खेल
पंजाब किंग्स के खिलाफ दो मैचों की हार का सिलसिला तोड़ना चाहेगी राजस्थान रॉयल्स (प्रिव्यू)
आईपीएल 2022 में शानदार शुरुआत के बाद राजस्थान रॉयल्स की राह मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स से हारकर मुश्किल हो गई है। अब, शनिवार दोपहर के मैच में वानखेड़े स्टेडियम में पंजाब किंग्स के खिलाफ संजू सैमसन की अगुवाई वाली टीम प्लेऑफ के साथ अपने अभियान को पटरी पर लाना चाहेगी। राजस्थान की सफलता के सबसे बड़े कारकों में से एक सलामी बल्लेबाज जोस बटलर द्वारा बनाए गए रन हैं, जो 10 मैचों में 65.33 की औसत और 150.76 के स्ट्राइक-रेट से 588 रन के साथ लीग में टॉप स्कोरर हैं। मुंबई के खिलाफ मैच में बटलर ने धीमी गति से खेलते हुए अर्धशतक लगाया था और कोलकाता के खिलाफ सस्ते में आउट हो गए थे, हालांकि कप्तान संजू सैमसन ने एक अर्धशतक जड़ा था।
राजस्थान का थिंक-टैंक इस बात से चिंतित होगा कि बल्लेबाजी लाइनअप ने पहले बल्लेबाजी करने पर 158 और 152 के स्कोर बनाए हैं। वे बाएं हाथ के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को बटलर के साथ ओपन करने के लिए मौका दे सकते हैं, क्योंकि देवदत्त पडिक्कल बड़ी पारी नहीं खेल पा रहे हैं।
गेंदबाजी में राजस्थान के पास ट्रेंट बोल्ट, प्रसिद्ध कृष्णा, रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल के रूप में अच्छे गेंदबाज मौजूद हैं और वह पंजाब को जीत से दूर रखने के लिए बेहतरीन गेंदबाजी करना चाहेंगे।
दूसरी ओर, पंजाब ने अब तक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन शिखर धवन, भानुका राजपक्षे और लियाम लिविंगस्टोन उनके लिए अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। लेकिन कप्तान मयंक अग्रवाल को एक बड़ा स्कोर हासिल करने की आवश्यकता होगी, जो जॉनी बेयरस्टो के धवन के साथ ओपनिंग करने के क्रम में खुद को डिमोट कर सकते हैं।
पंजाब का गेंदबाजी आक्रमण धमाकेदार रहा है, जिसमें कगिसो रबाडा ने लगातार दो मैचों में चार-चार विकेट लिए और अर्शदीप सिंह ने ज्यादा विकेट नहीं लेने के बावजूद डेथ ओवरों में रन पर अंकुश लगाया है। तेज गेंदबाज संदीप शर्मा ने गुजरात टाइटंस को बड़ा स्कोर बनाने से रोकने में भी अच्छा प्रदर्शन किया था और राजस्थान को भी रोकने के लिए इसी तरह के प्रयासों की आवश्यकता होगी।
दोनों में से किसी एक टीम की जीत से उसके प्लेऑफ में पहुंचने की संभावना बढ़ जाएगी। लेकिन हार से नॉकआउट में उनकी राह और मुश्किल हो जाएगी।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं-
राजस्थान रॉयल्स टीम : देवदत्त पडिक्कल, यशस्वी जायसवाल, संजू सैमसन (कप्तान और विकेटकीपर), जोस बटलर, शिमरोन हेटमायर, रियान पराग, रविचंद्रन अश्विन, ट्रेंट बोल्ट, युजवेंद्र चहल, प्रसिद्ध कृष्णा, केसी करियप्पा, नवदीप सैनी, तेजस बरोका, अनुय सिंह, कुलदीप सेन, ध्रुव जुरेल, कुलदीप यादव, शुभम गढ़वाल, रॉसी वैन डेर डूसन, जेम्स नीशम, डेरिल मिशेल, करुण नायर और ओबेद मैकॉय।
पंजाब किंग्स टीम: मयंक अग्रवाल (कप्तान), अर्शदीप सिंह, शिखर धवन, कगिसो रबाडा, जॉनी बेयरस्टो, राहुल चाहर, शाहरुख खान, हरप्रीत बरार, प्रभसिमरन सिंह, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), ईशान पोरेल, लियाम लिविंगस्टोन, ओडियन स्मिथ, संदीप शर्मा, राज बावा, ऋषि धवन, प्रेरक मांकड़, वैभव अरोड़ा, रितिक चटर्जी, बलतेज ढांडा, अंश पटेल, नाथन एलिस, अथर्व ताइदे, भानुका राजपक्षे और बेनी हॉवेल।
खेल
दीप्ति शर्मा के लिए गुजरात, दिल्ली और यूपी के बीच टक्कर दिख सकती है: अंजुम चोपड़ा

SPORT
नई दिल्ली, 25 नवंबर: विमेंस प्रीमियर लीग 2026 के लिए नीलामी 27 नवंबर को दिल्ली में होनी है। इस बार नीलामी में सबकी नजरें भारतीय टीम की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा पर होंगी। भारतीय टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा का मानना है कि दीप्ति के लिए नीलामी में गुजरात जायंट्स, दिल्ली कैपिटल्स और यूपी वॉर्रियर्ज के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा दिख सकती है।
जियोहॉटस्टार पर अंजुम चोपड़ा ने कहा, “दीप्ति की ऑलराउंडर क्षमता उन्हें सबसे अहम खिलाड़ी बना रही है। गुजरात जायंट्स को नीलामी में दीप्ति शर्मा पर जरूर विचार करना चाहिए। दिल्ली कैपिटल्स भी उन्हें एक भारतीय खिलाड़ी के तौर पर टारगेट कर सकती है। यूपी वॉरियर्ज भी उनमें फिर से दिलचस्पी दिखा सकती है।”
पूर्व खिलाड़ी वेदा कृष्णमूर्ति ने भी दीप्ति की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक मैच विनर हैं। बल्ले और गेंद दोनों से शानदार रही हैं। नीलामी में उनकी मांग बहुत ज्यादा होगी और कई टीमें उनके लिए बोली लगाती दिखेंगी।
दीप्ति शर्मा ने महिला वनडे विश्व कप में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी और प्लेयर ऑफ द सीरीज रही थीं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए फाइनल में दीप्ति ने गेंद और बल्ले से कमाल दिखाते हुए भारत की खिताबी जीत में यादगार भूमिका निभाई थी। इस ऑलराउंडर ने 58 रन बनाने के साथ ही 5 विकेट लिए थे। दीप्ति ने टूर्नामेंट में 215 रन बनाने के साथ ही 22 विकेट लिए थे।
इस दमदार प्रदर्शन के बावजूद यूपी वॉरियर्ज ने दीप्ति शर्मा को रिटेन नहीं किया था। इस वजह से उन्हें नीलामी में आना पड़ा। दीप्ति नीलामी में सबसे महंगी खिलाड़ी के रूप में उभर सकती हैं।
यूपी वॉर्रियर्ज की कप्तान रह चुकी दीप्ति ने 3 सीजन में खेले 25 मैचों में 507 रन बनाने के साथ ही 27 विकेट लिए हैं।
खेल
बॉडीलाइन सीरीज : क्रिकेट इतिहास का ‘काला अध्याय’, जिसकी वजह से नियम तक बदलने पड़े

Stadium
नई दिल्ली, 18 नवंबर: साल 1882 में एशेज सीरीज की शुरुआत ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मुकाबलों को रोमांचक बना दिया था, लेकिन 1932-33 में खेली गई सीरीज आज तक क्रिकेट इतिहास के काले अध्याय में दर्ज है। यह क्रिकेट इतिहास की सबसे विवादित सीरीज रही, जिसे ‘बॉडीलाइन सीरीज’ का नाम दिया गया। इस सीरीज के बाद क्रिकेट नियमों में बदलाव तक करने पड़े।
इंग्लैंड के कप्तान डगलस जार्डिन ने ऑस्ट्रेलिया के महानतम बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए ‘बॉडीलाइन’ रणनीति को अपनाया। इसमें गेंदबाज का लक्ष्य विकेट की जगह बल्लेबाजों की बॉडी थी।
ऑस्ट्रेलिया में खेली गई इस सीरीज में इंग्लैंड के गेंदबाज हेरोल्ड लॉरवुड और बिल वोज अपनी तेज गति की गेंदों को बल्लेबाज के शरीर को टारगेट करते हुए फेंकते थे, ताकि बल्लेबाज या तो डिफेंसिव शॉट खेले, या फिर गलत शॉट खेलकर कैच आउट हो जाए। लेग साइड पर कई फील्डर्स तैनात कर दिए जाते थे, ताकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रन तक बनाने का मौका ना मिल सके।
भले ही यह रणनीति उस समय क्रिकेट के नियमों का उल्लंघन नहीं करती थी, लेकिन यह खेल भावना के खिलाफ था। यह बल्लेबाजों की सुरक्षा के लिए खतरा था। परिणामस्वरूप, कई ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को गंभीर चोटें आईं। हेरोल्ड लारवुड की एक गेंद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बर्ट ओल्डफील्ड को लगी, जिसके चलते वह मैदान पर ही गिर पड़े।
इसी दौरान स्थानीय दर्शकों और इंग्लैंड की टीम के बीच तनाव बढ़ गया और आस-पास पुलिस तक तैनात करवानी पड़ी। इसके बाद दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों में तनाव देखने को मिला था।
इस पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए और आखिरकार इंग्लैंड ने सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली।
इंग्लैंड ने सीरीज का पहला मैच 10 विकेट से जीता। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने वापसी करते हुए दूसरे टेस्ट को 111 रन से जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली।
इंग्लैंड ने तीसरा मुकाबला 338 रन से जीतकर फिर से बढ़त बनाई। इसके बाद बिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट को 6 विकेट से जीता और सिडनी में पांचवां और अंतिम मुकाबला 8 विकेट से अपने नाम किया।
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) को इस रणनीति के खिलाफ विरोध जताया। इसके परिणामस्वरूप क्रिकेट के नियमों में बड़े बदलाव किए गए। इस सीरीज के बाद से लेग साइड फील्ड सेटअप और शॉर्ट पिच गेंदबाजी पर बैन लगाया दिया।
खेल
विकेट को दोष देना आसान, लेकिन अपने गिरेबान में झांकना होगा : अमित मिश्रा

नई दिल्ली, 18 नवंबर: भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में खेले गए टेस्ट सीरीज के पहले मैच को 30 रन के करीबी अंतर से गंवा बैठी। पूर्व भारतीय स्पिनर अमित मिश्रा का मानना है कि इसके लिए विकेट को दोष देना आसान है, लेकिन खिलाड़ियों को अपने गिरेबान में झांकना होगा।
भारत-साउथ अफ्रीका के बीच ईडन गार्डन्स में खेले गए इस टेस्ट मैच में टेंबा बावुमा ऐसे इकलौते बल्लेबाज रहे, जिन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली। भारत को दूसरी पारी में जीत के लिए सिर्फ 124 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन टीम इंडिया 93 रन पर सिमट गई। इसके बाद कुछ दिग्गजों ने इस शर्मनाक हार के लिए पिच को दोषी ठहराया।
अमित मिश्रा ने मीडिया से कहा, “ऐसा पहली बार नहीं है कि इस तरह की विकेट मिली हो। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को अपनी स्किल्स निखारनी होगी। अपनी स्किल्स को सुधारने की जरूरत है। विकेट को दोष देना आसान है, लेकिन इससे पहले अपने गिरेबान में झांकना होगा। जब हम इंग्लैंड जैसे देशों का दौरा करते हैं, तो वहां स्विंग का सामना करना पड़ता है। हम उस हिसाब से अपनी स्किल्स को सुधारते हैं। आपको समझना होगा कि किस तरह की पिच पर किस तरह से बल्लेबाजी करनी होगी।”
उन्होंने कहा, “यह एक युवा टीम है। इसमें काफी युवा खिलाड़ी हैं, जिनमें अनुभव की कमी है। सीनियर खिलाड़ियों और कोच को उनसे बात करनी होगी। इस तरह की पिच पर फुट मूवमेंट बेहद अहम है। आपको यह समझना होगा कि किन गेंदबाजों के खिलाफ शॉट खेल सकते हैं, किन गेंदबाजों के खिलाफ शॉट नहीं खेलने। यह सभी टैलेंटेड खिलाड़ी हैं। भविष्य में यह टीम बेहतरीन हो जाएगी।”
साउथ अफ्रीका ने मुकाबले में टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनते हुए पहली पारी में 159 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने 189 रन बनाकर 30 रन की मामूली बढ़त हासिल की।
दूसरी पारी में भी साउथ अफ्रीकी टीम की हालत खराब रही, लेकिन कप्तान टेंबा बावुमा की नाबाद 55 रन की पारी के दम पर टीम ने किसी तरह 153 रन बनाकर भारत को जीत के लिए 124 रन का लक्ष्य दिया।
आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 93 के स्कोर तक अपने 9 विकेट गंवा चुकी थी। चोटिल कप्तान शुभमन गिल इस पारी में बल्लेबाजी के लिए नहीं उतर सके। इसी के साथ टीम इंडिया को सीरीज के पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा।
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