राजनीति
कोरोना खतरे के बीच यूपी में हो रहा पंचायत चुनाव, कहीं मतदाता का नाम गायब, तो कहीं चली लाठियां

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में पहले चरण के लिए 18 जिलों में मतदान हो रहा है। इस चरण में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य के 2.21 लाख से अधिक पदों के लिए 3.33 लाख से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान के दौरान कुछ अव्यवस्था भी देखने को मिली है। कहीं मतदाताओं के नाम कटे हुए हैं, तो कहीं पर ईंट- पत्थर और लाठिया चलाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। कोरोना के खतरे के बीच चुनाव प्रत्याशियों के लिए परीक्षा तो है ही और साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग के लिए यह एक चुनौती भी है। हालांकि आयोग ने मतदान के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन का दावा किया है।
राज्य के जौनपुर में पंचायत चुनाव में भारी गड़बड़ी सामने आई है। जिला पंचायत सदस्य पद के तीन प्रत्याशियों का नाम मतपत्र में नहीं है। इसकी जानकारी हुई तो प्रत्याशियों ने हंगामा किया और मतदान रोक दिया। मामला बक्शा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सड़ेरी का है।
सहारनपुर में प्रधान पद के प्रत्याशी आपस में भिड़ गए, जिसके बाद एक कार में तोड़फोड़ कर दी गई और दूसरी में आग लगा दी गई। वहीं, महोबा जिले के जैतपुर की ग्राम पंचायत मंगरोल कला में प्रधान प्रत्याशी समेत चार लोगों पर जानलेवा हमला किया गया है। गोरखपुर में प्रधान पद के प्रत्याशी पर गोली चलाने का भी मामला सामने आया है।
संतकबीरनगर जिले में हकीमराई गांव में मतदान के दौरान जमकर ईट-पत्थर चले हैं। गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गाजियाबाद जिले के लोनी के ट्रॉनिका सिटी थाना क्षेत्र इलाइचीपुर और खुदाबक्स गांव में दो प्रत्याशियों के एजेंटों में भिड़ंत की सूचना है। रायबरेली में तीन प्रधान पदों के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। यह निर्णय प्रधान प्रत्याशियों के निधन के चलते लिया गया। इसमें हरदचंदपुर ब्लॉक के कठवारा, बछरावां ब्लॉक के पहनासा और सरेनी ब्लॉक के रामपुर कला पंचायत शामिल हैं।
रामपुर में सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र में फर्जी मतदान को लेकर हंगामा हुआ है। एक पक्ष के प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने कुछ महिलाओं को रोक लिया और फर्जी मतदान करने का आरोप लगाया। बाद में जांच-पड़ताल कर छोड़ दिया गया।
झांसी के बड़ा गांव ब्लाक के केंद्र पर तैनात एक महिला की आज सुबह मतदान प्रक्रिया के दौरान मौत हो गई। महिला अधिकारी जौरी बुजुर्ग में बूथ क्रमांक 61 पर चुनाव करा रही थी। महिला अधिकारी ने घबराहट की शिकायत की और जब तक कोई कुछ समझ पाता, उनकी मौत हो गई। महिला की पहचान निर्मला साहू (56) पत्नी रामप्रकाश साहू निवासी दतिया गेट बाहर कोतवाली के रूप में हुई है। निर्मला साहू कैंसर से पीड़ित बताई जा रही हैं। उन्हें खून की उल्टी हुई और देखते ही देखते उन्होंने दम तोड़ दिया।
गोरखपुर के मतदान केंद्र में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में मतदान करने के लिए वनटांगिया गांव के एक मतदान केंद्र के बाहर काफी लम्बी लाइन में लगे वनटांगिया वर्ग के लोग विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में मतदान करे चुके हैं, लेकिन इनको गांव की सरकार बनाने का पहली बार मौका मिला है। ये लोग इसका पूरा लाभ लेने के प्रयास में लगे हैं।
ज्ञात हो कि पहले चरण में आज अयोध्या, आगरा, कानपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, प्रयागराज, बरेली, भदोही, महोबा, रामपुर, रायबरेली, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, सहारनपुर, हरदोई और हाथरस जिलों में मतदान हो रहे हैं।
महाराष्ट्र
उर्दू स्वर्ण जयंती समारोह: अबू आसिम आज़मी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बाबुन कोकाटे से की मुलाकात, सभी मांगों का तत्काल समाधान, उर्दू अकादमी की जल्द स्थापना की जाएगी

मुंबई: मुंबई महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी द्वारा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री कोकाटे से मुस्लिम मुद्दों और उर्दू अकादमी के संबंध में की गई मांगों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने जल्द से जल्द उर्दू अकादमी की स्थापना और वैश्विक स्तर पर उर्दू स्वर्ण जयंती समारोह मनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि नाडियाडवाला द्वारा यहां उर्दू समारोह आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही उर्दू अकादमी की स्थापना में उर्दू भाषी और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही माणिक राव कोकाटे ने अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों से जुड़े मुद्दों को हल करने का आश्वासन भी दिया है। आज़मी ने अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति और ओबीसी मॉडल पर मुसलमानों और छात्रों के लिए शैक्षिक छात्रवृत्ति की भी मांग की। आज़मी ने पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए शैक्षिक छात्रवृत्ति पर भी जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने नेट और यूपीएससी प्रशिक्षण शिविर और कक्षाएं शुरू करने की भी मांग की। उन्होंने एमपीएससी परीक्षा में उर्दू भाषा के उम्मीदवारों को उर्दू में परीक्षा देने की सुविधा की भी मांग की। मुसलमानों के शैक्षिक, आर्थिक और अन्य पिछड़ेपन का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाने की भी मांग की गई। इसी सिलसिले में आज अबू आसिम आज़मी ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्री माणिक राव कोकाटे से मुलाकात की और सभी मुद्दों पर ध्यान दिलाते हुए उनके समाधान की माँग की। मंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया और समस्याओं के समाधान का वादा किया। इस दौरान अबू आसिम आज़मी के साथ वरिष्ठ पत्रकार सईद हमीद भी थे और उन्होंने भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्री से उर्दू के मुद्दों पर चर्चा की। इस पर मंत्री ने सभी माँगों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
राजनीति
‘देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर लगा टैक्स’, जीएसटी सुधार को लेकर खड़गे का वार

नई दिल्ली, 4 सितंबर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को जीएसटी सुधार को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर टैक्स लगा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र की कम से कम 36 वस्तुओं पर जीएसटी लगाया था। इसीलिए हमने भाजपा के इस जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ का नाम दिया।
खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, ”कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 और 2024 के घोषणा पत्रों में सरल और तर्कसंगत कर व्यवस्था के साथ जीएसटी 2.0 की मांग की थी। हमने जीएसटी के जटिल कंप्लायंस को भी सरल बनाने की मांग की थी, जिससे एमएसएमई और छोटे व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए थे। 28 फरवरी 2005 को कांग्रेस-यूपीए सरकार ने लोकसभा में जीएसटी की औपचारिक घोषणा की थी। 2011 में ही जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जीएसटी बिल लेकर आए थे तब भाजपा ने इसका विरोध किया था। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने भी जीएसटी का विरोध किया था। आज यही भाजपा सरकार रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन का जश्न मनाती है, जैसे कि आम जनता से टैक्स वसूलकर उसने कोई बहुत बड़ा काम किया हो।”
उन्होंने आगे लिखा, ”देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर टैक्स लगाया गया है। इस मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र की कम से कम 36 वस्तुओं पर जीएसटी लगाया था। दूध-दही, आटा-अनाज, यहां तक कि बच्चों की पेंसिल-किताबें, ऑक्सीजन, इंशोरेशन और अस्पताल के खर्च जैसी रोज इस्तेमाल करने वाले वस्तुओं पर भी जीएसटी लगाया गया। इसीलिए हमने भाजपा के इस जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ का नाम दिया। कुल जीएसटी का दो-तिहाई यानी 64 प्रतिशत हिस्सा गरीबों और मध्यम वर्ग की जेब से आता है, लेकिन अरबपतियों से केवल 3 प्रतिशत जीएसटी लिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दी गई है। वहीं, पिछले 5 वर्षों में इनकम टैक्स वसूली में 240 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और जीएसटी वसूली में 177 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।”
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आखिर में लिखा, ”ये अच्छा है कि सरकार की 8 वर्ष देर से ही सही जीएसटी पर कुंभकर्णी नींद खुली और उन्होंने जागकर रेट रेशनलाइजेशन की बात की है। सभी राज्यों को 2024-25 को आधार वर्ष मानकर 5 वर्षों की अवधि के लिए कंपनसेशन दिया जाए, क्योंकि दरों में कटौती से उनके राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है।”
महाराष्ट्र
जुलूसे मोहम्मदी के लिए सार्वजनिक अवकाश 8 सितंबर को रहेगा

मुंबई: ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश शुक्रवार के बजाय सोमवार, 8 सितंबर को होगा, यह सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया है। मुंबई और उसके उपनगरों में ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर अवकाश शुक्रवार, 5 सितंबर से बदलकर 8 सितंबर कर दिया गया है। इससे पहले, राज्य में गणपति विसर्जन के अवसर पर मुसलमानों ने सर्वसम्मति से 8 सितंबर को मोहम्मदी जुलूस निकालने का निर्णय लिया था। यह निर्णय खिलाफत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सरफराज आरज़ू ने मौलाना मोइनुद्दीन अशरफ उर्फ मोइन मियां के नेतृत्व में मुंबई स्थित खिलाफत हाउस में आयोजित एक बैठक में लिया।
मुसलमानों ने मांग की थी कि आधिकारिक अवकाश 8 सितंबर, यानी सोमवार को दिया जाए, जिसे सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वीकार कर लिया है और एक परिपत्र जारी किया है। अब ईद मिलादुन्नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की छुट्टी 5 सितंबर की बजाय 8 सितंबर को होगी। मुसलमानों और जुलूस समितियों ने इस पर खुशी जताई है। गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के कारण मुसलमानों ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस 8 सितंबर को निकालने का फैसला किया। यह सांप्रदायिक सौहार्द और गंगा-जमनी सभ्यता का एक स्पष्ट उदाहरण था। यह हिंदू-मुस्लिम एकता का एक ज्वलंत उदाहरण है। इसीलिए सरकार ने अब 8 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है।
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