राष्ट्रीय समाचार
मृतकों के बैंक खातों से धन प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाएगा आरबीआई

मुंबई, 6 अगस्त। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को घोषणा की कि बैंकों के मृत ग्राहकों के जमा खातों से संबंधित दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत और सरल बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि इन ग्राहक के परिवारों को उनके देय धन या मूल्यवान वस्तुओं को प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो।
वर्तमान में, मृतक ग्राहकों के संबंध में दावों के निपटान की प्रक्रिया विभिन्न बैंकों में अलग-अलग होती है।
आरबीआई ने इन दावों के निपटान को सुगम बनाने के लिए सभी बैंकों में इसे सुव्यवस्थित और मानकीकृत करने का निर्णय लिया है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “हम मृतक ग्राहकों के बैंक खातों और सुरक्षित अभिरक्षा या सुरक्षित जमा लॉकरों में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत करेंगे। इससे निपटान अधिक सुविधाजनक और सरल होने की उम्मीद है।”
आरबीआई ने कहा कि इस संबंध में एक ड्राफ्ट सर्कुलर जल्द ही सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा।
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के तहत, जमा खातों, सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं या सुरक्षित जमा लॉकरों के संबंध में नामांकन सुविधा उपलब्ध है।
इसका उद्देश्य ग्राहक की मृत्यु होने पर दावों का शीघ्र निपटान, वस्तुओं की वापसी या सुरक्षित जमा लॉकर की सामग्री की रिहाई को सुगम बनाना और परिवार के सदस्यों को होने वाली कठिनाइयों को कम करना है।
मौजूदा निर्देशों के अनुसार, बैंकों को उत्तरजीवी, नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा किए गए दावों के शीघ्र और परेशानी मुक्त निपटान के लिए एक सरल प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है, लेकिन ये प्रक्रियाएं विभिन्न बैंकों में अलग-अलग होती हैं।
आरबीआई ने टी-बिलों में निवेश और पुनर्निवेश के लिए रिटेल डायरेक्ट में ऑटो-बिडिंग सुविधा शुरू करने का भी निर्णय लिया है।
आरबीआई के एक बयान के अनुसार, “निवेशकों को अपने निवेश की व्यवस्थित योजना बनाने में सक्षम बनाने के लिए, रिटेल डायरेक्ट में ट्रेजरी बिलों (टी-बिल) के लिए एक स्वचालित बोली-प्रक्रिया सुविधा शुरू की गई है, जिसमें निवेश और पुनर्निवेश दोनों विकल्प शामिल हैं। यह नई सुविधा निवेशकों को टी-बिलों की प्राथमिक नीलामी में बोलियों को स्वचालित रूप से लगाने में मदद करती है।”
रिटेल डायरेक्ट पोर्टल नवंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट योजना के तहत रिजर्व बैंक में खुदरा निवेशकों को अपने गिल्ट अकाउंट खोलने की सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
यह योजना खुदरा निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में सरकारी प्रतिभूतियां (जी-सेक) खरीदने के साथ-साथ सेंकेडरी मार्केट में जी-सेक खरीदने और बेचने की अनुमति देती है।
योजना के शुभारंभ के बाद से उत्पाद और भुगतान विकल्पों के संदर्भ में कई नई सुविधाएं शुरू की गई हैं, जिनमें मई 2024 में एक मोबाइल ऐप का शुभारंभ भी शामिल है।
अपराध
महाराष्ट्र में शराब तस्करी पर बड़ी कार्रवाई, पनवेल में 13 लाख की विदेशी शराब जब्त

पनवेल, 6 अगस्त। महाराष्ट्र में शराब तस्करी के खिलाफ राज्य उत्पादन शुल्क विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। पनवेल में फ्लाइंग स्क्वाड ने गोवा से लाई जा रही 13 लाख रुपए की विदेशी शराब जब्त की। यह शराब आठ अलग-अलग विदेशी ब्रांड की थी, जिसे स्पेयर पार्ट्स की आड़ में छिपाकर ट्रक में लाया जा रहा था। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
उत्पादन शुल्क विभाग के जॉइंट कमिश्नर प्रसाद सुर्वे ने बताया कि पनवेल में हुई इस कार्रवाई में राजस्थान के उत्तम सेन और भायंदर के रमेश पुरोहित को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से तीन मोबाइल भी बरामद हुए, जिनके जरिए तस्करी रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।
दोनों आरोपियों को पनवेल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। प्रारंभिक जांच में यह एक अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह का हिस्सा प्रतीत हो रहा है।
सुर्वे ने बताया कि 24 जून से शराब पर उत्पादन शुल्क बढ़ने के बाद तस्करी के मामलों में तेजी आई है। विभाग ने इस अवधि में कड़ी कार्रवाई करते हुए गोवा से शराब तस्करी के 133 मामले दर्ज किए, जिनमें 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 3 करोड़ 16 लाख रुपए की शराब जब्त की गई।
इसके अलावा, दमन से अवैध शराब तस्करी के 31 मामले सामने आए, जिनमें 30 लोगों को गिरफ्तार कर 69 लाख रुपए की शराब जब्त की गई। दादरा नगर हवेली से तस्करी के 6 मामलों में 6 आरोपियों को पकड़ा गया और 5 लाख रुपए की शराब बरामद की गई।
उत्पादन शुल्क विभाग ने तस्करी रोकने के लिए अपनी निगरानी और तेज कर दी है। सुर्वे ने कहा कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी ताकि अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाई जा सके।
राजनीति
संजय राउत ने उत्तरकाशी त्रासदी पर जताया दुख, बोले- सरकार को पहाड़ी राज्यों पर देना होगा विशेष ध्यान

SANJAY RAUT
मुंबई, 6 अगस्त। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बुधवार को उत्तराखंड में बादल फटने की घटना पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देशभर से पर्यटक पहाड़ी राज्यों में जाते हैं। लोग वैष्णो देवी, अमरनाथ, केदारनाथ जैसे तीर्थ स्थलों पर आते हैं, इसलिए उत्तराखंड, हिमाचल जैसे राज्यों पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि महाराष्ट्र के सैकड़ों पर्यटक और लोग पहाड़ी इलाकों में बाढ़ के कारण फंस गए हैं, जिससे पूरा देश चिंतित है। उन्होंने मांग की कि इन क्षेत्रों में मजबूत इंतजाम करने होंगे ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
साथ ही, संजय राउत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर भी निशाना साधा और कहा कि ट्रंप ने भारत को व्यापार के लिए अच्छा साथी नहीं बताया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। ट्रंप कह रहे हैं कि भारत अच्छा ट्रेड पार्टनर नहीं है, तो बिना व्यापार के इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था कैसे बनेगी? क्या ट्रंप पीएम मोदी को झूठा बता रहे हैं? ट्रंप बार-बार पीएम को अपमानित कर रहे हैं, जिससे दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ माहौल बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी को यह सब समझना चाहिए।
इसके अलावा, संजय राउत ने इंडिया ब्लॉक की बैठक पर भी बात की और कहा कि गठबंधन की लंबे समय बाद होने वाली इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होगी, जैसे देश की मौजूदा स्थिति, पीएम मोदी के दावों की सच्चाई, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार चुनाव।
उन्होंने कहा कि बैठक का मकसद एक-दूसरे से मिलना और मुद्दों पर बातचीत करना है, ताकि एकजुटता बनी रहे। हालांकि, उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की भूमिका पर सवाल उठाए। पंजाब में कांग्रेस के खिलाफ आप की सत्ता होने के कारण दोनों दलों के बीच गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने के संकेत हैं।
राजनीति
शिवसेना-यूबीटी ने किया राहुल गांधी का बचाव, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर उठाए सवाल

मुंबई, 6 अगस्त। राहुल गांधी को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच शिवसेना-यूबीटी ने खुलकर कांग्रेस सांसद का पक्ष लिया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लेकर टिप्पणी की थी, जिसने एक नए विवाद को जन्म दिया। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल लगातार सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सवाल उठा रहे हैं। इसी क्रम में ‘इंडिया’ ब्लॉक में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना-यूबीटी ने कहा कि राहुल गांधी के बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी हैरान करती है।
शिवसेना-यूबीटी ने अपने मुखपत्र पत्र ‘सामना’ में आरोप लगाए कि देशभक्ति की परिभाषा का दुरुपयोग हो रहा है। पार्टी ने कहा है, “2014 के बाद देश में यह गलत परिभाषा आम हो गई कि जो सरकार की ‘हां में हां’ मिलाता है वह देशभक्त है और जो सरकार पर सवाल उठाता है वह देशद्रोही है। इसी कसौटी के आधार पर केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार ने देशभक्ति का सर्टिफिकेट और देशद्रोही का ठप्पा मारना शुरू कर दिया है।”
शिवसेना-यूबीटी ने ‘सामना’ के संपादकीय में राहुल गांधी का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पूरी टिप्पणी का उल्लेख किया।
साथ ही, पार्टी ने सवाल किया, “राहुल गांधी सच्चे भारतीय हैं या नहीं, यह अदालत के सामने कोई मुद्दा ही नहीं था। इसलिए राहुल गांधी कितने ‘सच्चे भारतीय’ हैं या नहीं, इस पर अनावश्यक रूप से अपनी राय व्यक्त करके अदालत ने क्या हासिल किया? विपक्ष के नेता का यह कर्तव्य है कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दों पर सरकार से सवाल करे, अगर राहुल गांधी ने ऐसा किया तो इसमें क्या गलत था?”
‘सामना’ में आरोप लगाए गए हैं कि राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं दिया जाता है। 2020 के बाद विपक्षी दलों ने कई बार संसद में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाने की कोशिश की। ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे’ को ढाल बनाकर हमेशा घुसपैठ के मामले पर पर्दा डाला गया।
संपादकीय में चीन को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के बयानों का भी उल्लेख है। शिवसेना यूबीटी ने कहा, “सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी भी चीनी घुसपैठ पर हमेशा अपनी ही सरकार की तीखी आलोचना करते रहते हैं। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अक्सर चीन पर लद्दाख में 4067 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि हड़पने का आरोप लगाया है। इस मामले में, उन्होंने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करके सरकार से जानकारी मांगी, लेकिन वह जानकारी देने से सरकार ने इनकार कर दिया।”
पार्टी ने सवाल उठाते हुए कहा, “जब सुब्रह्मण्यम स्वामी आरोप लगाते हैं कि चीन ने 4 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि निगल ली है, तब किसी को बदनामी नहीं होती, लेकिन जब राहुल गांधी आरोप लगाते हैं कि चीन ने 2 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया है, तब भावनाओं को ठेस पहुंचती है और बदनामी होती है। यह किस तरह की बात है?”
‘सामना’ के संपादकीय में आखिर में लिखा गया है, “कुल मिलाकर, 2014 के बाद देश में झूठों के दिन आ गए हैं और सच बोलने और सरकार से सवाल करने वालों को ‘भारत-विरोधी’ माना जा रहा है। राहुल गांधी ने चीन पर भारत में घुसपैठ का आरोप लगाया है, यदि इस पर सुप्रीम कोर्ट के जहन में यह सवाल उठता है कि क्या वे ‘सच्चे भारतीय’ हैं, तो यह गंभीर बात है। क्या सुप्रीम कोर्ट चीनी घुसपैठ पर एक तथ्य-खोजी समिति का गठन करेगा?”
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