अपराध
मनसुख हिरेन कार के असली मालिक नहीं थे, पुलिस पूछताछ में बताई थी उस दिन की घटना
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी स्कार्पियो मामले में ठाणे के कार डेकोरेटर मनसुख हिरेन की मौत ने नया मोड़ ला दिया है। ठाणे के नौपाडा में मनसुख की दुकान थी। वह ठाणे में खोपट सिग्नल के पास विकास पाम टावर में पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते थे। मनसुख हिरेन को पिछले हफ्ते मुंबई पुलिस मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। यह भी खुलासा हुआ है कि मनसुख उस कार के असली मालिक नहीं थे।
मनसुख ने पुलिस को बताया था कि 17-18 फरवरी की रात उनकी स्कॉर्पियो कुछ टेक्निकल कारण से विक्रोली हाइवे पर खराब हो गई थी। इसलिए उन्होंने उसे वहीं छोड़ दिया था। कुछ घंटे बाद जब वह वहां से लौटे, तो उनकी वह गाड़ी चोरी हो गई थी। मनसुख की स्कॉर्पियो कार को चोरी कर उसे मुकेश अंबानी की बिल्डिंग के बाहर छोड़ने वाले की शिनाख्त नहीं हुई है।
यह शख्स बाद में वहां कुछ दूर खड़ी इनोवा गाड़ी में बैठकर फरार हो गया था। इनोवा गाड़ी में पहले से कोई और मौजूद था। इनोवा वाले की भी शिनाख्त नहीं हुई है। वह इनोवा गाड़ी किसकी थी, यह भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। मुंबई क्राइम ब्रांच की 10 टीमें इस केस का इनवेस्टिगेशन कर रही हैं। ठाणे पुलिस, एनआईए और महाराष्ट्र एटीएस भी समानांतर जांच कर रही हैं। लेकिन मनसुख हिरेन की संदेहास्पद मौत ने खुद मुंबई पुलिस को शक के घेरे में ला दिया है।
पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने मामले की एनआईए जांच की मांग करते हुए मुंबई पुलिस के एक अधिकारी सचिव वझे को भी संदेह के घेरे में खड़ा किया है। फडणवसी ने दावा किया है कि हिरेन ठाणे में अपनी गाड़ी खराब होने के बाद क्रॉफर्ड मार्केट आए। वहां हिरेन किससे मिले, यह सबसे अहम कड़ी है। वह जिस ओला कार से क्रॉफर्ड मार्केट पहुंचे थे, उसके चालक से पूछताछ में अहम खुलासे हो सकते हैं। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए कि वझे ठाणे में रहते हैं और वारदात में इस्तेमाल दोनों कारें भी ठाणे से ही आईं।
फडणवीस ने वझे को ही मामले की जांच का जिम्मा भी सौंप दिया गया। एक टेलीग्राम चैनल पर ‘जैश उल हिंद’ का जिम्मेदारी लेने वाला पोस्ट डाला गया। फिर ‘जैश उल हिंद’ने इसे गलत करार दिया। हैरानी की बात यह है कि सात दिनों तक इस मामले की जांच एपीआई वझे ही करते रहे। मनसुख मूलत: उस कार के मालिक नहीं थे। गाड़ी का मालिक सैम पीटर न्यूटन है। इंटीरियर के पैसे न देने पर मनसुख ने उनसे यह कार ले ली थी। मुंब्रा के रेती बंदर में मनसुख का शव मिला है। शव पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं हैं, जबकि फडणवीस ने कहा कि मनसुख ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि कार उन्होंने खरीदी थी।
अपराध
चारकोप गोलीबारी मामला: रियल एस्टेट एजेंट फ्रेडी डी’लीमा पर हमले के प्रयास में चार और गिरफ्तार; कुल आरोपी अब पाँच

मुंबई: चारकोप गोलीबारी मामले में, जिसमें 42 वर्षीय रियल एस्टेट एजेंट और सामाजिक कार्यकर्ता फ्रेडी डी’लीमा को निशाना बनाया गया था, मुंबई अपराध शाखा ने शुक्रवार को चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार लोगों की पहचान कांदिवली निवासी राजेश चौहान (42), विरार निवासी सुभाष मोहिते (44), पुणे निवासी मंगेश चौधरी (40) और ठाणे निवासी कृष्णा सिंह (25) के रूप में हुई है।
इन गिरफ्तारियों के साथ, मामले में आरोपियों की कुल संख्या पाँच हो गई है। गुरुवार को, चारकोप पुलिस ने हमले की योजना बनाने में कथित संलिप्तता के आरोप में 35 वर्षीय मुन्ना शेख उर्फ गुड्डू नामक बार और रेस्टोरेंट मैनेजर को गिरफ्तार किया था।
जाँच के दौरान, पुलिस को पता चला कि गुड्डू का डी’लीमा के साथ आर्थिक विवाद था। अधिकारियों को शक है कि गुड्डू ने डी’लीमा को खत्म करने के लिए शूटरों को किराए पर लिया होगा।
एक अधिकारी ने खुलासा किया कि गुड्डू और डी’लीमा दोनों एक ही हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं, लेकिन अलग-अलग बिल्डरों के साथ पुनर्विकास सौदों में शामिल थे। इस परियोजना का मूल्य कथित तौर पर लगभग ₹4 करोड़ आंका गया था, जिसके कारण दोनों के बीच लंबे समय तक तनाव रहा होगा।
आशंका है कि इसी विवाद के चलते गुड्डू ने गोलीबारी की योजना बनाई होगी, हालाँकि पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इस मकसद की पुष्टि नहीं की है। गुड्डू को 27 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। चारकोप पुलिस मामले की जाँच जारी रखे हुए है।
अपराध
दिल्ली : ज्योति नगर इलाके में चाकूबाजी की घटना में एक नाबालिग की मौत, जांच में जुटी पुलिस

CRIME
नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली के ज्योति नगर पुलिस क्षेत्र में शुक्रवार रात चाकूबाजी की घटना हुई है। इसमें एक नाबालिग की मौत हो गई। पुलिस टीम पूरे मामले की जांच कर रही है।
पूरी घटना शुक्रवार रात की है। ज्योति नगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत चाकूबाजी की घटना हुई। हमले का शिकार हुए नाबालिग को पहले जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान कर्दमपुरी इलाके के रहने वाले 15 साल के लड़के के रूप में हुई।
पूछताछ में पता चला कि आरोपियों और लड़के के बीच झगड़ा हुआ था, जिस दौरान आरोपियों ने मृतक को चाकू मार दिया। इस जुर्म में एक नाबालिग समेत दो संदिग्धों के शामिल होने के सुराग और सबूत मिले हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने यह जुर्म किया है।
मामले को लेकर ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए हैं। आगे की जांच जारी है।
घटना के बाद इलाके के लोग स्तब्ध हैं। एक स्थानीय नागरिक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “16 वर्षीय अल्फाज की हत्या हुई है। वो रात को खाना खाने के लिए बैठा था। इस दौरान उसका एक दोस्त आया, जो उसे लेकर बाहर गया। उन्होंने घर से जाते वक्त दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया था। यह घटना रात करीब 11 बजे की है। पुलिस घटना के काफी देर बाद आई है।”
उन्होंने इलाके में हो रही आपराधिक घटनाओं पर चिंता जताई और पुलिस से निवेदन किया कि आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाए और लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखे। उन्होंने बताया कि कुछ लड़के गली में खड़े होते हैं, जो किसी महिला के जाने पर छेड़ते हैं। इस पर भी रोक लगे।
अपराध
सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी दिल्ली पुलिस, 15 दिसंबर को होगी सुनवाई

RAKHA GUPTA
नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को होने वाली सुनवाई 15 दिसंबर तक के लिए टल गई है। इस मामले में दिल्ली पुलिस आगे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले मामले को लेकर पिछली सुनवाई में निचली अदालत ने राजेश भाई खीमजी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को सेशन कोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में आरोपियों राजेश भाई खीमजी और सैयद तसहीन रजा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
दरअसल, यह मामला 20 अगस्त का है, जब सीएम रेखा गुप्ता अपने आधिकारिक निवास पर जनसुनवाई कर रही थीं। इसी दौरान गुजरात निवासी राजेश खीमजी ने अचानक उन पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया।
हमले की घटना के बाद सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गई। प्रारंभिक पूछताछ में राजेश खीमजी ने बताया था कि वह आवारा कुत्तों के मुद्दे को लेकर नाराज था और इसी वजह से उसने हमला किया।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस हमले में राजेश खीमजी का साथी सैयद तसहीन रजा शामिल था। पुलिस के मुताबिक, सैयद ने हमले की साजिश में राजेश की मदद की थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सभी जरूरी सबूत जुटा लिए हैं और मामले की पूरी जांच लगभग पूरी कर ली गई है। अब आगे की कानूनी प्रक्रिया सेशन कोर्ट में पूरी की जाएगी, जहां दोनों आरोपियों को पेश किया जाएगा।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चार्जशीट को सेशन कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। चार्जशीट में आरोपियों पर हमला करने, सुरक्षाबलों के सामने कार्रवाई में बाधा डालने और साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
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