राष्ट्रीय
महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी में ज्यादा कोरोना मामले आने के बावजूद, अप्रैल में रिकॉर्ड कंपनी पंजीकरण

कोविड महामारी के बावजूद देश में कॉरपोरेट गतिविधियों ने अपनी गति बनाए रखी है।
साथ ही भारतीय लोगों की मजबूत उद्यमशीलता की भावना का प्रमाण उन कंपनियों की बढ़ती संख्या है जो देश में लगातार पंजीकृत हो रही हैं।
अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर के चरम के दौरान, भारत में 12,554 कंपनियों को पंजीकृत किया गया था, जिसमें 1,483.41 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी वाली 839 एक-व्यक्ति के नेतृत्व में बनने वाली कंपनियां शामिल थीं।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए), महाराष्ट्र द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, उच्च संक्रमण और मृत्यु दर वाले देश में सबसे खराब कोविड प्रभावित राज्यों में से एक, अप्रैल में सबसे अधिक संख्या में कॉपोर्रेट पंजीकरण 2,292 दर्ज किए गए।
महाराष्ट्र के बाद दो अन्य राज्यों ने अप्रैल में कोविड संक्रमणों में तेजी से बढ़ोतरी देखी उनमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
अप्रैल में दिल्ली में जहां 1,262 कंपनियां पंजीकृत हुईं, वहीं उत्तर प्रदेश में 1,260 कंपनियां पंजीकृत हुईं।
स्वतंत्र अभ्यास के साथ एक चार्टर्ड एकाउंटेंट ने नाम न बताने पर कहा कि, “अप्रैल में बड़ी संख्या में कॉपोर्रेट पंजीकरण देखना असामान्य नहीं है, क्योंकि यह नए वित्तीय वर्ष का पहला महीना है। लेकिन पिछले साल की तरह, इस साल अप्रैल में स्थिति महामारी के कारण व्यापार के लिए अच्छी नहीं रही है। हालांकि, भारतीयों की उद्यमशीलता की भावना कई लोगों के साथ महामारी को एक अवसर के रूप में देख रही है।”
नई पंजीकृत कंपनियों के आर्थिक गतिविधि-वार वर्गीकरण (3,442) में व्यावसायिक सेवाएं सबसे ऊपर हैं। इसके बाद विनिर्माण, व्यापार और निर्माण का स्थान रहा है।
व्यावसायिक सेवाओं में सूचना प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विकास और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां जैसे कानून, लेखा परीक्षा, लेखा और परामर्श शामिल हैं।
अप्रैल में, 12,482 (12,554 में से) फर्मों को 1,483.41 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ शेयरों द्वारा सीमित कंपनियों के रूप में पंजीकृत किया गया था।
नए परिवर्धन के साथ, 30 अप्रैल, 2021 तक देश में पंजीकृत कंपनियों की कुल संख्या 21,63,829 थी। इनमें से 7,59,572 कंपनियां बंद हो गईं।
कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार कुल मिलाकर, 2,274 कंपनियों को निष्क्रिय स्थिति सौंपी गई थी; 6,906 परिसमापन के अधीन थे; 39,572 कंपनियां बंद होने की प्रक्रिया में थीं। सक्रिय प्रगति की स्थिति अब अमान्य है और इस श्रेणी के अंतर्गत कंपनियां सक्रिय स्थिति के अंतर्गत आती हैं।
उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, अप्रैल के अंत तक 13,55,505 सक्रिय कंपनियां थीं, जिनमें से पिछले 18 महीनों में शामिल 2,19,559 कंपनियां शामिल थीं,जो ज्यादातर महामारी के दौरान थीं।
राष्ट्रीय
कोविड-19: लगातार दूसरे दिन संक्रमण के मामले घटे, देशभर में अब 7,264 एक्टिव केस

नई दिल्ली, 16 जून। भारत में कोविड-19 संक्रमण को लेकर राहत की खबर है। लगातार दूसरे दिन देशभर में संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पूरे भारत में अब सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 7,264 रह गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 16 जून को सुबह 8 बजे तक के आंकड़े जारी किए। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में देशभर में कोविड संक्रमण के 119 एक्टिव केस घटे हैं। केरल में एक्टिव मामलों की संख्या भी दो हजार से नीचे आ चुकी है। हालांकि पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश में 37 और लोग संक्रमित हुए हैं, जिससे यहां कोरोना मरीजों की संख्या 275 हो गई है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, केरल में संक्रमण के 87 केस घटे हैं। उसके अलावा महाराष्ट्र में 38, दिल्ली में 33, तमिलनाडु में 23, गुजरात-हरियाणा में 8-8, पंजाब में 7, आंध्र प्रदेश में 6, असम में 4, उत्तराखंड में 3, जम्मू-कश्मीर में 2, पुडुचेरी में एक की गिरावट दर्ज हुई है।
हालांकि बीते 24 घंटों में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान में कोविड संक्रमण के 30, कर्नाटक में 18, मणिपुर में 5, झारखंड और मध्य प्रदेश में 4-4, छत्तीसगढ़ और सिक्किम में एक-एक मरीज मिले हैं। नए आंकड़ों के बाद केरल में सबसे ज्यादा कुल एक्टिव केस 1920 हैं, जबकि गुजरात में 1433, दिल्ली में 649, महाराष्ट्र में 540 हैं।
इसके अलावा देशभर में एक दिन में ही कोविड संक्रमण से 11 लोगों की जान गई है। लगातार दूसरा दिन है, जब नए वैरिएंट से मरने वालों की संख्या 10 से ज्यादा रही है। 15 जून को भी देशभर में कोविड से संक्रमित 10 लोगों की जान गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में पूरे देश में सबसे ज्यादा 7 मौतें केरल में हुई हैं। बाकी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में एक-एक मरीज की जान गई है।
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ओडिशा : पुरी जगन्नाथ मंदिर में देवस्नान पूर्णिमा का भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री हुए शामिल

पुरी, 11 जून। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को देवस्नान पूर्णिमा का पवित्र पर्व भक्ति और भव्यता के साथ मनाया गया। हजारों भक्त भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन के पवित्र स्नान अनुष्ठान को देखने के लिए मंदिर पहुंचे।
इस खास मौके पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कई विधायकों ने भी मंदिर में दर्शन किए और अनुष्ठानों में हिस्सा लिया।
सुबह 5:32 बजे मंगलार्पण के साथ अनुष्ठान शुरू हुआ। इसके बाद भगवान सुदर्शन, बलभद्र, सुभद्रा और जगन्नाथ की पहांडी (जुलूस) स्नान मंडप तक ले जाई गई।
भगवान सुदर्शन की पहांडी (रथ पर चढ़ने की प्रक्रिया) सुबह 5:45 बजे, बलभद्र की 5:53 बजे, सुभद्रा की 6:06 बजे और भगवान जगन्नाथ की 6:22 बजे शुरू हुई।
सुबह 7:46 बजे जलाभिषेक अनुष्ठान शुरू हुआ, जिसमें सुनकुआ (स्वर्ण कुआं) से लाए गए पवित्र जल के 108 घड़ों से देवताओं का स्नान कराया गया।
यह परंपरा जगन्नाथ संस्कृति का अनमोल हिस्सा है। सुबह 8:42 बजे भगवान जगन्नाथ के स्नान मंडप पहुंचने के साथ पहांडी अनुष्ठान पूरा हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पिपिली विधायक आश्रित पटनायक, सत्यबाड़ी विधायक उमा शंकर और ब्रह्मपुर विधायक उपासना महापात्रा के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
उन्होंने स्नान मंडप से पहांडी अनुष्ठान देखा और भक्तों का अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर और दर्शक दीर्घा से हाथ हिलाकर भक्तों का स्वागत किया, जिसे भीड़ ने उत्साह से जवाब दिया।
देवस्नान पूर्णिमा का यह पर्व इसलिए खास है, क्योंकि इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन को गर्भगृह से बाहर लाकर सार्वजनिक दर्शन के लिए स्नान मंडप पर रखा जाता है। यह साल का एकमात्र मौका होता है, जब भक्त इन अनुष्ठानों को इतने करीब से देख पाते हैं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि दृश्यों के लिहाज से भी मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। साथ ही, यह विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की तैयारियों की शुरुआत का भी प्रतीक है।
मंदिर प्रशासन ने इस आयोजन के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे, ताकि भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो। भक्तों ने इस पवित्र अवसर पर भगवान के दर्शन और अनुष्ठानों को देखकर खुद को धन्य महसूस किया। यह पर्व पुरी की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को और समृद्ध करता है।
राष्ट्रीय
एक्सिओम 4 मिशन का प्रक्षेपण फिर टला, स्पेसएक्स और इसरो ने बताई वजह

नई दिल्ली, 11 जून। भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ले जाने वाले एक्सिओम-4 मिशन को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है। स्पेसएक्स और इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पोस्ट में बताया, “इसरो पर पहला भारतीय गगनयात्री भेजने के लिए 11 जून 2025 को लॉन्च होने वाले एक्सिओम 04 मिशन को स्थगित कर दिया गया है। फाल्कन 9 लॉन्च वाहन के बूस्टर चरण के प्रदर्शन से पहले लॉन्च पैड पर सात सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया। परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन बे में एलओएक्स रिसाव का पता चला। इसरो टीम की ओर से एक्सिओम और स्पेसएक्स के विशेषज्ञों के साथ इस विषय पर चर्चा के आधार पर रिसाव को ठीक करने और लॉन्च के लिए मंजूरी देने से पहले आवश्यक सत्यापन परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए 1 जून 2025 को होने वाले एक्सिओम 04 के प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया है।”
यानि रॉकेट फाल्कन 9 में आई खराबी के कारण इसे फिलहाल टाल दिया गया है। स्पेसएक्स ने भी एक्स पोस्ट में इसकी तस्दीक की। बताया कि प्रक्षेपण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फाल्कन 9 रॉकेट में तकनीकी खराबी के कारण अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए मिशन को स्थगित कर दिया गया है। प्रक्षेपण की नई तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस मिशन को 29 मई के लिए शेड्यूल किया गया था। लेकिन, कुछ तकनीकी खामियों के चलते इसे स्थगित कर दिया गया। फिर इसके लॉन्चिंग के लिए 10 जून की तारीख तय की गई थी।
एक्सिओम-4 मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि शुभांशु शुक्ला चार दशकों में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनेंगे, जो राकेश शर्मा के नक्शेकदम पर चलने वाले हैं, जिन्होंने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।
आपको बता दें केंद्र सरकार ने एक्सिओम-4 मिशन में भारत की भागीदारी के लिए 550 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
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