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‘दोषी साबित होने तक निर्दोष’: अडानी समूह ने अमेरिकी रिश्वतखोरी अभियोग में बयान जारी किया; आरोपों से इनकार किया, उन्हें निराधार बताया
अडानी समूह, जो नए दिन की शुरुआत से ही तूफान के केंद्र में रहा है, ने अमेरिकी अभियोग मामले में एक बयान जारी किया है।
अडानी ने आरोपों से किया इनकार
समूह के स्वामित्व वाली आईएएनएस द्वारा प्राप्त एक बयान में कंपनी ने कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और इनका खंडन किया जाता है।”
इसके अलावा, वक्तव्य में अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा गया, “जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने स्वयं कहा है, “अभियोग में लगाए गए आरोप आरोप हैं और जब तक दोषी सिद्ध नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा।” सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे।”
उच्चतम मानकों के प्रति प्रतिबद्ध
अडानी समूह ने आगे कहा कि उसने हमेशा अपने सभी परिचालन क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और नियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है।
अमेरिकी अदालत ने अडानी एंड कंपनी पर आरोप तय किया।
कंपनी ने हितधारकों, साझेदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करने के प्रयास में कहा कि कंपनी एक कानून का पालन करने वाली संस्था है तथा सभी कानूनों का पूर्णतः अनुपालन करती है।
यह तूफान शॉर्ट-सेलर समूह हिंडनबर्ग के एक पोस्ट से शुरू हुआ, जिसमें अमेरिकी संघीय न्यायालय द्वारा गौतम अडानी और कंपनी से जुड़े सात अन्य लोगों पर अभियोग लगाए जाने की खबर साझा की गई थी।
अरबपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 2,100 करोड़ रुपये) से अधिक की रिश्वत देने की योजना का कथित रूप से हिस्सा होने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी अदालत की प्रेस विज्ञप्ति में आरोपों पर विस्तार से बताया गया और दावा किया गया कि कंपनी और उसके नेतृत्व ने बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी की गतिविधि में भाग लिया था, जिसमें कंपनी ने अपनी अडानी ग्रीन एनर्जी कंपनी के लिए एक अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी।
इसके परिणामस्वरूप अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय निवेशकों को गुमराह किया गया।
कथित तौर पर अदालत ने गौतम अडानी और सात अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।
अडानी के शेयर टैंक
रिपोर्ट के बाद दलाल स्ट्रीट पर अडानी ग्रुप की कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में लोअर सर्किट लगा और उनकी कीमत में 20 प्रतिशत की गिरावट आई। यही स्थिति अडानी के अन्य शेयरों के साथ भी रही, जिसमें अडानी ग्रीन एनर्जी भी शामिल है, जो नए तूफान के बीच में है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 436 अंक फिसला

share market
मुंबई, 9 दिसंबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 436.41 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,666.28 और निफ्टी 120.90 अंक या 0.47 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,839.65 पर था।
यह लगातार दूसरा सत्र था, जब बाजार में गिरावट देखी गई। इसका नेतृत्व आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी,मेटल और प्राइवेट बैंक इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए। दूसरी तरफ पीएसयू बैंक, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा तेजी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), टाइटन,अदाणी पोर्ट्स, बीईएल, एसबीआई, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी और भारती एयरटेल गेनर्स थे। एशियन पेंट्स,टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और अल्ट्राटेक लूजर्स थे।
लार्जकैप के उलट मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 188.10 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,676.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 194.15 अंक या 1.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,245.80 पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। इसकी वजह अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर फैसलों से पहले निवेशकों की ओर से मुनाफावसूली करना है। कमजोर रुपए, एफआईआई की बिकवाली और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अनिश्चितता के कारण बाजारों पर दबाव देखने को मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में निवेशकों की फेड की कमेंट्री और अर्थव्यवस्था को लेकर आउटलुक पर निगाहें होंगी।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी। सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर सेंसेक्स 577.81 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के बाद 84,524.88 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 191.15 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25,769 स्तर पर बना हुआ था।
व्यापार
अमेरिकी फेड पॉलिसी के नतीजों से पहले सोना-चांदी की कीमतें स्थिर बनी हुईं

GOLD
मुंबई, 9 दिसंबर: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर फैसले से पहले निवेशकों के सतर्क रुझान के चलते मंगलवार के कारोबारी दिन सोना और चांदी की कीमतें स्थिर रहीं।
शुरुआती कारोबार के दौरान मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की फरवरी वायदा कीमतें 1,29,978 रुपए प्रति 10 ग्राम पर स्थिर बनी हुई थीं।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा, “घरेलू बाजार में एमसीएक्स पर सोने की फरवरी वायदा कीमतें 1,29,952 रुपए के आसपास कारोबार कर रही थीं, जो वैश्विक तेजी के रुझान को ट्रैक कर रही थीं और रुपए की कमजोरी का समर्थन प्राप्त कर रही थीं।”
उन्होंने आगे कहा, “1,29,200 रुपए का क्षेत्र एक महत्वपूर्ण शॉर्ट-टर्म सपोर्ट के रूप में काम करना जारी रखता है। जब तक यह लेवल बना रहता है, 1,30,000 रुपए से 1,31,000 रुपए के रेजिस्टेंस जोन की ओर रास्ता खुला रहता है।”
हालांकि, चांदी की कीमतों में कुछ बढ़त दर्ज की गई। एमसीएक्स पर चांदी की मार्च वायदा कीमतें 0.50 प्रतिशत की बढ़त के बाद 1,82,705 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई थीं।
ग्लोबल मार्केट में अब फोकस फेडरल रिजर्व पर बना हुआ है, जो कि बुधवार को अपने नीतिगत निर्णय की घोषणा करेगा।
यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब यूएस जॉब मार्केट में कूलिंग के संकेत दिख रहे हैं, जबकि मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।
हाल के आंकड़ों बताते हैं कि पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडीचर (पीसीई) प्राइस इंडेक्स इस वर्ष सितंबर में 0.3 प्रतिशत बढ़ा, जो अगस्त में हुई वृद्धि के बराबर है। इंडेक्स सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत बढ़ा जो कि अगस्त की 2.7 प्रतिशत बढ़त से अधिक रही।
इस बीच, पिछले सप्ताह जारी किए गए यूएस प्राइवेट पेरोल डेटा से पता चला कि नवंबर में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 32,000 की गिरावट आई है, जो कि 2 से अधिक वर्षों की एक तेज गिरावट को दिखाता है।
कोमेरिका के अर्थशास्त्रियों को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी के फेडरल फंड रेट को 25 बेसिस पॉइंट से घटाने की उम्मीद है, जिससे यह 3.50 प्रतिशत से 3.75 प्रतिशत के बीच आ जाएगी।
व्यापार
लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 577 अंक टूटा

SHARE MARKET
मुंबई, 9 दिसंबर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांक मंगलवार को लाल निशान में खुले। शुरुआती कारोबार में निफ्टी ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी और मेटल सभी सेक्टर में बिकवाली देखी जा रही थी।
सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर सेंसेक्स 577.81 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के बाद 84,524.88 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 191.15 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25,769 स्तर पर बना हुआ था।
निफ्टी बैंक 225.30 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,013.25 स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 495.55 अंक या 0.83 प्रतिशत की गिरावट के बाद 58,992.55 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 149.30 अंक या 0.88 प्रतिशत के नुकसान के साथ 16,902.35 स्तर पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा, “हम जो देख पा रहे हैं वह यह है कि फंडामेंटल्स बाजार पर असर डाल रहे हैं। मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में ओवरवैल्यूड स्टॉक बेचे जा रहे हैं, जिससे उनकी शेयर कीमतों पर असर पड़ रहा है। इस ट्रेंड को पूरा होने में अभी थोड़ा और समय लगेगा। मिडकैप में और करेक्शन से लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए इस सेगमेंट में धीरे-धीरे हाई क्वालिटी ग्रोथ स्टॉक जमा करने के अवसर पेश होंगे। डिफेंस स्टॉक अब वैल्यू दे रहे हैं।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, इटरनल, ट्रेंट, टेक महिंद्रा, बीईएल, टाटा स्टील, टीसीएस, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, टीएमपीवी, बजाज फिनसर्व और इंफोसिस टॉप लूजर्स थे। वहीं, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाइटन टॉप गेनर्स थे।
एशियाई बाजारों में बैंकॉक और जापान हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं, जकार्ता, सोल, चीन और हांग कांग लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुए। डाउ जोंस 0.45 प्रतिशत या 215.67 अंक की गिरावट के बाद 47,739.32 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.35 प्रतिशत या 23.89 अंक के नुकसान के बाद 6,846.51स्तर और नैस्डेक 0.14 प्रतिशत या 32.22 अंक के नुकसान के बाद 23,545.90 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 8 दिसंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 655.59 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इस कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 2,542.49 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
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