राजनीति
जम्मू-कश्मीर डीडीसी परिणाम : क्षेत्रीय आकांक्षाओं और समेकित बलों का संयोजन

Congress
जम्मू -कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के परिणाम नवगठित केंद्रशासित प्रदेश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
इन चुनावों में 50 प्रतिशत से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें संघर्षग्रस्त घाटी से 43 प्रतिशत से अधिक लोग शामिल हुए।
5 अगस्त, 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों की इतनी बड़ी भागीदारी एक ऐतिहासिक बात है, क्योंकि यह आर्टिकल 370 और 35 ए के उन्मूलन और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के बावजूद हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित क्षेत्रीय नेताओं द्वारा आशंका व्यक्त की गई थी कि केंद्र इन चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली की योजना बना रहा है, हालांकि ये दावे गलत साबित हुए।
निर्वाचन प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने का श्रेय उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अगुवाई वाले केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को जाना चाहिए।
सुरक्षा बलों, विशेष रूप से, स्थानीय पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादियों को चुनावी प्रक्रिया में कोई व्यवधान पैदा करने से रोका जाए।
28 नवंबर को शुरू हुए और 19 दिसंबर को आठ चरणों में समाप्त हुए इन चुनावों में विजेता और हारने वाले आने वाले दिनों में दूरगामी राजनीतिक परिणाम दे सकते हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई में, इन चुनावों में एक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है।
डॉ. अब्दुल्ला की अगुवाई में गुपकार गठबंधन (पीएजीडी) ने डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों में 105 सीटें हासिल की हैं, जिससे यह जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा गठबंधन बन गया है।
पीएजीडी ने जम्मू कश्मीर के रामबन और किश्तवाड़ जिलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए जम्मू -कश्मीर के दोनों संभागों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है और इनमें से प्रत्येक में सात सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया।
घाटी में, गठबंधन ने चुनावों में पकड़ बनाई और 10 जिलों में से कम से कम सात को नियंत्रित करना सुनिश्चित किया है।
अपने दम पर, एनसी ने अब तक घोषित 266 परिणामों में से 63 जीते हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 74 सीटों के साथ अब तक की सबसे बड़ी बतौर सिंगल पार्टी बनकर उभरी है।
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने 26, पीपल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) 8, माकपा 5 और जेके पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) ने 3 सीटें जीती हैं, ये सभी पीएजीडी का हिस्सा हैं।
कांग्रेस ने 23, अल्ताफ बुखारी की अगुवाई वाली जेके अपनी पार्टी ने 12, जेके पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) ने 2, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) ने 2 और बीएसपी ने एक सीट हासिल की है।
47 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के पास गई हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रतिष्ठित श्रीनगर जिले में 14 सीटों में से 7 सीटें जीतकर निर्दलीय उम्मीदवारों ने छाप छोड़ी है।
भाजपा ने पहली बार श्रीनगर, बांदीपोरा और पुलवामा जिलों में एक-एक सीटें जीतकर घाटी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
पार्टी घाटी में अपनी 3 सीटों की जीत का जश्न मना रही है। शाहनवाज हुसैन, स्मृति ईरानी, तरुण चुग और कई अन्य भाजपा नेताओं ने घाटी में पार्टी के लिए प्रचार किया था।
डीडीसी 3-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली का हिस्सा हैं जो जमीनी स्तर पर विकास के लिए काम करती है।
जेके अपनी पार्टी को छोड़कर अन्य सभी चुनाव लड़ने वाली पार्टियों ने अपने चुनावी अभियान के दौरान विकास की शायद ही बात की।
डीडीसी चुनाव भावनात्मक नारे पर लड़े गए, कि आप अनुच्छेद 370 के उन्मूलन या जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के खिलाफ खड़े है, या इसके पक्ष में हैं।
डीडीसी चुनाव परिणाम से उत्साहित पूर्व मुख्यमंत्री और एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि परिणाम उन लोगों के लिए आंख खोलने वाले हैं, जो अनुच्छेद 370 के उन्मूलन के लिए खड़े थे।
प्रमुख विजेताओं में पीडीपी के वहीद-उर-रहमान पारा हैं, जो वर्तमान में एनआईए की नजरबंदी में होने के बावजूद चुनाव जीत गए।
अन्य प्रमुख विजेताओं में पूर्व मंत्री, कांग्रेस के ताज मोहिउद्दीन, शामलाल शर्मा और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग की पत्नी सफीना बेग शामिल हैं।
हारने वालों में पूर्व मंत्रियों के चार बेटे, मुला राम, मदन लाल शर्मा, मिर्जा अब्दुल रशीद और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री के बेटे जी.ए. मीर शामिल हैं।
कुल मिलाकर कहा जाए तो इन परिणामों ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में पूरा विश्वास है।
राष्ट्रीय समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने छह कथित पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने पर लगाई रोक

नई दिल्ली, 2 मई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छह कथित पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता का दावा है कि वे भारतीय हैं। उनके पास भारतीय नागरिकता को प्रमाणित करने वाले कई दस्तावेज मौजूद हैं, जिनमें भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड शामिल है।
याचिकाकर्ता के वकील नंदकिशोर इस प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं कि यह बहुत ही हैरान करने वाली बात है। एक व्यक्ति मूल रूप से हिंदुस्तानी है, उसके पास खुद को हिंदुस्तानी साबित करने के लिए अनेकों दस्तावेज हैं। इसके बावजूद, उसे पाकिस्तान जाने के लिए कह दिया जाता है। नोटिस भेज दिया गया।
याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से बताया कि हमारे परिवार में कुल छह सदस्य हैं। इनमें से दो बेटे बेंगलुरु में काम करते हैं। इसके अलावा, परिवार में माता, पिता, भाई और बहन हैं।
याचिकाकर्ता ने बताया कि जब हमें पाकिस्तान के लिए नोटिस आया, तो हम हतप्रभ हो गए। यही नहीं, हमें गाड़ी में बैठाकर अटारी बॉर्डर तक ले जाया गया और कहा गया कि हम देश छोड़ दें, जबकि हम हिंदुस्तानी हैं।
वकील और याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने सरकारी अधिकारियों को भारतीय नागरिकता की वैधता के बारे में दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा है कि जब तक सरकारी अधिकारी उचित निर्णय नहीं लेते, तब तक परिवार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही याचिकाकर्ता को न्यायालय ने निर्देश दिया कि जब तक सरकारी अधिकारी उचित निर्णय नहीं करते, तब तक परिवार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए। इसमें सिंधु जल समझौते को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश देना और राजनयिक संबंधों में कटौती करना शामिल है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली : शेख सराय में आंधी-तूफान का कहर, कई मकान और गाड़ियां क्षतिग्रस्त

नई दिल्ली, 2 मई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शेख सराय इलाके में शुक्रवार को भारी बारिश और तेज हवा के चलते पेड़ गिरने से कई मकान और गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। यह हादसा सुबह 5 बजे के आसपास हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि वे कई बार प्रशासन को पत्र लिखकर यह मांग कर चुके हैं कि पेड़ों को हटा दिया जाए, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
स्थानीय निवासी राकेश शर्मा ने मिडिया को बताया कि यह हादसा सुबह उस समय हुआ, जब तेज आंधी-तूफान चला था। इस वजह से कई गाड़ियां और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि, अभी तक गाड़ियों की निश्चित संख्या के बारे में हमें जानकारी नहीं है कि कितनी क्षतिग्रस्त हुई हैं। यहां आसपास में कई ऐसे विशाल पेड़ हैं, जिनके बारे में मैं संबंधित अधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुका हूं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने आगे बताया कि इससे पहले हॉर्टिकल्चर विभाग के मनोज वैरी जी यहां आए थे। उन्होंने पूरे इलाके का मुआयना किया था। लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
एक अन्य स्थानीय निवासी प्रवीण वत्स ने बताया कि सुबह पांच बजे आंधी-तूफान चलने से यह हादसा हुआ। इन विशाल पेड़ों के गिरने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए, तो कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। इस वजह से कई लोग स्कूल और ऑफिस नहीं जा सके।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम पहले भी अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। यही नहीं, हमने अधिकारियों को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस दिशा में आकृष्ट कराया था कि हमारे आसपास करीब 35 से 40 ऐसे पेड़ हैं, जो काफी विशाल हैं। निश्चित तौर पर अगर उन्हें समय रहते छोटा नहीं किया गया, तो यह आगे चलकर किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण का सम्मान करते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे आसपास पेड़-पौधे हों, लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस तरह के विशालकाय पेड़ किसी बड़े हादसे का कारण न बनें। हमने अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे इन पेड़ों को छोटा कर दें, ताकि हमें भविष्य में किसी हादसे का सामना नहीं करना पड़े।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसाळकर का एक्स पर आखिरी भावुक संदेश

मुंबई: मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसाळकरने पुलिस विभाग को 35 साल समर्पित किए हैं और अब अपनी सेवानिवृत्ति के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर ने उन सभी लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है जो इस यात्रा में उनके साथ थे और जिन्होंने हर संभव तरीके से सहयोग भी किया। विवेक फणसाळकर ने अपने भावुक संदेश में कहा है कि मेरा परिवार और मित्र जिन्होंने मेरे कर्तव्य का समर्थन और सहयोग करने में अनगिनत त्याग किए, मेरे सहकर्मी जो हर चुनौती में मेरे साथ खड़े रहे और वे सभी जिन्होंने मेरी यात्रा और करियर के दौरान मुझ पर भरोसा किया, मेरा समर्थन किया और मुझे प्रोत्साहित किया। उनका पूरा सहयोग मेरे लिए आशीर्वाद है। मुझे गर्व है कि मुझे पुलिस बल में सेवा करने का अवसर मिला। मैं विभाग में मुझे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने के लिए मुंबई के लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार का भी आभारी हूं।
देवेन भारती ने मुंबई पुलिस कमिश्नर का पदभार संभाल लिया है, वहीं विवेक फणसाळकरके अंतिम विदाई ट्वीट मुंबई पुलिस के ट्विटर एक्स से किया गया, जिसमें विवेक फणसाळकर ने मुंबई की जनता और शुभचिंतकों का आभार जताया।
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