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रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी में होगा दुनिया का पहला ट्रिपल फ्लैश कैमरा
नई दिल्ली, 2 जनवरी। स्मार्टफोन कैमरे हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं। ये न केवल रोजमर्रा के पलों को कैद करने में मदद करते हैं, बल्कि खूबसूरत नजारों को संजोने का एक अनोखा तरीका भी देते हैं। हमारी जेब में मौजूद कैमरे की हमारे जीवन में भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है।
स्मार्टफोन कैमरे की गुणवत्ता कुछ मुख्य तत्वों पर निर्भर करती है। इनमें कई चीजें शामिल हैं- जैसे उन्नत सेंसर, जो ज्यादा लाइट और डिटेल्स को पकड़ते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले लेंस, जो तस्वीर को बेहतर बनाते हैं। नए फीचर्स, जो रचनात्मकता को बढ़ाते हैं और इंटेलिजेंट सॉफ्टवेयर, जो तस्वीर को अंतिम रूप से सुधारता है।
स्मार्टफोन फोटोग्राफी में बेहतरीन शॉट की खोज लगातार नए आविष्कारों को जन्म देती है। यह हमें बेहतर कहानीकार बनने की ताकत भी देती है। रियलमी 14 प्रो सीरीज फाइव जी इसी फोटोग्राफी के जुनून का उदाहरण है।
रियलमी 14 प्रो सीरीज फाइव जी का कैमरा सिस्टम सिर्फ फोटो खींचने के लिए नहीं, बल्कि एक नई तरह की कहानी कहने के लिए है। इस सिस्टम की खासियत है इसका ट्रिपल-रिफ्लेक्शन पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस, जो इस श्रेणी में बहुत कम देखने को मिलता है। यह लेंस लंबी दूरी की जूम के लिए एक अनोखी तकनीक का इस्तेमाल करता है, जिससे दूर की चीजें भी साफ और डिटेल्स के साथ कैप्चर होती हैं।
इसके साथ ही, इसमें दुनिया का पहला मैजिक ग्लो ट्रिपल फ्लैश है। यह कोई साधारण फ्लैश नहीं, बल्कि एक पोर्टेबल प्रोफेशनल लाइटिंग सिस्टम है। इसकी ब्राइटनेस और कलर टेम्परेचर को समायोजित किया जा सकता है, जिससे किसी भी परिस्थिति में बेहतरीन लाइट मिलती है।
चाहे आप किसी कम लाइट वाली पार्टी की हलचल को कैद कर रहे हों, या शाम के शांत सुंदर नजारे को, यह फ्लैश आपकी तस्वीरों को जीवंत और असली बनाता है।
रियलमी 14 प्रो+ फाइव जी का कैमरा सिस्टम इंजीनियरिंग का शानदार नमूना है। इसमें सोनी का 50 मेगापिक्सल ओआईएस सेंसर (आईएमएक्स 896) और ट्रिपल-रिफ्लेक्शन पेरिस्कोप लेंस है, जो 120X सुपर जूम तक रेंज देता है। इस तकनीक की मदद से कैमरा का वजन 31% और आकार 20% तक कम हो गया है।
यह अनोखी तकनीक लाइट के मार्ग को फोल्ड करने के लिए मिरर का उपयोग करती है और आप लंबी दूरी से भी अद्भुत तस्वीर खींच सकते हैं। इससे कैमरा न केवल हल्का और पतला हो जाता है, बल्कि बेहतरीन फोटोग्राफी का अनुभव भी देता है।
मुख्य सेंसर और पेरिस्कोप लेंस के साथ 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड लेंस भी है, जो शानदार ग्रुप फोटो के लिए या किसी लैंडस्केप सीन के लिए बढ़िया और बड़ा व्यू प्रदान करता है। शक्तिशाली हार्डवेयर और अनोखे डिजाइन का यह संयोजन आपको आश्चर्यजनक डिटेल्स और विविधता को कैप्चर करने की अनुमति देता है, चाहे आप पास से शूट कर रहे हों या दूर से।
ट्रिपल फ्लैश सिस्टम इन लेंसों के साथ मिलकर काम करता है, जिससे चुनौतीपूर्ण लाइट की स्थिति में भी जीवंत और डिटेल्स फोटो सुनिश्चित होती हैं। वहीं, सेल्फी के लिए, 32 मेगापिक्सल ऑटोफोकस फ्रंट कैमरा एकदम क्लियर सेल्फ-पोर्ट्रेट की गारंटी देता है।
अपने अनोखे कैमरा सिस्टम के साथ, रियलमी 14 प्रो सीरीज फाइव जी आपको शानदार दृश्यों के माध्यम से अपनी कहानी कहने की छूट देता है। यह आपकी रचनात्मकता का पता लगाने और दुनिया को एक नई लाइट में कैप्चर करने का निमंत्रण है।
फोन की क्षमता के बारे में और अधिक अपडेट जानने के लिए बने रहें।
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अप्रैल-नवंबर 2024 में भारत का कॉफी निर्यात रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर के पार
नई दिल्ली, 4 जनवरी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर के दौरान भारत के कॉफी निर्यात में उछाल दर्ज हुआ। भारत का कॉफी निर्यात 8 महीने की अवधि के दौरान रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है।
निर्यात के मूल्य में उछाल ‘रोबस्टा कॉफी’ की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि और यूरोपीय यूनियन के नए डिफोरेस्टेशन रेगुलेशन से पहले स्टॉकिंग के कारण दर्ज हुआ।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में ‘रोबस्टा कॉफी’ की अधिक मांग के कारण 2023-24 में पूरे वर्ष के लिए भारत का कॉफी निर्यात 12.22 प्रतिशत बढ़कर 1.28 बिलियन डॉलर हो गया। देश ने 2022-23 में 1.14 बिलियन डॉलर मूल्य की कॉफी का निर्यात किया।
भारत के कॉफी निर्यात के प्रमुख बाजारों में इटली, रूस, यूएई, जर्मनी और तुर्की शामिल हैं।
भारत 2022-2023 के दौरान दुनिया का आठवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक बन गया। भारतीय कॉफी अपनी उच्च गुणवत्ता के कारण दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कॉफी में से एक है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रीमियम पर है।
भारत दो प्रकार की कॉफी अरेबिका और रोबस्टा का उत्पादन करता है।
अपने हल्के सुगंधित स्वाद के कारण अरेबिका का रोबस्टा कॉफी से ज्यादा बाजार मूल्य है।
रोबस्टा कॉफी का इस्तेमाल इसके स्ट्रॉन्ग फ्लेवर के कारण अलग-अलग मिश्रण बनाने में किया जाता है।
रोबस्टा की भारतीय कॉफी के कुल उत्पादन में 72 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भारत को वैश्विक स्तर पर रोबस्टा कॉफी का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है।
यह उद्योग भारत में 2 मिलियन से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। कॉफी भारत के लिए एक निर्यात वस्तु है, इसलिए घरेलू मांग और खपत कॉफी की कीमतों पर बहुत ज्यादा असर नहीं डालती है।
कॉफी का उत्पादन मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी राज्यों में होता है, जिसमें कर्नाटक सबसे बड़ा उत्पादक है, जो फसल के कुल उत्पादन का 71 प्रतिशत हिस्सा है।
केरल कॉफी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन कुल उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी केवल 20 प्रतिशत है।
तमिलनाडु भारत के कुल कॉफी उत्पादन का 5 प्रतिशत हिस्सा लेकर तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
तमिलनाडु की आधी कॉफी नीलगिरि जिले में बनाई जाती है, जो अरेबिका उगाने वाला एक प्रमुख क्षेत्र है। उड़ीसा और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में उत्पादन का अनुपात कम है।
भारत की कंबाइंड अरेबिका और रोबस्टा फसल 2023-24 फसल वर्ष के लिए लगभग 3.74 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि अरेबिका का उत्पादन 1 लाख टन से थोड़ा अधिक है, रोबस्टा का उत्पादन लगभग 2.6 लाख टन है।
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एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए लॉन्च की दो नई डिपॉजिट स्कीम
नई दिल्ली, जनवरी 4। देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए दो नई डिपॉजिट स्कीम, ‘हर घर लखपति’ और ‘एसबीआई पैट्रन्स’ की घोषणा की है।
एसबीआई की ‘डिपॉजिट’ में लगभग 23 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। इन इनोवेटिव पेशकश के साथ बैंक ‘इनोवेशन को प्राथमिकता’ देने की ओर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
‘हर घर लखपति’ एक प्री-कैलकुलेट रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम है, जिसे ग्राहकों के लिए 1,00,000 और इसके मल्टीपल में सेविंग करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस प्रोडक्ट के साथ ग्राहक अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना और बचत पर ध्यान दे सकते हैं।
एसबीआई की यह योजना 18 वर्ष से कम उम्र के आयु वर्ग के लिए भी पेश की गई है, ताकि यह वर्ग भी अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग और सेविंग पर छोटी उम्र से ही काम कर सके।
एसबीआई ने 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष टर्म डिपॉजिट स्कीम ‘एसबीआई पैट्रन्स’ भी शुरू की है।
इस प्रोडक्ट के साथ बैंक बढ़ी हुई ब्याज दरें ऑफर कर रहा है। बैंक की यह स्कीम मौजूदा और नए टर्म डिपॉजिट ग्राहकों दोनों के लिए उपलब्ध है।
भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष सीएस सेट्टी ने कहा, “हमारा उद्देश्य गोल-ओरिएंटेड डिपॉजिट प्रोडक्ट बनाना है, जो न केवल वित्तीय रिटर्न को बढ़ाए बल्कि हमारे ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप भी हो। हम पारंपरिक बैंकिंग को और अधिक समावेशी (इनक्लूसिव) और प्रभावशाली बनाने के लिए इसे फिर से परिभाषित कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हम 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की विकास यात्रा में योगदान देने के लिए वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इन्क्लूशन) और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इन प्रोडक्ट के लॉन्च के साथ एसबीआई ग्राहक-केंद्रित समाधान प्रदान करने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि करता है, जो विभिन्न वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करता है।
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जनवरी-नवंबर 2024 में अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 64.5 मिलियन यात्रियों ने की यात्रा: केंद्र
नई दिल्ली, 4 जनवरी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, जनवरी-नवंबर 2024 की अवधि में शेड्यूल भारतीय और विदेशी ऑपरेटरों द्वारा अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर कुल 64.5 मिलियन यात्रियों को ले जाया गया। 2023 में समान अवधि में 58 मिलियन यात्रियों ने हवाई सफर किया था, जो 2024 में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 64.5 मिलियन यात्रियों में से 29.8 मिलियन यात्रियों को भारतीय ऑपरेटरों द्वारा ले जाया गया था, जबकि 34.7 मिलियन यात्रियों को विदेशी ऑपरेटरों द्वारा ले जाया गया था।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा साझा किए गए पहले के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-नवंबर की अवधि में घरेलू एयरलाइंस ने कुल 1.02 मिलियन उड़ानें संचालित कीं, जिनमें कुल 146.4 मिलियन यात्री सवार थे। पिछले वर्ष 2023 (जनवरी-नवंबर) के दौरान 0.97 मिलियन उड़ानों में कुल 138.2 मिलियन शेड्यूल यात्री सवार थे।
मंत्रालय ने कहा, “शेड्यूल घरेलू भारतीय वाहकों द्वारा ले जाए जाने वाले घरेलू यात्रियों की संख्या में पिछले वर्ष 2023 की इसी अवधि की तुलना में वर्ष 2024 में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।”
17 नवंबर, 2024 को एक दिन में पहली बार घरेलू हवाई यात्री ट्रैफिक ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 5 लाख यात्रियों की संख्या को पार कर लिया।
1 जनवरी को लागू हुए भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 का उद्देश्य वैश्विक मानकों के अनुरूप विमान अधिनियम, 1934 को फिर से लागू कर भारत के विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है।
सरकार ने कहा कि नया कानून ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देगा, शिकागो कन्वेंशन और आईसीएओ जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के साथ अलाइन होगा और लाइसेंस जारी करने को सरल बनाने जैसी नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा।
इसके अलावा, पिछले साल महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास में वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा में नए टर्मिनलों की नींव रखना शामिल था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करते हुए सरसावा, रीवा और अंबिकापुर में हवाई अड्डों का उद्घाटन भी किया।
सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी भी दी है।
मंत्रालय के अनुसार, “विमानन क्षेत्र में जेंडर इक्वैलिटी को बढ़ावा देने के लिए, हितधारकों के लिए एक सलाह जारी की गई है कि वे भारत के विमानन उद्योग में 2025 तक विभिन्न पदों पर महिलाओं की संख्या को 25 प्रतिशत तक बढ़ाएं।”
इसके अलावा, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू हवाई अड्डों पर ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
मंत्रालय के अनुसार, 80 हवाई अड्डों ने 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा उपयोग को अपना लिया है, जिनमें से 12 हवाई अड्डे 2024 तक इस पर काम शुरू कर देंगे।
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