खेल
आईपीएल-13 : दिल्ली पहले और मुम्बई पांचवें खिताब के लिए उतरेगी

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन की दो सबसे मजबूत टीमें – दिल्ली कैपिटल्स और मुंबई इंडियंस मंगलवार को यहां दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खिताब के लिए एक-दूसरे से भिड़ेंगी। मौजूदा विजेता मुंबई अपनी पांचवीं खिताबी जीत के इंतजार में है। लेकिन उसके सामने है दिल्ली, जो पहली बार फाइनल खेल रही है और अपने पहले खिताब के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार है।
दिल्ली ने इससे पहले कभी फाइनल नहीं खेला है। लीग में मौजूदा आठ टीमों में से वह इकलौती टीम थी जो फाइनल नहीं खेली थी। श्रेयर अय्यर की कप्तानी वाली दिल्ली ने 13वें सीजन में इस सूखे को तो खत्म कर ही दिया है, लेकिन क्या वो अनुभवी मुंबई के सामने खिताबी सूखा खत्म कर पाएगी यह देखना दिलचस्प होगा।
खिताबी मुकाबले से पहले इस सीजन में यह दोनों टीमें तीन बार आमने-सामने हो चुकी हैं और तीनों बार मुंबई ने बाजी मारी है। लीग चरण के दोनों मैचों में मुंबई को जीत मिली थी। प्लेऑफ में पहले क्वालीफायर में भी इन दोनों टीमों का सामना हुआ था, जिसमें मुंबई ने फिर दिल्ली को हराया था और सीधे फाइनल में जगह बनाई थी।
दिल्ली ने फिर दूसरे क्वालीफायर में सनराइर्स हैदराबाद को हरा कर फाइनल में अपनी जगह पक्की की। दोनों टीमों की एक अच्छी बात यह रही है कि दोनों टीमें बेहद संतुलित हैं और गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी, किसी एक-दो खिलाड़ी के दम पर निर्भर नहीं हैं। सभी खिलाड़ी टीम की जीत में योगदान देते हैं।
दूसरे क्वालीफायर में दिल्ली ने एक बार फिर अपनी सलामी जोड़ी में बदलाव किया। शिखर धवन के साथ मार्कस स्टोयनिस ओपनिंग करने आए और यह प्रयोग सफल रहा। स्टोयनिस ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए हैदराबाद जैसे मजबूत गेंदबाजी आक्रमण पर दबाव बनाया। धवन ने भी स्टोयनिस की तरह की ही आक्रामक बल्लेबाजी की थी।
मुंबई के खिलाफ भी क्या सही सलामी जोड़ी उतरती है, यह अहम सवाल है। वैसे विकल्प अंजिक्य रहाणे भी हैं जो ओपनिंग कर सकते हैं। बाकी बल्लेबाजी क्रम की बात की जाए तो स्टोयनिस अगर ओपनिंग करने आते हैं तो निचले क्रम में फिनिशर की जिम्मेदारी शिमरन हेटमायेर पर रहेगी।
हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने इस काम को अच्छे से किया था। ऋषभ पंत भी निचले क्रम में हैं जिनका बल्ला इस पूरे सीजन ज्यादा चला नहीं है।
गेंदबाजी में तो पूरा दारोमदार कैगिसो रबादा और एनरिक नॉर्खिया पर होगा। टीम मैनेजमेंट चाहेगी की यह दोनों पावरप्ले में कुछ विकेट निकाल कर मुंबई को अच्छी शुरूआत से वंचित रख दबाव में ला दें।
शुरू में अगर रबादा और नॉर्खिया मुंबई के कुछ विकेट निकाल लेते हैं तो मध्य के ओवरों में रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल इस दबाव का फायदा उठा सकते हैं और यहां दिल्ली के पास मुंबई को फंसाने का मौका होगा।
मुंबई की बल्लेबाजी से बचना किसी भी गेंदबाजी क्रम के लिए आसान नहीं है। क्विंटन डी कॉक और कप्तान रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी मजबूत है। रोहित ने जब से चोट से वापसी की है वह बल्ले से बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं। उनके साथी डी कॉक भी अलग अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हैं और रन बना रहे हैं।
मध्य क्रम में सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन भी बेहतरीन फॉर्म में हैं। इन दोनों के बाद हार्दिक पांड्या, कीरन पोलार्ड और क्रूणाल पांड्या भी हैं। यह सभी निचले क्रम में तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं।
मुंबई की गेंदबाजी में दो विश्व स्तर के गेंदबाज हैं। जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बोल्ट। इन दोनों ने ही टीम के गेंदबाजी आक्रमण को लीड किया। तीसरे तेज गेंदबाज के तौर पर जेम्स पैटिनसन और नाथन कुल्टर नाइल में से किसी एक को खेलाया जाएगा।
सबसे अहम रहेगा टॉस। दूसरे हाफ में ओस पड़ने के कारण इस मैच में टॉस की भूमिका अहम हो जाती है। पिछले कुछ मैचों में देखा गया है कि ओस पड़ने से मैच का रूख बदला है। दोनों कप्तान इस चीज को भी ध्यान में रखेंगे।
टीमें (सम्भावित) :
दिल्ली कैपिटल्स : श्रेयस अय्यर (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, एलेक्स कैरी, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिखर धवन, शिमरन हेटमायेर, अक्षर पटेल, ललित यादव, मार्कस स्टोयनिस, कीमो पॉल, आवेश खान, हर्षल पटेल, कैगिसो रबादा, मोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, संदीप लामिछाने, एनरिक नॉर्खिया, तुषार देशपांडे।
मुंबई इंडियंस : रोहित शर्मा (कप्तान), आदित्य तारे (विकेटकीपर), अनमोलप्रीत सिंह, अनुकूल रॉय, क्रिस लिन, धवल कुलकर्णी, दिग्विजय देशमुख, हार्दिक पांड्या, ईशान किशन, जेम्स पैटिनसन, जसप्रीत बुमराह, जयंत यादव, कीरन पोलार्ड, क्रूणाल पांड्या, मिशेल मैक्लेंघन, मोहसिन खान, नाथन कुल्टर नाइल, प्रिंस बलवंत राय, क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), राहुल चहर, सौरभ तिवारी, शेरफाने रदरफोर्ड, सूर्यकुमार यादव, ट्रेंट बोल्ट।
राजनीति
आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा, तिरंगा रैली देश की शान : सतपाल शर्मा

जम्मू, 21 मई। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हालिया बयानों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को जुबानी हमला किया। जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी नेताओं पर हमला बोला।
सतपाल शर्मा ने मंगलवार को मिडिया से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती के हालिया बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ उन 26 निर्दोष नागरिकों की शहादत का जवाब है, जिन्हें 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछकर मार डाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जो भी इस हमले के पीछे होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई व्यक्ति हो या कोई देश। थल सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर उसके लॉन्चिंग पैड तबाह कर दिए। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। यह कार्रवाई एक सशक्त संदेश है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का झुकाव उग्रवादियों के प्रति आज भी बना हुआ है। वे ऐसे बयान देते हैं जिससे आतंकवादियों का मनोबल बढ़ता है, लेकिन देश की सेना ने यह दिखा दिया है कि हमलावरों को छोड़ा नहीं जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पर जवाब देते हुए सतपाल शर्मा ने कहा कि ऐसे समय में जब देशभर में तिरंगा रैलियों के जरिए भारतीय सेना और वायुसेना का सम्मान हो रहा है, खड़गे का बयान निराशाजनक है। चूक हो सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री ने पुलवामा हमले के बाद भी यही कहा था कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। पाकिस्तान को उसी की जमीन पर जाकर करारा जवाब दिया गया।
शर्मा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान भारत में धार्मिक विभाजन फैलाने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म पूछकर की गई हत्याएं और उसके बाद की पाकिस्तान समर्थित गतिविधियां इसी दिशा में इशारा करती हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि विपक्ष ऐसे संवेदनशील समय में भी पाकिस्तान की साजिशों पर चुप रहता है।
तिरंगा रैली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सतपाल शर्मा ने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल की पहल नहीं, बल्कि आम नागरिकों का देश प्रेम है। यह हमारा प्रथम कर्तव्य है कि जब तिरंगा रैली निकाली जाए, तो उसमें हम सब शामिल हों। मेरा विपक्ष के नेताओं से भी निवेदन है कि वे इस राष्ट्रीय प्रतीक के सम्मान में हिस्सा लें। तिरंगा हमारे देश की आन, बान और शान है, इसके लिए न जाने कितने वीर सैनिकों ने अपनी जान कुर्बान की है।
राजनीति
भाजपा का तंज, ‘राहुल बोल रहे पाकिस्तान की भाषा’, ‘निशान-ए पाकिस्तान’ को लेकर पूछा चुभता सवाल

नई दिल्ली, 20 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस लगातार प्रश्न उठा रही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी को आधार बनाकर सवाल दाग रहे हैं तो कई नेता सबूत की तलाश कर रहे हैं। भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल के इस रवैए पर तंज कसा है। असम सरकार के मंत्री अशोक सिंघल के विवादित पोस्ट के बाद पार्टी की मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने भी कुछ सवाल पूछे हैं।
अशोक सिंघल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने राहुल गांधी की तस्वीर को पाक आर्मी चीफ की तस्वीर के साथ जोड़कर शेयर किया। इस तस्वीर के आधे हिस्से में राहुल गांधी का चेहरा और आधे में पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर का चेहरा लगाया गया है। अशोक सिंघल ने अपने पोस्ट में लिखा, “सीमाओं से अलग एजेंडे पर एक।”
वहीं, भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी मंगलवार को सिलसिलेवार तरीके से एक्स पर कुछ पोस्ट डाले। एक कार्टून पोस्ट किया जिसमें पाक जनरल की पीठ पर खड़े होकर एक शख्स सरहद के पार देख गिराए गए रफेल की जानकारी मांग रहा है। इसके साथ ही मालवीय ने एक दूसरी पोस्ट में सिंघल वाली तस्वीर साझा कर लिखा- यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके हितैषियों की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए बधाई नहीं दी, जो स्पष्ट रूप से भारत के प्रभुत्व को दर्शाता है। इसके बजाय, वे बार-बार पूछते हैं कि हमने कितने जेट खो दिए- एक सवाल जिसका जवाब पहले ही डीजीएमओ ब्रीफिंग में दे चुके हैं। मजे की बात यह है कि उन्होंने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए, या भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर बमबारी के दौरान कितने विमान अपने हैंगर में खड़े रहते हुए नष्ट हो गए।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से चुभता सवाल पूछा कि क्या अब ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ राहुल गांधी को दिया जाएगा?
दरअसल, कांग्रेस ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार सवाल उठा रही है। हाल ही में सांसद राहुल गांधी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के उस बयान को लेकर सवाल पूछे थे जिसमें विदेश मंत्री यह कह रहे हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत होने वाली एयर स्ट्राइक के बारे में पाकिस्तान को सूचना दी थी। हालांकि, राहुल के इन दावों पर 18 मई को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दावों का खंडन किया।
कांग्रेस नेता ने एक्स पोस्ट पर भी अपनी बात रखी। इसके जवाब में भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक वीडियो पोस्ट किया था। राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी की मूर्खता महज आकस्मिक नहीं है, यह भयावह है। वह पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।’ मालवीय ने भारत के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के एक बयान का वीडियो साझा किया। इसके साथ कहा कि वह भारत के लाभ और विपक्ष के नेता की मंशा को उजागर करने के लिए घई के 11 मई के बयान को दोबारा पोस्ट कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
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