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पद्म पुरस्कार : जानिए, किस राज्य के कितने लोगों को कौन सा पुरस्कार मिला

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नई दिल्ली, 31 जनवरी। भारत सरकार ने 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया। इस बार कुल 7 व्यक्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्मश्री से नवाजा गया। यह पुरस्कार उन लोगों को दिए गए, जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण कार्य किए हैं और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें सबसे ज्यादा तमिलनाडु और महाराष्ट्र की 13/ 13 शख्सियतों को पद्म पुरस्कार मिले। इसके अलावा उत्तर प्रदेश 10 शख्सियतों को यह पुरस्कार मिले। साथ ही कर्नाटक और पश्चिम बंगाल की 9-9 शख्सियतों को यह पुरस्कार मिला है। आइए जानते हैं किस राज्य में कितने लोगों को यह पुरस्कार मिले।

आंध्र प्रदेश से कुल 5 नाम हैं:

नंदमुरी बालकृष्ण (कला) (पद्म भूषण), मदुगुला नागफानी शर्मा (कला) (पद्मश्री), मिरियाला अप्पाराव (मरणोपरांत) (कला) (पद्म श्री), वादिराज रघवेन्द्रचार्य पंचमुखी (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), के एल कृष्णा (साहित्य और शिक्षा) (पद्मश्री)।

अरुणाचल प्रदेश से 1 नाम है:

जुमदे योमगम गमलिन (सामाजिक कार्य) (पद्मश्री)।

असम से कुल 5 नाम हैं:

जतिन गोस्वामी (कला) (पद्म भूषण), अनिल कुमार बोरो (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), गीता उपाध्याय (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), जोनअचरण बथारी (कला) (पद्म श्री), रेबा कांत महंता (कला) (पद्म श्री)।

बिहार से कुल 7 नाम हैं:

शारदा सिन्हा (मरणोपरांत) (कला) (पद्म विभूषण), सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत) (लोक-कार्य) (पद्म भूषण), भीम सिंह भावेश (सामाजिक कार्य) (पद्म श्री), हेमंत कुमार (चिकित्सा) (पद्म श्री), किशोर कुनाल (मरणोपरांत) (सिविल सेवा), निर्मला देवी (कला) (पद्म श्री), विजय नित्यानंद सुरीश्वर जी महाराज (अन्य – आध्यात्मिकता) (पद्म श्री)।

चंडीगढ़ से 1 नाम है:

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर (लोक-कार्य) (पद्म विभूषण)।

छत्तीसगढ़ से 1 नाम है:

पांडी राम मंडावी (कला) (पद्म श्री)।

दिल्ली से कुल 8 नाम हैं:

3बिबेक देबरॉय (मरणोपरांत) (साहित्य एवं शिक्षा) (पद्म भूषण), कैलाश नाथ दीक्षित (पुरातत्व) (पद्म भूषण), बैरी गोडफ्रे जॉन (कला) (पद्म श्री), भारत गुप्त (कला) (पद्म श्री), सी एस वैद्यनाथन (सार्वजनिक मामले) (पद्म श्री), नीरजा भटला (चिकित्सा) (पद्म श्री), रामदराश मिश्रा (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), सुरेंद्र कुमार वसल (विज्ञान और इंजीनियरिंग) (पद्म श्री)।

गोआ से 1 नाम है:

लिबिया लोबो सरदेसाई (सामाजिक कार्य) (पद्म श्री)।

गुजरात से कुल 7 नाम हैं:

कुमुदिनी रजनीकांत लखिया (कला) (पद्म विभूषण), चंद्रकांत सोमपुरा (अन्य – वास्तुकला) (पद्म श्री), चंद्रकांत शेठ (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), परमार लवजीभाई नागजीभाई (कला) (पद्म श्री), रतन कुमार परिमू (कला) (पद्म श्री), तुषार दुर्गेशभाई शुक्ला (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), सुरेश हरिलाल सोनी (सामाजिक कार्य) (पद्म श्री)।

हरियाणा से 2 नाम हैं:

हरविंदर सिंह (खेल) (पद्म श्री), संत राम देसवाल (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री)। हिमाचल प्रदेश से 1 नाम है: हरिमन शर्मा (अन्य – कृषि) (पद्म श्री)।

जम्मू और कश्मीर से 2 नाम हैं:

फारूक अहमद मीर (कला), ललित कुमार मंगोत्रा (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री)। झारखंड से 1 नाम है: महाबीर नायक (कला) (पद्म श्री)।

कर्नाटक से कुल 9 नाम हैं:

लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला) (पद्म विभूषण), ए सूर्य प्रकाश (साहित्य एवं शिक्षा-पत्रकारिता) (पद्म भूषण), अनंत नाग (कला) (पद्म भूषण), भीमव्वा दोड्डबलप्पा शिल्लेक्याथारा (कला) (पद्म श्री), हसन रघु (कला) (पद्म श्री), रिकी ज्यान केज (कला) (पद्म श्री), वेन्कप्पा अंबाजी सुगतेकर (कला) (पद्म श्री), प्रशांत प्रकाश (व्यापार और उद्योग) (पद्म श्री), विजयलक्ष्मी देशमाने (चिकित्सा) (पद्म श्री)।

केरल से कुल 5 नाम हैं:

एम. टी. वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा) (पद्म विभूषण), जोस चाको पेरियाप्पुरम (चिकित्सा) (पद्म भूषण), पी आर श्रीजेश (खेल) (पद्म भूषण), इनिवालप्पिल मनि विजयन (खेल) (पद्म श्री), के ओमनाकुट्टी अम्मा (कला) (पद्म श्री)।

मध्य प्रदेश से 6 नाम हैं:

बुधेंद्र कुमार जैन (चिकित्सा) (पद्म श्री), भैरू सिंह चौहान (कला) (पद्म श्री), हरचंदन सिंह भट्टी (कला) (पद्म श्री), जगदीश जोशीला (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), सल्ली होलकर (व्यापार और उद्योग) (पद्म श्री), सुभाष खेतुलाल शर्मा (अन्य – कृषि) (पद्म श्री)।

महाराष्ट्र से कुल 13 नाम हैं:

मनोहर जोशी (मरणोपरांत) (लोक-कार्य) (पद्म भूषण), शेखर कपूर (कला) (पद्म भूषण), पंकज उधास (मरणोपरांत) (कला) (पद्म भूषण), अच्युत रामचंद्र पालव (कला) (पद्म श्री), अशोक लक्ष्मण सराफ (कला) (पद्म श्री), अश्विनी भिड़े देशपांडे (कला) (पद्म श्री), अरुंधती भट्टाचार्य (व्यापार और उद्योग) (पद्म श्री), चैत्रम देवचंद पवार (सामाजिक कार्य) (पद्म श्री), जसपिंदर नरूला (कला) (पद्म श्री), मारुति भुजंगराव चितंपल्ली (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), रणेंद्र भानु मजूमदार (कला) (पद्म श्री), वसुदेव कामथ (कला) (पद्म श्री), विलास डांगरे (चिकित्सा) (पद्म श्री)।

मणिपुर से 1 नाम है:

थियाम सूर्यमुखी देवी (कला) (पद्म श्री)

मेघालय से 1 नाम है:

डेविड आर सिएमलीह (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)

मिजोरम से 1 नाम हैं:

रेंथलेई लालरवना (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)

नागालैंड से 1 नाम है:

एल हांगथिंग (अन्य – कृषि – पद्म श्री)

ओडिशा से 4 नाम हैं:

अद्वैत चरण गदनायक (कला – पद्म श्री), अशोक कुमार महापात्र (चिकित्सा – पद्म श्री), दुर्गा चरण रंबीर (कला – पद्म श्री), प्रतिभा सत्पथी (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)

पुड्डुचेरी से 1 नाम है:

पी डचनामूर्ति (कला – पद्म श्री)

पंजाब से 2 नाम हैं:

हरजिंदर सिंह नगरवाले (कला – पद्म श्री), ओंकार सिंह पहवा (व्यापार और उद्योग – पद्म श्री)

राजस्थान से 3 नाम हैं:

बैजनाथ महाराज (अन्य – आध्यात्मिकता – पद्म श्री), बेगम बतूल (कला – पद्म श्री), शीन काफ निजाम (शिव किशन बिस्सा) (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)

सिक्किम से 1 नाम हैं:

नरेन गुरुंग (कला – पद्म श्री)

तमिलनाडु से 13 नाम हैं:

नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी (व्यापार और उद्योग – पद्म भूषण), एस अजित कुमार (कला – पद्म भूषण), शोभना चंद्रकुमार (कला – पद्म भूषण), के दामोदरन (अन्य – खान-पान – पद्म श्री), एम डी निवास (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री), लक्ष्मीपति रामासुब्बैयर (साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता – पद्म श्री), गुरुवायुर दोरई (कला – पद्म श्री), आर अश्विन (खेल – पद्म श्री), आर जी चंद्रमोगन (व्यापार और उद्योग – पद्म श्री), राधाकृष्णन देवसेनापथी (कला – पद्म श्री), सीनी विश्वनाथन (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), वेलु आसान (कला – पद्म श्री), पुरिसाई कन्नप्पा संबंदन (कला – पद्म श्री)

तेलंगाना से 2 नाम हैं:

दुर्वुर नागेश्वर रेड्डी (चिकित्सा – पद्म विभूषण), मंडा कृष्ण मडिगा (सार्वजनिक मामले – पद्म श्री)

त्रिपुरा से 1 नाम है:

अरुणोदय साहा (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)

उत्तर प्रदेश से 10 नाम हैं:

रामबहादुर राय (साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता – पद्म भूषण), साध्वी ऋतंभरा (सामाजिक कार्य – पद्म भूषण), अशुतोष शर्मा (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री), गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), हृदय नारायण दीक्षित (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), नारायण (भुलै भाई) (मरणोपरांत) (सार्वजनिक मामले – पद्म श्री), सत्यपाल सिंह (खेल), सैयद ऐनुल हसन (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), श्याम बिहारी अग्रवाल (कला – पद्म श्री), सोनिया नित्यानंद (चिकित्सा – पद्म श्री)।

उत्तराखंड से 2 नाम हैं:

ह्यू और कॉलीन गांटज़र (मरणोपरांत) (द्वय – साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता – पद्म श्री), राधा बहिन भट्ट (सामाजिक कार्य – पद्म श्री)।

पश्चिम बंगाल से 9 नाम हैं:

अरिजीत सिंह (कला – पद्म श्री), गोकुल चंद्र दास (कला – पद्म श्री), ममता शंकर (कला – पद्म श्री), पवन गोयनका (व्यापार और उद्योग – पद्म श्री), सज्जन भजंका (व्यापार और उद्योग – पद्म श्री), स्वामी प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज) (अन्य – आध्यात्मिकता – पद्म श्री), तेजेंद्र नारायण मजूमदार (कला – पद्म श्री), नागेंद्र नाथ रॉय (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), विनायक लोहानी (सामाजिक कार्य – पद्म श्री)।

अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में 10 नाम हैं:

ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत), (जापान) (व्यापार और उद्योग – पद्म विभूषण), विनोद धाम (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म भूषण) (संयुक्त राज्य अमेरिका), अजय वी भट्ट (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री) (संयुक्त राज्य अमेरिका), अरविंद शर्मा (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री) (कनाडा), चेतन ई चितनिस (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री) (फ्रांस), नितिन नोहरिया (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री) (संयुक्त राज्य अमेरिका), सेथुरामन पंचानाथन (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री) (संयुक्त राज्य अमेरिका), स्टीफन नैप्प (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री) (संयुक्त राज्य अमेरिका), शेखा शैखा अली अल-जबर अल-सबाह (चिकित्सा – पद्म श्री) (कुवैत), जोनास मासेटी (अन्य – आध्यात्मिकता – पद्म श्री) (ब्राजील)।

राष्ट्रीय समाचार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की

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नई दिल्ली, 13 मई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को साउथ ब्लॉक में एक अहम बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद हैं। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंचकर जवानों से मुलाकात की है।

इससे पहले, 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बड़ी बैठक हुई थी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस, तीनों सेना के अध्यक्ष और अन्य कई अधिकारी भी मौजूद रहे थे।

11 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे थे।

यह बैठक पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनावपूर्ण शांति के बीच हुई थी, जहां फिलहाल संघर्ष विराम के उल्लंघन की कोई नई घटना सामने नहीं आई है।

दरअसल, शनिवार शाम को पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, लेकिन देर रात में शांति बनी रही। पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का पालन करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी।

सोमवार को भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) के बीच हॉटलाइन पर भी बात हुई। बातचीत में पाकिस्तान ने कहा कि वह सीमा पार से एक भी गोली नहीं चलाएगा। वार्ता में कहा गया है कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए।

डीजीएमओ ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा 9 और 10 मई की रात को किए गए हवाई हमलों को भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह विफल कर दिया। ये हमले हमारी एयर डिफेंस और वायुसेना के महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए थे, लेकिन हमारी पहले से तैयार बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली के सामने पाकिस्तान की सारी कोशिशें नाकाम रहीं।

इससे पहले, सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां कहीं भी आतंकवादी हमले होते हैं, उसके तार पाकिस्तान से जुड़ते हैं। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ एक नई लकीर खींच दी है जो आगे किसी भी आतंकवादी कार्रवाई के खिलाफ नए नॉर्मल की तरह काम करेगी।

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राष्ट्रीय समाचार

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंच बढ़ाया जवानों का हौसला

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जालंधर, 13 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर पहुंचकर एयरफोर्स अधिकारियों और बहादुर जवानों के साथ मुलाकात और बातचीत की। पीएम मोदी मंगलवार सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे।

पीएम मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें और जानकारी अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर भी शेयर की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “आज सुबह मैं एएफएस आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक लोगों के साथ रहना एक बहुत ही खास अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा, क्योंकि वे हमारे देश के लिए सब कुछ करते हैं।”

पीएम मोदी की वायुसेना के जवानों से बातचीत की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। फोटो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी सेना के जवानों का हौसला अफजाई करते हुए दिख रहे हैं। खास बात यह है कि एक फोटो में पीएम मोदी के पीछे भारतीय लड़ाकू विमान की तस्वीर भी नजर आ रही है, इसके ऊपर लिखा है- “क्यों दुश्मनों के पायलट ठीक से सो नहीं पाते?”

इससे पहले, पीएम मोदी ने सोमवार को रात 8 बजे ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख को स्पष्ट किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ में इस बात पर जोर दिया कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक नई लकीर खींची है। उन्होंने कहा कि आतंक की लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पहला पैमाना यह है कि भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्रवाई करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं।

दूसरा पैमाना यह है कि कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकवादी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा तीसरा पैमाना यह है कि हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान दुनिया ने पाकिस्तान का वह घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। सरकार प्रायोजित आतंकवाद का यह बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के मैदान में हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में ‘मेड इन इंडिया’ डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार राज्य भर में सभी 22 आरटीओ सीमा चौकियों को बंद करने जा रही है; जानिए क्यों

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महाराष्ट्र सरकार राज्य भर में सभी 22 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) सीमा चौकियों को बंद करने जा रही है। यह निर्णय केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप है और देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) के लागू होने के कारण लिया गया है, जिसके कारण कई पारंपरिक चौकियाँ अप्रचलित हो गई हैं।

परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी आवश्यक प्रशासनिक कार्य पूरे कर लिए गए हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक अनुकूल रिपोर्ट भेज दी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा अंतिम मंजूरी दिए जाने के बाद, चेकपोस्टों को हटाने का काम शुरू हो जाएगा।

सरनाईक ने जोर देकर कहा कि जीएसटी प्रणाली अब मजबूती से लागू हो गई है और डिजिटल ट्रैकिंग तकनीक में सुधार हुआ है, इसलिए मैनुअल बॉर्डर चेकिंग की जरूरत काफी कम हो गई है। इन चेकपोस्टों के बंद होने से यातायात की भीड़ कम होने, सड़क सुरक्षा में सुधार, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और महाराष्ट्र के भीतर व्यापार संचालन को सरल बनाने से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को लाभ मिलने की उम्मीद है।

मूल रूप से 1966 में स्थापित, इन चेकपोस्टों का उद्देश्य वाहनों की आवाजाही पर नज़र रखना, कानूनी अनुपालन लागू करना और सड़क कर एकत्र करना था। हालाँकि, वास्तविक समय की ट्रैकिंग, इलेक्ट्रॉनिक कर संग्रह और डिजिटल प्रवर्तन में प्रगति ने इन भौतिक संरचनाओं को निरर्थक बना दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम फडणवीस दोनों ने पहले पुरानी प्रणाली को समाप्त करने की वकालत की थी।

इस बदलाव में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) परियोजना को चलाने के लिए जिम्मेदार अडानी रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड को 505 करोड़ रुपये का मुआवजा देना शामिल है। इस भुगतान के बाद, सभी चेकपोस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सिस्टम परिवहन विभाग को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे।

मिडिया रिपोर्ट के अनुसार , परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार की अध्यक्षता वाली समीक्षा समिति ने इन मैनुअल चेकपोस्ट को हटाने के परिणामों का मूल्यांकन किया। समिति के निष्कर्षों ने सुझाव दिया कि डिजिटल विकल्प मालवाहक वाहनों की जांच को सहजता से संभाल सकते हैं, साथ ही देरी को कम कर सकते हैं, दक्षता बढ़ा सकते हैं और कदाचार की गुंजाइश को कम कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से विनियामक प्रवर्तन में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।

एक बार लागू होने के बाद, महाराष्ट्र उन 18 अन्य भारतीय राज्यों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने पहले ही प्रौद्योगिकी-संचालित, कागज़ रहित ढाँचों का उपयोग करके अपने परिवहन विनियमन प्रणालियों का आधुनिकीकरण कर लिया है। यह राज्य के भीतर शासन और रसद में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। अंतिम मंज़ूरी अब मुख्यमंत्री फडणवीस के पास है, जिनकी मंज़ूरी के साथ ही आधिकारिक तौर पर राज्य के सीमा चेकपोस्ट युग का अंत हो जाएगा।

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