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इंग्लैंड और वेल्स में बच्चों के लिए ‘मुहम्मद’ सबसे लोकप्रिय नाम बन गया है: हैरी, कैमिला जैसे शाही नामों में भारी गिरावट

ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) के नए डेटा के अनुसार, पहली बार इंग्लैंड और वेल्स में बच्चों के लिए “मुहम्मद” सबसे लोकप्रिय नाम बन गया है। इस नाम ने “नूह” को पीछे छोड़ दिया, जो 2022 में शीर्ष स्थान पर था।
‘मुहम्मद’ आगे
2023 में, 4,661 लड़कों का नाम मुहम्मद रखा गया, जो 2022 में 4,177 से उल्लेखनीय वृद्धि है। इसकी तुलना में, 4,382 लड़कों का नाम नूह रखा गया, जिससे यह दूसरा सबसे लोकप्रिय लड़कों का नाम बन गया, इसके बाद तीसरे स्थान पर “ओलिवर” है।
2016 से इंग्लैंड और वेल्स में लड़कों के लिए “मुहम्मद” लगातार शीर्ष 10 नामों में शामिल रहा है। नाम के अन्य रूप, जैसे “मोहम्मद” (28वां) और “मोहम्मद” (68वां) भी शीर्ष 100 में शामिल हैं। उल्लेखनीय रूप से, “मुहम्मद” 10 में से चार क्षेत्रों में सबसे लोकप्रिय लड़कों का नाम था, विशेष रूप से उत्तर, पश्चिम मिडलैंड्स और लंदन में।
लोकप्रिय लड़कियों के नाम वही रहेंगे
बच्चियों के लिए, ‘ओलिविया’, ‘अमेलिया’ और ‘इस्ला’ ने 2023 में शीर्ष तीन नामों के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी, जो 2022 से अपरिवर्तित है। “ओलिविया” 2016 से लड़कियों का पसंदीदा नाम रहा है।
पॉप संस्कृति बच्चों के नामों को प्रभावित करती है
ONS ने बच्चों के नाम के चलन पर फिल्मों, संगीत और पॉप संस्कृति के प्रभाव पर प्रकाश डाला। 2023 की गर्मियों की ब्लॉकबस्टर “बारबेनहाइमर” – जिसमें बार्बी में मार्गोट रॉबी और ओपेनहाइमर में सिलियन मर्फी हैं – ने ‘मार्गोट’ और ‘सिलियन’ नामों में उछाल को प्रेरित किया।
इसी प्रकार, पॉप सितारों का भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा, एल्टन, केंड्रिक, रिहाना, बिली, माइली और लाना जैसे नाम अधिक लोकप्रिय हुए, जो एल्टन जॉन, केंड्रिक लैमर, रिहाना, बिली इलिश, माइली साइरस और लाना डेल रे के प्रभाव को दर्शाता है।
ब्रिटेन में शाही बच्चों के नामों में गिरावट
जबकि राजघरानों से जुड़े नाम, जैसे ‘कैमिला’, ‘मेघन’ और ‘हैरी’, लोकप्रियता में कमी आ रही है, वहीं सेलिब्रिटी संस्कृति से प्रेरित अन्य अनोखे नाम लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। ‘रेन’, ‘सेंट’ और ‘सैल’ जैसे नाम – जो कार्दशियन-जेनर परिवार के बच्चों से जुड़े हैं – प्रमुखता में बढ़ गए हैं।
प्रकृति और समय से प्रेरित नाम, जैसे ‘शरद ऋतु’, ‘ग्रीष्म ऋतु’, ‘रविवार’ और ‘बुधवार’ के प्रयोग में भी वृद्धि देखी गई है।
2023 में शीर्ष 100 शिशु नामों में कई नए नाम शामिल हुए। लड़कियों के लिए, हेज़ल, लिलाह, ऑटम, नेवाह और राया जैसे नामों ने अपनी शुरुआत की, जबकि लड़कों के लिए, जैक्स, एन्ज़ो और बोधि जैसे नाम नए जोड़े गए।
रुझानों का प्रतिबिंब
ONS डेटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव बच्चे के नाम की प्राथमिकताओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो स्वाद, जीवन शैली और प्रेरणाओं में परिवर्तन को दर्शाते हैं। परंपरा में निहित नाम अपना आकर्षण बनाए रखते हैं, जबकि नए, ट्रेंडी विकल्प अपने बच्चों के लिए व्यक्तित्व और आधुनिकता की तलाश करने वाले माता-पिता के बीच गति प्राप्त करते हैं।
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यमन के हूती समूह ने दागी बैलेस्टिक मिसाइल, इजरायली सेना ने हवा में किया नष्ट

सना, 26 सितंबर। यमन के हूती समूह ने गुरुवार रात इजरायल पर मिसाइल दागी। इसके बाद बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हवाई यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया। जान बचाने के लिए हजारों इजरायली लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शुक्रवार को हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में, हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि गुरुवार रात दक्षिणी तेल अवीव के जाफा क्षेत्र में एक ‘संवेदनशील लक्ष्य’ की ओर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई।
यह मिसाइल हमला गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के अटैक और यमन की राजधानी सना पर कुछ घंटे पहले हुए इजरायली हवाई हमलों के जवाब में किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरिया ने चेतावनी दी कि बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और लाल सागर के संकरे पानी से गुजरने वाले सभी वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को हूती बलों को अपनी पहचान बतानी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर हमला किया जाएगा।
गुरुवार रात एक बयान में इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणालियों ने यमन में हूतियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल को रोक दिया।
यह हमला गुरुवार शाम सना में हूती ठिकानों पर इजरायल के कई हवाई हमलों के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 142 लोग घायल हो गए।
आईडीएफ ने कहा कि सना पर हमले दक्षिणी इजरायली शहर ईलात पर 25 सितंबर को हूती ड्रोन हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे।
सरकारी प्रसारक कान के अनुसार, ड्रोन एक बड़े समुद्र तट परिसर में फटा था। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन को रोकने का दो बार प्रयास किया, लेकिन असफल रही थी। यह हमला यहूदी नववर्ष रोश हशाना के दौरान हुआ था, जब ईलात में इजरायली पर्यटकों की भीड़ थी।
राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती नवंबर 2023 से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहा है।
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पश्चिम रेलवे आरपीएफ, जीआरपी ने मीरा रोड स्टेशन पर महिला क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी को पकड़ा

मुंबई: भयंदर स्थित पश्चिम रेलवे की आरपीएफ टीम ने वसई रोड स्थित राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) टीम के साथ मिलकर हाल ही में मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर एक महिला वाणिज्यिक बुकिंग क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक आरोपी का पता लगाया और उसे पकड़ लिया।
पश्चिम रेलवे के अनुसार, भयंदर चौकी की आरपीएफ टीम और वसई रोड जीआरपी ने मिलकर बदमाश की तलाश में एक संयुक्त अभियान चलाया। आरोपी की पहचान मीरा रोड (पूर्व) निवासी 48 वर्षीय अशलम अनवर खान के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। इसके बाद, जीआरपी/वसई रोड के पुलिस निरीक्षक ने आगे की कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे 10 सितंबर, 2025 को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।
आरपीएफ भयंदर और जीआरपी वसई रोड द्वारा की गई यह त्वरित और समन्वित कार्रवाई, न केवल यात्रियों, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा, संरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के प्रति पश्चिम रेलवे की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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बिहार एसआईआर मामला: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार

नई दिल्ली, 1 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार एसआईआर (में विशेष गहन पुनरीक्षण) मामले में विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा 1 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी लोग अपनी आपत्तियां और दावे दर्ज कर सकेंगे।
आयोग ने स्पष्ट किया कि नामांकन की अंतिम तारीख तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने का काम जारी रहेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
चुनाव आयोग के वकील एकलव्य द्विवेदी ने कहा, “आज की सुनवाई में दो याचिकाएं दायर की गईं। मुख्य मांग थी कि आधार कवरेज को 65 प्रतिशत की बजाय सभी 7.2 करोड़ मतदाताओं तक बढ़ाया जाए और समयसीमा को भी बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मांगों को खारिज कर दिया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई का डाटा नोट किया है कि 99.5 प्रतिशत लोगों का आवेदन हो चुका है और कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया है कि 1 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर लोग अपनी आपत्ति या दावा पेश कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आधार की मांग को भी नकारा है। कोर्ट ने माना है कि आधार का उद्देश्य नागरिकता को साबित करने का नहीं बल्कि पहचान को साबित करने का है। आधार कार्ड को ‘डेट ऑफ बर्थ’ का आधार माना जा सकता है।”
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है। समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। आयोग ने कहा कि 1 सितंबर से 25 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पर्याप्त समय है और इसके बाद भी कोई रोक नहीं है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 30 सितंबर के बाद भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और सही दावों को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी’ के चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे पैरा-लीगल वॉलेंटियर्स को मतदाताओं की मदद के लिए नोटिफिकेशन जारी करें, ताकि दावे और आपत्तियां दर्ज करने में सहायता मिल सके।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि आधार कार्ड को स्वीकार करने का आदेश केवल 65 लाख लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि आधार कार्ड के कारण किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ, तो उनकी सूची 8 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।
इससे पहले, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि 22 अगस्त को कोर्ट ने आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया था, लेकिन चुनाव आयोग पारदर्शिता के अपने निर्देशों का पालन नहीं कर रहा।
उन्होंने आशंका जताई कि कई ‘रिन्यूमेरेशन फॉर्म’ ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) द्वारा भरे गए हैं। भूषण ने यह भी कहा कि आयोग कुछ मतदाताओं को नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें दस्तावेजों में कमी का हवाला दिया जा रहा है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में छूट गए लोग आधार कार्ड के साथ दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि, आधार की अहमियत को मौजूदा कानूनी प्रावधानों से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग को कानून के तहत आधार की वैधानिकता को स्वीकार करना होगा।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिसमें कोर्ट आधार कार्ड के आधार पर मतदाता सूची में शामिल न किए गए लोगों की सूची पर विचार करेगा।
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