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रिटेल डिजिटल पेमेंट्स की संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 16,146 करोड़ हुई: आरबीआई

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नई दिल्ली, 29 जनवरी। भारत के रिटेल डिजिटल पेमेंट सिस्टम में लेनदेन की संख्या बीते 12 वर्षों में 100 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 16,416 करोड़ हो गई है। वित्त वर्ष 2012-13 में लेनदेन की संख्या 162 करोड़ थी।

सेंट्रल बैंक की ‘पेमेंट सिस्टम्स रिपोर्ट’ में बताया गया कि पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर और पेमेंट परफॉरमेंस में मजबूत वृद्धि आरबीआई द्वारा प्रकाशित डिजिटल पेमेंट इंडेक्स में भी स्पष्ट है, जिसमें पिछले छह वर्षों में चार गुना से अधिक वृद्धि देखी गई है, जो मार्च 2024 तक बढ़कर 445.40 हो गया है, जो कि मार्च 2018 में 100 था।

भारत में डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम पिछले दशक में तेज वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया, “कैलेंडर वर्ष 2013 में 222 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुए थे और इनकी वैल्यू 772 लाख करोड़ रुपये थी। कैलेंडर वर्ष 2024 में डिजिटल लेनदेन की वॉल्यूम बढ़कर 20,787 करोड़ और वैल्यू बढ़कर 2,758 लाख करोड़ रुपये हो गई है।”

बीते पांच वर्षों में भारत में डिजिटल पेमेंट्स की वॉल्यूम में 6.7 गुणा और वैल्यू में 1.6 गुणा का इजाफा हुआ है।

आरबीआई की रिपोर्ट में आगे बताया गया कि भारत के डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की हिस्सेदारी 2024 में बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2019 में 34 प्रतिशत थी। इस दौरान अन्य पेमेंट सिस्टम्स जैसे आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से गिरकर 17 प्रतिशत रह गई है।

रिपोर्ट में अनुसार, यूपीआई की वॉल्यूम और वैल्यू बीते पांच वर्षों में 89.3 प्रतिशत और 86.5 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ी है।

यूपीआई लेनदेन की वॉल्यूम बढ़कर 2024 में 17,221 करोड़ हो गई है, जो कि 2018 में 375 करोड़ थी। इस दौरान कुल लेनदेन की वैल्यू 5.86 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 246.83 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

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उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से ऑर्डर हासिल कर अगली पीढ़ी के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बना रहा है ब्लैक बॉक्स

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मुंबई, 30 जनवरी। एस्सार की तकनीकी शाखा ब्लैक बॉक्स लिमिटेड ने गुरुवार को उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से ऑर्डर हासिल करने की जानकारी दी। दुनिया की अग्रणी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर इंटीग्रेटर, ब्लैक बॉक्स पर दुनिया भर में फॉर्च्यून 500 कंपनियों का भरोसा है।

35 देशों और छह महाद्वीपों में मौजूदगी के साथ ब्लैक बॉक्स नेटवर्क एकीकरण, डिजिटल कनेक्टिविटी, डेटा सेंटर सेवाओं, आधुनिक कार्यस्थल और साइबर सुरक्षा में अत्याधुनिक समाधानों के माध्यम से व्यवसायों को विकास में तेजी लाने और उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाने में सक्षम बनाता है।

वित्तीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, उपभोक्ता व खुदरा, और विनिर्माण जैसे प्रमुख उद्योगों की सेवा करते हुए, कंपनी डिजिटल युग में सफलता को आगे बढ़ाने वाले परिवर्तनकारी समाधान प्रदान करती है।

ब्लैक बॉक्स ने अपनी गो-टू-मार्केट रणनीति में महत्वपूर्ण निवेश किया है, जो विभिन्न उद्योगों में शीर्ष 300 ग्राहकों से अपने वॉलेट के हिस्से का विस्तार करने के लिए उद्योग के वर्टिकल और क्षैतिज समाधानों पर ध्यान केंद्रित करता है।

हाइपरस्केलर्स सहित उद्योग के सभी क्षेत्रों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कंपनी की पाइपलाइन लगातार बढ़ रही है, जिससे ब्लैक बॉक्स निरंतर विकास और बाजार नेतृत्व के लिए तैयार है।

ब्लैक बॉक्स को अपने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हाइपरस्केलर्स से ठोस और निरंतर मांग मिल रही है। कंपनी अपने डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में गति प्राप्त करना जारी रखती है, जिसका मुख्य कारण हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े हाइपरस्केलर द्वारा अपने नए डेटा सेंटर बिल्ड-आउट के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में तीन बड़ी साइटों का आवंटन है। इसके अलावा, कंपनी ने इस दीर्घकालिक हाइपरस्केलर ग्राहक से 250 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए हैं।

ब्लैक बॉक्स बड़े हाइपरस्केलर्स के साथ काम करना जारी रखता है, जिन्होंने दोहराया है कि वे अगली पीढ़ी के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने पर अपने पूंजीगत खर्च को बढ़ाना जारी रख रहे हैं। कंपनी का मानना ​​है कि एआई दक्षता और एआई संचालित मॉडल विभिन्न उद्योगों में एआई के अधिक अपनाने और खपत के कारण आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग को बढ़ाएंगे।

अन्य डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर समाधानों और उद्योग क्षेत्रों पर अपना ध्यान और गति जारी रखते हुए ब्लैक बॉक्स ने हाल ही में एक बड़े नगर निगम से लगभग 100 करोड़ रुपये का साइबर सुरक्षा ऑर्डर, एक वैश्विक दूरसंचार ऑपरेटर से एक बड़ी नेटवर्क एकीकरण परियोजना और लगभग 45 करोड़ रुपये का हवाई अड्डा ऑर्डर भी हासिल किया है। कंपनी का मानना ​​है कि उद्योग क्षेत्रों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग बेहतर अंतिम-उपयोगकर्ता अनुभव की आवश्यकता से प्रेरित होकर मजबूत बनी रहेगी।

ब्लैक बॉक्स अपने वैश्विक ग्राहकों के लिए अगली पीढ़ी के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर केंद्रित और प्रतिबद्ध है। यह इस दशक को अत्यधिक डिजिटल दुनिया के युग के रूप में देखता है, जो निरंतर व्यावसायिक विकास के अवसर प्रदान करता है।

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‘मेड इन इंडिया’ 5-डोर जिम्नी एसयूवी जापान में हुई लॉन्च

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नई दिल्ली, 30 जनवरी। ‘मेड इन इंडिया’ 5-डोर जिम्नी को गुरुवार को जापान में लॉन्च किया गया। यह वित्त वर्ष 2024-25 में मारुति सुजुकी द्वारा दूसरा सबसे अधिक निर्यात किया जाने वाला मॉडल है।

कंपनी ने बयान में कहा कि 5-डोर जिम्नी को दिल्ली के पास स्थित हरियाणा के गुरुग्राम में मौजूद मारुति सुजुकी की मैन्युफैक्चरिंग सुविधा में मैन्युफैक्चर किया जा रहा है। वैश्विक ऑफ-रोडर के रूप में इसकी मजबूत विरासत है और इसे लगभग 100 देशों में निर्यात किया जाता है।

कंपनी ने कहा कि जापान में इस 4 व्हील ड्राइव एसयूवी का लॉन्च मारुति सुजुकी की निर्यात योजना में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह वित्त वर्ष 2024-25 में फ्रोंक्स के बाद जापान में निर्यात की जाने वाली दूसरी एसयूवी बन गई है।

मारुति सुजुकी के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी ताकेउची ने कहा, “जापान में ‘मेड इन इंडिया’ जिम्नी 5-डोर की शुरूआत हमारी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में उत्कृष्टता के वैश्विक स्तर का प्रमाण है। मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे बाजारों में इसकी शानदार सफलता के बाद हमें विश्वास है कि यह एसयूवी जापान में ग्राहकों को पसंद आएगी। जिम्नी का निर्यात ‘दुनिया के लिए मेक-इन-इंडिया’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।”

सुजुकी पूरी दुनिया में 35 लाख से अधिक जिम्नी एसयूवी बेच चुकी है। जापानी बाजार में जिम्नी का 3-डोर वर्जन पहले से ही बिक्री के लिए उपलब्ध है।

मारुति सुजुकी भारत की अग्रणी यात्री वाहन निर्यातक कंपनी बनकर उभरी है। कंपनी ने कैलेंडर वर्ष 2024 में लगभग 100 देशों को 3.23 लाख से अधिक वाहनों का निर्यात किया है। 2024 में भारत के कुल यात्री वाहन निर्यात में कंपनी की हिस्सेदारी 43.5 प्रतिशत है। मारुति सुजुकी ने अगस्त 2024 में जापान को फ्रोंक्स का निर्यात शुरू किया था।

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फरवरी में ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार: इंडस्ट्री

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नई दिल्ली, 30 जनवरी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं और फरवरी की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करना उचित है। यह जानकारी गुरुवार को इंडस्ट्री के सदस्यों द्वारा दी गई।

एंजेल वन में आयनिक वेल्थ की मुख्य मैक्रो और ग्लोबल रणनीतिकार, अंकिता पाठक ने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा फरवरी में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करना उचित फैसला रहेगा। आरबीआई पहले ही बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय लागू कर रहा है।

ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने कहा कि आने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक में सकारात्मक फैसले देखने को मिल सकते हैं और इससे विकास को बढ़ावा मिलेगा।

आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक 5 से 7 फरवरी के बीच होगी और इसके फैसलों का ऐलान 7 फरवरी को किया जाएगा।

जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम काफी सकारात्मक हैं। हाल ही में आरबीआई द्वारा की गई घोषणा से आने वाले हफ्तों में (फरवरी के अंत तक) बैंकिंग सिस्टम में 1.5 लाख करोड़ की लिक्विडिटी आएगी।

इससे पहले आरबीआई ने दिसंबर की एमपीसी में कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) को 0.5 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था, जिससे बैंकों के पास अधिक धन उपलब्ध हो। हालांकि, इस दौरान रेपो रेट को स्थिर रखा गया था।

अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से जनवरी में ब्याज दरों को 4.25 प्रतिशत से लेकर 4.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों और उनके प्रभाव पर अनिश्चितता के कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक निकट भविष्य में ब्याज दरों को कम करने की “जल्दबाजी” में नहीं है।

एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचालकर ने कहा, “एक मजबूत श्रम बाजार और लगातार बढ़ती अर्थव्यवस्था ने फेड को आने वाले आंकड़ों का आकलन करने के लिए पर्याप्त समय दिया है। फेड का मानना ​​है कि दरों में कटौती के अगले दौर के लिए महंगाई के दबाव में महत्वपूर्ण गिरावट देखी जानी चाहिए।”

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