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भारत अंत में कोरोना के मामलों में अमेरिका से आगे निकल सकता है : येल प्रोफेसर

अमेरिका में 20 लाख से अधिक कोविड-19 के मामले सामने आ चुके हैं और यह एकमात्र देश है, जहां अब तक दैनिक तौर पर कोरोना पॉजिटिव मामलों की उच्चतम वृद्धि दर्ज की गई है। मगर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के लिए जून सबसे बुरा महीना साबित हो रहा है, जहां रोजाना 10,000 से अधिक कोरोनावायरस के मामले देखने को मिल रहे हैं।
भारत में अब तक 3.3 लाख से अधिक कोरोना मामले सामने आ चुके हैं। देश में जहां शुरूआती एक लाख मामलों का आंकड़ा पहुंचने में साढ़े चार महीने लगे थे, वहीं अब यहां कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। भारत में तीन जून को जहां दो लाख मामले थे, वहीं 10 दिनों में ही यह आंकड़ा तीन लाख से पार पहुंच चुका है।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ और मेडिसिन एवं महामारी मामलों की येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर मनीषा जुठानी ने कहा, “मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा, अगर भारत महामारी के अंत तक कुल मामलों में अमेरिका से आगे निकल जाए।” उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत में 2020 के अंत तक मामलों की संख्या बढ़ती रहेगी।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ मनीषा जुठानी ने कोरोनावायरस से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आईएएनएस से खुलकर बातचीत की। पेश से बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :
प्रश्न : वर्तमान में भारत में रोजाना 10,000 से अधिक कोविड-19 मामले देखे जा रहे हैं और कई विशेषज्ञों का कहना है कि शीर्ष स्तर का आना अभी बाकी है। शीर्ष पर पहुंचने और मामले कम होने के इस क्रम में क्या आपको लगता है कि भारत इस अवधि के दौरान अमेरिका से आगे निकल जाएगा, जिहां 20 लाख से अधिक कोरोना मामले हैं?
उत्तर : मेरा मानना है कि भारत में मलिन बस्तियों में कोविड-19 का परीक्षण बहुत सीमित है। अगर यह सच है, तो भारत में कोरोना मामलों का आकलन वास्तविकता से कम है। भारत में कर्व (वक्र) को देखते हुए, यह जानना मुश्किल है कि यह नीचे जाना कब शुरू होगा। यह देखते हुए कि लॉकडाउन के प्रतिबंधों को कम कर दिया गया है और भारत के बड़े शहरों में लोगों की बड़ी आबादी के आधार पर, यह बहुत अधिक संभावना है कि काफी लोग संक्रमित हो जाएंगे। इसलिए अगर भारत महामारी के अंत तक कुल मामलों में अमेरिका से आगे निकल जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।
लेकिन अगर भारत में व्यापक पैमाने पर परीक्षण नहीं होते हैं, तो हम निश्चित रूप से स्थिति को नहीं जान पाएंगे। अनुमान लगाने का एकमात्र तरीका यह होगा कि सामान्य तौर पर होने वाली मौतों की औसत संख्या को देखें और तुलना करें कि वास्तव में होने वाली मौतों की संख्या कितनी है।
प्रश्न : भारत ने पहले ही राष्ट्रव्यापी बंद में ढील दे दी है। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर, दिनचर्या वापस सामान्य हो गई है। वैक्सीन की अनुपस्थिति में, आपको क्या लगता है कि भारत में 2020 के अंत तक क्या होगा, क्या मामले तेजी से बढ़ेंगे?
उत्तर : भारत में मामलों की संख्या में वृद्धि जारी है। भारत उन 68 देशों में से एक है, जहां कोरोना मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। लॉकडाउन के दौरान कर्व थोड़ा सपाट जरूर दिखाई दिया; मगर अब इसकी गति फिर से तेज हो गई है। यह चीजों से फिर से खोलने के अनुरूप है। मुझे लगता है कि भारत में 2020 के अंत तक मामलों की संख्या में वृद्धि जारी रहेगी। यदि लोग मास्क पहनते हैं, दूरी बनाए रखते हैं और हाथ धोते हैं तो यह दर धीमी हो सकती है।
प्रश्न : संक्रामक रोगों की विशेषज्ञ होने के नाते, क्या आपको लगता है कि राष्ट्रव्यापी बंद ने भारत के लिए काम किया है और यह कोविड-19 प्रसार के खिलाफ भारत की समग्र रणनीति में लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा?
उत्तर : ऐसा लगता है कि लॉकडाउन से आबादी के विभिन्न प्रारूपों में मदद मिली है। जो लोग संक्रमित थे, वह घर पर ही एकांतवास में रह सकते थे और उस स्थिति में वे केवल परिवार के अन्य सदस्यों को ही संक्रमित कर सकते थे, लेकिन संक्रमण अन्य समुदायों में फैलने से जरूर रोक सकते थे। हालांकि, सभी उपायों को स्थानीय समुदायों के संदर्भों को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।
प्रश्न : रिपोर्ट्स कहती हैं कि कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन और वितरण 2021 के अंत तक शुरू हो पाएगा। इन 18 महीनों के लिए आप कमजोर समूह जैसे बुजुर्ग या पहले से बीमार लोगों को क्या सुझाव देंगी। ऐसे लोग इस घातक वायरस से खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
उत्तर : ऐसी खबरें हैं कि कुछ वैक्सीन 2020 के अंत तक भी उपलब्ध हो सकती हैं। वृद्ध, वयस्क और जो लोग पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अगर उनके पास बड़े शहरों के बाहर बंगले हैं तो वहां जा सकते हैं या फिर वह किसी पहाड़ी क्षेत्र (हिल स्टेशन) जा सकते हैं। ऐसी जगहें उनके जाने के लिए एक अच्छी जगह हो सकती है, ताकि वह ताजा हवा प्राप्त कर सकें।
बड़े शहरों में लोगों की भीड़ में अभी बाहर जाना बहुत जोखिम भरा हो सकता है। अगर आप बेहद चिंतित हैं, तो कृपया घर पर ही रहें। अभी बाहर जाना और अपनी सामान्य गतिविधियों में संलग्न होना निश्चित रूप से जोखिम भरा है। अधिक तकनीक प्रेमी बनें और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ रिश्तेदारों के संपर्क में रहने की कोशिश करें।
सामान्य
आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रुझानों का पता लगाने के लिए AIIA का राष्ट्रीय संगोष्ठी

नई दिल्ली, 12 जुलाई। आयुष मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली, आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रुझानों का पता लगाने के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करेगा।
शल्यकॉन 2025, जो 13-15 जुलाई तक आयोजित होगा, सुश्रुत जयंती के शुभ अवसर पर मनाया जाएगा। 15 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली सुश्रुत जयंती, शल्य चिकित्सा के जनक माने जाने वाले महान आचार्य सुश्रुत की स्मृति में मनाई जाती है।
“अपनी स्थापना के बाद से, AIIA दुनिया भर में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहा है। शल्य तंत्र विभाग द्वारा आयोजित शल्यकॉन, आधुनिक शल्य चिकित्सा प्रगति के साथ आयुर्वेदिक सिद्धांतों के एकीकरण को बढ़ावा देकर इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल का उद्देश्य उभरते आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सकों को एकीकृत शल्य चिकित्सा देखभाल के अभ्यास में बेहतर दक्षता और आत्मविश्वास प्रदान करना है,” AIIA की निदेशक (प्रभारी) प्रो. (डॉ.) मंजूषा राजगोपाला ने कहा।
नवाचार, एकीकरण और प्रेरणा पर केंद्रित विषय के साथ, शल्यकॉन 2025 का आयोजन राष्ट्रीय सुश्रुत संघ के सहयोग से राष्ट्रीय सुश्रुत संघ के 25वें वार्षिक सम्मेलन के सतत शैक्षणिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में किया जाएगा।
इस सेमिनार में सामान्य एंडोस्कोपिक सर्जरी, गुदा-मलाशय सर्जरी और यूरोसर्जिकल मामलों पर लाइव सर्जिकल प्रदर्शन होंगे।
मंत्रालय ने कहा, “पहले दिन, 10 सामान्य एंडोस्कोपिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाएँगी। दूसरे दिन 16 गुदा-मलाशय सर्जरी की लाइव सर्जिकल प्रक्रियाएँ होंगी, जो प्रतिभागियों को वास्तविक समय की सर्जिकल प्रक्रियाओं को देखने और उनसे सीखने का अवसर प्रदान करेंगी।”
शल्यकॉन 2025 परंपरा और प्रौद्योगिकी का एक गतिशील संगम होगा, जिसमें भारत और विदेश के 500 से अधिक प्रतिष्ठित विद्वान, शल्य चिकित्सक, शोधकर्ता और शिक्षाविद भाग लेंगे। यह कार्यक्रम विचारों के आदान-प्रदान, नैदानिक प्रगति को प्रदर्शित करने और आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में उभरते रुझानों का पता लगाने में सहायक होगा।
तीन दिनों के दौरान एक विशेष पूर्ण सत्र भी आयोजित किया जाएगा जिसमें सामान्य और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, घाव प्रबंधन और पैरा-सर्जिकल तकनीक, गुदा-मलाशय सर्जरी, अस्थि-संधि मर्म चिकित्सा और सर्जरी में नवाचार जैसे क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी।
अंतिम दिन 200 से अधिक मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियाँ भी होंगी, जो चल रहे विद्वानों के संवाद और अकादमिक संवर्धन में योगदान देंगी।
मंत्रालय ने कहा कि नैदानिक प्रदर्शनों के अलावा, एक वैज्ञानिक सत्र विद्वानों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को अपना काम प्रस्तुत करने और अकादमिक संवाद में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
न्याय
‘आपकी बेटी आपके साथ में है’: विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं।

भारतीय पहलवान विनेश फोगट शंभू सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, क्योंकि उन्होंने अपना रिकॉर्ड 200वां दिन मनाया और बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया।
पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक न मिलने के विवादास्पद फैसले के बाद संन्यास लेने वाली फोगट ने किसानों के आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया।
“मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ। मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है। हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा।
मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगें पूरी हों और अपना अधिकार लिए बिना वापस न जाएं। किसान अपने अधिकारों के लिए 200 दिनों से यहां बैठे हैं।
मैं सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की अपील करती हूं। यह बहुत दुखद है कि 200 दिनों से उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्हें देखकर हमें बहुत ताकत मिली।”
राजनीति
पीएम मोदी: ’25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं’; बजट 2024 पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार सातवें बजट को पेश करने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट 2024 से नव-मध्यम वर्ग, गरीब, गांव और किसानों को और अधिक ताकत मिलेगी।
देश के नाम अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।
पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, इस बजट से नए मध्यम वर्ग को सशक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने घोषणा की, ‘यह बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।’ यह बजट शिक्षा और कौशल के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा और उभरते मध्यम वर्ग को सशक्त करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट से महिलाओं, छोटे उद्यमों और एमएसएमई को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग अभी अपना करियर शुरू कर रहे हैं, उन्हें ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ के माध्यम से सरकार से अपना पहला वेतन मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने इस बजट में जिस ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ की घोषणा की है, उससे रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।’
प्रधानमंत्री ने घोषणा की, ‘सरकार इस योजना के तहत उन लोगों को पहला वेतन देगी, जो अभी कार्यबल में शामिल होने की शुरुआत कर रहे हैं। प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के युवा देश के प्रमुख व्यवसायों के लिए काम करने में सक्षम होंगे।’
मोदी 3.0 का पहला बजट
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है।
लोकसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा फिर से जताया है और इसे तीसरे कार्यकाल के लिए चुना है।
सीतारमण ने आगे कहा, “ऐसे समय में जब नीतिगत अनिश्चितता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जकड़े हुए है, भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी प्रभावशाली है।”
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