राष्ट्रीय समाचार
पाकिस्तानी ने की नौशेरा, सुंदरबनी, बारामूला और अखनूर में फायरिंग, सेना ने दिया त्वरित जवाब

नई दिल्ली, 30 अप्रैल। पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है। 29-30 अप्रैल की रात को भी पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा के उस पार से भारतीय इलाकों में गोलीबारी की है। भारतीय सेना के मुताबिक 29-30 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों के सामने नियंत्रण रेखा के पार से फायरिंग की।
पाकिस्तानी सेना द्वारा यह फायरिंग बिना किसी उकसावे के की गई है। फायरिंग के लिए छोटे हथियारों का इस्तेमाल किया गया। भारतीय सेना के जवानों ने बिना देरी किए तेजी से इस फायरिंग का जवाब दिया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की सैन्य चौकियों से पिछले 6 दिनों से फायरिंग की जा रही है। नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों के अलावा पाकिस्तानी सेना ने कई अन्य स्थानों पर भी गोलीबारी की है। सेना के अनुसार पाकिस्तानी सेना द्वारा 29-30 अप्रैल की रात को ही नियंत्रण रेखा के पार से बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में भी गोलीबारी की गई। पाकिस्तानी सैन्य चौकियों द्वारा परगवाल सेक्टर में भी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की गई है। भारतीय सेना के जवानों ने इन सभी स्थानों पर पाकिस्तान को उचित व करारा जवाब दिया है। सेना के मुताबिक 28-29 अप्रैल की रात को भी पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा और बारामूला जिलों के साथ-साथ अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार से बिना उकसावे के गोलीबारी की थी। भारतीय सेना ने इस उकसावे का तुरंत और प्रभावी जवाब दिया था।
वहीं इससे पहले 27-28 अप्रैल की रात को भी पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा के पार से गोलाबारी की थी। जहां एक ओर कुपवाड़ा और बारामूला व अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के उस पार से फायरिंग की गई, वहीं पुंछ के सीमावर्ती इलाकों में फायरिंग की गई थी। दरअसल पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बीते शुक्रवार से ही पाकिस्तानी सैन्य चौकियों से फायरिंग की जा रही है।
ज्ञात हो कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुखों, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। सरकार ने सेना को स्थिति से निपटने के लिए खुली छूट दी है।
राजनीति
‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के 9 वर्ष, देश में स्वच्छ ईंधन से बेहतर हुई करोड़ों जिंदगियां

नई दिल्ली, 30 अप्रैल। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) ने ग्रामीण और वंचित परिवारों को एलपीजी जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी, जिसके 9 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से की थी। पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन के इस्तेमाल से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में यह योजना उन ग्रामीण और वंचित परिवारों के लिए एक वरदान बनी है, जो खाना पकाने के लिए ईंधन के रूप में जलावन, लकड़ी, कोयला, गोबर के उपलों, का इस्तेमाल करते थे।
पीएमयूवाई का उद्देश्य गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को बिना डिपॉजिट के एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध करवाना है। इस योजना के साथ केंद्र सरकार स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रही है।
पीएमयूवाई योजना के पहले चरण में मार्च 2020 तक वंचित परिवारों को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, इस लक्ष्य को समय से पहले ही प्राप्त कर लिया गया। पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 7 सितंबर 2019 को 8 करोड़वां एलपीजी कनेक्शन सुपुर्द किया।
शेष गरीब परिवारों तक इस योजना के जरिए मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने अगस्त 2021 में दूसरा चरण ‘उज्ज्वला 2.0’ लॉन्च किया था। योजना के दूसरे चरण ‘उज्ज्वला 2.0’ में प्रवासी परिवारों को विशेष सुविधा के साथ पीएमयूवाई योजना के तहत 1.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन के अतिरिक्त आवंटन का लक्ष्य रखा गया।
‘उज्ज्वला 2.0’ के तहत कनेक्शन की लक्ष्य संख्या दिसंबर 2022 के दौरान हासिल की गई, इस प्रकार योजना के तहत कुल कनेक्शन 9.6 करोड़ हो गए। इसके अलावा, भारत सरकार ने पीएमयूवाई योजना के तहत अतिरिक्त 75 लाख कनेक्शन जारी करने की मंजूरी दी है, जिससे योजना के तहत कुल लक्ष्य अब 10.35 करोड़ हो गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 1 मार्च तक पूरे भारत में 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन मौजूद हैं। इसके अलावा, 1 अप्रैल 2022 तक जारी किए गए 8.99 करोड़ कनेक्शनों में से 8.34 करोड़ लाभार्थियों ने अप्रैल 2022 और मार्च 2024 के बीच पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान कम से कम एक रिफिल का लाभ उठाया है।
राजनीति
पाकिस्तान दुश्मनी चाहता है तो हम तैयार हैं : फारूक अब्दुल्ला

जम्मू, 30 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार को समर्थन देने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान दुश्मनी चाहता है तो हम तैयार हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हम लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा समर्थन देने की बात कही है, इसके बाद हमारे साथ कोई सवाल नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी जो करना चाहें, वो करें।”
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरफ से न्यूक्लियर हमले की धमकी देने के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमारे पास भी न्यूक्लियर पावर है, उनसे पहले है। मुझे वाजपेयी जी का याद आता है, जब मैं पोखरण उनके साथ गया था, तो उन्होंने कहा था कि हम कभी भी इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे। जब तक कोई और हम पर पहला हमला नहीं करेगा। हिंदुस्तान ने कभी भी पहले आक्रमण नहीं किया है। हमेशा वहीं से हुआ है और हमने उसका जवाब दिया है। आज भी हम इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे, लेकिन अगर वे इसका इस्तेमाल करते हैं, तो हमारे पास भी यह है। भगवान करे कि ऐसी बात न आए।”
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तरफ से सोशल मीडिया पर पोस्ट करके पीएम मोदी को गायब होने की बात कहने पर उन्होंने कहा, “वो कहां गायब हैं? मुझे लगता है वो दिल्ली में हैं और अगर कहीं और होंगे तो उसका पता नहीं है।”
जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद से जूझने के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमने बार-बार कहा है कि हमें आतंकवाद कबूल नहीं है। आतंकवाद उन्हें भी खत्म कर रहा है और हमें भी। अब समय आ गया है कि उन्हें इस पर समझना चाहिए। जब मुंबई पर हमला हुआ तो साबित हुआ कि यह पाकिस्तान प्रायोजित था। पठानकोट, उरी में हमला हुआ, जिसके पीछे उनका हाथ था। कारगिल के समय मैं मुख्यमंत्री था, जब वो हारने लगे तो यूएसए प्रेसिडेंट के पास गए और दो दिन का समय मांगा कि वो अपना सामान निकाल सकें। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि अगर वो दोस्ती चाहते हैं, तो ऐसी चीजें नहीं चलेंगी। आतंकवाद को खत्म करना पड़ेगा। वहीं अगर दुश्मनी में रहना चाहते हैं तो हम भी तैयार हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
एनआईटी एडमिशन : 40 हजार सीटों के लिए 14.5 लाख से अधिक छात्र करेंगे प्रतिस्पर्धा

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान राउरकेला (एनआईटी राउरकेला) को शिक्षा मंत्रालय ने एनआईटी प्लस सिस्टम’ के तहत देशभर के 31 एनआईटी में दाखिला प्रकिया की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा एनआईटी राउरकेला विदेशी नागरिकों के एडमिशन की प्रक्रिया को भी देखेगा।
डीएएसए योजना के अंतर्गत अंडर ग्रेजुएट कार्यक्रमों में विदेशी नागरिकों को डायरेक्ट प्रवेश दिया जाएगा। अनुमान है कि जेईई (मेन) में उत्तीर्ण होने वाले करीब 14.5 लाख से अधिक छात्र इन 31 एनआईटी संस्थानों में दाखिले के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। एनआईटी समेत अन्य संबंधित संस्थानों में लगभग 40 हजार सीटें हैं। इनमें महिला उम्मीदवारों के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। पंजीकरण व विकल्प भरने से लेकर सीट आवंटन और दस्तावेज सत्यापन तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
एनआईटी राउरकेला एनआईटी प्लस सिस्टम का नेतृत्व करेगा। वहीं आईआईटी कानपुर आईआईटी सिस्टम का नेतृत्व करेगा। ये दोनों संस्थान एक बार फिर से संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (जोसा) के 2025 संस्करण की सह-मेजबानी भी करेंगे। जोसा 2025 की गतिविधियां जून 2025 के पहले सप्ताह में शुरू होंगी। एनआईटी राउरकेला ने पुष्टि की है कि जोसा के 2025 संस्करण में सीट आवंटन के छह राउंड होंगे। भारत सरकार द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए इन्हें केंद्रीय सीट आवंटन बोर्ड (सीएसएबी 2025) के समन्वय की यह जिम्मेदारी सौंपी है।
‘एनआईटी प्लस सिस्टम’ के तहत 31 एनआईटी व कई अन्य सरकारी वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों में एडमिशन दिया जाएगा। पिछले वर्षों की तरह, इस वर्ष भी सभी राउंड पूरे होने के बाद खाली सीटों को भरने के लिए स्पेशल राउंड का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष, सीएसएबी-स्पेशल तीन राउंड का होगा। सीएसएबी अंडमान एवं निकोबार, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव, तथा दादरा एवं नगर हवेली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के विद्यार्थियों के लिए चयनित एनआईटी में सीट आवंटन के अतिरिक्त चरण का समन्वय करेगा।
एनआईटी राउरकेला के निदेशक और सीएसएबी एवं डीएएसए 2025 के अध्यक्ष प्रो. के. उमामहेश्वर राव ने कहा, “सीएसएबी 2025 को पूरे देश में जेईई (मेन) उत्तीर्ण उम्मीदवारों के लिए एक सहज, पारदर्शी और समावेशी सीट आवंटन प्रक्रिया प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। साथ ही, डीएएसए 2025 भारत के अग्रणी तकनीकी संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का स्वागत करने के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। हम सभी उम्मीदवारों के लिए एक सहज और छात्र-केंद्रित प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
एनआईटी राउरकेला ने यह भी पुष्टि की है कि पूर्वोत्तर राज्यों और चुनिंदा केंद्र शासित प्रदेशों के उम्मीदवारों के लिए सीएसएबी-एनईयूटी दौर जून 2025 में शुरू होगा। मानक सरकारी मानदंडों के अलावा, एनआईटी प्लस सिस्टम में यूजी प्रवेश के लिए सीट आवंटन जेईई (मेन) 2025 में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त रैंक के आधार पर होगा। सीएसएबी 2025 की पूरी प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों की सहायता के लिए एनआईटी राउरकेला स्थित सीएसएबी 2025 मुख्यालय में असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, तमिल और तेलुगु भाषाओं में एक बहुभाषी हेल्पडेस्क स्थापित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, अभ्यर्थियों की सहायता के लिए कुल 53 सहायता केन्द्र भी स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र सहायता प्रत्येक राज्य व केंद्र शासित प्रदेश में बनाए गए हैं। वहीं दिव्यांग उम्मीदवारों की सहायता के लिए एक समर्पित हेल्पडेस्क भी चालू किया जाएगा। इसके अलावा, दिव्यांग उम्मीदवारों की पहुँच बढ़ाने के लिए इमर्सिव रीडर फॉर्मेट में सहायता दस्तावेज जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे।
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