दुर्घटना
मुंबई: कुर्ला हादसे ने बेस्ट बस सुरक्षा पर उठाए सवाल; पिछले 33 महीनों में 247 दुर्घटनाएं हुईं
हाल ही में कुर्ला में हुई दुखद दुर्घटना, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई और 42 लोग घायल हो गए, ने BEST (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) बसों के ज़रिए यात्रा करने की सुरक्षा को कड़ी जांच के दायरे में ला दिया है। पिछले 33 महीनों में, BEST की बसें, जिनमें स्वामित्व वाली और पट्टे पर ली गई दोनों तरह की गाड़ियाँ शामिल हैं, 247 दुर्घटनाओं में शामिल रही हैं, जिनमें से ज़्यादातर घातक घटनाओं के लिए पट्टे पर ली गई बसें ज़िम्मेदार हैं। 247 में से 62 दुर्घटनाएँ घातक थीं।
अप्रैल 2022 से 10 दिसंबर 2024 के बीच 62 घातक दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें से 40 लीज़ पर ली गई बसों से जुड़ी थीं और 22 BEST के स्वामित्व वाले वाहनों से हुई थीं। इस खतरनाक प्रवृत्ति ने वेट लीज़ बसों के सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो निजी ठेकेदारों के साथ अनुबंध के तहत संचालित की जाती हैं।
पट्टे पर ली गई बसें खतरे में
लीज पर ली गई बसों में दुर्घटनाओं की संख्या बहुत ज़्यादा है, जिसमें 2024 के सिर्फ़ आठ महीनों में 20 घातक दुर्घटनाएँ शामिल हैं। यात्रियों और कर्मचारियों ने इन वाहनों की विश्वसनीयता और सुरक्षा के बारे में बढ़ती चिंताएँ व्यक्त की हैं। बसों में आग लगने, बीच यात्रा में खराब होने और इलेक्ट्रिक बैटरी में खराबी आने की रिपोर्टों ने लोगों के भरोसे को और कम कर दिया है।
अकेले 2024 में (10 दिसंबर तक), वेट लीज़ बसों में 48 गंभीर और 11 मामूली दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जबकि BEST के स्वामित्व वाली बसों में 21 गंभीर और दो मामूली दुर्घटनाएँ हुईं। 2019 से, BEST ने लीज़ बसों पर अपनी निर्भरता बढ़ा दी है, इस कदम की बढ़ती शिकायतों और सुरक्षा खामियों के कारण आलोचना हुई है।
इलेक्ट्रिक बसें जांच के दायरे में
शहरी परिवहन के लिए टिकाऊ समाधान के रूप में प्रशंसित इलेक्ट्रिक बसें भी जांच के दायरे में आ गई हैं। इस वित्तीय वर्ष में अकेले इलेक्ट्रिक बसों से जुड़ी 12 घातक दुर्घटनाएँ देखी गई हैं, जिनमें ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक की दो, ईवी-ट्रांस की आठ और टाटा मोटर्स की दो दुर्घटनाएँ शामिल हैं। ये दुर्घटनाएँ इलेक्ट्रिक बस संचालन में बेहतर सुरक्षा तंत्र की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती हैं।
कर्मचारी चिंताएं और जवाबदेही
बेस्ट में वर्तमान में 7,200 से अधिक स्थायी ड्राइवर और 7,400 कंडक्टर कार्यरत हैं, साथ ही 6,563 अनुबंध-आधारित ड्राइवर और 2,340 अनुबंध-आधारित कंडक्टर लीज पर ली गई बसों पर काम करते हैं। कर्मचारियों को कथित तौर पर लीज पर ली गई बसों के बारे में शिकायत करने के लिए बर्खास्तगी की धमकियों का सामना करना पड़ा है, जिससे उन्हें समस्याओं की रिपोर्ट करने से हतोत्साहित किया गया है। हालांकि, यात्री सेवा की सुरक्षा और विश्वसनीयता के बारे में असंतोष व्यक्त करना जारी रखते हैं।
अपने बेड़े को चलाने के लिए बेस्ट ने छह ठेकेदारों को नियुक्त किया है जो कुल 1,900 वेट बसों का प्रबंधन करते हैं। इनमें ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक की 40 बसें, ईवी-ट्रांस की 275 बसें, श्री मारुति ट्रैवल्स की 625 बसें, टाटा मोटर्स की 340 बसें, मातेश्वरी अर्बन ट्रांसपोर्ट कंपनी की 570 बसें और स्विच मोबिलिटी कंपनी की 50 बसें शामिल हैं। 1900 वेट लीज बसों के अलावा बेस्ट के पास 1013 खुद की बसें हैं।
दुर्घटना
पुणे-नासिक हाईवे पर मिनी वैन खड़ी बस से टकराई, 9 लोगों की मौत
पुणे, 17 जनवरी। पुणे-नासिक हाईवे पर शुक्रवार सुबह एक तेज रफ्तार मिनी वैन सड़क के किनारे खड़ी एक बस से टकरा गई। इस हादसे में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, यह हादसा सुबह करीब 10 बजे पुणे-नासिक हाईवे पर नारायणगांव के पास हुआ। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मिनी वैन नारायणगांव की तरफ जा रही थी, तभी पीछे से एक टेंपो ने उसे टक्कर मार दी, जिससे वैन का रास्ता बदल गया और वह बस से जा टकराई। इस हादसे में वैन में सवार नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि वैन आगे से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे में मिनी वैन में सवार सभी नौ यात्रियों की मौत हो गई है। हादसे की फिलहाल जांच की जा रही है। इस मामले में अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आई है।
बता दें कि बीते गुरुवार को मुंबई दहिसर टोल नाके पर एक कार डंपर से टकरा गई थी। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं, एक यात्री को सुरक्षित बचाया गया था। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार में आग लग गई थी और वह जलकर राख हो गई थी। डंपर के अगले हिस्से में भी आग लग गई थी। हादसे का वीडियो भी सामने आया था।
घटनास्थल पर लोगों में इस हादसे को लेकर चीख पुकार मच गई थी। कार में आग इतनी तेजी से लगी थी कि किसी को इस हादसे में बचाव करने का मौका तक नहीं मिला था। रोड से गुजर रहे लोगों ने पुलिस को इस मामले की सूचना दी थी।
वहीं, इससे पहले महाराष्ट्र में मुंबई-नासिक महामार्ग पर एक भीषण हादसा हुआ था। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और 15 घायल हो गए थे। यह हादसा ठाणे जिले शाहपुर में हुआ था।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
एंटी-टैंक माइन को हटाने की कोशिश कर रहे दो कंबोडियाई डिमाइनिंग विशेषज्ञों की मौत
नोम पेन्ह, 17 जनवरी। कंबोडियाई माइन एक्शन सेंटर (सीएमएसी) ने बयान में कहा कि एक किसान के खेत से एंटी-टैंक माइन को हटाने की कोशिश कर रहे दो कंबोडियाई डिमाइनिंग विशेषज्ञों की मौत हो गई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बयान में कहा गया कि यह दुर्घटना उत्तरपश्चिमी ओड्डार मींचे प्रांत के त्रापेयांग प्रसात जिले के त्रापेयांग प्रे गांव में गुरुवार को बारूदी सुरंग हटाने के अभियान के दौरान हुई। इसमें कहा गया कि बारूदी सुरंग हटाने वाले डिमाइनिंग विशेषज्ञों की पहचान पोव नेपिन और ओउन चन्नारा के रूप में हुई है।
बयान में कहा गया है, “दोनों विशेषज्ञ एक किसान के चावल के खेत से एक एंटी-टैंक माइन को हटाने का काम करते समय मारे गए।”
कंबोडिया बारूदी सुरंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। अनुमान है कि 1998 में समाप्त हुए तीन दशकों के युद्ध और आंतरिक संघर्षों से 4 मिलियन से 6 मिलियन बारूदी सुरंगें और अन्य हथियार बचे हुए थे।
येल विश्वविद्यालय के अनुसार, 1965 और 1973 के बीच, अमेरिका ने कंबोडिया में 113,716 जगहों पर 230,516 बम गिराए थे।
कंबोडिया की एक आधिकारिक रिपोर्ट से पता चला है कि 1979 से 2024 तक, बारूदी सुरंगों और युद्ध के विस्फोटक अवशेष विस्फोटों ने 19,834 लोगों की जान ले ली और 45,252 अन्य घायल हो गए या उनके अंग काटे गए।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने पिछले नवंबर में एक सार्वजनिक भाषण में कहा कि हालांकि कंबोडिया ने 1998 में पूर्ण शांति हासिल कर ली थी, लेकिन बारूदी सुरंगों का साया अभी भी मंडरा रहा है और यह मानव जीवन के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि कंबोडिया ने अब तक 3,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक बारूदी सुरंगों को साफ कर दिया है। 1 मिलियन से अधिक एंटी-पर्सनल माइन और 3 मिलियन युद्ध विस्फोटक अवशेषों को नष्ट कर दिया है।
मानेट ने कहा, “हमने 25 में से 15 राजधानी शहरों और प्रांतों को बारूदी सुरंगों से मुक्त घोषित कर दिया है, फिर भी हमारी यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। हमारे पास अभी भी 1,600 वर्ग किलोमीटर से अधिक दूषित भूमि है और वे लगभग 1 मिलियन लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही हैं।”
दुर्घटना
मुंबई दहिसर टोल नाके पर डंपर से जा टकराई कार, एक की मौत
मुंबई , 16 जनवरी। मुंबई दहिसर टोल नाके से एक भीषण सड़क हादसे की खबर सामने आई है, जहां एक कार डंपर से जा टकराई, जिसमें एक की मौत हो गई।
मुंबई दहिसर टोल नाके पर हुआ यह भीषण सड़क हादसा रात लगभग सवा दो बजे का है। इस हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई। वहीं इसमें एक यात्री को सुरक्षित बचाया गया है। टक्कर इतनी जोरदार थी कि इसमें कार जलकर राख हो गई। इसमें डंपर के अगले हिस्से में भी आग लग गई।
हादसे की जो वीडियो सामने आई है उसमें साफ देखा जा सकता है कि यह टक्कर आमने-सामने की रही होगी। कार डंपर से जा टकराई, जिसके बाद यह गंभीर हादसा हुआ, और कार जलकर राख हो गई।
घटनास्थल पर लोगों में इस हादसे को लेकर चीख पुकार मच गई। कार में आग इतनी तेजी से लगी कि किसी को इस हादसे में बचाव करने का मौका तक नहीं मिला। मार्ग से गुजर रहे लोगों ने पुलिस को इस मामले की सूचना दी।
हादसे के बाद मुंबई दहिसर टोल नाके पर लंबा जाम लग गया। दहिसर पुलिस ने डंपर ड्राइवर को कस्टडी में लेकर मामला दर्ज कर लिया है। वहीं वह इस मामले की जांच में जुट गई है।
बता दें, महाराष्ट्र में मुंबई-नासिक महामार्ग पर एक भीषण हादसा हुआ था। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में 15 लोग घायल हो गए थे। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलों में से 8 की हालत गंभीर बताई गई। इसमें मृतकों की संख्या अभी ओर बढ़ सकती है।
यह हादसा ठाणे जिले शाहपुर में मुंबई-नासिक हाईवे पर सुबह करीब चार बजे के आसपास हुआ। इसमें एक ट्रक, एक कंटेनर और एक निजी बस सहित पांच वाहन आपस में भिड़ गए। हादसे के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
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