खेल
शमी, बुमराह के साथ गेंदबाजी पर बोले भुवनेश्वर, एक-दूसरे को बताने की जरूरत नहीं

भारत के मौजूदा तेज गेंदबाजी आक्रमण को इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमणों में गिना जाता है और इस आक्रमण का अहम हिस्सा भुवनेश्वर कुमार ने इसके पीछे वजह आपसी समझ को बताई है। कुमार ने कहा कि गेंदबाजों को आपस में ज्यादा बातचीत करने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि सभी एक दूसरे को समझते हैं।
कुमार ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के हिंदी शो क्रिकेटबाजी के दूसरे एपिसोड में कहा, “दूसरे छोर से कौन गेंदबाजी कर रहा है इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मुझे जो करना है वो करता हूं, लेकिन मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह सीनियर खिलाड़ी हैं, तो हम कम शब्दों में इस बात पर चर्चा करते हैं कि बल्लेबाज क्या करने की कोशिश कर रहा है। हमें एक दूसरे को ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नहीं होती। हम एकमत से अच्छी गेंदबाजी करने का फैसला करते हैं और दोनों छोर से दबाव बनाए रखते हैं।”
आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो वनडे में भुवनेश्वर के दूसरी पारी में रिकार्ड अच्छा है। कुमार ने कहा कि यह अपने आप है जानबूझकर किया हुआ नहीं।
उन्होंने कहा, “दूसरी पारी में आपकी कोशिश रक्षात्मक गेंदबाजी करने की होती है। ऐसा नहीं है कि आप गेंदबाजी नहीं करना चाहते, लेकिन मानसिकता डिफेंसिव होती है। आपकी लैंग्थ वही रहती है, आपका रनअप वही रहता है, लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि यह फील्ड पोजीशन की बात है। मुझे लगता है कि रक्षात्मक खेलना और आक्रमण करना फील्डिंग की सजावट पर काफी निर्भर करता है। अगर आप अटैक करना चाहते तो स्लिप लगाते हो, अगर नहीं तो स्वीपर कवर रखते हो। इसलिए मानसकिता का असर होता है।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह अवचेतना में होता है। जैसे कि बल्लेबाज करते हैं, रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए कि कितनी गेंदें बची हैं और कितने विकेट हैं। कहीं न कहीं गेंदबाजी भी इस बात को जानता है, कि जब सामने वाली टीम 350 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही है तो बल्लेबाज मौके बनाएगा। इसलिए आप ज्यादा से ज्यादा विविधता लाने की कोशिश करते हो और पहली गेंद से आपके दिमाग में स्थिति साफ रहती है कि आपको लक्ष्य बचाना है। कई बार होता है कि आप 200 के स्कोर पर ही आउट हो जाते हो और ऐसे में एक गेंदबाज के चलते आप जानते हो कि आपको विकेट लेने हैं। कप्तान और टीम प्रबंधन भी इस बात को जानता है कि रणनीति यह है और अगर इस प्रक्रिया में कुछ रन चले गए तो ठीक है।”
खेल
निकोलस पूरन ने सिर्फ 29 की उम्र में लिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास

नई दिल्ली, 10 जून। वेस्टइंडीज के विकेटकीपर-बल्लेबाज निकोलस पूरन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। पूरन के अचानक लिए गए इस फैसले ने उनके फैंस को हैरान कर दिया है। आईसीसी ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की है।
कुछ दिनों पहले ही साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर-बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने की घोषणा की थी, जिसके बाद एक और मशहूर विकेटकीपर-बल्लेबाज का संन्यास क्रिकेट प्रेमियों को चौंका गया।
29 वर्षीय निकोलस पूरन ने संन्यास का ऐलान करते हुए अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, “मैंने काफी सोचने और विचार-विमर्श करने के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया है। यह खेल जिससे हम प्यार करते हैं, उसने बहुत कुछ दिया है और देता रहेगा। मैरून जर्सी पहनना, एंथम के लिए खड़े होना, और हर बार मैदान पर उतरते समय अपना सब कुछ देना… इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है कि इसका मेरे लिए क्या मतलब है। टीम का कप्तान होना एक ऐसा सौभाग्य है, जिसे मैं हमेशा अपने दिल के करीब रखूंगा।”
उन्होंने आगे लिखा, “फैंस के लिए- आपके अटूट प्यार के लिए धन्यवाद। आपने मुश्किल पलों में मुझे संभाला और बेहतरीन जुनून के साथ अच्छे पलों का जश्न मनाया। अपने परिवार, दोस्तों और टीम के साथियों के लिए मैं कहना चाहूंगा कि मेरा साथ देने के लिए धन्यवाद। आपके विश्वास और समर्थन ने मुझे इन सब के जरिए आगे बढ़ाया।”
निकोलस पूरन ने 2014 के अंडर-19 पुरुष क्रिकेट विश्व कप में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया था, जिसके दो साल बाद उन्हें टी20आई फॉर्मेट में सीनियर टीम की ओर से इंटरनेशनल डेब्यू करने का मौका मिला।
इसके बाद 2018 में पूरन ने वनडे फॉर्मेट में डेब्यू किया। शानदार प्रदर्शन को देखते हुए बाएं हाथ के इस खिलाड़ी को विश्व कप 2019 के लिए टीम में मौका मिला।
साल 2021 में पूरन पुरुष टी20 वर्ल्ड कप के लिए कैरेबियन टीम के उप-कप्तान बने और साल 2022 में दोनों ‘व्हाइट बॉल फॉर्मेट’ में कप्तानी की बागडोर संभाली।
निकोलस पूरन ने वेस्टइंडीज के लिए सिर्फ ‘व्हाइट बॉल क्रिकेट’ ही खेला। उन्होंने 61 वनडे मुकाबलों में पूरन के नाम 39.66 की औसत के साथ 1983 रन हैं। इस दौरान पूरन ने तीन शतक और 11 अर्धशतक जड़े हैं। 106 टी20आई मुकाबलों में इस खिलाड़ी ने 13 अर्धशतक की मदद से 2275 रन बनाए। इस फॉर्मेट में उनका औसत 26.14 रहा।
अंतरराष्ट्रीय
लॉस एंजिल्स प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए करीब 700 अमेरिकी मरीन होंगे तैनात

लॉस एंजिल्स, 10 जून। अमेरिका के लॉस एंजिल्स में चार दिनों से हिंसक प्रदर्शन जारी है, जिससे निपटने के लिए अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े शहर में करीब 700 अमेरिकी मरीन तैनात किए गए हैं।
यूएस मरीन कॉर्प्स के एयर ग्राउंड कॉम्बैट सेंटर में स्थित सेकेंड बटालियन, सेवंथ मरीन (2/7) एक लाइट इन्फैंट्री बटालियन है। इसे कैलिफोर्निया के ट्वेंटीनाइन पाम्स में उन नेशनल गार्ड सैनिकों के साथ शामिल किया जाएगा, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैलिफोर्निया के गवर्नर या लॉस एंजिल्स के मेयर की सहमति के बिना सप्ताह के अंत में वहां तैनात किया था।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल गार्ड सैनिकों की तरह, मरीन्स को भी कानून प्रवर्तन गतिविधियों जैसे गिरफ्तारी करने से रोका गया है, जब तक कि ट्रंप विद्रोह अधिनियम को लागू नहीं करते। यह अधिनियम राष्ट्रपति को विद्रोह या संघीय शक्ति के खिलाफ बगावत खत्म करने के लिए सैन्य उपयोग करने की अनुमति देता है।
ट्वेंटीनाइन पाम्स लॉस एंजिल्स शहर के पूर्व में लगभग 220 किलोमीटर दूर है।
‘एनबीसी न्यूज’ ने दो अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया कि लॉस एंजिल्स में तैनात मरीन को फेडरल प्रॉपर्टी और कर्मियों की रक्षा का काम सौंपा जाएगा। वहीं, ‘एबीसी न्यूज’ ने बताया कि उनके अगले 24 घंटों में पहुंचने की उम्मीद है।
ट्रंप ने शनिवार को लॉस एंजिल्स रीजन में इमिग्रेशन प्रोटेस्ट को कुचलने के लिए दो हजार नेशनल गार्ड सैनिकों को बुलाकर कार्रवाई की। उन्होंने फेडरल पावर का उपयोग किया और कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजॉम के अधिकार को दरकिनार कर दिया।
करीब 300 नेशनल गार्ड सैनिक रविवार की सुबह लॉस एंजिल्स शहर पहुंचे। रविवार को कैलिफोर्निया में इमिग्रेशन रेड्स के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों ने शहर में नेशनल गार्ड के जवानों के साथ झड़प की। वीकेंड में कैलिफोर्निया में इमिग्रेशन रेड्स मारी गई थीं।
डोनाल्ड ट्रंप लॉस एंजिल्स में फैली हिंसा और तोड़फोड़ के बाद वहां तैनात किए गए नेशनल गार्ड के जवानों की तारीफ कर चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय
चीनी उपप्रधान मंत्री ह लीफंग ने ब्रिटिश वित्त मंत्री से भेंट की

बीजिंग, 9 जून। स्थानीय समयानुसार 8 जून को लंदन में चीनी उपप्रधान मंत्री ह लीफंग ने ब्रिटिश वित्त मंत्री रेचल रीव्स से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने चीन-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय सहयोग और समान चिंता वाले मुद्दों पर रायों का गहन आदान-प्रदान किया।
ह लीफंग ने कहा कि चीन और ब्रिटेन को समान कोशिश कर दोनों देशों के नेताओं के बीच संपन्न अहम समानताएं लागू कर चीन-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता की उपलब्धियों के कार्यांवयन को बढ़ाना, पारस्परिक लाभ और समान जीत बढ़ाना और चीन-ब्रिटेन संबंधों के स्वस्थ तथा स्थिर विकास को बनाए रखना चाहिए।
रीव्स ने कहा कि ब्रिटेन चीन के साथ सहयोग को बड़ा महत्व देता है और चीन के साथ संपर्क मजबूत कर इस वार्ता की उपलब्धियों को अमल में लाने को तैयार है ताकि ब्रिटेन-चीन आर्थिक सहयोग को नई ऊर्जा मिले।
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