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अब लंदनवाले चखेंगे बिहार की शाही लीची का स्वाद
मीठी और रसीली शाही लीची के लिए प्रसिद्घ बिहार के मुजफ्फरपुर की लीची का स्वाद अब सात समंदर पार लंदन के निवासी भी चख सकेंगे। पहली बार मुजफ्फरपुर के एक लीची किसान ने अपने बगीचे की लीची को कॉमन सर्विस सेंटर के किसान ई-मार्ट नाम के डिजिटल क्रय-विक्रय प्लेटफॉर्म पर लंदन के खरीदार को बेचा है।
भारत सरकार के इलेक्ट्रनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की संस्था कॉमन सर्विस सेंटर ने कोरोना महामारी के समय में किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य उपलब्ध करवाने के लिए और किसानों को मंडी में आ कर अपने फसल को बेचने की बाध्यता से मुक्ति दिलाने के लिए एक फसल क्रय विक्रय के डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है।
‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ पर चलने वाले इस प्लेटफॉर्म का निर्माण पुणे (महाराष्ट्र) के एक स्टार्टअप एग्री10 एक्स ने किया है। इसके माध्यम से किसान कॉमन सर्विस सेंटर पर आ कर देश भर के खरीददारों को अपनी फसल बेच सकते हैं और उनकी फसल को ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
मुजफ्फरपुर के लीची किसान सुनील कुमार ने अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जा कर इस डिजिटल क्रय-विक्रय प्लेटफॉर्म पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर लीची के फसल की जानकारी डाली थी, जिसे लंदन में बैठे खरीदार ने देखा और इसे खरीदने में अपनी रूचि दिखाई।
इसके बाद किसान और खरीददार में दाम तय होने के बाद खरीदार के भारत में स्थित लोगों ने मुजफ्फरपुर पहुंचकर लीची की गुणवत्ता देखी और अपनी रिपोर्ट भेजी। जब दोनों पक्षों में सहमति बन गई तो खरीददार ने किसान के खाते में आधा पैसा अग्रिम के रूप में हस्तांतरण कर दिया। इसके बाद लीची को तोड़ने का काम शुरू किया गया।
इसके बाद बगीचे में भी खरीददार के प्रतिनिधि के सामने लीची तोड़ने और डब्बों में पैक करने का काम हुआ और इसके बाद इन डब्बों को पटना हवाई अड्डे के लिए भेजा गया।
पटना से ये लीची बेंगलुरु होते हुए बुधवार को लंदन पहुंच जाने की संभावना है। पूरी प्रक्रिया में लगे मजदूर की मजदूरी, पैकिंग, माल ढुलाई और हवाई जहाज का खर्च लंदन के खरीदार ने ही वहन किया।
किसान सुनील कुमार को भी इस माध्यम से लीची बेचने से अपनी फसल का बहुत अच्छा दाम मिल गया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलवाने के लिए मंडी में फसल बेचने की बाध्यता समाप्त कर डिजिटल इंडिया अभियान प्रारंभ की है। इस अभियान के तहत कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा किसान अपनी फसल अब देश विदेश के किसी भी खरीदार को बेच सकते हैं।
कॉमन सर्विस सेंटर ने इस के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया है जिसको अभी बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर जिले में शुरू किया गया है। इस के तहत किसान कॉमन सर्विस सेंटर पर जा कर अपने आप को रजिस्टर करवा कर अपनी फसल का विवरण डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डाल देता है, जिसकी जानकारी देश भर के सभी खरीदारों को मिल जाती है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी ट्वीट कर के इस पर अपनी प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने ट्वीट कर के कहा, “मुझे प्रसन्नता है की आज मुजफ्फरपुर की लीची लंदन जा रही है। कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा ये आज संभव हो पाया है। इस से किसान को अपनी फसल का सही दाम भी मिलेगा और ट्रांसपोर्ट से जुड़ी समस्याओं से निजात भी मिलेगा। इस से किसान सशक्तिकरण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना साकार होगा।”
कॉमन सर्विस सेंटर के बिहार के प्रमुख संतोष तिवारी ने बताया कि बिहार के दो जिलों में कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा कृषि उपज के विक्रय का काम शुरू किया गया है। अभी ये कार्य सिर्फ पटना और मुजफ्फरपुर जिले के कॉमन सर्विस सेंटर पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इस से किसान जुड़ते जा रहे हैं। जल्दी ही बिहार के अन्य जिलों में भी किसानों को ये सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
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हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 25,800 स्तर से ऊपर कर रहा कारोबार

मुंबई, 10 दिसंबर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांक बुधवार को हरे निशान में खुले।शुरुआती कारोबार में निफ्टी ऑटो, आईटी, एफएमसीजी और मेटल सेक्टर में खरीदारी देखी जा रही थी।
सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर सेंसेक्स 203.31 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के बाद 84,869.59 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 57.55 अंक या 0.22 प्रतिशत की तेजी के बाद 25,897.20 स्तर पर बना हुआ था।
निफ्टी बैंक 98.85 अंक या 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,321.20 स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 123.75 अंक या 0.21 प्रतिशत की बढ़त के बाद 59,799.95 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 13.35 अंक या 0.08 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,259.15 स्तर पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा, “जैसे-जैसे साल खत्म हो रहा है, मार्केट का स्ट्रक्चर मुश्किल होता जा रहा है। ब्रॉडर मार्केट में भारी बिकवाली देखी जा रही है क्योंकि वैल्यूएशन बहुत अधिक हो गया था और केवल लिक्विडिटी की वजह से ऊंचे बने हुए हैं। यह सस्टेनेबल नहीं होगा, लेकिन ओवरऑल मार्केट में वीकनेस और एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली थोड़ी निराशाजनक है।”
उन्होंने आगे कहा, “एक बड़ी चिंता भारत-अमेरिका की ट्रेड डील को फाइनल होने में देरी है। कल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी कि अमेरिका में चावल डंप करने के लिए भारत पर कार्रवाई होनी चाहिए, इससे सेंटीमेंट प्रभावति हुए। हालांकि, फंडामेंटल भारत के पक्ष में बने हुए हैं। आने वाली तिमाही में हाई ग्रोथ और कॉरपोरेट अर्निंग हासिल की जा सकती है।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, टाटा स्टील, ट्रेंट, अदाणी पोर्ट्स, टीएमपीवी, एचसीएल टेक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स थे। वहीं, बजाज फ़ाइनेंस, भारती एयरटेल, टाइटन, इटरनल और सनफार्मा टॉप लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जकार्ता और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं, जापान, चीन और हांग कांग लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी सत्र में मिलेजुले रहे। डाउ जोंस 0.38 प्रतिशत या 179.03 अंक की गिरावट के बाद 47,560.29 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.09 प्रतिशत या 6.00 अंक के नुकसान के बाद 6,840.51 स्तर और नैस्डेक 0.13 प्रतिशत या 30.58 अंक की मामूली बढ़त के बाद 23,576.49 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 9 दिसंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 3,760.08 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इस कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 6,224.89 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 436 अंक फिसला

share market
मुंबई, 9 दिसंबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 436.41 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,666.28 और निफ्टी 120.90 अंक या 0.47 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,839.65 पर था।
यह लगातार दूसरा सत्र था, जब बाजार में गिरावट देखी गई। इसका नेतृत्व आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी,मेटल और प्राइवेट बैंक इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए। दूसरी तरफ पीएसयू बैंक, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा तेजी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), टाइटन,अदाणी पोर्ट्स, बीईएल, एसबीआई, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी और भारती एयरटेल गेनर्स थे। एशियन पेंट्स,टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और अल्ट्राटेक लूजर्स थे।
लार्जकैप के उलट मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 188.10 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,676.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 194.15 अंक या 1.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,245.80 पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। इसकी वजह अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर फैसलों से पहले निवेशकों की ओर से मुनाफावसूली करना है। कमजोर रुपए, एफआईआई की बिकवाली और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अनिश्चितता के कारण बाजारों पर दबाव देखने को मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में निवेशकों की फेड की कमेंट्री और अर्थव्यवस्था को लेकर आउटलुक पर निगाहें होंगी।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी। सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर सेंसेक्स 577.81 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के बाद 84,524.88 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 191.15 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25,769 स्तर पर बना हुआ था।
व्यापार
अमेरिकी फेड पॉलिसी के नतीजों से पहले सोना-चांदी की कीमतें स्थिर बनी हुईं

GOLD
मुंबई, 9 दिसंबर: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर फैसले से पहले निवेशकों के सतर्क रुझान के चलते मंगलवार के कारोबारी दिन सोना और चांदी की कीमतें स्थिर रहीं।
शुरुआती कारोबार के दौरान मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की फरवरी वायदा कीमतें 1,29,978 रुपए प्रति 10 ग्राम पर स्थिर बनी हुई थीं।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा, “घरेलू बाजार में एमसीएक्स पर सोने की फरवरी वायदा कीमतें 1,29,952 रुपए के आसपास कारोबार कर रही थीं, जो वैश्विक तेजी के रुझान को ट्रैक कर रही थीं और रुपए की कमजोरी का समर्थन प्राप्त कर रही थीं।”
उन्होंने आगे कहा, “1,29,200 रुपए का क्षेत्र एक महत्वपूर्ण शॉर्ट-टर्म सपोर्ट के रूप में काम करना जारी रखता है। जब तक यह लेवल बना रहता है, 1,30,000 रुपए से 1,31,000 रुपए के रेजिस्टेंस जोन की ओर रास्ता खुला रहता है।”
हालांकि, चांदी की कीमतों में कुछ बढ़त दर्ज की गई। एमसीएक्स पर चांदी की मार्च वायदा कीमतें 0.50 प्रतिशत की बढ़त के बाद 1,82,705 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई थीं।
ग्लोबल मार्केट में अब फोकस फेडरल रिजर्व पर बना हुआ है, जो कि बुधवार को अपने नीतिगत निर्णय की घोषणा करेगा।
यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब यूएस जॉब मार्केट में कूलिंग के संकेत दिख रहे हैं, जबकि मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।
हाल के आंकड़ों बताते हैं कि पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडीचर (पीसीई) प्राइस इंडेक्स इस वर्ष सितंबर में 0.3 प्रतिशत बढ़ा, जो अगस्त में हुई वृद्धि के बराबर है। इंडेक्स सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत बढ़ा जो कि अगस्त की 2.7 प्रतिशत बढ़त से अधिक रही।
इस बीच, पिछले सप्ताह जारी किए गए यूएस प्राइवेट पेरोल डेटा से पता चला कि नवंबर में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 32,000 की गिरावट आई है, जो कि 2 से अधिक वर्षों की एक तेज गिरावट को दिखाता है।
कोमेरिका के अर्थशास्त्रियों को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी के फेडरल फंड रेट को 25 बेसिस पॉइंट से घटाने की उम्मीद है, जिससे यह 3.50 प्रतिशत से 3.75 प्रतिशत के बीच आ जाएगी।
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