राजनीति
भूमाफियाओं के कब्जे से छुड़ाई जमीन पर स्कूल का शिलान्यास: सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नसीरपुर गांव में गुरुवार को एक नए स्कूल का शिलान्यास किया। सिसोदिया ने कहा कि इस जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा किया हुआ था। अब प्रशासन ने इस जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ” जिस जमीन पर स्कूल का शिलान्यास हुआ वह जमीन पहले ग्राम सभा की थी। बाद में डीडीए ने इस जमीन को एक्वायर कर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग को अलॉट की थी। जमीन 2007 में डीडीए से शिक्षा विभाग को मिली। लेकिन इस जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा किया हुआ था। अब प्रशासन ने इस जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ” यहां 2500 बच्चों के लिए वल्र्डक्लास सुविधाओं वाला शानदार स्कूल बनाने का काम शुरू किया जा रहा है। सरकार 9 महीने के भीतर इस जमीन पर एक शानदार स्कूल बिल्डिंग का निर्माण करेगी। इसमें पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के लिए खेल संबंधी सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। ”
इस स्कूल में स्विमिंग पूल और स्पोर्ट्स फैसिलिटीज भी बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अगले शैक्षणिक सत्र से यहां बच्चे पढ़ना भी शुरू कर देंगे। यहां से पास के स्कूल में 6000 बच्चे पढ़ते हैं। नए स्कूल का निर्माण होने पर उस स्कूल पर दबाव कम होगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को लगातार दूसरे ह़फ्ते स्वास्थ्य मंत्री व पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर सतेंद्र जैन के साथ दिल्ली में बन रहीं नई स्कूल बिल्डिंग्स का औचक निरीक्षण कर जायजा लिया। उपमुख्यमंत्री ने दक्षिण-पश्चिमी जिले के 3 स्कूलों (गवर्मेंट को-एड एसवी, दिचाऊं कलां, जीबीएसएसएस, दिचाऊं कलां और गवर्मेंट को-एड एसएस, सेक्टर-16, द्वारका) का दौरा किया।
दिचाऊं कलां में नए क्लासरूम ब्लॉक में 20 नए कक्षाओं का निर्माण किया जा रहा है। गवर्मेंट को-एड एसएस, सेक्टर-16 द्वारका में 28 कक्षाओं के ब्लॉक का निर्माण कार्य चल रहा है। इन सभी स्कूलों में चल रहे निर्माण कार्य जुलाई के अंत तक पूरे हो जाएंगे।
महाराष्ट्र
कल्याण कॉलेज नमाज़ विवाद: SIO ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

SIO ने मुंबई के कल्याण कॉलेज में नमाज़ पढ़ने पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की गुंडागर्दी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इधर, SIO के स्टेट सेक्रेटरी अज़ीज़ अहमद ने कहा कि कल्याण के आइडियल कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च में हुई घटना बहुत निंदनीय और अस्वीकार्य है, जहाँ बजरंग दल से जुड़े गुंडों ने कॉलेज कैंपस में घुसकर, नमाज़ पढ़ने वाले मुस्लिम स्टूडेंट्स को धमकाया और परेशान किया और यहाँ तक कि उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के सामने बैठाने की कोशिश की। यह घटना धार्मिक आज़ादी और एकेडमिक कैंपस की पवित्रता पर सीधा हमला है।
SIO इस घटना की कड़ी निंदा करता है और प्रभावित स्टूडेंट्स के साथ पूरी एकजुटता दिखाता है। हम महाराष्ट्र सरकार और पुलिस से मांग करते हैं कि वे जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। हम पूरे स्टूडेंट कम्युनिटी से अपील करते हैं कि वे धार्मिक सद्भाव बनाए रखें और ऐसे सांप्रदायिक रवैये के खिलाफ एकजुट रहें और मजबूत एकजुटता दिखाएं।
राष्ट्रीय समाचार
सीबीआई की बड़ी कार्रवाई: ईएसआईसी के दो अधिकारियों को 50 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

CRIME
विजयवाड़ा, 26 नवंबर: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) विजयवाड़ा के दो अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों में रेवेन्यू रिकवरी ऑफिसर (आरआरओ) और सोशल सिक्योरिटी ऑफिसर (एसएसओ) का नाम शामिल है। दोनों ने एक शख्स से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
सीबीआई के मुताबिक, मामला 2020 का है। शिकायतकर्ता ने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के टेंडर में हिस्सा लेने के लिए एक प्रोप्राइटरशिप फर्म शुरू की थी और उसे ईएसआईसी में रजिस्टर भी कराया था। तकनीकी वजहों से एफसीआई ने उसकी फर्म को तीन साल के लिए डिबार कर दिया, जिससे वह कोई ठेका नहीं ले सका।
20 नवंबर 2025 को दोनों ईएसआईसी अधिकारी शिकायतकर्ता के घर पहुंचे और उसका घर कुर्क करने का नोटिस थमा दिया। साथ ही कहा कि अगर 31 दिसंबर 2025 तक कुर्की और नीलामी की कार्रवाई रोकनी है, तो 50 हजार रुपये देने होंगे, जिसमें 30 हजार आरआरओ के लिए और 20 हजार एसएसओ खुद के लिए मांगे।
शिकायत मिलते ही सीबीआई ने 25 नवंबर को केस दर्ज किया और अगले ही दिन जाल बिछाया। सोशल सिक्योरिटी ऑफिसर को जैसे ही शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते देखा गया, सीबीआई की टीम ने उसे धर दबोचा। इसके बाद रेवेन्यू रिकवरी ऑफिसर को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
दोनों को आज विजयवाड़ा में सीबीआई के स्पेशल जज कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपियों के ठिकानों पर तलाशी अभी जारी है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का हिस्सा है। आम लोगों को परेशान कर रिश्वत मांगने वालों पर अब कड़ी नजर रखी जा रही है।
राष्ट्रीय समाचार
केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 26 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट में केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े मामलों को लेकर सुनवाई जारी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच सुनवाई कर रही है।
केरल में एसआईआर के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि वह इस मामले में अलग से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।
कोर्ट ने कहा कि चूंकि केरल में अभी स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, इसलिए मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को टालने की मांग पर बिना आयोग को सुने कोई आदेश नहीं दिया जा सकता। चुनाव आयोग को 1 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 1 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। पश्चिम बंगाल से जुड़े मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को तय की गई है। राज्य की ओर से पेश वकील कल्याण बनर्जी ने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक दबाव के कारण अब तक 23 बीएलओ की मौत हो चुकी है।
तमिलनाडु में एसआईआर से जुड़े मामले की सुनवाई 4 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने कहा कि तीनों राज्यों के मामलों में चुनाव आयोग की राय सुने बिना कोई रोक लगाने जैसा आदेश पारित नहीं किया जाएगा।
चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने बताया कि यह मामला पहले मद्रास हाईकोर्ट में भी गया था, जहां स्टेट इलेक्शन कमीशन ने कहा था कि उन्हें एसआईआर प्रक्रिया से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने बताया कि 99 फीसदी वोटरों को फॉर्म मिल चुके हैं और 50 फीसदी से अधिक डेटा डिजिटाइज हो चुका है। राकेश द्विवेदी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल इस मुद्दे पर लोगों में अनावश्यक भय पैदा कर रहे हैं।
इधर, याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया बहुत जल्दबाजी में चलाई जा रही है और बीएलओ पर अत्यधिक दबाव है। उन्होंने दावा किया कि असम में लागू फॉर्म की पद्धति की पूरे देश में कोई आवश्यकता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट अब सभी राज्यों और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया के बाद अगली सुनवाई में आगे की दिशा तय करेगा।
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