राजनीति
प्रधानमंत्री का सपा पर निशाना, बोले, ‘लाल टोपी वालों को सिर्फ लालबत्ती से मतलब’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि पूरा यूपी जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है। इन्हें सत्ता से मतलब रहा है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने और उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में 9650 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया। मोदी ने गोरखपुर खाद कारखाने, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) का लोकार्पण किया।
बोले कि, “आज पूरा यूपी भली-भांती जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, आपकी दुख-तकलीफों से नहीं। लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए। लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए और इसलिए, याद रखिए लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी।”
मोदी ने कहा कि गोरखपुर में खाद कारखाना और एम्स का शुरू होना अनेक संदेश दे रहा है। जब डबल इंजन की सरकार होती है तो डबल तेजी से काम भी होता है। जब नेक नीयत से काम होता है तो आपदाएं भी अवरुद्ध नहीं बन पाती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से इस सदी की शुरूआत तक देश में सिर्फ 1 एम्स था। अटल जी ने 6 और एम्स स्वीकृत किए थे। बीते 7 वर्षों में 16 नए एम्स बनाने पर देशभर में काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य ये है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कालेज जरूर हों।
उन्होंने कहा कि जब मैंने एम्स का शिलान्यास किया था, तो मैंने कहा था कि हम दिमागी बुखार से इस क्षेत्र को राहत दिलाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। हमने दिमागी बुखार फैलाने की वजह को दूर करने पर भी काम किया और इसका उपचार भी किया। आज गोरखपुर और बस्ती डिविजन के 7 जिलों में दिमागी बुखार के मामले करीब 90 प्रतिशत तक कम हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर खाद कारखाने की बहुत बड़ी भूमिका देश को यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में भी होगी। देश के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे 5 फर्टिलाजर प्लांट शुरू होने के बाद 60 लाख टन अतिरिक्त यूरिया देश को मिलेगा। ये कारखाना राज्य के अनेक किसानों को पर्याप्त यूरिया तो देगाा ही, इससे पूर्वांचल में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
कहा कि हमने यूरिया का गलत इस्तेमाल रोका। बंद पड़े खाद कारखाने को फिर से खोलने पर ताकत लगाई है। यूरिया की 100 फीसद नीम कोटिंग की। हमने करोड़ों किसानों को हेल्थ कार्ड दिए, ताकि उन्हें पता चल सके उनके खेत को किस तरह की खाद की जरूरत है। हमने यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि हमने पहले की सरकारों के दिन भी देखे हैं, जब अनाज होते हुए भी गरीबों को अनाज नहीं मिलता था। आज हमने गरीबों के लिए अनाज के गोदाम खोल दिए हैं। हाल ही में पीएम अन्न योजना को होली से आगे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पहले यूपी के कुछ जिले बिजली के मामले में वीआईपी थे, लेकिन योगी जी के राज में हर जिला वीआईपी है। सभी को भरपूर बिजली मिल रही है। पहले की सरकारों ने दबंगों को संरक्षण दिया था, लेकिन योगी जी ने पुलिस व्यवस्था दुरुस्त कर निवेशकों के लिए द्वार खोल दिए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि गन्ना किसानों का गढ़ पूर्वांचल का यह एरिया इथेनॉल उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है। पहले खाड़ी का तेल आता था अब झाड़ी का भी तेल आने लगा है। मैं योगी सरकार की सराहना करता हूं कि उन्होंने गन्ना किसानों के लिए अभूतपूर्व काम किया है। 350 रुपये तक मूल्य बढ़ाया।
राजनीति
भाजपा सरकार वोट के अधिकार से पीडीए वर्ग को वंचित रखना चाहती है: सपा सांसद अवधेश प्रसाद

नई दिल्ली, 2 दिसंबर: समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार वोट के अधिकार से पीडीए (दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक) वर्ग के लोगों को वंचित रखना चाहती है। उन्होंने मांग उठाई कि एसआईआर जैसे मुद्दे पर संसद के अंदर सरकार को चर्चा करानी चाहिए।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसआईआर का विषय एक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ज्वलंत समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में ऐसी हालत पैदा कर दी गई है कि लोकतंत्र पर खतरा है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने वोट देने का अधिकार दिया, जो सबसे कीमती है। भाजपा सरकार इस अधिकार से लोगों को वंचित रखना चाहती है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसआईआर के तहत बीएलओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें पार्टी विशेष और जाति विशेष के लोग शामिल हैं। पीडीए के लोगों को फॉर्म नहीं दिया जा रहा है या उन्हें गुमराह किया जा रहा है। अवधेश प्रसाद ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में अभी तक किसी जिले में 40 प्रतिशत से अधिक फॉर्म नहीं बंटे हैं। इस प्रक्रिया के लिए कम से कम तीन महीने का समय होना चाहिए, तभी सही से काम हो पाएगा।
सरकार से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में 2027 में चुनाव होने वाले हैं, जबकि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अगले साल चुनाव है। फिर भी एसआईआर को लेकर इतनी जल्दी क्यों है?” सपा सांसद ने कहा कि विपक्ष के लोग सदन में इन्हीं समस्याओं को लेकर बात रखना चाहते हैं, लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती है। इस तरह से सत्तापक्ष देश में दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोट काटना चाहता है। वे उन्हें मतदान से वंचित रखना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के ‘ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए’ वाले बयान पर भी अवधेश प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “सत्तापक्ष से ज्यादा ड्रामा की जानकारी किसी को नहीं हो सकती है। इसलिए यह ड्रामा नहीं है, बल्कि एक ज्वलंत समस्या है। यह लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए विपक्ष की तरफ से उठाया गया कदम है।”
उन्होंने कहा कि एसआईआर, किसान और बेरोजगारी जैसे कई ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन्हें प्राथमिकता से सदन में रखने देना चाहिए। ये विशेष महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
राजनीति
डेमोक्रेसी का ड्रामा करने वाले हमें लेक्चर नहीं दे सकते: प्रियंका चतुर्वेदी

नई दिल्ली, 2 दिसंबर: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष एसआईआर के विषय पर चर्चा की मांग को लेकर अड़ा है। सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही से पहले शिवसेना-यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जो लोग ड्रामा की बात करते हैं और डेमोक्रेसी का ड्रामा करते हैं, वे हमें लेक्चर नहीं दे सकते।
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “अगर आप एसआईआर करना चाहते हैं, तो देखिए कि इसे कैसे लागू किया जा रहा है। बीएलओ लगातार भेजे जा रहे हैं और 30 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। इससे पता चलता है कि किस तरह का दबाव और टारगेट थोपा जा रहा है। फिर भी सही, बड़े पैमाने पर चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है।”
उन्होंने कहा, “जो लोग ड्रामा की बात करते हैं और डेमोक्रेसी का ड्रामा करते हैं, वे हमें लेक्चर नहीं दे सकते। चुनाव आयोग, एजेंसियों और संविधान को कमजोर किया जा रहा है। अगर हम इन मुद्दों को संसद में नहीं रखेंगे, तो हम इन्हें कहां उठाएंगे?”
शिवसेना-यूबीटी की नेता ने अपनी मांग रखते हुए कहा, “हमसे हर विषय पर चर्चा के लिए कहा गया है, लेकिन हमारा भी कहना है कि 15 दिन के सत्र में अगर आप 10 विधेयक लाते हैं, तब दो हमारे मुद्दों पर भी चर्चा होनी चाहिए। हम भी चाहते हैं कि सदन चले। हमारा बार-बार यही कहना है कि सरकार को हमारी मांगों पर भी व्यापक चर्चा करने दे।”
‘वंदे मातरम’ के विषय पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “इस बार हमें बताया गया है कि ‘वंदे मातरम’ को लेकर चर्चा होगी। लेकिन किसी ने यह प्रश्न नहीं पूछा कि ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारे राज्यसभा में नहीं लगाए जा सकते। सरकार ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है, लेकिन पूछा जाना चाहिए कि राज्यसभा में नारों से जुड़ा नोटिस किस आधार पर निकाला गया था।”
प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा कि क्या सरकार को ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारों पर भी आपत्ति होने लगी है?
राष्ट्रीय समाचार
रांची, मुंबई और सूरत में सीए नरेश केजरीवाल के 15 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

ED
रांची, 2 दिसंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह झारखंड के चर्चित चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) नरेश केजरीवाल के ठिकानों पर फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत बड़ी कार्रवाई की है।
उनके रांची, मुंबई और सूरत के कुल 15 ठिकानों पर सुबह छह बजे से ईडी की टीमों ने एक साथ दबिश दी है। नरेश केजरीवाल कई प्रमुख राजनेताओं के वित्तीय मामलों को संभालते रहे हैं। विदेशों में अवैध रूप से धन निवेश और नियमों के उल्लंघन से जुड़े आरोपों के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है।
ईडी की टीम रांची में चर्च कॉम्प्लेक्स स्थित केजरीवाल के कार्यालय के अलावा उनके आवासीय परिसरों की भी तलाशी ले रही है। फेमा के तहत की गई झारखंड में ईडी की यह पहली छापेमारी बताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग द्वारा पूर्व में की गई छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डेटा मिले थे। इन्हीं तथ्यों के आधार पर ईडी ने फेमा के तहत जांच प्रारंभ की। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि केजरीवाल और उनसे जुड़े व्यक्तियों द्वारा दुबई, अमेरिका सहित कुछ अन्य देशों में धन का निवेश किया गया है।
जांच अधिकारियों को विदेशों में किए गए निवेश से जुड़े लेनदेन, कंपनियों और बैंक खातों के बारे में अहम जानकारी मिली है। ईडी का कहना है कि विदेशों में किए गए निवेश के दौरान निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। प्रारंभिक जांच में कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो फेमा के प्रावधानों के उल्लंघन की ओर संकेत करते हैं।
इसी आधार पर मंगलवार को बहु-राज्यीय कार्रवाई की गई। तलाशी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, कंप्यूटर डेटा, विदेशी लेनदेन के कागजात और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।
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