राजनीति
अयोध्या में मिलीं कलाकृतियों को संरक्षित करने की मांग वाली याचिकाएं खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिनमें अयोध्या में विवादास्पद स्थल से मिलीं सभी कलाकृतियों को संरक्षित करने की मांग की गई थी। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं में से दो पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने याचिका की सीबीआई जांच करवाने की चेतावनी भी दी और इसे अयोध्या मसले पर शीर्ष अदालत के फैसले को धूमिल करने का प्रयास करार दिया, जिसके अंतर्गत कोर्ट ने विवादास्पद भूमि हिंदूओं को और एक वैकल्पिक पांच एकड़ की जमीन मुस्लिमों को देने का फैसला सुनाया था।
कथित तौर पर राम जन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर की आधारशिला अगले महीने रखी जाएगी।
याचिकाकर्ता बरामद कलाकृतियों के संरक्षण और यह कार्य भारतीय पुरातत्व संरक्षण के तत्वाधान में करवाने के लिए शीर्ष अदालत पहुंचे थे।
याचिकाकर्ताओं में से एक वकील ने कहा कि खुदाई के दौरान प्राप्त कलाकृतियों को संरक्षित किया जाना चाहिए, क्योंकि रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने भी स्वीकार किया है कि क्षेत्र में कई कलाकृतियां हैं, जिसे संरक्षित करने की जरूरत है।
इसपर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “आप अनुच्छेद 32 के तहत कोर्ट के समक्ष क्यों आए हो?”
न्यायमूर्ति मिश्रा ने याचिकाकर्ताओं से इस तरह की तुच्छ याचिकाओं को दाखिल करने पर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि आप कहना चाह रहे हैं कि क्या अयोध्या मामले में अदालत के फैसले को कोई नहीं मान रहा है और कोई इसपर कार्रवाई नहीं करेगा।
केंद्र की तरफ से पेश सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट को इसके लिए जुर्माना लगाना चाहिए।
याचिकाओं को खारिज करते हुए, न्यायमूर्ति मिश्रा ने याचिकाकर्ताओं को एक माह के अंदर एक लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।
राजनीति
दिल्ली में हर 70 पार बुजुर्ग को मिलेगा ‘आयुष्मान कार्ड’,अप्रैल के अंत तक लागू होगी योजना

नई दिल्ली, 17 अप्रैल। दिल्ली सरकार अप्रैल के अंंत तक 70 साल से अधिक उम्र के सभी के लोगों के लिए ‘आयुष्मान कार्ड’ लॉन्च करेगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार के विधायक और अधिकारी मौजूद थे।
यह पहल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हर परिवार को साल भर में 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देना है, ताकि वे माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पतालों में इलाज करा सकें।
बैठक का उद्देश्य आयुष्मान कार्डों का क्रियान्वयन और वितरण करने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में आरोग्य मंदिर खोलने पर चर्चा करना था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई सालों के इंतजार के बाद दिल्ली को आयुष्मान भारत योजना मिली है और इसे लागू करने के लिए आज हम बैठक कर रहे हैं, ताकि सभी कार्ड जल्दी से बनकर जनता तक पहुंच सकें। सभी विधायकों को यह जिम्मेदारी दी गई है। 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को इसका लाभ देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
दिल्ली के हर इलाके में 1,139 आरोग्य मंदिर खोलने के लिए जगह की पहचान का काम तुरंत शुरू करना चाहिए, क्योंकि पिछली सरकारों ने समय बर्बाद किया और दिल्ली को नुकसान हुआ। अब हम नहीं चाहते कि और समय बर्बाद हो। हमारी सरकार आज से इस पर काम करना शुरू कर देगी।
सभी आयु वर्ग के 70 साल या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक आयुष्मान कार्ड के लिए पात्र होंगे।
यह कार्ड हर साल हर परिवार को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देता है, जिसमें 1500 से ज्यादा चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल हैं।
दिल्ली सरकार शहर भर में 1,139 आरोग्य मंदिर खोलने की योजना बना रही है। ये आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे, जो मोहल्ला क्लीनिकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं से अलग होंगी।
विधायकों को जिलाधिकारियों के साथ मिलकर मौजूदा आयुष्मान कार्ड वितरित करने और आरोग्य मंदिर खोलने का काम सौंपा गया है।
दिल्ली की सीएम गुप्ता ने कहा, “विधायकों को जिलाधिकारियों (डीएम) के साथ मिलकर मौजूदा आयुष्मान कार्डों को जल्द से जल्द वितरित करने और राज्य के सभी हिस्सों में आरोग्य मंदिर खोलने का काम करने का निर्देश दिया गया है।”
इस बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि सरकार दिल्ली के लोगों के लिए 1,139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाएगी।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य दिल्ली के लोगों के लिए 1,139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाना है और हम इसे हासिल करेंगे। इस पर चर्चा हुई कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को यह सुविधा जल्द से जल्द कैसे दी जा सकती है। हमारे आरोग्य मंदिर मोहल्ला क्लीनिकों से पूरी तरह अलग होंगे। आप उनकी संरचना और काम करने का तरीका अलग देखेंगे। दिल्ली के लोग इसे पसंद करेंगे।”
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दिल्ली सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच 5 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
राष्ट्रीय समाचार
वक्फ परिषद के गठन में हिंदू सदस्यों की भूमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा, गुरुवार को फिर सुनवाई

नई दिल्ली, 16 अप्रैल। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने मुस्लिम पक्ष और संशोधन समर्थक दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान विभिन्न संशोधित धाराओं जैसे कि धारा 3, 9, 14, 36 और 83 पर विशेष चर्चा हुई।
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि इन संशोधनों से उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन हुआ है। उनका कहना था कि संशोधन उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करता है।
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल और अधिनियम के समर्थकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन पूरी तरह संविधान सम्मत हैं और इनमें मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की कोई बात नहीं है।
सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने अपने प्रारंभिक अवलोकन में यह कहा कि अधिकांश संशोधन संविधान के अनुरूप प्रतीत होते हैं। हालांकि, न्यायालय ने ‘यूजर’ की परिभाषा पर स्पष्टता मांगी है। इसके अलावा, वक्फ परिषद के गठन में हिंदू सदस्यों की भूमिका को लेकर भी कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।
कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल और हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं से इन दोनों मुद्दों पर विशेष रूप से सहायता और स्पष्टीकरण देने को कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे होगी।
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस अहम मामले में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कीं। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बहस की शुरुआत की, जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें पेश कीं।
अधिवक्ता सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि देशभर में करीब आठ लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से चार लाख से अधिक संपत्तियां ‘वक्फ बाई यूजर’ के तौर पर दर्ज हैं। उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि जब वे दिल्ली हाईकोर्ट में थे, तब उन्हें बताया गया था कि वह जमीन वक्फ संपत्ति है। उन्होंने कहा, “हमें गलत मत समझिए, हम यह नहीं कह रहे हैं कि सभी वक्फ बाई यूजर संपत्तियां गलत हैं।”
इसके साथ ही बुधवार को दोनों पक्षों के बीच बहस जारी रही और सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दो बजे फिर से सुनवाई का समय दिया है।
महाराष्ट्र
‘अंधेरी से बांद्रा तक फास्ट ट्रेन 30 मिनट में!’: बांद्रा और माहिम के बीच गति प्रतिबंध से पश्चिम रेलवे के यात्री परेशान, लोकल सेवाएं 10-15 मिनट तक विलंबित

मुंबई: बुधवार, 16 अप्रैल को मुंबई की पश्चिमी लाइन पर लोकल ट्रेन सेवाएं बांद्रा और माहिम स्टेशनों के बीच गति प्रतिबंध लगाए जाने के कारण देरी से चलीं। इस कदम से हज़ारों दैनिक यात्री प्रभावित हुए हैं, यात्रा में बड़ी बाधाएँ आईं हैं और दफ़्तर जाने वालों में निराशा फैल गई है।
पश्चिम रेलवे ने ट्रेन सेवाओं में देरी पर अपडेट साझा किया
मीठी नदी को पार करने वाले सेक्शन पर चलने वाली ट्रेनें वर्तमान में 20-30 किलोमीटर प्रति घंटे की बेहद कम गति से चल रही हैं। धीमी गति से चलने के कारण उपनगरीय ट्रेनें 15 मिनट तक देरी से चल रही हैं, जिससे तेज़ और धीमी लोकल ट्रेनों के शेड्यूल में गड़बड़ी हो रही है। पश्चिमी रेलवे के मुंबई डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) ने देरी की पुष्टि की और असुविधा के लिए माफ़ी मांगी।
“इससे लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो रही है। अंधेरी से बांद्रा जाने वाली एक तेज़ ट्रेन 30 मिनट से ज़्यादा समय ले रही है। यह क्या बकवास है? तेज़ ट्रेन धीमी ट्रेन से भी धीमी चल रही है!” एक निराश यात्री ने सोशल मीडिया पर लिखा। एक अन्य ने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा, “कृपया जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करें।”
अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा गति सीमा अस्थायी है और सप्ताह के अंत तक इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 45 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया जाएगा। प्रतिबंध का कारण मीठी नदी पर बने पुराने रेलवे पुल का हाल ही में किया गया ओवरहाल है। ब्रिटिश काल में निर्मित इस पुल को कास्ट आयरन स्क्रू पाइल्स द्वारा सहारा दिया गया था, जिन्हें अब संरचनात्मक रूप से विश्वसनीय नहीं माना जाता था। सुरक्षा बढ़ाने के लिए अब इन्हें आधुनिक स्टील गर्डरों से बदल दिया गया है।
माहिम-बांद्रा के बीच पश्चिम रेलवे रात्रि ब्लॉक के बारे में
पुनर्निर्माण कार्य शुक्रवार और शनिवार को रात्रि ब्लॉक के दौरान किया गया। प्रत्येक रात, 9.5 घंटे के लिए सेवाएं निलंबित की गईं, जिसके दौरान महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग कार्य पूरे किए गए। इन ब्लॉकों के दौरान, परियोजना के सुचारू निष्पादन को सुविधाजनक बनाने के लिए कुल 334 लोकल ट्रेन सेवाएं रद्द की गईं।
हालांकि यह अपग्रेड दीर्घकालिक सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिए आवश्यक था, लेकिन चल रही देरी ने मुंबई की तेज-तर्रार कामकाजी आबादी को बुरी तरह प्रभावित किया है। पश्चिमी रेलवे ने यात्रियों को आश्वासन दिया कि स्थिति में लगातार सुधार होगा और नए पुल की संरचना नियमित यातायात के तहत स्थिर होने के बाद सामान्य परिचालन फिर से शुरू होने की उम्मीद है। तब तक, यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे देरी को ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा की योजना बनाएं।
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