगाया गया था जिसे समय रहते बरामद कर निष्क्रिय कर दिया गया।
अभियोजन पक्ष का आरोप है कि बगवान ने फर्जी दस्तावेज़ों से सिम कार्ड बनवाए और अपने दुकान का इस्तेमाल हमले की तैयारी में होने दिया। लेकिन बचाव पक्ष, जिसकी पैरवी अधिवक्ता मुबीन सोलकर ने की, ने दलील दी कि मुकदमे की प्रगति अत्यंत धीमी रही है। 12 साल में लगभग 170 गवाहों में से केवल 27 की ही गवाही हो सकी है, ऐसे में लंबी हिरासत अनुचित है।
अदालत ने माना कि मुकदमा जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है और बगवान को एक लाख रुपये की जमानती राशि पर रिहा करने का आदेश दिया।
राज्य सरकार ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि आरोपी के ख़िलाफ़ क़बूलनामे और अन्य साक्ष्य मौजूद हैं। लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया कि लंबी अवधि की कैद और सह-आरोपी को मिली राहत के आधार पर ज़मानत उचित है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई की लोकल ट्रेनों का बदलेगा चेहरा, चलेंगी एसी ‘वंदे मेट्रो’ ट्रेन

मुंबई, 9 सितंबर। मुंबई की उपनगरीय रेल यात्रा में जल्द ही बड़ा बदलाव आने वाला है। मुंबई रेलवे विकास निगम लिमिटेड (एमआरवीसी) ने 2,856 पूरी तरह वातानुकूलित वंदे मेट्रो (उपनगरीय) कोचों की खरीद के लिए एक बड़ी निविदा जारी की है।
मुंबई रेलवे विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विलास सोपन वाडेकर ने मिडिया से बात कर वंदे मेट्रो ट्रेन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह निविदा मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट फेज III और IIIए के तहत जारी की गई है। यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, “इसमें न केवल आधुनिक कोचों की आपूर्ति शामिल है, बल्कि 35 साल तक उनका रखरखाव भी किया जाएगा। इन नई ट्रेनों में 12, 15 और 18 डिब्बों वाले रेक होंगे, जो भविष्य की बढ़ती यात्री संख्या को संभालने में सक्षम होंगे। वर्तमान में ज्यादातर सेवाएं 12 डिब्बों वाले रेकों से ही चलती हैं।”
इस परियोजना के लिए मध्य रेलवे (भिवपुरी) और पश्चिम रेलवे (वानगांव) में दो अत्याधुनिक रखरखाव डिपो भी बनाए जाएंगे। निविदा जमा करने की प्रक्रिया 8 दिसंबर 2025 से शुरू होगी और यह 22 दिसंबर 2025 को खोली जाएगी।
यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत की जा रही है, जिससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
विलास सोपन वाडेकर ने कहा कि सभी एसी कोच वातानुकूलित होंगे, जिससे गर्मी और भीड़भाड़ में भी यात्री आरामदायक महसूस करेंगे। इनमें स्वचालित दरवाजे होंगे, जो सुरक्षा बढ़ाएंगे। साथ ही, बेहतर एक्सीलरेशन और डिसीलरेशन से समयबद्धता में सुधार होगा और ये ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार से चल सकेंगी।
उन्होंने आगे बताया कि इस कदम का उद्देश्य मुंबई के दैनिक यात्रियों के लिए यात्रा को अधिक आरामदायक, सुरक्षित और कुशल बनाना है। रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को विशेष फायदा होगा। कम समय में यात्रियों को सुगम यात्रा मिलेगी। समय से काम पूरा हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाएगा।
आधुनिक सुविधाओं के बारे में बताते हुए कहा कि कोचों में गद्देदार सीटें, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट और इंफोटेनमेंट सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। मुंबई की जलवायु के अनुसार उच्च क्षमता वाले एचवीएसी सिस्टम के साथ, विक्रेताओं के लिए अलग एसी डक्ट वाले विशेष डिब्बे भी होंगे।
अपराध
दिल्ली: शाहदरा पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त कार्रवाई, अवैध शराब जब्त, तीन आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 9 सितंबर। शाहदरा जिला पुलिस की एएसबी सेल ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 5840 क्वार्टर अवैध देसी शराब और एक कार को जब्त करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह पूरी कार्रवाई आगामी त्यौहारी सीजन में कानून व्यवस्था को सुचारू रखने और संगठित अपराधों की रोकथाम के उद्देश्य से की गई।
दरअसल, 6-7 सितंबर की रात शाहदरा एएसबी सेल को सूचना मिली थी कि आनंद विहार इलाके के सूरजमल विहार अथॉरिटी के पास अवैध शराब की खेप लाई जा रही है। सूचना के बाद एसआई अजय तोमर, शाहदरा एएसबी सेल के इंचार्ज के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इस कार्रवाई की देखरेख एसीपी ऑपरेशन मोहिंदर सिंह ने की, जबकि शाहदरा डीसीपी ने इसकी निगरानी की। टीम में एएसआई राजकुमार, हेड कांस्टेबल सचिन, नवदीप, कुमार दिव्य वत्स, रोहित, सोनू, मनीष और कांस्टेबल सौरव शामिल थे।
इसी दौरान आबकारी विभाग की टीम भी वाहन को ट्रैक कर रही थी। आबकारी इंस्पेक्टर इंदरपाल, हेड कांस्टेबल अमृत और महिला हेड कांस्टेबल नीलम मौके पर पहुंचे और संयुक्त प्रयासों से पुलिस ने आरोपी कमल (26), निवासी जेलोर वाला बाग, अशोक विहार, दिल्ली को पकड़ लिया। उसके कब्जे से भारी मात्रा में अवैध शराब और वाहन बरामद किया गया। इस संबंध में आनंद विहार थाने में एफआईआर संख्या 407/25 दर्ज की गई है।
पूछताछ में कमल ने कबूल किया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले का रहने वाला है और पेशे से ड्राइवर है। बेरोजगारी के चलते वह करीब 2-3 महीने पहले वजीरपुर में जॉनी और किशन उर्फ सुदामा से मिला था। उन्होंने उसे 20 हजार मासिक वेतन पर अवैध शराब सप्लाई करने का काम दिया। जॉनी हरियाणा से शराब लाता था और कमल व किशन उर्फ सुदामा के जरिए दिल्ली में सप्लाई कराता था।
पुलिस ने आगे की जांच में किशन कुमार उर्फ सुदामा (24), निवासी बुराड़ी और मूल निवासी मुंगेर, बिहार को भी गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों ने बताया कि 6 सितम्बर को जॉनी ने 122 कार्टन शराब कुंडली में भेजी थी, जिसे टाटा ऐस में डालकर दिल्ली लाया गया। इस खेप में से 6 कार्टन राजीव उर्फ़ मोनू को शक्ति नगर की गुड़ मंडी में पहुंचाई गई थी। इसके आधार पर पुलिस ने राजीव उर्फ मोनू (38), निवासी शक्ति नगर, दिल्ली को भी गिरफ्तार किया। उसके पास से 40 क्वार्टर ‘रेस 7 – फॉर सेल इन हरियाणा ओनली’ शराब बरामद हुई।
छापेमारी के दौरान कुल 5,000 क्वार्टर (100 पेटी) देशी शराब ‘संतरा’, 440 क्वार्टर (8 पेटी) ‘रेस-7’, 400 क्वार्टर (8 पेटी) ‘नाइट ब्लू’ और सप्लाई के लिए उपयोग की जाने वाली कार बरामद की गई।
आरोपी कमल 10वीं तक पढ़ा है और लेबर का काम करता था, लेकिन आसान पैसे कमाने के लालच में शराब तस्करी में शामिल हो गया। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वहीं, किशन कुमार उर्फ सुदामा पहले भी दो बार आबकारी अधिनियम के तहत पकड़ा जा चुका है। राजीव उर्फ मोनू के खिलाफ पहले से तीन केस दर्ज हैं।
पुलिस ने बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड जॉनी फिलहाल फरार है। हरियाणा के सोनीपत जिले के असावरपुर स्थित उसके घर पर छापा मारा गया, लेकिन वह वहां नहीं मिला। उसकी तलाश और बाकी खेप की बरामदगी के प्रयास जारी हैं। शाहदरा पुलिस ने कहा कि त्योहारों से पहले अवैध शराब और संगठित अपराधों के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा बनी रहे।
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