राष्ट्रीय समाचार
कर्नाटक वन विभाग ने गायों के पालन पर आपत्ति जताते हुए जारी किया नोटिस

चामराजनगर, (कर्नाटक) 23 दिसम्बर : कर्नाटक वन विभाग राज्य के चामराजनगर जिले में गायों और मवेशियों की संख्या सीमित करने के आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है। लोग अधिकारियों से सवाल कर रहे हैं कि सत्ताधारी भाजपा सरकार, जहां गाय मंत्रोच्चारण में व्यस्त है, वहीं आदेश से हैरान है।
इस कदम का विरोध करते हुए, किसानों और संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार आदेश वापस लेने में विफल रहती है तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
एक सार्वजनिक नोटिस में, वन विभाग ने कावेरी वन्यजीव अभयारण्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गोपीनाथम और आसपास के गांवों के किसानों से कहा है कि वे मवेशियों, विशेषकर गायों की संख्या को उनकी न्यूनतम जरूरतों तक सीमित रखें।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, जो लोग जंगल के किनारे रहते हैं उन्हें अपने जानवरों को जंगल में चरने के लिए छोड़ने का पूरा अधिकार है। फिर भी वन विभाग ने यह नोटिस जारी किया है।
कर्नाटक रायथा संघ के जिला अध्यक्ष होन्नूर प्रकाश ने कहा कि अगर वन विभाग के कर्मचारी केवल पेड़ खाकर जीवित रह सकते हैं तो किसान गाय पालना बंद कर देंगे। जब सरकार गायों की रक्षा के लिए कानून बना रही है तो वन विभाग कह रहा है कि गायों को नहीं पालना चाहिए। उन्होंने स्थानीय लोगों के लाभ के लिए घी तैयार करने और इसे बाजार में लाने की भी पहल की। हालांकि, हाल ही में केंद्रीय टीम के रिजर्व फॉरेस्ट के दौरे के बाद आए आदेश ने लोगों को नाराज कर दिया है।
राजनीति
नई दिल्ली : ग्रीन पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सीएम रेखा गुप्ता ने स्वागत योग्य बताया

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दिए जाने के बाद, इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है। दिल्ली सरकार की ओर से इस निर्णय को जनता की भावनाओं के अनुरूप बताया गया है।
दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के लिए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “दिल्ली सरकार के विशेष आग्रह पर राजधानी में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति प्रदान करने हेतु सर्वोच्च न्यायालय का आभार।”
उन्होंने कहा कि यह निर्णय दीपावली जैसे पवित्र पर्व पर जनभावनाओं और उत्साह का सम्मान करता है, साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति संतुलित दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।
रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए स्वच्छ और हरित दिल्ली के संकल्प के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि त्योहारों की रौनक बरकरार रहे और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो। इस दीपावली, हम सब मिलकर ग्रीन पटाखों के साथ उत्सव और पर्यावरण संरक्षण का सामंजस्य स्थापित करें और ‘हरित एवं खुशहाल दिल्ली’ का संकल्प साकार करें।”
वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “जय श्री राम! सरकार बदली, हिंदुओं के त्योहारों पर बैन लगना बंद हो गया। बरसों बाद दिल्ली वाले परंपरागत तरीके से दीपावली मनाएंगे।”
उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में आगे लिखा, “दीपावली पर ग्रीन पटाखों की अनुमति देने का उच्चतम न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है। दिल्ली सरकार ने जनता की आवाज न्यायालय के सामने रखी, उसके लिए सीएम रेखा गुप्ता का आभार।”
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में केवल क्यूआर कोड वाले ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकते हैं, वह भी 18 से 21 अक्टूबर तक। साथ ही, पटाखे फोड़ने का समय शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक तय किया गया है।
अपराध
मुंबई : 48 साल से फरार हत्या के प्रयास का आरोपी गिरफ्तार, 1977 में दर्ज हुआ था मामला

मुंबई, 15 अक्टूबर: मुंबई पुलिस ने हत्या के प्रयास के एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 48 सालों से फरार था। कोलाबा पुलिस ने 71 वर्षीय चंद्रशेखर मधुकर कालेकर को लालबाग से गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ 1977 में मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस के अनुसार, 1977 में, जब वह 23 वर्ष का था, कालेकर को अपनी प्रेमिका पर धोखा देने का शक हुआ और उसने कथित तौर पर कोलाबा में उसे चाकू मार दिया। उस समय उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई।
हालांकि, जमानत पर रिहा होने के बाद वह किसी भी अदालती तारीख पर हाजिर नहीं हुआ। इसके चलते अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था और पुलिस कई सालों से उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन चॉल के पुनर्विकास के कारण वह कई बार ठिकाना बदल चुका था, जिससे पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली।
छह महीने पहले कोलाबा पुलिस ने इस पुराने मामले को फिर से खोला। टीम ने लालबाग स्थित उसके पुराने घर का दौरा किया, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। पुलिस ने मुंबई के कई इलाकों में उसकी खोज की, मतदाता सूची की जांच की, लेकिन उसका नाम कहीं नहीं मिला।
जांच के दौरान, पुलिस ने आरटीओ और अदालती मामलों की जानकारी के लिए आवेदनों की जांच की, जिसमें रत्नागिरी जिले के दापोली पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज 2015 के एक आपराधिक मामले का रिकॉर्ड मिला, जिसमें गाड़ी चलाते समय एक व्यक्ति को घायल करने के आरोप में उसकी गिरफ्तारी हुई थी।
दापोली पुलिस स्टेशन से मिली जानकारी के आधार पर, कोलाबा पुलिस की एक टीम उसके घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। 48 साल बाद पुलिस को अपने दरवाजे पर देखकर 71 वर्षीय कालेकर हैरान रह गया और लगभग उस मामले को भूल चुका था।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, पुरानी तस्वीरों से उसे पहचानना मुश्किल था, लेकिन पूछताछ करने पर उसने अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में शर्तों के सुप्रीम कोर्ट ने दी ‘ग्रीन पटाखों’ को मंजूरी

suprim court
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली से पहले दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों को बेचने और जलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके साथ कई सख्त शर्तें भी लगाई हैं।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन की पीठ ने यह अहम आदेश सुनाया। कोर्ट ने कहा कि परंपरागत पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए सीमित और नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी जा सकती है।
सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि अदालत ने इस मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल और एमिकस क्यूरी के सुझावों पर विचार किया है। उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि उद्योग जगत की भी चिंताएं हैं। पारंपरिक पटाखों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे प्रदूषण और ज्यादा बढ़ता है। इसलिए हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा।”
हरियाणा के 22 जिलों में से 14 जिले एनसीआर क्षेत्र में आते हैं। उन्होंने कहा कि जब पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया था, तो कोविड काल को छोड़कर वायु गुणवत्ता में बहुत बड़ा सुधार देखने को नहीं मिला। वहीं, पिछले छह वर्षों में ग्रीन पटाखों के आने से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर 2025 तक दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की जा सकती है। हालांकि, यह बिक्री केवल क्यूआर कोड वाले ग्रीन पटाखों की ही होगी।
ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा तय की है। ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल केवल सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक ही किया जा सकेगा।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस अधिकारी गश्ती दल बनाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि बाजार में केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही बिकें। अगर कोई नियम तोड़ेगा, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी और नोटिस जारी किया जाएगा।
इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों जैसे अमेजन या फ्लिपकार्ट आदि पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
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