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Thursday,14-August-2025
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राजनीति

अमेरिकी नेता जोहरान ममदानी पर कंगना रनौत नाराज, बोलीं- ‘भारतीय कम और पाकिस्तानी ज्यादा लगते हैं’

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नई दिल्ली, 26 जून। बॉलीवुड अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद कंगना रनौत ने गुरुवार को भारतीय मूल के अमेरिकी नेता जोहरान ममदानी की आलोचना की। जोहरान ममदानी प्रसिद्ध फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं और न्यूयॉर्क सिटी के मेयर हैं। कंगना ने उन पर हिंदू विरोधी और पाकिस्तान समर्थक विचार रखने का आरोप लगाया।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री कंगना रनौत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने जोहरान ममदानी के भारत को लेकर नफरत भरे विचारों पर हैरानी जताई।

कंगना ने कैप्शन में लिखा, “वह भारतीय कम और पाकिस्तानी ज्यादा लगते हैं।”

कंगना रनौत ने मीरा नायर के गुजराती मूल के मशहूर लेखक महमूद ममदानी से शादी का जिक्र किया। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा क्यों लगता है कि उनका बेटा हिंदू धर्म को खत्म करना चाहता है।

कंगना ने तंज करते हुए लिखा, “उनकी मां मीरा नायर हैं, जो भारत की मशहूर फिल्म निर्माता हैं, पद्मश्री से सम्मानित, भारत में जन्मीं और पली-बढ़ीं, अब न्यूयॉर्क में रहती हैं। उन्होंने गुजराती मूल के प्रसिद्ध लेखक महमूद ममदानी से शादी की। उनका बेटा जोहरान ममदानी है, वह भारतीय से ज्यादा पाकिस्तानी लगता है।”

उन्होंने आगे कहा, “उनकी हिंदू पहचान या वंश के साथ जो कुछ भी हुआ, लेकिन अब वो हिंदू धर्म को मिटाने के लिए तैयार हैं, वाह!! हर जगह एक ही कहानी है।”

बता दें कि ममदानी कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं। उन्होंने 2 अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के विरोध में टाइम्स स्क्वायर में प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। बीते मई में उन्होंने पीएम मोदी की तुलना इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से की थी।

उन्होंने नेतन्याहू को युद्ध अपराधी करार दिया और वहीं 2002 के गुजरात दंगों की चर्चा करते हुए पीएम मोदी पर नरसंहार का आरोप लगाया था। इससे भारतीय-अमेरिकी समुदाय में उनके प्रति काफी गुस्सा है।

जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्युमो को हराकर बड़ी जीत हासिल की थी।

जीत के बाद उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा था, ”मुश्किल से मुश्किल काम भी नामुमकिन लगता है, जब तक वह पूरा नहीं हो जाए। मेरे दोस्तों, यह पूरा हो चुका है।”

महाराष्ट्र

मुंबई कबूतरखाना विवाद और 15 अगस्त का मांस प्रतिबंध अस्वीकार्य: राज ठाकरे

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मुंबई मनसे प्रमुख ने महाराष्ट्र सरकार की तीखी आलोचना की और कबूतरखाना विवाद और मांस प्रतिबंध को लेकर सरकार से पूछा कि सरकार क्या चाहती है? राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा पर भी निशाना साधा और कहा कि लोढ़ा मंत्री हैं, क्या उन्हें अदालती आदेश की जानकारी नहीं थी? जैन समुदाय के हिंसक विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, लेकिन जब मराठा समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया, तो पत्रकारों के साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा कि मुंबई के दादर में कबूतरखाना को लेकर चल रहे विवाद पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है और उसका पालन अनिवार्य है। अगर अदालत ने कबूतरखाने में दाना डालने पर प्रतिबंध लगाया है, तो जैन समुदाय को भी इस पर विचार करना चाहिए। कई डॉक्टरों ने कहा है कि कबूतरों से बीमारियाँ हो सकती हैं, लेकिन अगर कबूतरों को दाना खिलाया जाता है, तो पुलिस को दाना खिलाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार को अदालती आदेश आने पर ही कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने इसमें भाग लिया। क्या लोढ़ा को नहीं पता कि अदालती आदेश क्या होता है? लोढ़ा को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह राज्य के मंत्री हैं, किसी धर्म के नहीं। कल जब मराठियों ने विरोध प्रदर्शन किया, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, पत्रकारों को पीटा गया। मुझे नहीं पता कि सरकार क्या कर रही है और क्या चाहती है, क्योंकि चुनाव नज़दीक हैं, वे समाज में विभाजन और दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। पहले उन्होंने हिंदी को अनिवार्य बनाने की कोशिश की, अब उन्होंने कबूतर विवाद खड़ा कर दिया है। राज ठाकुर ने कल्याण-डोंबिवली में मांस पर प्रतिबंध पर भी सवाल उठाया है। इसी तरह, 15 अगस्त को कल्याण-डोंबिवली नगर निगम ने बूचड़खानों को बंद करने और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। नगर निगम को यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि किसी को क्या खाना चाहिए? राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं से इस प्रतिबंध का पालन न करने को कहा है। ऐसा कैसे है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है और उस दिन खाने की स्वतंत्रता नहीं है? राज ठाकरे ने बूचड़खानों पर प्रतिबंध का विरोध किया है और इसे अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने मांस प्रतिबंध और कबूतरबाज़ी विवाद को लेकर राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार धर्म और मजहब के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है।

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राष्ट्रीय समाचार

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा: सुप्रीम कोर्ट बोला, जमीनी हकीकत पर होगा फैसला

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नई दिल्ली, 14 अगस्त। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर फैसला लेते समय जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं और इन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है।

इस मामले में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन वर्तमान में वहां कुछ अजीबोगरीब परिस्थितियां बनी हुई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन पहले ही दिया जा चुका है, परंतु मौजूदा हालात को देखते हुए यह प्रश्न अभी क्यों उठाया जा रहा है, यह स्पष्ट नहीं है।

मेहता ने कोर्ट से आग्रह किया कि सरकार की आधिकारिक राय प्रस्तुत करने के लिए उन्हें 8 हफ्ते का समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद तय करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि इस मुद्दे पर कोई भी फैसला लेते समय सुरक्षा और स्थिरता के पहलुओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में लगातार हो रही देरी”जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है और संघवाद की अवधारणा का भी उल्लंघन कर रही है। आवेदकों का तर्क है कि समयबद्ध सीमा के भीतर राज्य का दर्जा बहाल न करना संघवाद का उल्लंघन है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।

पहले की सुनवाई में एसजी मेहता ने अदालत को बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं बता सकता और राज्य का दर्जा बहाल करने में “कुछ समय” लगेगा। मई 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि “रिकॉर्ड में कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है” और मामले को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।

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राजनीति

विधानसभा विजन डॉक्यूमेंट: नॉनस्टॉप चर्चा जारी, अखिलेश का तंज सोती रही सरकार

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लखनऊ, 14 अगस्त। उत्तर प्रदेश विधानमंडल में विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश पर बुधवार से सदन में चर्चा जारी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार पर बड़ा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सोती रही सरकार जागता रहा विपक्ष। विधानसभा में विजन डॉक्यूमेंट में चर्चा के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा।

उन्होंने सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव की दो वीडियो साझा की। जिसमें वह सो रहे हैं। वहीं एक वीडियो में विपक्ष जागते हुए दिखे। जिसमें सपा विधायक पंकज मालिक, कमाल अख्तर, फहीम, अतुल प्रधान, संग्राम यादव नजर आ रहे।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि सोती रही सरकार, जागता रहा विपक्ष।भाजपा ने 24 घंटे का सदन चलाकर साबित कर दिया है कि वो प्रदेश चलाने में कितना पिछड़ गये हैं, इसीलिए चौबीसों घंटे काम करने की बात कर रहे हैं। भाजपा सरकार बताए कि उसके मुखिया से लेकर मंत्री व कितने विधायक चौबीसों घंटे उपस्थित रहे। जनता 24 घंटे सदन चलाने के पीछे का तर्क पूछ रही है। दिन घटा के और घंटे बढ़ाकर सरकार क्या हासिल करना चाहती है। भाजपा कम-से-कम सदन को तो अपनी इवेंटबाजी से दूर ही रखे। रात भर जागकर भाजपाई खुद को क्या साबित करना चाहते हैं?

उधर, सदन में सपा की बागी विधायक पूजा पाल ने भाजपा राज में कानून व्यवस्था को लेकर सकारात्मक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज़ीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लागू करके मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया, जिसके कारण अतीक अहमद जैसे अपराधी मारे गए। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या किसने की मैं मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात तब सुनी जब किसी और ने नहीं सुनी।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में जीरो टॉलरेंस नीतियां लागू करके मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया, जिसके कारण अतीक अहमद जैसे अपराधी मारे गए। आज पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री की ओर भरोसे से देखता है। ‘मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने मिट्टी में मिलाने का काम किया। मैंने तब आवाज उठाई जब मैंने देखा कि कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता। जब मैं इस लड़ाई से थकने लगी, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे न्याय दिलाया। “

उत्तर प्रदेश मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि ऐतिहासिक सदन चला है। सदन की परिचर्चा इतिहास के पन्नों में दर्ज की जाएगी। मंथन के बाद जो अमृत निकल रहा है, उससे विकास की गाथाएं लिखी जाएंगी और उससे हमारी आने वाली पीढ़ियां भी प्रभावित होंगी। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने यूपी विधानसभा में ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर 24 घंटे चल रही चर्चा पर कहा कि 18 मंडल में अटल आवासीय विद्यालय खोलकर गरीब और कमजोर बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है।

विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसी और देश ने आस्तीन के सांप नहीं पाले हैं लेकिन हमने कई आस्तीन के सांप पाले हुए हैं।

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