अंतरराष्ट्रीय
सैमसंग गैलेक्सी एस22 प्लस ठोस विशेषताओं के साथ दिखता है स्टाइलिश
जैसा कि अधिक से अधिक भारतीय अपने दैनिक अनुभवों को बढ़ाने के लिए प्रीमियम स्मार्टफोन खरीदने का प्रयास करते हैं, वैश्विक स्मार्टफोन ब्रांड सैमसंग ने देश में तीन डिवाइसों के साथ अपनी लेटेस्ट फ्लैगशिप गैलेक्सी एस22 सीरीज को लॉन्च किया है।
भारत में सैमसंग गैलेक्सी एस22 की कीमत 8 जीबी प्लस 256 जीबी स्टोरेज वेरिएंट के लिए 72,999 रुपये निर्धारित की गई है। एस22 प्लस 8 जीबी प्लस 128 जीबी मॉडल के लिए 84,999 रुपये से शुरू होता है। इस बीच, एस22 अल्ट्रा, जो एक स्टाइलस के साथ आता है, उसकी कीमत 12 जीबी प्लस 256 जीबी विकल्प के लिए 1,09,999 रुपये है।
गैलेक्सी एस22 प्लस के बारे में कहा जाता है कि इसमें एस21 प्लस की तुलना में 23 प्रतिशत बड़ा सेंसर है और यह अनुकूली पिक्सल तकनीक के साथ आता है, जिससे कैमरे को अधिक प्रकाश में आने, विवरण निकालने और कलर कैप्चर करने में मदद मिलती है।
हमने गैलेक्सी एस22 प्लस को 8 जीबी प्लस 128 जीबी मॉडल के साथ कुछ समय के लिए फैंटम ब्लैक कलर में रिव्यू किया और यहां बताया गया है कि इसने कैसा प्रदर्शन किया।
शुरूआत करने के लिए, स्मार्टफोन का डिजाइन ही डिवाइस को स्लिम बेजेल्स, एक फ्लैट डिस्प्ले और एक पंच-होल कटआउट के साथ प्रीमियम दिखता है। यह पिछले साल लॉन्च हुए एस21 प्लस की तुलना में पतला है। बैक पैनल में मैट टैक्सचर है और यह उंगलियों के निशान के लिए प्रतिरोधी है।
डिस्प्ले के मामले में, स्मार्टफोन में 6.6-इंच एफएचडी प्लस डायनामिक एमोएलईडी 2 एक्स इंफिनिटी-ओ डिस्प्ले है। यह 48 हट्र्ज से 120 हट्र्ज के वेरिएबल रिफ्रेश रेट के साथ आता है।
प्रोपर ब्राइटनेस और अच्छे व्यूइंग एंगल के साथ डिस्प्ले काफी अच्छा है। 120 हट्र्ज रिफ्रेश रेट ने एक सिल्की-स्मूद फील सुनिश्चित किया है, चाहे वीडियो देखना हो या मूवी देखना, टॉप-लेवल गेम खेलना या ऐप्स के बीच स्विच करना आदि।
स्मार्टफोन को सीधी धूप में इस्तेमाल करने में हमें कोई दिक्कत नहीं हुई और स्क्रीन को अलग-अलग एंगल से देखने पर भी कलर रिप्रोडक्शन बरकरार रहा। यह वाइब्रेंट कलर्स और डीप ब्लैक्स प्रदान करता है।
स्मार्टफोन में ट्रिपल कैमरा सेटअप 50 एमपी का प्राइमरी कैमरा, 12 एमपी का अल्ट्रा-वाइड कैमरा और ऑटोफोकस के साथ 10 एमपी का टेलीफोटो लेंस है। सेल्फी के लिए, स्मार्टफोन में एफ/2.2 अपर्चर वाला 10 एमपी का कैमरा है।
कैमरा विभाग नए मॉडल में प्रमुख उन्नयनों में से एक है क्योंकि रियर और फ्रंट कैमरे से क्लिक की गई इमेजिस में एक पेशेवर-ग्रेड कैमरा पेश किया गया है। हमने पाया कि सेंसर ब्राइट लाइट और लो-लाइट दोनों स्थितियों में पंची, सैचुरेटेड कलर्स के साथ ब्राइट, डिटेल्ड फोटोज कैप्चर करते हैं।
साथ ही, इसके लो-लाइट परफॉर्मेंस में पिछले मॉडल्स की तुलना में काफी सुधार हुआ है।
सैमसंग गैलेक्सी एस22 प्लस देश में एक ऑक्टा-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8 जेनरेशन 1 प्रोसेसर द्वारा संचालित है।
लगातार उपयोग करने पर, जिसमें पिक्च र्स क्लिक करना, फिल्में देखना, गेम खेलना और ईमेल भेजने के लिए डिवाइस का उपयोग करना शामिल था, हमें कोई अंतराल नहीं मिला, जिसमें ओवरहीटिंग की कोई शिकायत नहीं थी।
स्मार्टफोन में 4,500 एमएएच की बैटरी है और इसमें 45वॉट तक की फास्ट वायर्ड चाजिर्ंग है। यह ईमेल, सोशल मीडिया, कॉलिंग और बीच में वीडियो स्ट्रीमिंग जैसे मध्यम उपयोग पर आसानी से लगभग एक दिन तक चला।
निष्कर्ष : स्मार्टफोन महंगा है लेकिन डिवाइस को चुनने के ठोस कारणों में जैसे पेशेवर-ग्रेड कैमरा, कठिन हार्डवेयर और सुंदर डिजाइन है।
84,999 रुपये की कीमत वाले नए सैमसंग गैलेक्सी एस22 प्लस के पास शीर्ष ब्रांडों द्वारा पेश किए जाने वाले प्रीमियम सेगमेंट में अन्य स्मार्टफोन्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने का एक मजबूत मौका है।
(विवेक सिंह चौहान से विवेक डॉट सी एटदरेट आईएएनएस डॉट इन पर संपर्क किया जा सकता है)
व्यापार
सिल्वर ने बनाया एक और नया रिकॉर्ड, छुआ 2.54 लाख रुपए का उच्चतम स्तर

gold
मुंबई, 29 दिसंबर: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को घरेलू स्तर पर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मार्च डिलीवरी वाली चांदी ने एक और रिकॉर्ड बना लिया है। चांदी के दाम 4 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल के साथ 2,54,174 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। वहीं सोने की कीमतों में मामूली गिरावट देखने को मिली।
खबर लिखे जाने तक (सुबह 10:47 बजे) मार्च डिलीवरी वाली चांदी 3.72 प्रतिशत यानी 8,931 रुपए की तेजी के साथ 2,48,718 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी। तो वहीं फरवरी डिलीवरी वाला सोना 24 रुपए यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 1,39,849 रुपए प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था।
हालांकि वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई। इससे पहले चांदी ने स्पॉट मार्केट में 84 डॉलर प्रति औंस से ऊपर का नया रिकॉर्ड बनाया था।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफा कमाने के लिए बिकवाली की, जिससे चांदी अपने ऊंचे स्तर से करीब 8 प्रतिशत तक गिर गई। इस गिरावट के चलते चांदी में लगातार सातवें दिन बढ़त दर्ज करने का सिलसिला टूट गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी के फ्यूचर्स रेट शुरुआती कारोबार में 82.67 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचे, जो एक दिन में 7 प्रतिशत की तेजी थी। इससे पहले शुक्रवार को इसमें 11 प्रतिशत की बड़ी तेजी आई थी, जो 2008 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त थी।
इन ऊंची कीमतों पर चांदी की तेजी अक्टूबर में आई सप्लाई की कमी से भी ज्यादा तेज मानी जा रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि छुट्टियों के कारण बाजार में कम खरीद-बिक्री हुई, जिससे कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बाजार में चांदी की उपलब्धता कम है और पैसा जल्दी बाहर निकल सकता है, जिससे कीमतों में तेजी बनी हुई है।
एक्सपर्ट्स ने यह भी बताया कि सोने की तरह चांदी के पास कोई बड़ा भंडार नहीं है। लंदन गोल्ड मार्केट में करीब 700 अरब डॉलर का सोना मौजूद है, जिसे जरूरत पड़ने पर बाजार में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन चांदी के साथ ऐसा नहीं है।
2025 में अब तक चांदी की कीमतों में करीब 180 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस साल के अभी तीन कारोबारी दिन बाकी हैं और अगर यही रफ्तार रही, तो यह 1979 के बाद चांदी का सबसे अच्छा साल साबित हो सकता है, जब कीमतें 200 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी थीं।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में कमजोरी, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और दुनिया में बढ़ते तनाव से चांदी की कीमतों को सहारा मिला है। डॉलर इंडेक्स लगातार पांचवें हफ्ते गिरा है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच नए तनाव से निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में कीमती धातुओं (सोने और चांदी) की ओर रुख कर रहे हैं।
चीन द्वारा जनवरी 2026 से चांदी के निर्यात पर रोक लगाने के प्रस्ताव से भी कीमतों में तेजी आई है। दुनिया में अनिश्चितता के कारण लोग कीमती धातुओं में निवेश कर रहे हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार, चांदी को 2,38,810 से 2,37,170 रुपए के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है, जबकि ऊपर की ओर 2,41,810 से 2,43,470 रुपए का स्तर रेजिस्टेंस के रूप में काम कर सकता है।
व्यापार
क्रिसमस की छुट्टी के बाद सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी में कारोबार सुस्त

मुंबई, 26 दिसंबर: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक मामूली गिरावट के साथ सपाट खुले। गुरुवार को क्रिसमस की छुट्टियों के चलते छोटा सप्ताह होने के कारण निवेशकों के लिए नए रुझान कम ही देखने को मिले।
शुरुआती सत्र में खबर लिखे जाने तक (करीब 9.20 बजे) 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 55 अंकों यानी 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,360 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। तो वहीं एनएसई निफ्टी 12.60 अंकों यानी 0.05 प्रतिशत 26,126 के लेवल पर ट्रेड करता नजर आया।
इस दौरान बीईएल, कोल इंडिया, अदाणी इंटरप्राइजेज, आयशर मोटर, सिप्ला और टाइटन टॉप गेनर्स वाले शेयरों में शामिल थे, तो वहीं सन फार्मा, श्रीराम फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, इटरनल और टाटा स्टील के शेयर टॉप लूजर्स शेयरों में शामिल रहे।
व्यापक बाजार में निफ्टी मिडकैप 0.21 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप में 0.08 प्रतिशत की बढ़त दिखी।
सेक्टरवार देखें, तो निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, केमिकल्स और एफएमसीजी इंडेक्स सबसे ज्यादा मुनाफे वाले शेयरों में शामिल रहे, तो वहीं निफ्टी मीडिया (0.3 प्रतिशत की गिरावट) और निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.2 प्रतिशत की गिरावट) सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले क्षेत्र रहे।
बाजार के जानकारों का कहना है कि साल 2025 के खत्म होने में अब केवल चार ट्रेडिंग दिन बचे हैं। जो तेजी पहले सांता रैली जैसी लग रही थी, अब उसमें कमजोरी नजर आने लगी है। अमेरिका-भारत ट्रेड डील जैसे किसी नए बड़े संकेत (ट्रिगर) की कमी के कारण बाजार फिलहाल मौजूदा स्तरों के आसपास ही स्थिर (कंसॉलिडेट) रह सकता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने 2025 की तीसरी तिमाही में 4.3 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी ग्रोथ दिखाई है, जिससे वहां के शेयर बाजार को सहारा मिल रहा है। अमेरिकी कंपनियों, खासकर एआई से जुड़ी कंपनियों, की अच्छी और बढ़ती कमाई के कारण कुछ विदेशी निवेशक (एफएफआई), खासतौर पर हेज फंड, निकट समय में भारत में बिकवाली बढ़ा सकते हैं। हालांकि, देश के बड़े और नकदी से भरपूर घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की लगातार खरीदारी बाजार को सहारा देगी और तेज गिरावट से बचाएगी।
निवेशकों के लिए इस समय सबसे बेहतर रणनीति यह है कि वे अच्छी गुणवत्ता वाली बड़ी कंपनियों (लार्ज कैप) में निवेश बनाए रखें और जब भी बाजार गिरे, तो धीरे-धीरे उनमें खरीदारी करें।
2026 की शुरुआत में बाजार में तेजी आने की पूरी संभावना है। इसलिए निवेशकों को निवेश करते समय वैल्यू (उचित कीमत) को ज्यादा महत्व देना चाहिए। कुछ आईपीओ में शेयरों की बहुत ज्यादा कीमत और नए निवेशकों द्वारा महंगे दाम पर शेयर खरीदना यह दिखाता है कि बाजार में इस समय जरूरत से ज्यादा उत्साह है।
व्यापार
2025 में आईटी नौकरियों की मांग 18 लाख पहुंची, जीसीसी निभा रहे अहम भूमिका

HIRING
नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भारत में आईटी क्षेत्र में हायरिंग तेजी से बढ़ रही है और इसमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) और उभरती हुई टेक्नोलॉजी के लिए टैलेंट की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।
क्वेस कॉर्प की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में आईटी नौकरियों की कुल मांग 2025 में बढ़कर 18 लाख पर पहुंच गई है और इसमें पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है।
रिपोर्ट में एक नए ट्रेंड का खुलासा करते हुए कहा गया कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आईटी हायरिंग उभरती हुई डिजिटल क्षमताओं पर केंद्रित हैं और पारंपरिक टेक स्किल्स की हिस्सेदारी कुल मांग में 10 प्रतिशत से भी कम है और इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है।
जीसीसी से लगातार आईटी क्षेत्र में हायरिंग को बढ़ावा मिल रहा है और आईटी हायरिंग मार्केट में जीसीसी की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत की हो गई है, जो कि पिछले साल करीब 15 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रोडक्ट और एसएएएस फर्मों ने भी चुनिंदा रूप से भर्तियां बढ़ाई हैं, जबकि आईटी सेवाओं और कंसल्टिंग में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, फंडिंग में कमी के चलते स्टार्टअप्स में भर्तियां घटकर एकल अंकों के निम्न स्तर पर आ गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, “कुल मिलाकर, हायरिंग डिमांड उत्पादकता के लिए तैयार प्रतिभाओं की ओर दृढ़ता से झुकी रही, जिसमें मध्य-करियर पेशेवर (4-10 वर्ष का अनुभव) कुल भर्ती का 65 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं, जबकि 2024 में यह 50 प्रतिशत था।”
रिपोर्ट में बताया गया कि एंट्री-स्तर की हायरिंग की कुल मांग में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हायरिंग पैटर्न दिखाता है कि अनुभवी पेशेवरों की मांग पूरे सेक्टर में सबसे अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी हायरिंग ज्यादातर टियर-1 शहरों पर केंद्रित हैं और 2025 में कुल मांग में इनकी हिस्सेदारी 88-90 प्रतिशत है। इसके अलावा, भर्ती प्रक्रिया में लगने वाला औसत समय बढ़कर 45-60 दिन हो गया है।
वहीं, एआई/एमएल और साइबर सुरक्षा जैसी विशिष्ट विशेषज्ञताओं के लिए, भर्ती प्रक्रिया में लगने वाला समय बढ़कर 75-90 दिन हो गया, जो कड़ी प्रतिस्पर्धा और अधिक कठोर मूल्यांकन प्रक्रियाओं को दर्शाता है।
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